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हमारी सरकार गरीबों, वंचितों, किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, हम उनके उत्थान के लिए कई कदम उठा रहे हैं: प्रधानमंत्री 
राज्य की सपा सरकार उत्तर प्रदेश की जनता की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। वह अपराधियों को शरण दे रही है: प्रधानमंत्री मोदी 
मैं एमएलसी चुनावों में भाजपा को विजयी बनानें और भाजपा को समर्थन देने के लिए उत्तर प्रदेश की प्रत्येक जनता को शुभकामनाएं और धन्यवाद देता हूं: श्री मोदी 
हमने श्रेणी III और IV की नौकरियों से इंटरव्यू को खत्म कर दिया, इससे भ्रष्टाचार में कमी आई: प्रधानमंत्री मोदी 
राजनीतिक लाभ के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने राज्य के युवाओं की आकांक्षाओं के साथ खिलवाड़ किया: प्रधानमंत्री मोदी

भारत माता की जय। भारत माता की जय। मंच अध्यक्ष श्रीमान बीएल वर्मा जी, केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी विवेक, नम्रता, मर्यादा के प्रतीक श्रीमान संतोष गंगवार जी, सांसद श्रीमान धर्मेंद्र कश्यप जी, भाजपा के प्रदेश महासचिव श्रीमान अशोक कटारिया जी, संसद में मेरे साथी श्रीमान पीपी जोशी जी, श्री हरीश शाक्य जी, वागीश पाठक जी, महाराज सिंह जी, प्रेम स्वरूप पाठक जी, हरिप्रसाद सिंह पटेल जी, महेश चंद्र गुप्ताजी, बंदायूं के उम्मीदवार दातागंज से भाजपा के उम्मीदवार श्री राजीव कुमार जी, बिल्टी से भाजपा के उम्मीदवार श्री आरके शर्मा जी, शेखपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्री धर्मेंद्र शाक्य जी, बिसौली से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान कुशाग्र सागर जी, सहसवान से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान आशुतोष वास्ते जी, मंच पर विराजमान श्री अवनीश कुमार सिंह, श्री जितेंद्र सक्सेना जी, श्री दुर्विजय शाक्य जी, श्रीमान राजेश यादव जी और विशाल संख्या में पधारे हुए बदायूं के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों।

मेरे साथ जोर से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय। आपलोग विराजिये। भाइयों बहनों इतनी बड़ी संख्या में... मैं दूर-दूर मकानों की छत पर भी लोगों को देख रहा हूं। भाइयों बहनों आप इतनी बड़ी संख्या में मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए। मैं आपका बहुत आभारी हूं। लग रहा है, ये माहौल देख कर के 2009 में मुझे आपके दर्शन करने का मौका मिला था। अगर 2014 में भी मैं आया होता तो शायद आपने परिणाम बदल दिया होता।

...तो मेरे बदायूं के भाइयों बहनों।

2014 में मैं नहीं आ पाया इसके लिए आपसे क्षमा याचना। लेकिन इस बार आया हूं तो आप ब्याज समेत लौटा दीजिए। यहां पर हम तो जब गुजरात में थे तो बदायूं का नाम सुनते थे। बदायूं तो बड़ा वीआईपी है वीआईपी। ये मायावती जी का कार्यक्षेत्र रहा। ये मुलायम सिंह जी का कार्यक्षेत्र रहा। ...और आज भी उनके परिवार का यहां दबदबा चल रहा है।

लेकिन भाइयों बहनों।

इतना बड़ा वीआईपी जिला होने के बाद भी क्या कारण है कि हिंदुस्तान के सबसे पिछड़े... जरा कान खोलकर के सुन लीजिए, मैं बताना चाहता हूं। हिंदुस्तान में जिलों की बारीकी से जांच होती रहती है। और उसका हिसाब-किताब होता है। कौन जिला कहां खड़ा है, कौन जिला आगे है, कौन जिला पीछे है। आज मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि इतने बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं को बदायूं की जनता ने आशीर्वाद दिए। बदायूं की जनता ने साथ दिया। अपनी मुसीबतों से मुक्ति मिलेगी। इसलिए भरपेट उनको मदद की। लेकिन भाइयों बहनों हिंदुस्तान के जितने जिले हैं, उसमें सबसे बुरे हाल जिन जिलों के हैं, ऐसे सबसे बुरे हाल वाले 100 जिलों में एक जिला बदायूं का नाम है बदायूं का। जरा सपा बसपा के नेता मुझे बताएं। ...भई वहां पर पर जगह है नहीं, कोई किसी को बिठाने की कोशिश मत करो। जो बैठे हैं, बैठे रहें, खड़े हैं तो खड़े रहें। कोई एक-दूसरे को परेशान मत करो। अब मैदान छोटा पड़ जाता है, मैं क्या करूं भाई?

भाइयों बहनों।

हिंदुस्तान के 100 पिछड़े जिले जो हैं जहां विकास का नामों निशान नहीं है। प्राथमिक सुविधाएं नहीं है। सामान्य मानवी की आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो रही है। जितनी बुराइयां हैं, वो सारी बुराइयां सरकार में भरी पड़ी हैं। ऐसा अगर कोई जिला है, उन 100 जिलों में तो एक जिला बदायूं जिला है भाइयों। आजादी के सत्तर साल हो गए, जब उत्तर प्रदेश की जनता के आशीर्वाद से काशी की जनता के आशीर्वाद से, मुझे सांसद बनने का सौभाग्य मिला। आप सबका भरपूर सहयोग रहा उत्तर प्रदेश की जबर्दस्त मदद के कारण, दिल्ली में केंद्र में स्थिर सरकार बनी। और आप ही के आशीर्वाद से मुझे प्रधानमंत्री पद पर सेवा करने का मौका मिला।

