इसके पहले दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार बैठी थी और वो रिमोट एक ऐसे परिवार के हाथों में था, जो भाजपा का नाम सुनते ही भड़क जाते थे, यूपीए शासन के दौरान 10 वर्ष का समय नकारात्मक शक्तियों से संघर्ष में चला गया: प्रधानमंत्री मोदी
कांग्रेस के एक ही परिवार की 4 पीढ़ियों ने देश पर शासन किया, जिसका उन्हें तो लाभ मिला लेकिन देश को कोई लाभ नहीं हुआ: पीएम मोदी
कांग्रेस हमेशा एक परिवार को पहले और देश के कल्याण को बाद में रखती है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि खुद को दलितों, पीड़ितों, शोषितों की पैरोकार कहने वाली यह पार्टी गांधी परिवार से बाहर के लोगों को अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती
नौजवानों को आत्मनिर्भर करने के उद्देश्य से मुद्रा योजना के तहत 14 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं और इनमें 75  प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार बैंक से ऋण लिया है: पीएम मोदी

संसद मे मेरे साथी, श्रीमान चंदूलाल साहू जी, श्रीमान इंद्रजीत सिंह खालसा, इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता, जो आपके आशीर्वाद के लिए और इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप मे यहां मौजूद हैं। कुरुद से हमारे उम्मीदवार और आपके बहुत ही जाने-माने पुराने हमारे साथी श्रीमान अजय चंद्राकर जी, अजय जी आइए यहां। राजिम से भाई संतोष उपाध्याय जी, बसना से श्रीमान डी सी पटेल जी, महासमुंद से श्रीमान पूनम चंद्राकर जी, आप सबसे मेरा आग्रह है, भारत माता की जय बोलकर के हमारे इन साथियों को आशीर्वाद दीजिए।

भारत माता की...जय...भारत माता की...जय!

विराजिए…मैं सबसे पहले तो आप सबकी क्षमा चाहता हूं, क्षमा इसलिए चाहता हूं, कि आज चुनाव का आखिरी दिवस है,सभी विधानसभा क्षेत्रों में आखिरी दिन की रैलियां होती हैं, कार्यक्रम होते हैं, आमतौर पर आखिरी दिन मुझे जाना नहीं चाहिए, लेकिन कल हमारे एक पड़ोसी देश मालदीव में वहां की सरकार का शपथ समारोह था और मुझे विशेष रूप से निमंत्रित किया गया था। इसलिए कल मैं विदेश में था लेकिन आज आते ही आपके बीच पहुंच गया हूं।

आखिरी दिन में कोई बड़ी रैली करने के लिए सोचता नहीं है और उसके बावजूद भी महासमुंद में इतनी बड़ी रैली और हमारे लोगों नें जो सोचा था, यह पांडाल छोटा पड़ गयाऔर उधर इतने लोग धूप में खड़े हैं। जिन लोगों को ये धूप में खड़ा रहना पड़ा है और ये आपको जो कष्ट हुआ है, हमारी व्यवस्था छोटी पड़ गई, आपका प्यार ज्यादा उभर कर के आया...और इसलिए आपको जो असुविधा हुई, मैं सबसे पहले आपसे क्षमा मांगता हूं। लेकिन जो इस ताप में तप रहे हैं उन्हें मैं विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये तपस्या हम बेकार नहीं जाने देंगे।हम आपको ये विकास करके ब्याज समेत लौटाएंगे, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।

भाइयो-बहनो, ये महासमुंद की धरती, ये क्षेत्र मेरे लिए नया नहीं है। मैं इस क्षेत्र से बड़ा चिरपरिचत रहा हूं, संगठन के कार्यकर्ता के नाते मुझे कई वर्षों तक आपके बीच में कार्य करने का मौका मिला है और उसके कारण यहां के लोगों की आवश्यकताएं क्या हैं, यहां के लोगों की समस्याएं क्या हैं, उन समस्याओं के सुलझाने के रास्ते क्या होते हैं, उसका मुझे संगठन के कार्यकर्ता के रूप में इस धरती की जानकारियों से काफी कुछ अनुभव है। और इसीलिए प्रधानमंत्री बनने के बाद आपके पास रहकर के जो जाना है, जो सीखा है वो मुझे छत्तीसगढ़ की विकास योजनाओं में बहुत काम आता है।

भारत सरकार की उन योजनाओं को छत्तीसगढ़ में हम लागू कर पाते हैं जो छत्तीसगढ़ के सामान्य नागरिक के जीवन में बहुत उपयोगी होती हैं। और वही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी को तीन बार से आपने विकास के मुद्दे पर सेवा करने का मौका दिया है। लेकिन दरअसल डॉ. रमन सिंह को सच्चे अर्थ में काम करने की सुविधा तीनों बार नहीं मिली है। सिर्फ ये साढ़े चार साल ही मिले हैं। क्योंकि इसके पहले दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार बैठी थी। और वो ऐसे परिवार के हाथ में रिमोट था कि भाजपा नाम सुनते ही भड़क जाते थे। मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, मुझे मालूम है कि भाजपा सरकारों की एक बात दिल्ली में बैठी हुई रिमोट कंट्रोल सरकार सुनने को तैयार नहीं थी। मुझे गुजरात की भलाई के लिए दिल्ली से लड़ना पड़ता था, डॉक्टर रमन सिंह जी को छत्तीसगढ़ की भलाई के लिए दिल्ली के साथ लड़ाई लड़नी पड़ती थी। हमारा वो 10 साल का समय...जनता ने तो हम पर विश्वास किया लेकिन हमारा पूरा समय ये नकारात्मक शक्तियों के साथ संघर्ष में चला गया।

