मुख्यमंत्रियों और देशवासियों के सुझाव को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा: प्रधानमंत्री मोदी
3 मई तक हम सभी को लॉकडाउन में ही रहना होगा।,इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं: पीएम मोदी
मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है, स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए: प्रधानमंत्री

मेरे प्यारे देशवासियों,

कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आपकी तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक, कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है, अपने भारत को बचाया है।

मैं जानता हूं, आपको कितनी दिक्कते आई हैं। किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी, कोई घर-परिवार से दूर है। लेकिन आप देश की खातिर, एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। और आप सबको आदर पूर्वक नमन करता हूँ। हमारे संविधान में जिस “We the People of India” की शक्ति की बात कही गई है, वो यही तो है।

बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव आंबेडकर की जन्म जयंती पर, हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का ये प्रदर्शन, ये संकल्प, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।

बाबा साहेब का जीवन हमें, हर चुनौती को अपनी संकल्पशक्ति और परिश्रम के बलबूते पर, पार करने की प्रेरणा देता है। मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहेब को नमन करता हूं।

साथियों, ये देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का भी समय है। और वैसे ही भारत तो उत्सवों से भरा रहता है। और वैसे ही भारत तो उत्सवों से हरा रहता है। उत्सवों के बीच खिलखिलाता रहता है। बैसाखी, पोहेला बैशाक, पुथान्डु, बोहाग बिहु, विशु के साथ अनेक राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई है।

लॉकडाउन के इस समय में देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर त्योहार मना रहे हैं, वो बहुत ही प्रेरक है, बहुत प्रशंसनीय है।

मैं नए वर्ष पर आपके, आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं।

साथियों, आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे हम सब भली-भांति परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी।

जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।

कोरोना के मरीज सौ तक पहुंचे, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था, अनेक जगहों पर मॉल, क्लब, जिम बंद किए जा चुके थे।

साथियों, जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने, समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे, तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया।

साथियों, वैसे ये एक ऐसा संकट है जिसमें किसी देश के साथ तुलना करना सही नहीं। लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि अगर दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों में कोरोना से जुड़े आंकड़े देखें तो आज भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है।

महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खड़े थे। आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के cases, 25 से 30 गुना ज्यादा हैं। उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है।

भारत ने holistic approach न अपनाई होती, integrated approach न अपनाई होती, समय पर तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती इसकी कल्पना करते ही रोमटे खड़े हो जाते हैं। लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में , वो ही सही है।

Social Distancing और Lockdown का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो ये मंहगा जरूर लगता है, बहुत बड़ी कीमत चुकानी पडी है, लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे, इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच, भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनिया भर में होना बहुत स्वाभाविक है।

देश की राज्य सरकारों ने भी, स्थानीय स्वराज्य संस्थानोंके इकाइयोंने भी, इसमें बहुत जिम्मेदारी के साथ काम किया है, चौबीसों घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने के प्रयास किया है , और हालात को सँभाला है।

लेकिन साथियों, इन सब प्रयासों के बीच, कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने विश्व भर में हेल्थ एक्सपर्ट्स को और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है।

भारत में भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कै से बढ़े, हम विजय कैसे हो , हमारे यहां नुक्सान कमसे काम कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कम कैसे करें इन बातोंको लेकर राज्यों के साथ निरंतर चर्चायें की है। और इन सभी चर्चाओं से एक बात उभर कर आती है, हर किसी का एकी सुझाव आता है, सभी का यही सुझाव है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं।

साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा। यानि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं।

मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है।

स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। कहीं पर भी कोरोना से एक भी मरीज की दुखद मृत्यु होती है, तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए। और इसलिए हमें Hotspots को चिह्नित करके पहले से भी ज्यादा , बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के Hotspot में बदलने की आशंका है, उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी, कठोर कदम उठाने होंगे । नए Hotspots का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा, नए संकट पैदा करेगा । इसलिए, अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी।

20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, इसका मूल्यांकन लगातार किया जाएगा।

जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो Hotspot में नहीं होंगे, और जिनके Hotspot में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।

लेकिन याद रखिए, ये अनुमति सशर्त होगी, बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे। लॉकडाउन के नियम अगर टूटते हैं , कोरोना का पैर हमारे इलाके में पड़ता हैं, तो सारी अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी। इसलिए, न खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है। कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी।

साथियों, 20 अप्रैल से, चिह्नित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान, हमारे गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो ही मेरा बृहद ​परिवार हैं।

मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक, इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से सरकार ने उनकी मदद का हर संभव प्रयास किया है।

अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर, प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो।

साथियों, देश में दवा से लेकर राशन तक का पर्याप्त भंडार है, सप्लाई चेन की बाधाएं लगातार दूर की जा रही हैं। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है।

विश्व का अनुभव ये कहता है कि कोरोना के 10 हजार मरीज होने पर पंद्र सौ-सोलह सौ Beds की जरूरत होती है। भारत में आज हम एक लाख से अधिक Beds की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।

साथियों, आज भारत के पास भले सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए, मानव कल्याण के लिए, आगे आएं, कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं।

साथियों, हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। इसी विश्वास के साथ अंत में, मैं आज 7 बातों में आपका साथ मांग रहा हूं।

पहली बात- अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें - विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें Extra Care करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है।

दूसरी बात- लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें , घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।

तीसरी बात- अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें।

चौथी बात- कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस App को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।

पांचवी बात- जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें,

छठी बात- आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें।

सातवीं बात- देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें।

साथियों, इन साथ बातों में आपके साथ , यह सप्तपदी, ​ विजय प्राप्त करने का मार्ग है। विजय होनेका हमारे लिये निष्ठा पूर्वक ​करने वाला यह काम है ।

साथियों, पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, जहां हैं, वहां रहें, सुरक्षित रहें।

वयं राष्ट्रे जागृयाम”,

हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाए रखेंगे, इसी कामना के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !!

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Prime Minister Condemns Terrorist Attack in Australia
December 14, 2025
PM condoles the loss of lives in the ghastly incident

Prime Minister Shri Narendra Modi has strongly condemned the ghastly terrorist attack carried out today at Bondi Beach, Australia, targeting people celebrating the first day of the Jewish festival of Hanukkah.

Conveying profound grief over the tragic incident, Shri Modi extended heartfelt condolences on behalf of the people of India to the families who lost their loved ones. He affirmed that India stands in full solidarity with the people of Australia in this hour of deep sorrow.

Reiterating India’s unwavering position on the issue, the Prime Minister stated that India has zero tolerance towards terrorism and firmly supports the global fight against all forms and manifestations of terrorism.

In a post on X, Shri Modi wrote:

“Strongly condemn the ghastly terrorist attack carried out today at Bondi Beach, Australia, targeting people celebrating the first day of the Jewish festival of Hanukkah. On behalf of the people of India, I extend my sincere condolences to the families who lost their loved ones. We stand in solidarity with the people of Australia in this hour of grief. India has zero tolerance towards terrorism and supports the fight against all forms and manifestations of terrorism.”