...और भाइयों बहनों।

जब मुझे नेता का चुनाव हो रहा था। संसद के सेंट्रल हॉल में देशभर से नए चुनकर आए एनडीए के सभी सांसद बैठे थे। सबने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री के नाते मेरा चयन किया। उस दिन मैंने भाषण में कहा था कि आज तीस साल के बाद देश की जनता ने दिल्ली में एक स्थिर सरकार बिठाई है, लेकिन मेरी सरकार इतने भारी बहुमत से जीतने के बाद, स्थिर सरकार बनने के बाद, मैंने कहा था ये मेरी सरकार इस देश को मैं गरीबों को समर्पित करता हूं। ये सरकार जो कुछ भी करेगी, इस देश के गरीबों की भलाई के लिए करेगी। दलित, पीड़ित शोषित, वंचित, गांव, गरीब, किसान, इन्हीं के लिए मेरी सरकार काम करेगी, ये मैंने पहले दिन कहा था।

 

भाइयों बहनों।

आप मुझे बताइये। जब नई सरकार बनी तो मैंने सरकार का हिसाब किताब शुरू किया। मैंने बिजली वालों को बुलाया। मैंने बिजली वालों को बुलाकर के पूछा। मैंने कहा- बताओ भाई आजादी के 70 साल हो रहे हैं। कितने गांव ऐसे हैं कि जिन गांवों में अभी भी बिजली का खंभा नहीं पहुंचा, तार नहीं लगा, लट्टू नहीं लगा। बिजली नहीं आई। आज भी वो गांव अंधेरे में जीने के लिए मजबूर है। ऐसे कितने गांव हैं।

भाइयों बहनों।

भारत सरकार के अधिकारियों ने मुझे जवाब दिया इस देश में 18 हजार गांव ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक बिजली नहीं देखी है। कहिए भाइयों बहनों क्या आजादी के सत्तर साल के बाद भी हिंदुस्तान के 18 हजार गांव 18वीं शताब्दी में जीते हों इससे बड़ा कोई कलंक हो सकता है क्या ...? हो सकता है क्या ...? ये कलंक मिटना चाहिए कि नहीं मिटना चाहिए ...? क्या कागज लेकरके पूछा जाता है क्या कि इस 18 हजार गांवों में किसकी सरकार है। कौन जाति के लोग रहते हैं। वहां भाजपा है कि नहीं है। ऐसा कोई हिसाब किताब लगाया जाता है क्या ...? मैंने सीधा-सीधा कह दिया कि मुझे 1000 दिन के भीतर-भीतर 18 हजार गांवों में बिजली के खंभे लगाने हैं। बिजली का तार लगाना है। बिजली का लट्टू जलाना है। और भाइयों बहनों कौन जात है, कौन पार्टी है, कुछ भी नहीं देखा। सिर्फ ये देखा कि इन 18 हजार गांवों से अंधेरा जाना चाहिए, उजाला आना चाहिए। और ये काम मैंने किया।  

...लेकिन भाइयों बहनों।

आज मैं बदायूं जिले में आया हूं तो मैं कहना चाहता हूं कि 18 हजार गांवों में जरा सपा बसपा के लोग जवाब दें...। क्या ये आपका दायित्व नहीं था इन गांवों में बिजली पहुंचाना? कांग्रेस का दायित्व नहीं था क्या? नहीं किया उन्होंने। अकेले उत्तर प्रदेश में 15 सौ गांव ऐसे निकले जहां कभी बिजली का खंभा तक नहीं लगा था। इतना ही नहीं आप तो चौंक जाएंगे मेरे भाइयों बहनों, चौंक जाएंगे। बदायूं से 2014 के चुनाव में मेरा एमपी नहीं जीता, आपने हमारी मदद नहीं की। लेकिन भाइयों बहनों। भले सपा का एमपी चुनकर आया हो, बदायूं मेरा था। बदायूं के लोग मेरे थे। बदायूं के गांव मेरे थे। ...और इसलिए बदायूं जिला आप जानकर  के चौंक जाएंगे। 495 गांव ये पंद्रह सौ गांवों में उत्तर प्रदेश में जहां बिजली नहीं है। उसमें ये वीआइपी जिले के करीब-करीब 500 गांव हैं। 500 गांवों में न खंभा लगा कभी, न बिजली पहुंची कभी। लेकिन मुलायम सिंह तो पहुंच गए जहां पहुंचना था। मायावती तो पहुंच गए जहां पहुंचना था, अखिलेश जी के भाई तो पहुंच गए जहां पहुंचना था। एक कुनबे को जहां जाना था चला गया, आप वहीं के वहीं रह गए। आप मुझे कहिए इस जिले में आजादी के सत्तर साल पांच सौ गांव अधेरे में है। ये बुरी चीज है कि नहीं है ...? जब अखिलेश जी कहते हैं काम बोलता है। अखिलेश जी, उत्तर प्रदेश का बच्चा-बच्चा जानता है - आपका काम नहीं आपके कारनामे बोलते हैं कारनामे। काम नहीं बोल रहा, कारनामे बोल रहे हैं। ये पांच सौ गांवों में अंधेरा, ये आपका कारनामा था। और ये उत्तर प्रदेश ने मुझे प्रधानमंत्री बनाया, मैंने कर्ज चुका दिया। बदायूं ने मुझे एमपी नहीं दिया, लेकिन बदायूं जिले के 500 जिलों में बिजली पहुंचा दी। अब दो या तीन गांव बाकी है, वहां भी पहुंचा, दूंगा भाइयों। काम कैसे होता है, इसका ये नजारा है।

भाइयों बहनों।

मैं बदायूं जिले के उन पांच सौ गांवों का अभिनंदन करता हूं कि 18वीं शताब्दी की जिंदगी जीते थे आप। आज मुझे आपकी सेवा करने का सौभाग्य मिला और आपके गांवों में बिजली पहुंचाने का मुझे सौभाग्य मिला। मैं आपका वंदन करता हूं। और उन गांव वालों ने हमारी जो तत्काल मदद की। हर काम में मदद की। इसलिए उन गांव वालों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं। उनका अभिनंदन करना चाहता हूं।