हमारे रमन सिंह जी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए यूपीए की सरकार के पास से मदद मांगते थे. पुलिस बल मांगते थे, आधुनिक शस्त्र मांगते थे, कम्युनिकेशन की व्यवस्था मांगते थे लेकिन दिल्ली की बैठी हुई कांग्रेस की सरकार को, रिमोट कंट्रोल वाली सरकार को ऐसा लगता था जैसे छत्तीसगढ़ हिन्दुस्तान में है ही नहीं। उनको कोई जिम्मेवारी का एहसास नहीं होता था। लेकिन ऐसे नकारात्मक वातावरण में भी, ऐसी नकारात्मक परिस्थिति में भी डॉ रमन सिंह जी ने और उनकी टीम ने छत्तीसगढ़ के नागरिकों के साथ सहयोग से विरासत में जो मध्य प्रदेश वाला बीमारू राज्य मिला था, जनता जनार्दन के सहयोग से मध्य प्रदेश से अलग हुआ छत्तीसगढ़, जो बीमारू की पहचान के साथ निकला था, उस छत्तीसगढ़ को बीमारू से बाहर निकाल दिया और विकास की नई ऊंचाइयों पर लाकर के खड़ा कर दिया। छत्तीसगढ़ को फलने-फूलने का पहला अवसर जब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी तब आया है।

भाइयो-बहनो, अगर ऐसे ही 10-15 साल और मिल जाए, आप मेरे शब्द लिख कर के रखिए छत्तीसगढ़...हिन्दुस्तान के पहले तीन राज्यों में उसका नंबर आ जाएगा, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। और इसलिए आज जब दिल्ली में छत्तीसगढ़ की भलाई का सोचने वाली सरकार है, आज दिल्ली में एक ऐसा प्रधानमंत्री है, जिसने कभी अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय छत्तीसगढ़ के तहसीलों में, छत्तीसढ़ के जंगलों में बिताने का जिसे सौभाग्य मिला है, छ्त्तीसगढ़ के लोगों के साथ जिसे कंधा से कंधा मिला कर के काम करने का मौका मिला है, ऐसा व्यक्ति जब प्रधानमंत्री बना है तो उसके दिल में छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने की कितनी इच्छा होगी, इसकी आप कल्पना कर सकते हैं। और इसीलिए भाइयो-बहनो, मैं आपसे आग्रह करने आया हूं, ये स्वर्णिम मौका है, 10 साल तो हमारेरिमोट कंट्रोल सरकार ने तबाह कर दिए थे, मुश्किल से रमन सिंह को चार-साढ़े चार साल ढंग से काम करने का मौका मिला है और अब हमारा छत्तीसगढ़ 18 साल का हो गया है।

घर में बच्चा बेटा हो या बेटी एकसाल का होता तो एक तरीके से हम उसको व्यवहार करते हैं, 5 साल का होता है तो दूसरे तरीके से, 12-13 का होता है तो तीसरे तरीके से लेकिन जब 18 साल का होता है, तो उसके सपने जाग जाते हैं, उसकी अपेक्षाएं जाग जाती हैं। वो 1 साल से 18 साल की उम्र तक जिस गति से चलता था उस गति से चलने को तैयार नहीं होता है। बचपन में तिपहिए वाली साइकिल चला करके गर्व अनुभव करने वाला 18 साल का बच्चा तेज गति से चलने वाली बाइक पर दौड़ना चाहता है, ये फर्क होता है...और जो फर्क इंसान में होता है वो फर्क मेरे छत्तीसगढ़ राज्य में भी होता है। अब 18 साल का छत्तीसगढ़ तेज गति से दौड़ना चाहेगा। नए-नए सपनों को लेकर के निकल पड़ेगा। हर संकल्प को पूरा करने के इरादे से काम करेगा। कोई मां-बाप अगर 18-23 साल की उम्र में अपने बच्चों को संभालने में विफल हो जाता है तो ज़िंदगीभर वो बच्चे उनकी मुसीबत का कारण बन जाते हैं। समझदार मां-बाप...18-23 साल उम्र ऐसी होती है...बच्चे की बहुत संभालकर मां-बाप उसका लालन-पालन करते हैं। मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयो-बहनो, छत्तीसगढ़ के जीवन में 5 साल बहुत महत्वपूर्ण है।

आप छत्तीसगढ़ के रखवाले हैं, आप छत्तीसगढ़ के मालिक हैं, आपका भविष्य छत्तीसगढ़ के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है।18-23 साल की उमरिया बहुत महत्वपूर्ण है और इसलीए मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं कि छत्तीसगढ़ के मां-बाप आप हैं, छत्तीसगढ़ के रखवाले आप हैं। जैसे घर में अपने बच्चों की परवरिश 18 साल के बाद विशेष रूप से की जाती है, वैसी ही विशेष रूप से परवरिश ये 18-23 साल की उम्र में छत्तीसगढ़ की करने की ज़रूरत है। भाइयो-बहनो और इसलिए इस बार हमें कोई गलती करने का हक नहीं है। बड़े संकल्प के साथ इस महत्वपूर्ण दौर के लिए और जब दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का शत प्रतिशत समर्थन आपको है, तो रमन सिंह के हाथ ऐसे मजबूत कीजिए...ऐसे मजबूत कीजिए उनको ऐसी ताकत दीजिए कि आपके आनेवाले 25 साल के सपनों की मजबूत नींव आने वाले 5 साल में रख दें ताकि कभी आने वाली 3-4 पीढ़ी तक आपको देखना ना पड़े। और इसीलिए भाइयो-बहनो, इस चुनाव को सामान्य चुनाव मत मानिए। इस चुनाव को कौन विधायक बने, कौन ना बने इस तराजू से मत तौलिए।

आप तय कीजिए और मैं विशेष रूप से नौजवानों से कहना चाहता हूं, जो नौजवान आज पहली बार वोट करने वाले हैं, किसी की उम्र 18 होगी, किसी की उम्र 19 होगी, किसी की 20 होगी, जिनको छत्तीसगढ़ का भविष्य तय करने के लिए पहली बार छत्तीसगढ़ के चुनाव के लिए मत देने का अधिकार मिला है, मैं उन नौजवानों से पूछना चाहता हूं, आपके पिता जी को, आपके दादा जी को, आपके चाचा-चाची को जैसी ज़िंदगी जीनी पड़ी, जैसी मुसीबतें झेलनी पड़ी, जिन कठिनाइयों से गुजारा करना पड़ा, क्या आप चाहते हैं, आपकी ज़िदगी भी ऐसी ही गुजरे? कोई नौजवान है जो वो मुसीबतें चाहता है, जो मुसीबतें उसके पिता जी को भी झेलनी पड़ी थी? कोई नौजवान है, जो उस संकट से गुजरना चाहता है जिस संकट से उसके दादा-दादी, पिता-माता को गुजरना पड़ा था? कोई नौजवान नहीं चाहता है, तो आप लोग सोचिए वो कौन लोग राज करते थे जब आपके दादा-दादी को मुसीबत में ज़िदगी गुजारनी पड़ी, वो कौन लोग राज करते थे

जब आपके पिता अपने सपने पूरे कर नहीं पाए थे, वो कौन लोग राज करते थे, 50 साल तक किन लोगों ने राज किया कि जिसके कारण आपके परिवार के सपने वहीं के वहीं रह गए? क्या कोई छत्तीसगढ़ का नौजवान अपना भविष्य भी ऐसे लोगों के हाथ में देगा जिन्होंने 2-2, 4-4 पीढ़ी को तबाह करके रख दिया है? मैं पूछना चाहता हूं दोस्तो, क्या ऐसी सरकार चाहिए जिसने आपके पूर्वजों को तबाह कर दिया और इसलिए मैं कहने आया हूं...50 साल का अनुभव है आपके सामने और दिल्ली में तो 4-4 पीढ़ी...ये छोटा समय नहीं होता है भाइयो। अरे आपकी एक पीढ़ी को अच्छा काम करने का मौका मिल जाए तो आने वाली 15 पीढ़ी का वो भला कर दें...अपने परिवार को अपने पैरों पर खड़ा कर दें... मुसीबतों से बाहर ला दें। इनको 4-4 पीढ़ी तक ये देश चलाने का मौका मिला... राजगद्दी उनके लिए रिजर्व हो गई थी, उसके बाद भी...उनका तो भला हुआ, देश का भला नहीं हुआ।

मैं अभी एक बार छत्तीसगढ़ में आया था, मैंने कांग्रेस को चुनौती दी थी क्योंकि उन्होंने कहा कि नेहरू जी की मेहरबानी है कि ये चायवाला प्रधानमंत्री बन गया। ये क्रेडिट लेने के लिए ऐसी-ऐसी चीजें खोज के ले आते हैं...तब मैंने उनको चुनौती दी थी कि उन्होंने अगर इतनी उदार परंपरा उन्होंने प्रस्थापित की है, इतने उदात्त लोकतांत्रिक मूल्यों से वो समर्पित हैं, तो मैंने कहा था कि 5 साल के लिए इस परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को जरा कांग्रेस अध्यक्ष बना करके देखें, प्रधानमंत्री की बात छोड़ो सिर्फ कांग्रेस का अध्यक्ष बना करके देखें, तो उनके एक राजदरबारी लोग जो होते हैं वैसे एक राजदरबारी-रागदरबारी लेकर के मैदान में आ गए और उन्होंने खाका खोल दिया कि ये बने थे..ये बने थे..ये बने थे लेकिन मेरे सवाल का जवाब ये नहीं है। मेरा सवाल सीधा-सीधा है...5 साल के लिए इस परिवार के बाहर के एक व्यक्ति को अध्यक्ष बना करके देख लीजिए। देश को पता हैसीताराम केसरी को पार्टी के अध्यक्ष पद से कैसे हटाया गया, कैसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था, कैसे दरवाजे निकाल करके उठा करके फुटपाथ पर फेंक दिया गया था और मैडम सोनिया जी को बैठा दिया गया था।

ये इतिहास हिन्दुस्तान भली-भांति जानता है। आप मुझे बताइए भाइयो, दलित हो, पीड़ित हो, वंचित हो, पिछड़ा हो, अगर वो अध्यक्ष बन भी गया हो और उनकी मजबूरी में बना था, उसको भी वो 2 साल झेल नहीं पाए, स्वीकार नहीं कर पाए। अरे सम्मान की तो बात जाने दीजिए वो कैसे 5 साल के लिए इस परिवार के बाहर किसी को अध्यक्ष बना सकते हैं भाइयो। लेकिन झूठ बोलना, सही सवालों के जवाब नहीं देना, उल्टी-पुल्टी बातें कर-कर के चीजें गुमराह करनाऔर उनके रागदरबारी लोग भी उनको कभी सवाल पूछने की हिम्मत नहीं करते हैं क्योंकि नमक भी तो कभी-कभी खाया होता है।

भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए चुनाव के अंदर विकास के मुद्दे पर देश को आगे ले जाना चाहिए कि नहीं ले जाना चाहिए? अगर कोई वादे करता है तो वादों को सच्चाई की कसौटी पर कसना चाहिए कि नहीं कसना चाहिए? मैं कांग्रेस के लोगों को पूछता हूं, आप ये छत्तीसगढ़ के भले-भोले लोगों की आंख में धूल झोंक रहे हो, झूठ बोल रहे हो, रोज नए-नए वादे कर रहे हो? अभी-अभी कर्नाटक का चुनाव हुआ है, आपने कर्नाटक में ऐसा ही किया था। आपने कहा था कि आएंगे तो किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। अब आपकी सरकार को एकसाल होने आ रहा हैभाइयो-बहनो...वहां के अखबार रोज कथाएं छाप रहे हैं कि एक तरफ तो इन्होंने वादा किया था कि किसानों का कर्ज माफ करेंगे लेकिन सैकड़ों की तादाद में किसान जिनके सर पे कर्ज था उनको जेल जाने के लिए वारंट निकले हैं, वारंट...और उनको जेलों में बंद करने के खेल चल रहे हैं। क्यों झूठ बोलते हो, अरे 50 साल तक झूठ बोलकर के देश को आपने गुमराह किया, अब तो समझो...और आपके झूठ का परिणाम है कि 440 में से हिन्दुस्तान की जनता ने आपको 40 पर लाकर के खड़ा कर दिया है।

और इसलिए भाइयो-बहनो, जब चुनाव आता है, जब सरकार होती है तब उनका काम होता है कि देश का गरीब इंसान ताकतवर बने,देश का किसान ताकतवर बने, अपनी समस्याओं को समाधान करने का सामर्थ्य उसको मिले, ऐसी सरकार चलानी चाहिए। लेकिन ये चुनाव आने के बाद खजाना खाली करने वाला ऐसा ही वादा कर-करके चुनाव जीतने के लिए खेल खेलते रहते हैं। लेकिन अब देश ऐसे वादों से भ्रमित नहीं होता है। आपने लोकसभा के चुनाव में भी किसानों को कर्ज माफ करने का वादा किया था। आज अकेले उत्तर प्रदेश में योगी जी जो किसानों को देते हैं, महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस जो किसानों को देते हैं, रमन सिंह जी छत्तीसगढ़ में देते हैं, मध्य प्रदेश में शिवराज जी देते हैं, राजस्थान में वसुंधरा जी देती हैं, गुजरात में विजय रूपाणी देते हैं, उत्तराखंड में हमारे रावत जी देते हैं, झारखंड में हमारे रघुवर दास देते हैं, उसकी तुलना में वो कुछ नहीं था, कुछ नहीं था। फिर भी बड़ा ये रागदरबारियों ने ऐसे ढोल पीटे-ऐसे ढोल पीटे कि किसानों को कर्ज माफ...किसानों का कर्ज माफ और बाद में CAG की रिपोर्ट आई। आप हैरान हो जाओगे...खजाने से तो रुपया गया लेकिन जो कर्जदार किसान थे, इस कर्जमाफी के हकदार थे उनको नहीं मिला। CAG रिपोर्ट कहती है कि 8% लोग ऐसे थे जो इसके हकदार नहीं थे और रुपये उनके खाते में चले गए। अरे जरा बताइए ये किसके दामाद थे, किसके भतीजे थे, किसके भांजे थे, किसके बहनोई थे, जरा बताइए? ये किसान के नाम पर किसको पैसेदिए गए..क्यों किसानों के पैसे को लूट लिया गया? एक तरफ देश का खजाना भी लूट लिया गया और दूसरी तरफ किसानों का हक भी लूट लिया गया।

भाइयो-बहनो, हमने जो किसानों के लिए काम किया है...हमने किसान को ताकतवर बनाया है, हम उन्हें आधुनिक खेती की ओर ले जा रहे हैं और आज उन समस्याओं के समाधान के लिए रास्ते खोज रहे हैं। ये कांग्रेस के जमाने में ये चीनी घोटाले हुए, क्या वो किसानों के ऊपर मृत्युघंट बजाने का उनका प्रयास था कि नहीं था, तेल के घोटाले हुए क्या वो किसानो को मृत्यु घंट बजाने की उनकी कोशिश थी कि नहीं थी? भाइयो-बहनो, किसान को भी जिन्होंने छोड़ा नहीं है, वे आज किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। किसानों को जेल में बंद करने वाले, किसानों पे गोलियां चलाने वाले लोग, आज किसान अगर हालत खराब है साहबकहते हैं, तो 50 साल आपने किया क्या था? चार पीढ़ी का हिसाब दीजिए पहले। अगर 50 साल के अंदर किसान को पानी पहुंचाया होता तो मेरा किसान मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता था।