भाइयों बहनों।

ये बदायूं जिला इस जिले में एक नेता हैं, यहां के एक एमएलए हैं। उस एमएलए को राज्यमंत्री का ओहदा मिला हुआ है। समाजवादी पार्टी के हैं। अखिलेश जी के चहेते हैं। उन्होंने क्या बयान दिया था, सरकार सपा की, एमएलए सपा का, सांसद सपा का, एक ही कुनबे का, प्रदेश आपका, जिला आपका, आप ही के लोग और आरोप भी आप पर लगा रहे थे। आप ही का एक एमएलए, आप ही के चचेरे भाई, उन्होंने सांसद पर आरोप लगाया सरेआम कि अवैध खनन में भ्रष्टाचार करते हैं। ये बिजली के तार लगाने में भ्रष्टाचार करते हैं। अगर सांसद पर सपा पार्टी के ही एमएलए, इतना बड़ा गंभीर आरोप लगाते हैं। तो पांच सौ गांवों में बिजली कहां से पहुंचेगी भाइयों? ये तो मोदी है जिसमें दम है कि उसने वहां बिजली पहुंचा दी। वरना ये नहीं पहुंचाते।

भाइयों बहनों।

जब ये सपा के, सपा के एमएलए ने अपने सांसद पर आरोप लगाए। तो मैं कल्पना करता हूं, जब मुलायम सिंह जी ने सुना होगा कि सपा के एमएलए सपा के एमपी के खिलाफ इतना बड़ा गंभीर आरोप लगाते हैं तो मुलायम सिंह जी ने क्या सोचा होगा? अगर किसी पत्रकार ने पूछ लिया होता तो मुलायम सिंह ने क्या जवाब दिया होता? मुलायम सिंह ने जरूर कहा होता कि बच्चा है। गलतियां कर देता है। उसके लिए कोई फांसी लगती है क्या।? यही कहा होता न। कोई भी पाप करो ये कह देते बच्चा है गलतियां करता है। और अगर यही बात अखिलेश जी को पूछी गई होती। पत्रकारों ने पूछा होता। प्रेस कांफ्रेंस चलती होती और पूछा होता। अखिलेश जी, मुख्यमंत्री जी बदायूं के एमएलए ने आपके चचेरे भाई जो सांसद हैं, उन पर इतने बड़े भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री जी आपको क्या कहना है। तो अखिलेश जी क्या कहते। अरे भाई तुम ऐसे सवाल क्यों पूछते हो। क्या तेरे शहर में भ्रष्टाचार हो रहा है क्या …? यही जवाब दिया होता। कितना गैर जिम्मेवार इनका कारनामा रहा है। हर चीज में गैर जिम्मेवार।

भाइयों बहनों।

ऐसे गैर जिम्मेराना रवैया वाले लोग कभी भी जनता जनार्दन का भला नहीं कर सकते हैं। इसलिए भाइयों बहनों मैं कह रहा हूं, आपका काम नहीं बोल रहा है, कारनामे बोल रहे हैं। आप मुझे बताइये। मायावती की सरकार भ्रष्ट थी। ऐसा पांच साल पहले अखिलेश जी गांव-गांव जाकर के बताते थे कि नहीं बताते थे। उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वो सबको जेल में भेज देंगे। कहा था कि नहीं कहा था ...। उन्होंने किया क्या …? जो लोग मायावती जी को सबसे प्रिय थे। मायावती जी के सबसे निकट थे जिन अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे? अखिलेश जी ने आते ही दो-चार महीने तो सारा ड्रामा किया। बाद में, उन्हीं भ्रष्ट लोगों को उससे भी अच्छे पद पर बिठाकरके पहले से दस गुना भ्रष्टाचार करने के दरवाजे खोल दिए भाइयो बहनों। नोएडा, ग्रेटर नोएडा ने कैसे अधिकारी को बैठाया था, सीबीआई ने उनको जेल के सलाखों के पीछे डाल के रखा हुआ है। ये लूटते थे क्या …? ये गरीबों के पैसे लूटते हैं कि नहीं लूटते हैं भाइयो। ये गरीबों को लूटते हैं कि नहीं लूटते हैं ...? ये इमानदारों को लूटते हैं कि नहीं लूटते हैं …?

भाइयों बहनों।

आखिर सबको मुझ पर गुस्सा क्यों आता है? ये सब मुझ पर इतना गुस्सा क्यों हैं? ये सब इकट्ठे क्यों हो जाते हैं? जो कभी एक-दूसरे से बात न करे। मायावती मुलायम सिंह के पक्ष में न बोले। मुलायम सिंह जी मायावती के पक्ष में न बोले, मायावती अखिलेश के साथ न हो, अखिलेश मायावती के साथ न हो। हमेशा आपने देखा होगा। वो कहेगी सूरज है तो ये कहेगा चंदा है। लेकिन एक विषय ऐसा आया, जब मैंने कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी तो ये सब इकट्ठे हो गए। उन्होंने कह दिया कि सारा मोदी खराब कर रहा है, मोदी खराब कर रहा है। सब इकट्ठे हो गए। क्योंकि भाइयों बहनों, उनके पैरों के तले की जमीन खिसकनी लग गई थी। इनको पता चला है कि भ्रष्टाचार कालेधन की मेरी लड़ाई जो है, इनको भी कभी अपने फेरे में लेके ही रहेगी। उनको पता है।

 

...और इसलिए भाइयों बहनों।  

भ्रष्टाचार कालेधन के खिलाफ जब मैंने नोटबंदी की। मैंने कहा जिन्होंने गरीबों का लूटा है, मैं गरीबों को लौटा के रहूंगा। मेरी सरकार गरीबों के लिए बनी है और गरीबों का कल्याण, इसी काम के लिए ये जनता भगवान होती है, जनता ही ईश्वर का रूप होती है। इसने मुझे काम दिया है, गरीबों की भलाई का काम दिया है। किसानों का कल्याण करने का काम दिया है। ईमानदारों को हक देने का काम करने का काम किया है। और वो काम करने के लिए मेरी सरकार दिल्ली में काम कर रही है भाइयों।

भाइयों बहनों।

आप मुझे बताइये। भाइयों बहनों। आज उत्तर प्रदेश में शहर हो या गांव हो। भाइयों बहनों, मुझे आपसे जवाब चाहिए। अगर मेरी बात सही नहीं है तो आप ना कर देना, मुझे कोई बुरा नहीं लगेगा। लेकिन अगर सही है तो पूरी ताकत से जवाब देना। आज उत्तर प्रदेश में शहर हो या गांव हो, दिन हो या रात हो, सुबह हो या शाम हो, क्या कभी भी उत्तर प्रदेश के गांव या शहर में कोई बहन बेटी अकेली घर के बाहर निकल सकती है क्या ...? बताइये, सब बताइये, निकल सकती है क्या ...? अगर बेटी देर से घर आए तो मां बाप चिंता करते हैं कि नहीं करते हैं ...? भइया को बोलना पड़ता है कि नहीं बोलना पड़ता है …?

भाइयों बहनों।

जरा अखिलेश जी जवाब तो दो, आपको जिसको गले लगना है लगो, हमें प्रॉबलेम नहीं है। सवाल ये है कि गुंडागर्दी को आपने क्यों खुला छूट देकर के रखा हुआ है? क्या कारण है? और उसका कारण समाजवादी पार्टी के नेताओं की मानसिकता है। उसका कारण पांच साल का कारोबार है। मैं हैरान हूं। मुझे हैरानी तो मेरे मीडिया के भाइयों से होती है। मैं एक दिन रात को देर से पहुंचा। मैंने टीवी चालू किया। आजकल जैसे मैं सवाल जवाब करता हूं तो देश के सभी नेताओं ने अब धीरे-धीरे करके ये शुरू किया है। बाकी लोग भी ऐसे सवाल-जवाब करते हैं। कोशिश कर रहे हैं सीख रहे हैं। ये अच्छा है कि अगर कोई अच्छी चीज सीखने की कोशिश करता है तो अच्छी बात है। तो अखिलेश जी ने लोगों को सवाल पूछा कि अच्छे दिन आ गए क्या …? मैं अखिलेश जी को सवाल पूछता हूं, कि भाई पांच साल से उत्तर प्रदेश में तुम राज करते हो, अगर जनता कहती है कि नहीं आए हैं, तो सबसे पहले जिम्मेवारी तुम्हारी बनती है। तुम उत्तर प्रदेश में राज करते हो। लेकिन उनको समझ ही नहीं आता है कि कौन सा सवाल पूछना चाहिए? कहां पूछना चाहिए? कैसे पूछना चाहिए? ये भी समझ नहीं आता है। जब उत्तर प्रदेश की जनता कहती है, हमारा हाल ठीक नहीं है तो उसके लिए अगर जिम्मेवार कोई है, पांच साल सपा पांच साल, बसपा और पचास साल कांग्रेस पार्टी के कारनामे, ये जिम्मेवार है भाइयों। इन्होंने तबाही की हुई है। ...और उनसे हिसाब मांगने का समय आ गया है।

भाइयों बहनों।

मैं भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का अभिनंदन करता हूं। उत्तर प्रदेश की टीम का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण काम करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा है कि इन बहन बेटियों की रक्षा के लिए पुलिस में तीन बटालियन महिला पुलिस नई बनाई जाएगी, तीन बटालियन। और उन्होंने कहा है कि एक बटालियन का नाम होगा झलकारी राय बटालियन, दूसरी बटालियन का नाम होगा उदा देवी बटालियन, तीसरी बटालियन का नाम होगा वीरांगना अवंती बाई बटालियन। इन महा वीरांगनाओं के स्मरण में तीन महिला बटालियन बनाने का फैसला उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी ने किया है।

भाइयों बहनों।

आज 11 फरवरी है और दोपहर के करीब-करीब पौने दो बजे हैं। ठीक एक महीने के 11 मार्च को पौने दो बजे तक नई सररकार की खबर आ जाएगी। और इसकी शुरुआत हो गई है। आज उत्तर प्रदेश में एमएलसी के चुनाव का नतीजा आया। एमएलसी के चुनाव का नतीजा आया। मैं उत्तर प्रदेश के सभी मतदाताओं का आज हृदय से अभिनंदन करता हूं। आपको अभी ये समाचार पहुंचे नहीं होंगे। अगर भाजपा हार गई होती तो ब्रेकिंग न्यूज चलते ब्रेकिंग न्यूज। धुआंधार प्रचार होता। बीजेपी हार गई, मोदी का पत्ता साफ हो गया। न जाने क्या-क्या शुरू हो जाता।

भाइयों बहनों।

मैं उत्तर प्रदेश के नागरिकों को बधाई देता हूं कि आज अभी अभी एमएलसी की तीन सीटें जिसके नतीजे आए। तीनों की तीनों भारतीय जनता पार्टी ने जीत ली। आज 11 फरवरी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है। उस पुण्यतिथि पर उत्तर प्रदेश के लोगों ने दी हुई श्रद्धांजलि है। आज 11 फरवरी, 11 मार्च का संकेत दे दिया है। उत्तर प्रदेश के लोगों ने और कमाल देखो। उत्तर प्रदेश के तीनों इलाके गोरखपुर से देवेंद्र प्रताप सिंह एमएलसी का चुनाव जीत गए। भाजपा के देवेंद्र सिंह 25 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत गए।

भाइयों बहनों।

कानपुर भारतीय जनता पार्टी के श्री अरुण पाठक एमएलसी का चुनाव जीत गए और अब बारी आपकी है। यहीं पर बरेली में भाईयो बहनों जयपाल सिंह जी चालीस हजार से ज्यादा वोटों से एमएलसी का चुनाव जीत गए। बहुत-बहुत बधाई। भारतीय जनता पार्टी की टीम को बधाई, उत्तर प्रदेश की जनता को बधाई। आपने संकेत दे दिया है कि आंधी कितनी तेज है।

भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश में चुनाव के मैदान में जो हैं, वो तो बेचैन हो ही गए होंगे। लेकिन उनके कुछ ठेकेदार दिल्ली में बैठे हैं, वो जरा ज्यादा परेशान होते होंगे। क्या बात है उत्तर प्रदेश में एमएलसी में इतना बड़ा भव्य विजय और वो भी ऐसे समय।  कल तक जो एक-दूसरे के दुश्मन थे, लोहिया जीवनभर जिस कांग्रेस के खिलाफ लड़े थे। उन लोहिया जी के चेलों ने कुर्सी बचाने के लिए उस कांग्रेस को भी गले लगा लिया। उसके बावजूद एमएलसी के चुनाव बुरी तरह हार गए।

भाइयों बहनों।

आप मुझे बताइये। यहां पर नौकरियों में जो भर्ती हुई है, पिछले पांच साल में क्या आपको उससे संतोष है ...? जरा नौजवान, ताकत से बताइये। संतोष है …? क्या आप मानते हैं कि उसमें भ्रष्टाचार हुआ है …? क्या आप मानते हैं कि उसमें जातिवाद का जहर घुला है …? क्या आप मानते हैं कि ईमानदारों से अन्याय हुआ है ...? आप मानते हैं कि गरीब विधवा मां के होनहार बेटे भी नौकरी से वंचित रह गए हैं ...? क्या लोकतंत्र में ईमानदारों का हक छीनना ये किसी भी सरकार को अधिकार में मिलता है ...?

 

भाइयों बहनों।

नौकरी में जो हाल हुआ है। भाई भतीजावाद हुआ है। ये आपका कारनामा है अखिलेश जी। ये आपका कारनामा है। आपने उत्तर प्रदेश के नौजवानों के भविष्य को कुचल डाला है, उसको रौंद डाला है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इन नौजवानों के भविष्य पर आपने अलीगढ़ के ताले लगा दिए। मैं आज उत्तर प्रदेश के भाइयों बहनों को कहना चाहता हूं, 11 मार्च को चुनाव नतीजे आएंगे। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। और हमारे भारतीय जनता पार्टी  उत्तर प्रदेश के लोगों ने कहा है कि नौकरी में जिसके साथ अन्याय हुआ है, जांच कराई जाएगी और उनको न्याय दिलाया जाएगा। आप मुझे बताओ भाई। सरकार में वर्ग तीन और वर्ग चार जो सामान्य लोगों के नौकरी के लिए जरूरत होती है। क्लर्क की नौकरी हो, हेड कांस्टेबल की नौकरी हो, पीएसआई की नौकरी हो, ये सब वर्ग तीन और चार की नौकरी होती है। ड्राइवर हो, प्यून हो और सरकार में नब्बे परसेंट से ज्यादा यही लोगों की नौकरी होती है, यही काम होता है, नर्सिंग वगैरह। अब आप बताइये जब 100 लोगों की नौकरी का एडवरटिजमेंट निकलता है तो लाख दो लाख लोग अर्जी करते हैं। फिर उसका एग्जाम होता है। एग्जाम होने के बाद कुछ लोगों का इंटरव्यू निकलता है, और इंटरव्यू आने के बाद वो लड़का घर-घर जाता है। किसी की पहचान है क्या? बेटे को इंटरव्यू आया है कोई पहचान है क्या? फिर बिचौलिये आ जाते हैं। अच्छा आपके बेटे का इंटरव्यू आया है, नौकरी चाहिए, दो लाख लगेगा, तीन लाख लगेगा। गरीब विधवा मां को लगता है कि चलो बेटे को कहीं नौकरी मिल जाए। अपना पुराना घर भी गिरवी रख देती है, गरीब किसान अपनी जमीन गिरवी रख देता है, मां अपना मंगलसूत्र गिरवी रख देती है, ताकि बेटे को कहीं रोजगार मिल जाए। मुझे बताइये भाइयों बहनों ये गरीबों के साथ, मध्यमवर्ग के लोगों के साथ, मेहनतकश इंसान के साथ ये जोर जुल्म नहीं है। अखिलेश जी ये आपका काम नहीं है, ये आपका कारनामा है, ये आपका कारनामा है। जो जुल्म करता है। अच्छा इंटरव्यू होता है, तो क्या होता है। तीन चार लोग बैठे होते हैं, जो इंटरव्यू देने जाता है, अंदर आता है, मुंडी देखता है, तीस सेकेंड में कोई पूछ देता है, नाम क्या है, कोई पूछता है कहां से आए हो, कोई पूछता है कहां रहते हो, तीस सेकेंड में वो निकल जाता है। मुझे बताइये भाई, तीस सेकेंड में आपको पता चल जाता है कि उसमें क्या अच्छाई है, क्या बुराई है, क्या ताकत है। पता चलता है क्या ...। ये सब फरेब है कि नहीं है। ये लोगों के साथ धोखा है कि नहीं है। हमने आते के साथ एक काम कर दिया। भारत सरकार ने निर्णय कर दिया कि वर्ग तीन और वर्ग चार उससकी नौकरी के लिए आपके पास आपके एग्जाम का जो रिकॉर्ड होगा वो कंप्यूटर में डाल दिया जाएगा और कंप्यूटर तय करेगा। और कंप्यूटर तय करेगा कि पहले सौ कौन है पहले दो सौ कौन है और पहले हजार कौन से हैं। और कोई इंटरव्यू नहीं होगा और सीधा सीधा उसको ऑर्डर चला जाएगा भाइयों, आप मुझे कहिए। भ्रष्टाचार गया कि नहीं गया ...। भ्रष्टाचार गया कि नहीं गया ...। सच्चे लोगों को नौकरी मिलेगी कि नहीं मिलेगी ...। कोई बेइमानी चलेगी क्या ...। मैंने अखिलेश जी से कहा भारत सरकार ने लागू किया है, आप भी करो। क्यों नहीं कर सकते।