उसको कभी आपके दरवाजे पर आकर खड़े रहने की जरूरत नहीं थी। जरा कांग्रेस के लोग बताइए कि आज जब आपकी सरकार थी, आज से 10साल पहले, स्वामीनाथन कमीशन के लिए किसान मांग कर रहे थे कि नहीं कर रहे थे..लागत का डेढ़ गुना मूल्य मिलना चाहिए, ये हिन्दुस्तान का किसान मांग कर रहा था कि नहीं कर रहा था...आपने उनको ये हक क्यों नहीं दिया...क्या आपको मालूम नहीं था कि रिपोर्ट आपके पास पड़ी है..क्या आपको पता नहीं था कि देश का किसान ये मांग कर रहा है...क्या आपको मालूम नहीं है कि पार्लियामेंट में बार-बार आवाज उठती थी? लेकिन आपके दिल में किसानों के लिए जगह नहीं थी और इसलिए आपने किसानों की लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने की बात को कभी स्वीकार नहीं किया। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई जो किसानों को उनका हक देने के लिए प्रतिबद्ध है..हमने किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने का फैसला कर लिया और आज लागू कर दिया और मेरे किसान भाई को उसका हक मिल रहा है। इतना ही नहीं, हमने किसान की लागत कम हो उसके लिए भी कदम उठाए। आपको याद होगा, ये कांग्रेस के रागदरबारी जो हैं वो तो भूल जाएंगे...लेकिन जो देशहित में सोचने वाले पंडित लोग हैं वो जरूर ढूंढ़ कर निकालेंगे कि यूरिया का घोटाला कांग्रेस के जमाने में क्या था जरा खोल करके देखो।

किसान पर लाठियां चलती थीं, गोलियां चलती थीं, उसकी फसल बर्बाद होती थी लेकिन यूरिया नहीं मिलता था क्योंकि यूरिया का घोटाला करने में कांग्रेस डूबी हुई थी। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बाद आज यूरिया किसान को कालेबाजारी में नहीं लाना पड़ता है। आज यूरिया की चोरी बंद हो गई। जो यूरिया किसानों के नाम पर निकलता था और केमिकल फैक्ट्रियों में चला जाता था उसको हमने नीम कोटिंग कर दिया। आज यूरिया का एक दाना भी केमिकल फैक्ट्री के काम नहीं आता, वो सिर्फ और सिर्फ किसान के काम आता है। चोरी बंद हो गई, किसान को यूरिया मिलने लग गया और किसान को अपनी फसल बर्बाद होने से बचा लेने में मदद मिलने का काम हमारी सरकार ने किया। किसान को बिजली का बिल...हमने सपना देखा है...आने वाले समय में 28 लाख किसानों को सूर्य शक्ति से चलने वाले पंप देंगे। छोटा आंकड़ा नहीं है उसको बिजली का बिल नहीं आएगा और गुजरात में तो हमने प्रायोगिक काम शुरू कर दिया है कि किसान अपने खेत में फसल उगाने के सिवाय बिजली की भी खेप पैदा करेगा।

जरूरत की बिजली सूर्य से निकालेगा और बची हुई बिजली सरकार उससे खरीदेगी। जैसे वो फसल बेचता है, वैसा मेरा किसान बिजली भी बेचेगा। मेरा किसान आज अन्नदाता है, कल अन्नदाता और ऊर्जादाता दोनों बन सकता है। ये काम करने की ताकत हमारे में है...आपमें नहीं है...और आप झूठ बोलते रहते हो। आए दिन झूठ बोलो...जहां जाओ वहां झूठ बोलो...जो चाहे बोलो...भाइयो-बहनो, लोकतंत्र में ऐसी झूठी बातें करने का आपको हक नहीं मिलता है...लोकतंत्र में ऐसी झूठी बातों के नाम पर लोगों को गुमराह करने का आपको हक नहीं मिलता है लेकिन आप मान करके चलिए ये जनता है सबकुछ जानती है। आप कितना ही झूठ बोलिए लेकिन जनता आपका हिसाब लेकर के रहेगी, आपको इसका जवाब दे करके रहेगी।

भाइयो-बहनो, हमारे किसान आज 21 फसलों...धान...एमएसपी का जो डेढ़ गुना हमने किया है उसका लाभ ले रहे हैं। भाइयो-बहनो, हमने किसान को वैज्ञानिक खेती करने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड दिया, देश में 16 करोड़ किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड दिया है और मेरे छत्तीसगढ़ के पौने करोड़...75 लाख किसानों को, करीब-करीब सभी किसान एक प्रकार से, आज उनको सॉयल हेल्थ कार्ड पहुंचाने का काम हमने किया है। अरे आपके जमाने में इंसान का भी हेल्थ कार्ड नहीं था, हमने सॉयल हेल्थ कार्ड देकर के ये धरती माता की तबियत कैसी है, ये धरती माता किस फसल के लिए उपयोगी है..ये धरती माता उसको कौन सी दवाई की जरूरत है, कौन से फर्टिलाइजर की जरूरत है, उसका हिसाब-किताब निकाल करके हमने दियाहै। आप ये नहीं कर सकते क्योंकि आपको झूठे वादे करना, झूठ बोलना, फरेब करना, लोगों को गुमराह करना, इससे आगे कुछ आता नहीं है।

भाइयो-बहनो, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, बुआई के पहले और कटाई के बाद भी अगर किसान का कोई नुकसान हो जाता है, तो पहली बार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हमने दी है। भाइयो, हमारे अकेले छत्तीसगढ़ के अंदर 13 लाख किसान फसल बीमा योजना का हकदार बने हैं और उन्होंने बीमा लिया और पिछले साल 1300 करोड़ रुपया, ये बीमा के तहत किसानों को दिया गया है। अरे आप क्यों मूर्ख बना रहे हो, क्यों किसान को गुमराह कर रहे हो? और इसलिए भाइयो-बहनो, आज हम आगे चल रहे हैं। मुझे बताइए भांति-भांति के नाम पर गरीबों को आवास देने की योजना चल रही थी कि नहीं चल रही थी..उसके बावजूद भी आज गरीब बिना घर के क्यों है? क्या गरीबों के नाम पर आवास की योजनाएं आपके रिश्तेदारों को, आपके चेले-चपाटों को, आपके ड्राइवर के रिश्तेदारों को, उन्हीं लोगों के बीच में घर बांटे थे कि नहीं बांटे थे? सच्चे गरीब छूट गए थे कि नहीं छूट गए थे? हमने प्रधानमंत्री आवास योजना बनाई और आज सवा करोड़ से ज्यादा लोगों के हाथ में घर की चाबी सुपुर्द कर दी भाइयो-बहनो। देश के अंदर एक नई क्रांति लाए हैं और हमारा सपना है...मेरे छत्तीसगढ़ के भाइयो-बहनो...रमन सिंह जी की सरकार को चुनिए, रमन सिंह जी की सरकार और दिल्ली में हमारी सरकार मिल कर के 2022 जब आजादी के 75 साल होंगे, हिन्दुस्तान के अंदर, छत्तीसगढ़ के अंदर एक भी परिवार खुद के घर की मालिकी का नहीं होगा...ऐसा एक भी परिवार नहीं होगा। हिन्दुस्तान के गरीब से गरीब को अपना घर होगा, ये सपना लेकर के हम चल रहे हैं।

भाइयो-बहनो, हमारे देश का नौजवान आज रोजगार देने की ताकत के साथ खड़ा होना चाहता है। हमने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना निकाली। बिना बैंक गारंटी आज देश में 14 करोड़ लोन स्वीकृत किए गए हैं। ये झूठ बोलने वालों के कान भी बहरे हैं, सच सुनने का इरादा नहीं है, सच सुनने की ताकत नहीं है, वो कान को बंद कर-कर के बैठे रहते हैं...14 करोड़ लोगों की बैंक से स्वीकृति हुई है और ये वो लोग हैं जिन्होंने अपना छोटा-मोटा कारोबार शुरू किया है और वो कारोबार करते हैं तो एकाध आदमी को और काम दे देते हैं, एकाध और व्यक्ति को भी रोजगार दे देते हैं...और उसमें करीब 75% ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली बार ज़िदगी में बैंक से लोन स्वीकृति पाई है, 75 प्रतिशत। आप कल्पना कर सकते हैं ये जो नए उद्यमी आ रहे हैं, छोटा-मोटा अपना कारोबार करने के लिए मैदान में आ रहे हैं वो देश के अर्थतंत्र को गति देने वाले लोग हैं...भाइयो-बहनो, ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार ये काम कर रही है। और आपने बैंको को लुटा दिया...आप हैरान होंगे...देश आजाद हुआ...तब से लेकर के 2006 तक, इस देश में बैंकों से जितना कर्ज दिया गया था व्यापार उद्योग के लिए...2006-2014...8 साल में...50 साल में जितना दिया गया था, उतना ही दूसरा 8 साल में दे दिया गया...और टेलीफोन करके कहते थे हमारी पहचान वाला है, इतना करोड़ दे दो, 1000 करोड़ दे दो,500 करोड़ दे दो, 700 करोड़ दे दो... और पिछले दरवाजे से जिसको कमीशन पहुंचाना है, पहुंच जाता था भाइयो-बहनो। ये सारे बैंक को लूटने वाले लोग, उनको बैंकों से पैसे 2014 से पहले मिले हैं, हमारे आने से पहले मिले हैं।

आप मुझे बताइए जिन्होंने लूटा है और जिन्होंने बैंको को लुटवाया है क्या पाई-पाई वापस लेना गुनाह है क्या? लेना चाहिए कि नहीं लेना चाहिए...ये जो चोर लुटेरे हैं, उनको ठीक करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए? और इसीलिए हम कानून लाए...उनकी संपत्ति जब्त करने का कानून लाए। इस देश में लुटेरे पहले भी थे, भाग भी जाते थे लेकिन उनकी संपत्ति को हड़प करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। हम कानून लाए...हिन्दुस्तान में जो संपत्ति है उतना नहीं, दुनिया में कहीं पर भी उनकी संपत्ति है, उसको भी जब्त करने का कानून बनाया और ये जो भाग गए हैं ना, उनकी सारी संपत्तियां जब्त करने की हिम्मत हमने की है। बैंकों से लुटवाया था 2014 के पहले आपने...ये हमारी ताकत है कि दुनिया में खोज-खोज कर जहां भी उनकी संपत्ति है. उसको जब्त किया है और हजारों करोड़ों की रुपये की संपत्ति आज सरकार ने अपने कब्जे में ली है। जिस दिन उसकी बिक्री होगी, सरकार पाई-पाई वसूल करके रहने वाली है, ये मैं देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं। ये सारे खेल..ये सारे खेल उन्होंने किए हैं...देश को लूटने के लिएहर पल मौका ढूंढ़ने वाले ऐसे लोगों को कभी भी अब देश मौका देने वाला नहीं है। और इसीलिए भाइयो-बहनो, छत्तीसगढ़ के उज्व्ेल भविष्य के लिए मैं आज आपसे आग्रह करने आया हूं।