भाइयों बहनों।

आपसे मैं कहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हम उत्तर प्रदेश में भी ये नियम लागू कर देंगे ताकि ईमानदार लोगों को रोजगार मिल जाए। भाइयों बहनों। अपराध-अपराध होते हैं लेकिन पुलिस थाने में पीड़ितों की सुनवाई नहीं होती है। अपराधियों का जय जयकार होता है। ये उत्तर प्रदेश के थानों का हाल है।

भाइयों बहनों।

ये ऐसे थाने बना दिए गए हैं, जहां गुंडागर्दी करने वाले राज्यों के पॉलिटिकल पार्टी के नेता सपा के नेता वहीं पर जाकरके बैठक करे, किसके ऊपर जुल्म करना, किसके पर नहीं करना उसके फैसले करते हैं। भाइयों अदालत बिठा देते हैं, पुलिस थानों में, ये स्थिति बदलने के लिए, आपके पास मौका आया है भाइयों बहनों। और इसलिए मैं कहता हूं कि चुनाव जीतने के लिए ये दो कुनबे इकट्ठे आए हैं। ये दो कुनबे अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए लोगों के बीच में जाकरके अलग-अलग बातें करते हैं। आप मुझे बताइये कि ये चुनाव उत्तर प्रदेश का है कि नहीं है ...। चुनाव उत्तर प्रदेश का है कि नहीं है ...। उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए चुनाव है कि नहीं है ...। तो पुरानी सरकार ने अपना हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए ...। लेकिन आप इन नेताओं को देखिए जहां भी जाते हैं दोनों, मोदी ऐसा है, मोदी वैसा है। मोदी ये बोला, मोदी वो बोला।  मोदी ने ये किया, मोदी ने वो किया। अरे भाई चुनाव उत्तर प्रदेश का है, पांच साल आपने काम क्या किया? जरा इसका तो हिसाब दो, मोदी ने क्या किया, वो जनता मोदी को जानती है, जनता 2019 में तय करेगी।

लेकिन भाइयों बहनों।

आप मुझे बताइये। हमारे में से किसी को भी हमारी सेना पर शक है क्या? हमारी फौज पर शक है क्या? सीमा पर जान की बाजी लगाने वाले हमारे फौजियों पर कोई शक है क्या? सीमा पार जाकर हमारे फौजियों ने सर्जिकल स्ट्राइक किया। दुश्मनों को अभी तक पता नहीं चल रहा है कैसे हुआ? कैसे आए? कितनों को मारा? कैसे चले गए? दुश्मन अभी भी होश में नहीं आया और यहां वाले यहां वालों ने शुरू कर दिया, सबूत क्या है? आप मुझे, भाइयों क्या सबूत मांगा जाता है क्या?

भाइयों बहनों।

आज मैं बदायूं की धरती से एक खुशखबरी पूरे हिंदुस्तान को देना चाहता हूं, पूरे हिंदुस्तान को खुशखबरी देना चाहता हूं। हमारा देश कितना पराक्रमी है, कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है. उसका मैं आज उदाहरण देना चाहता हूं। रात में हमारे वैज्ञानिकों ने एक बहुत बड़ा काम कल रात को किया है। अब ये लोग मेरे से उसका भी सबूत मांगेंगे। आज दुनिया में मिसाइल से लड़ाइयां होने की संभावनाएं देखी जाती हैं। हर कोई मिसाइल बनाता है। कुछ दिन पहले आपने देखा होगा कि पाकिस्तान ने एक ऐसी मिसाइल बनाई जो वहां से उड़करके हमारे अंडमान निकोबार तक जा सकती है। उधर इजरायल तक जा सकती है। मार कर सकती है। अभी कुछ दिन पहले आपने देखा होगा। सब लोग मिसाइल बना बना कर के डरा रहे हैं। भारत भी मिसाइल की दुनिया में ताकतवर देश है। लेकिन उससे भी बड़ा काम हिंदुस्तान के वैज्ञानिकों ने कल रात को कर दिया। आसमान में डेढ़ सौ किलोमीटर के भी ऊपर अगर कोई मिसाइल आती है दुश्मन की तो हमारे वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मिसाइल बनाई कि डेढ़ सौ किलोमीटर हवा में भी उसको राख कर दिया जाएगा। मैं मेरे देश के वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं। आज सुबह-सुबह इस काम को कर दिया है मेरे भाइयों बहनों। और दुनिया में चार पांच देश ही ऐसे हैं जिसके पास ये ताकत है। सिर्फ चार पांच देश हैं। आज भारत का नाम भारत के वैज्ञानिकों का नाम जुड़ गया। भाइयों बहनों। जोर से तालियां उन वैज्ञानिकों के नाम पर बजाइये, वीरता का काम किया है। लेकिन मुझे पता है। ये लोग बयान देंगे सबूत क्या है? सबूत देखना है तो डेढ़ सौ किलोमीटर ऊपर होकर आ जाओ। हो आओ। नहीं जाएंगे। वो कहेंगे कि चुनाव के बाद जाऊंगा। वो खाली हो जाएंगे न।

भाइयों बहनों।

देश के हर अच्छे काम को सवालिया निशान लगाने की जो फैशन हो गई है, और इसलिए भाइयों बहनों मैं कहना चाहता हूं आज हिंदुस्तान भर में गुनाहखोरी में उत्तर प्रदेश ने नंबर एक कमाया है। नंबर एक। चाहे बलात्कार हो, चाहे दंगे हो, चाहे हत्या हो, चाहे बलात्कार की कोशिश हो, चाहे लूट हो, गंभीर प्रकार के जो गुनाह होते हैं, पूरे हिंदुस्तान में नंबर वन है। अखिलेश जी ये आपका काम नहीं आपका कारनामा बोलता है। उत्तर प्रदेश में हर दिन करीब-करीब दो दर्जन माताओं बहनों पर बलात्कार होता है। हर दिन औसत एक घंटे में एक महिला पर बलात्कार होता है। आप कल्पना कर सकते हो अखिलेश जी, ये बलात्कार की घटनाएं काम नहीं आपका कारनामा बोलता है आपका कारनामा बोलता है।