देश को ईमानदारी के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए, देश को इन ठेकेदारों से मुक्त कराने के लिए, छत्तीसगढ़ के उज्व््ल भविष्य के लिए, दिल्ली के संपूर्ण साथ सरकार के लिए, 18 साल से 23 साल के उम्र वाले छत्तीसगढ़ को नए सपने, नए संकल्प, नए इरादों के साथ आगे बढ़ाने के लिए, भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ की जनता विजयी बनाए। मैं आज...लोकतंत्र की, हिन्दुस्तान की ताकत क्या है...जब बस्तर के अंदर चुनाव हो रहा था, पहले चरण का...नक्सलवादियों ने बम-बंदूक और पिस्तौल का भय दिखाया था, लोगों को कहा था कि अगर वोट देने जाओगे तो मौत के घाट उतार दिए जाओगे, लेकिन गरीब आदिवासी के दिल में भी लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा है और मेरे बस्तर के भाइयों-बहनों ने भारी मात्रा में मतदान करके बम-बंदूक और पिस्तौल को करारा जवाब दे दिया...मैं उनको बधाई देना चाहता हूं भाइयो-बहनो।

कल कश्मीर में पंचायतों का चुनाव था, लोग चुनाव कराने से कई सालों से कतराते थे, गवर्नर रूल लगाने के बाद हमने तय किया, कश्मीरियत की कसौटी यही है कि कश्मीर के गांव के लोगों के हाथ में कश्मीर की ताकत होनी चाहिए। कश्मीर की सत्ता कश्मीर का गांव कश्मीर के लोग चलाएंगे और हमने चुनाव का फैसला कर लिया। आतंकवादियों ने मौत के घाट उतारने की धमकियां दी थीं। अगर उंगली पर निशान पाया गया तो उंगलियां काट देने के नारे दिए थे, पूरे कश्मीर में बंद कॉल के नारे दिए थे आतंकवादियों ने लेकिन ये मेरी कश्मीर की जनता देखिए...लोकतंत्र के प्रति उनकी श्रद्धा देखिए...60%-70% के बराबर वोटिंग करके कश्मीर की जनता ने ये सेपरेटिस्ट लोगों को, आतंकवादियों को करारा चांटा मारा है, करारा चांटा मारा है। और ये काम हमारी सरकार कर सकती है भाइयो-बहनो। कश्मीर की धरती पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार, गांव की सरकार, पंचायत की सरकार आगे बढ़े, कश्मीर का भला हो, इसके लिए हमने रास्ता खोल दिया भाइयो-बहनो। कौन रोकता था कांग्रेस वालों को ये करने से...क्यों खर्च करते थे...क्यों डरते थे? आतंकवादियों के साथ पिछले दरवाजे से खेल खेलते थे।

भाइयो-बहनो, ये देश ऐसे नहीं चल सकता था और इसीलिए हमने हिम्मत के साथ एक के बाद एक फैसले लिए हैं...और मैं आज भी कहने आया हूं भाइयो-बहनो, हमारे लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के जन-जन का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज का कल्याण, हमारे लिए छत्तीसगढ़ के नौजवानों का कल्याण यही एक मात्र हमारा सपना है। ये सवा सौ करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है, उनका भला...यही मेरा सपना है और इसलिए मैं आपसे आग्रह करने आया हूं। आज चुनाव का आखिरी दिन है बस्तर से भी ज्यादा मतदान होना चाहिए, भारी मतदान होना चाहिए, कश्मीर की घाटी से भी भारी मतदान होना चाहिए, लोकतंत्र की ताकत बता देनी चाहिए और झूठ बोलने वालों को, झूठे वादे करने वालों को करारा जवाब देकरके...50 साल तक देश को बर्बाद करने वालों को फिर 5 साल के लिए छत्तीसगढ़ की धरती पर घुसने नहीं देना है। इस संकल्प के साथ भारतीय जनता पार्टी के कमल निशान पर बटन दबा कर के भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइए...और मन में संकल्प करें पहले मतदान फिर जलपान। जब तक मतदान नहीं करेंगे जलपान नहीं करेंगे। बहुत बड़ी मात्रा में मतदान करके भारतीय जनता पार्टी को विजयी बनाइए। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके, दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की...जय...भारत माता की...जय...भारत माता की...जय! बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM chairs Fifth National Conference of Chief Secretaries in Delhi
December 28, 2025
Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence in governance, delivery and manufacturing: PM
PM says India has boarded the ‘Reform Express’, powered by the strength of its youth
PM highlights that India's demographic advantage can significantly accelerate the journey towards Viksit Bharat
‘Made in India’ must become a symbol of global excellence and competitiveness: PM
PM emphasises the need to strengthen Aatmanirbharta and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect’
PM suggests identifying 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience
PM urges every State must to give top priority to soon to be launched National Manufacturing Mission
PM calls upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and make India a Global Services Giant
PM emphasises on shifting to high value agriculture to make India the food basket of the world
PM directs States to prepare roadmap for creating a global level tourism destination

Prime Minister Narendra Modi addressed the 5th National Conference of Chief Secretaries in Delhi, earlier today. The three-day Conference was held in Pusa, Delhi from 26 to 28 December, 2025.

Prime Minister observed that this conference marks another decisive step in strengthening the spirit of cooperative federalism and deepening Centre-State partnership to achieve the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised that Human Capital comprising knowledge, skills, health and capabilities is the fundamental driver of economic growth and social progress and must be developed through a coordinated Whole-of-Government approach.

The Conference included discussions around the overarching theme of ‘Human Capital for Viksit Bharat’. Highlighting India's demographic advantage, the Prime Minister stated that nearly 70 percent of the population is in the working-age group, creating a unique historical opportunity which, when combined with economic progress, can significantly accelerate India's journey towards Viksit Bharat.

Prime Minister said that India has boarded the “Reform Express”, driven primarily by the strength of its young population, and empowering this demographic remains the government’s key priority. Prime Minister noted that the Conference is being held at a time when the country is witnessing next-generation reforms and moving steadily towards becoming a major global economic power.

He further observed that Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence and urged all stakeholders to move beyond average outcomes. Emphasising quality in governance, service delivery and manufacturing, the Prime Minister stated that the label "Made in India' must become a symbol of excellence and global competitiveness.

Prime Minister emphasised the need to strengthen Aatmanirbharta, stating that India must pursue self-reliance with zero defect in products and minimal environmental impact, making the label 'Made in India' synonymous with quality and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect.’ He urged the Centre and States to jointly identify 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience in line with the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised the need to map skill demand at the State and global levels to better design skill development strategies. In higher education too, he suggested that there is a need for academia and industry to work together to create high quality talent.

For livelihoods of youth, Prime Minister observed that tourism can play a huge role. He highlighted that India has a rich heritage and history with a potential to be among the top global tourist destinations. He urged the States to prepare a roadmap for creating at least one global level tourist destination and nourishing an entire tourist ecosystem.

PM Modi said that it is important to align the Indian national sports calendar with the global sports calendar. India is working to host the 2036 Olympics. India needs to prepare infrastructure and sports ecosystem at par with global standards. He observed that young kids should be identified, nurtured and trained to compete at that time. He urged the States that the next 10 years must be invested in them, only then will India get desired results in such sports events. Organising and promoting sports events and tournaments at local and district level and keeping data of players will create a vibrant sports environment.

PM Modi said that soon India would be launching the National Manufacturing Mission (NMM). Every State must give this top priority and create infrastructure to attract global companies. He further said that it included Ease of Doing Business, especially with respect to land, utilities and social infrastructure. He also called upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and strengthen the services sector. In the services sector, PM Modi said that there should be greater emphasis on other areas like Healthcare, education, transport, tourism, professional services, AI, etc. to make India a Global Services Giant.

Prime Minister also emphasized that as India aspires to be the food basket of the world, we need to shift to high value agriculture, dairy, fisheries, with a focus on exports. He pointed out that the PM Dhan Dhanya Scheme has identified 100 districts with lower productivity. Similarly, in learning outcomes States must identify the lowest 100 districts and must work on addressing the issues around the low indicators.

PM also urged the States to use Gyan Bharatam Mission for digitization of manuscripts. He said that States may start a Abhiyan to digitize such manuscripts available in States. Once these manuscripts are digitized, Al can be used for synthesizing the wisdom and knowledge available.

Prime Minister noted that the Conference reflects India’s tradition of collective thinking and constructive policy dialogue, and that the Chief Secretaries Conference, institutionalised by the Government of India, has become an effective platform for collective deliberation.

Prime Minister emphasised that States should work in tandem with the discussions and decisions emerging from both the Chief Secretaries and the DGPs Conferences to strengthen governance and implementation.

Prime Minister suggested that similar conferences could be replicated at the departmental level to promote a national perspective among officers and improve governance outcomes in pursuit of Viksit Bharat.

Prime Minister also said that all States and UTs must prepare capacity building plan along with the Capacity Building Commission. He said that use of Al in governance and awareness on cyber security is need of the hour. States and Centre have to put emphasis on cyber security for the security of every citizen.

Prime Minister said that the technology can provide secure and stable solutions through our entire life cycle. There is a need to utilise technology to bring about quality in governance.

In the conclusion, Prime Minister said that every State must create 10-year actionable plans based on the discussions of this Conference with 1, 2, 5 and 10 year target timelines wherein technology can be utilised for regular monitoring.

The three-day Conference emphasised on special themes which included Early Childhood Education; Schooling; Skilling; Higher Education; and Sports and Extracurricular Activities recognising their role in building a resilient, inclusive and future-ready workforce.

Discussion during the Conference

The discussions during the Conference reflected the spirit of Team India, where the Centre and States came together with a shared commitment to transform ideas into action. The deliberations emphasised the importance of ensuring time-bound implementation of agreed outcomes so that the vision of Viksit Bharat translates into tangible improvements in citizens’ lives. The sessions provided a comprehensive assessment of the current situation, key challenges and possible solutions across priority areas related to human capital development.

The Conference also facilitated focused deliberations over meals on Heritage & Manuscript Preservation and Digitisation; and Ayush for All with emphasis on integrating knowledge in primary healthcare delivery.

The deliberations also emphasised the importance of effective delivery, citizen-centric governance and outcome-oriented implementation to ensure that development initiatives translate into measurable on-ground impact. The discussions highlighted the need to strengthen institutional capacity, improve inter-departmental coordination and adopt data-driven monitoring frameworks to enhance service delivery. Focus was placed on simplifying processes, leveraging technology and ensuring last-mile reach so that benefits of development reach every citizen in a timely, transparent and inclusive manner, in alignment with the vision of Viksit Bharat.

The Conference featured a series of special sessions that enabled focused deliberations on cross-cutting and emerging priorities. These sessions examined policy pathways and best practices on Deregulation in States, Technology in Governance: Opportunities, Risks & Mitigation; AgriStack for Smart Supply Chain & Market Linkages; One State, One World Class Tourist Destination; Aatmanirbhar Bharat & Swadeshi; and Plans for a post-Left Wing Extremism future. The discussions highlighted the importance of cooperative federalism, replication of successful State-level initiatives and time-bound implementation to translate deliberations into measurable outcomes.

The Conference was attended by Chief Secretaries, senior officials of all States/Union Territories, domain experts and senior officers in the centre.