भाइयों बहनों।

आज उत्तर प्रदेश के बच्चे आखिर उत्तर प्रदेश को क्या चाहिए ...। अगर उत्तर प्रदेश के किसान को सिंचाई मिल जाए, बच्चों की पढ़ाई हो जाए, नौजवान की कमाई हो जाए, बुजुर्गों के लिए दवाई हो जाए तो उत्तर प्रदेश को किसी चीज की जरूरत नहीं भाइयों। और इसलिए हम एक सपना लेकर चले हैं कि किसानों को सिंचाई मिले, नौजवानों को कमाई मिले, बच्चों को पढ़ाई मिले, बुजुर्गों को दवाई मिले। इस काम को लेकरके विकास का मंत्र, सबका साथ सबका विकास का मंत्र लेकरके हम चले हैं।

भाइयों बहनों।

यहां का किसान धान की खेती करता है। गेहूं की खेती करता है। लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ेगा भारत सरकार एमएसपी तय करती है। मिनिमम सपोर्ट प्राइस तय करती है जिसके कारण किसान को सस्ते में बेचना न पड़े और अगर व्यापारी नहीं खरीदता है तो सरकार खुद खरीदती है। भारत सरकार उसके पैसे देती है। आप मुझे बताइये गेहूं पैदा करने वाले किसान को मिनिमम सपोर्ट प्राइस मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ...? अगर उनका गेहूं बाजार में सस्ता जा रहा है तो सरकार ने बीच में आकरके दाम टूटने से बचाना चाहिए कि नहीं बचाना चाहिए ...? अगर भारत सरकार पैसे देती है तो आपको क्या तकलीफ होती है। मैं पूछना चाहता हूं अखिलेश जी को। हैरान हूं मैं पूरे उत्तर प्रदेश जो हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा गेहूं पैदा करता है लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार सिर्फ तीन प्रतिशत खरीदी करती है तीन प्रतिशत। बगल में हरियाणा इतना छोटा राज्य है, साठ परसेंट किसानों से खरीद करता है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी  की सरकार है, पचास प्रतिशत से ज्यादा हमारी सरकारें किसानों से खरीदती है। उसका दाम गिरने नहीं देती है और ये उत्तर प्रदेश की सरकार है, जो सिर्फ तीन प्रतिशत खरीदती है और किसानों को तबाह कर देती है।

भाइयों बहनों।

ये उनके कारनामे हैं। उन कारनामों के खिलाफ इस कारनामों में आपको भारतीय जनाता पार्टी को विजय बनाना है। भाइयों बहनों, हम किसानों के लिए फसल बीमा योजना लाए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। देश आजाद होने के बाद किसानों को सुरक्षा के लिए ऐसा निर्णय इसके पहले कभी नहीं हुआ। और प्रीमियम कितना। किसान को सिर्फ दो परसेंट, डेढ़ परसेंट देना है, नाम मात्र का। बाकी सारा भुगतान सरकार करेगी। सिर्फ दो परसेंट। यानी सौ में से दो रुपया या सौ में से डेढ़ रुपया, बाकी 98 रुपया सरकार देगी, और बीमा भी कैसा है, मान लीजिये आपने 15 जून को बुआई करते हैं, लेकिन बारिश नहीं आई, सब तैयारी कर ली अगस्त में भी बारिश नहीं आई, जुलाई में भी बारिश नहीं आई, सीजन चली गई अब मुझे बताइये सरकार ने ऐसा बीमा दिया है,  अगर प्राकृतिक कारणों से आप बुआई नहीं कर पाए तो भी आप की इस भूमि के हिसाब से आफको फसल का बीमा दे दिया जाएगा। किसान को मरने नहीं दिया जाएगा। मान लीजिए वर्षा अच्छी हो गई। बुआई अच्छी हो गई, पैदावार अच्छी हो गई, कटाई हो गई, और खेत के अंदर आपकी फसलों का ढेर पड़ा हुआ है। और अचानक ओले गिर गए। बहुत अच्छी फसल हुई है, बस ट्रैक्टर का इंतजार कर रहे हैं, ट्रैक्टर का इंतजार कर रहे हैं। बैलगाड़ी का इंतजार कर रहे हैं, बस शहर में ले जाना है, मंडी में ले जाना है और अचानक ओले गिर गए। वर्षा आ गई। आंधी आ गई और पूरी फसल थी बर्बाद हो गई। ये सरकार ने ऐसा बीमा दिया है कि कटाई के पंद्रह दिन के बाद भी कोई आफत आएगी तो भी बीमा का पैसा मिलेगा भाइयों, ऐसा बीमा दिया है। लेकिन मुझे दुख के साथ कहना है, जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, चाहे मध्यप्रदेश हो, राजस्थान हो, गुजरात हो, महाराष्ट्र हो, हरियाणा हो, छत्तीसगढ़, झारखंड हो, सभी जगह पर पचास साठ परसेंट किसानों का बीमा ले लिया गया है। ये अखिलेश जी का कारनामा देखिये कि उत्तर प्रदेश में 15 परसेंट भी नहीं किया गया है। 15 परसेंट भी नहीं किया गया है। ये किसानों के साथ अन्याय है कि नहीं है।

...और भाइयों बहनों।

उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं। उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को बधाई देता हूं। उन्होंने अपने मेनिफेस्टो में फसल बीमा लागू करने का तो वादा किया ही किया है। लेकिन उससे भी आगे बढ़करके एक महत्वपूर्ण वादा किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद छोटे किसानों का जो कर्ज है वो कर्ज माफ कर दिया जाएगा। मैं बदायूं के नागरिकों को उत्तर प्रदेश के किसानों को कहना चाहता हूं। 11 मार्च को चुनाव को नतीजे आएंगे। बीस मार्च के पहले पहले नई सरकार बन जाएगी। और मैं भी यूपी का सांसद हूं। प्रधानमंत्री के नाते नहीं लेकिन यूपी के सांसद के नाते मैं आपको वादा करता हूं। मैं उत्तर प्रदेश सरकार के पास सबसे पहला काम किसानों की कर्ज माफी का करवाके रहूंगा।

भाइयों बहनों।

अखिलेश सरकार का काम है वो उत्तर दें उत्तर प्रदेश की जनता उत्तर मांगती है। वे उत्तर दे नहीं रहे हैं। लेकिन अब जनता मतपेटी में उत्तर दे देगी। अगर आप उत्तर नहीं देंगे तो जनता बटन दबाकरके उत्तर देने वाली है और भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने वाली है। आपके आशीर्वाद बहुत बड़ी मात्रा में आने वाले दिनों में मेहनत करिये, गांव-गांव जाइये, घर-घर जाइये, मतदाताओं को तैयार करिए। गुंडागर्दी से डरिये मत, तीस दिन के बाद उनका खेल खत्म हो जाएगा भाइयों। 30 दिन के बाद उनका खेल खत्म हो जाएगा। और उसके बाद अगर किसी ने निर्दोष नागरिकों को परेशान किया है तो कानून-कानून का काम करेगा। कोई बच नहीं पाएगा। ...और इसलिए मैं आपको कहता हूं भाइयों बहनों। भारत माता की जय। पूरी ताकत से बोलिये। भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Cabinet approves constitution of world’s largest grain storage plan in cooperative sector
May 31, 2023
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The Union Cabinet chaired by the Prime Minister Shri Narendra Modi, today approved the constitution and empowerment of an Inter Ministerial Committee (IMC) for facilitation of the “World’s Largest Grain Storage Plan in Cooperative Sector” by convergence of various schemes of the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare, Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution and Ministry of Food Processing Industries.

In order to ensure time bound and uniform implementation of the Plan in a professional manner, Ministry of Cooperation will implement a pilot project in at least 10 selected Districts of different States/ UTs in the country. The Pilot would provide valuable insights into the various regional requirements of the project, the learnings from which will be suitably incorporated for the country-wide implementation of the Plan.

Implementation

An Inter-Ministerial Committee (IMC) will be constituted under the Chairmanship of Minister of Cooperation, with Minister of Agriculture and Farmers Welfare, Minister of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, Minister of Food Processing Industries and Secretaries concerned as members to modify guidelines/ implementation methodologies of the schemes of the respective Ministries as and when need arises, within the approved outlays and prescribed goals, for facilitation of the ‘World’s Largest Grain Storage Plan in Cooperative Sector’ by creation of infrastructure such as godowns, etc. for Agriculture and Allied purposes, at selected ‘viable’ Primary Agricultural Credit Societies (PACS).

The Plan would be implemented by utilizing the available outlays provided under the identified schemes of the respective Ministries. Following schemes have been identified for convergence under the Plan:

(a) Ministry of Agriculture and Farmers Welfare:

Agriculture Infrastructure Fund (AIF),
Agricultural Marketing Infrastructure Scheme (AMI),
Mission for Integrated Development of Horticulture (MIDH),
Sub Mission on Agricultural Mechanization (SMAM)
(b) Ministry of Food Processing Industries:

Pradhan Mantri Formalization of Micro Food Processing Enterprises Scheme (PMFME),
Pradhan Mantri Kisan Sampada Yojana (PMKSY)
(c) Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution:

Allocation of food grains under the National Food Security Act,
Procurement operations at Minimum Support Price
Benefits of the Plan

The plan is multi-pronged – it aims to address not just the shortage of agricultural storage infrastructure in the country by facilitating establishment of godowns at the level of PACS, but would also enable PACS to undertake various other activities, viz:
Functioning as Procurement centres for State Agencies/ Food Corporation of India (FCI);
Serving as Fair Price Shops (FPS);
Setting up custom hiring centers;
Setting up common processing units, including assaying, sorting, grading units for agricultural produce, etc.
Further, creation of decentralized storage capacity at the local level would reduce food grain wastage and strengthening food security of the country.
By providing various options to the farmers, it would prevent distress sale of crops, thus enabling the farmers to realise better prices for their produce.
It would hugely reduce the cost incurred in transportation of food grains to procurement centres and again transporting the stocks back from warehouses to FPS.
Through ‘whole-of-Government’ approach, the Plan would strengthen PACS by enabling them to diversify their business activities, thus enhancing the incomes of the farmer members as well.
Time-frame and manner of implementation

National Level Coordination Committee will be formed within one week of the Cabinet approval.
Implementation guidelines will be issued within 15 days of the Cabinet approval.
A portal for the linkage of PACS with Govt. of India and State Governments will be rolled out within 45 days of the Cabinet approval.
Implementation of proposal will start within 45 days of the Cabinet approval.
Background

The Prime Minister of India has observed that all out efforts should be made to leverage the strength of the cooperatives and transform them into successful and vibrant business enterprises to realize the vision of “Sahakar-se-Samriddhi”. To take this vision forward, the Ministry of Cooperation has brought out the ‘World’s Largest Grain Storage Plan in Cooperative Sector’. The plan entails setting up various types of agri-infrastructure, including warehouse, custom hiring center, processing units, etc. at the level of PACS, thus transforming them into multipurpose societies. Creation and modernization of infrastructure at the level of PACS will reduce food grain wastage by creating sufficient storage capacity, strengthen food security of the country and enable farmers to realise better prices for their crops.

There are more than 1,00,000 Primary Agricultural Credit Societies (PACS) in the country with a huge member base of more than 13 crore farmers. In view of the important role played by PACS at the grass root level in transforming the agricultural and rural landscape of Indian economy and to leverage their deep reach up to the last mile, this initiative has been undertaken to set up decentralized storage capacity at the level of PACS along with other agri infrastructure, which would not only strengthen the food security of the country, but would also enable PACS to transform themselves into vibrant economic entities.