प्रधानमंत्री सर अनिरूद्ध जगन्‍नाथ मीडिया कर्मियों,

मैं गर्मजोशी से किये गये अपने स्‍वागत और असाधारण मेजबानी के लिए आपका हृदय से धन्‍यवाद करता हूं।

मैं मॉरीशस की जनता और आपका आभारी हूं, क्‍योंकि आपने मुझे कल आयोजित होने वाले राष्‍ट्रीय दिवस में मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।

यह भारत की सवा करोड़ जनता के लिए एक सम्‍मान है। वे संबंधों की कद्र करते हैं। यह संबंध हमारे हृदय की गहराइयों से विकसित हुए हैं।

हम एक दूसरे के समर्थन और एकजुटता के लिए सदा तैयार रहते हैं। यह भावना हमारी मैत्री, साझा मूल्‍यों और समान क्षेत्रीय और वैश्विक हितों से स्‍वत: विकसित होती है।

684-14 PM Modi media statement  after delegation level talks (2)

हम आर्थिक प्रगति में भागीदार हैं।

हमने अतुलनीय शक्ति और स्‍वरूप के संबंध बनाए हैं।

मेरी और यहां के प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात सचमुच शानदार रही। आज के निष्‍कर्ष और फैसले वाकई महत्‍वपूर्ण हैं।

हमने सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर और स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र में अपने साझा हितों पर चर्चा की। इस क्षेत्र में मॉरीशस की अग्रणी भूमिका की कद्र करते हैं।

आज मुझे मॉरीशस की असैन्‍य बुनियादी परियोजनाओं के लिए 500 मिलियन अमरीकी डॉलर के रियायती ऋण की पेशकश करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है।

हम मॉरीशस में पेट्रोलियम भंडारण और भूमिगत भंडारण सुविधा का तेजी से निर्माण करने के भी इच्‍छुक हैं। इससे न केवल मॉरीशस को फायदा होगा, अपितु क्षेत्रीय बड़े केन्‍द्र के रूप में इसकी भूमिका भी बढ़ेगी।

भारत ने एक दशक पहले मॉरीशस को पहले साइबर सिटी के निर्माण में सहायता दी थी। इसकी उल्‍लेखनीय सफलता से मॉरिशस में अर्थव्‍यवस्‍था के विविधिकरण से जुड़ी सामरिक दूरदृष्टि परिलक्षित होती है। हमने आज दूसरे साइबर सिटी के निर्माण के लिए सहायता का प्रस्‍ताव किया है।

अगालेगा द्वीप के विकास के लिए किया गया आज का समझौता बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हमारे सहयोग में एक बड़ा कदम है। इससे हमारे आपसी विश्‍वास की गहराई का पता चलता है।

मॉरीशस ने अपनी सामुद्रिक अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में बड़ी सोच का प्रदर्शन किया है। सामुद्रिक अर्थव्‍वस्‍था में सहयोग के बारे में हमारा समझौता हमारी वैज्ञानिक और आर्थिक भागीदारी में एक महत्‍वपूर्ण कदम है। इससे सामुद्रिक पारिस्थितिकी की हमारी समझ-बूझ में सुधार होगा।

इससे सामुद्रिक अर्थव्‍यवस्‍था के नये क्षेत्रों के विकास में हमें मदद मिलेगी और साथ ही हम अपनी सामुद्रिक परिसंपत्तियों के इस्‍तेमाल में स्‍थायी प्रक्रियाओं का पालन कर सकेंगे।

पिछले कुछ वर्षों में हमने दोहरा कर वंचन संधि में संशोधन पर चर्चा की है। यह संधि के दुरूपयोग को रोकने के साझा उद्देश्‍य पर आधारित है और इसके साथ-साथ मॉरीशस को इस व्‍यवस्‍था से पूरा फायदा मिल सकेगा। हमने इस चर्चा को जारी रखने पर सहमति व्‍यक्‍त की है।

मैंने यहां के प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया है कि हम विश्‍व में अपनी सबसे मजबूत सामरिक भागीदारी में कोई ऐसा कदम नहीं उठएंगे, जिससे इस क्षेत्र को कोई नुकसान हो।

मैंने कर के अदान-प्रदान की सूचना के लिए मॉरीशस द्वारा सहयोग और सहायता देने की पेशकश की भी सराहना की है।

हमें व्‍यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर अपनी चर्चा फिर शुरू करनी चाहिए।

मॉरीशस के प्रधानमंत्री और मैं यह समझते हैं कि हमारा सुरक्षा सहयोग हमारी सामरिक भागीदारी की बुनियाद होगा।

यह एक-दूसरे के प्रति हमारी जिम्‍मेदारी के कारण नहीं अपितु सामुद्रिक पड़ोस के लिए हमारी साझा सोच के कारण है।

मैं मॉरीशस की व्‍यापक विशिष्‍ट आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए उसके प्रयासों में सहयोग की भारत की वचनबद्धता दोहराता हूं।

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मॉरीशस में उसकी सुरक्षा सक्षमताओं के विकास के लिए पसंदीदा भागीदार होने का हमें गर्व है। हम कल मॉरीशस के तटरक्षक बल में बाराकूड़ा को चालू करेंगे।

मैंने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को उनके देश द्वारा अन्‍य जहाजों और उपकरण उपलब्‍ध कराने समेत सभी क्षेत्रों में समय पर सहायता करने का आश्‍वासन दिया है।

हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि विस्‍तृत क्षेत्रीय सहयोग से हमारे सामुद्रिक क्षेत्र में शांति और समृद्धि बढ़ेगी।

मैं इस संदर्भ में हिंद महासागर रिम एसोसिएशन और इसके सचिवालय के लिए स्‍थान देने में मॉरीशस की अनूकूल भूमिका के लिए यहां के प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद देता हूं।

मैं अंतर्राष्‍ट्रीय मंचों पर मॉरीशस द्वारा दिए गए समर्थन के लिए आभारी हूं। इससे साझा हितों के मुद्दों पर भारत को विचार रखने में बल मिलता है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा द्वारा थोड़े समय में ही बड़े समर्थन के साथ 21 जून, को अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस के रूप में मनाए जाने की मंजूरी देना, हमारी साझा विरासत के प्रति सम्‍मान है।

जलवायु परिवर्तन पर हमारे समान और प्रभावी विचार हैं। दोनों देश इस पर सशक्‍त राष्‍ट्रीय कार्रवाई करने के प्रति वचनबद्ध हैं। इन चुनौतियों के समाधान के लिए हम अपने आपसी सहयोग और वैश्विक भागीदारी को मजबूत बनाएंगे।

जनता के जनता के साथ संपर्क हमारे संबंधों का मूलाधार हैं।

हम सर्वोच्‍च स्‍तर की प्राथमिकता पर इसे समृद्ध बनाना जारी रखेंगे। हमने मॉरीशस के लिए इलेक्‍ट्रोनिक यात्रा प्राधिकृति शुल्‍क माफ करने का फैसला किया है।

हमने एक बहु विषयक युवा मंच शुरू करने का भी फैसला किया है। इससे दोनों देशों के युवाओं को और अधिक जोड़ा जाएगा और यह भविष्‍य में सशक्‍त भागीदारी का बीजारोपण करेगा।

मैं बहुत परिणामजनक और तथ्‍यपूर्ण बैठक के लिए प्रधानमंत्री सर जगन्‍नाथ और उनके दल के प्रति सचमुच आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

मैं राष्‍ट्रीय दिवस समारोह को लेकर उत्‍साहित हूं। इसके अलावा राष्‍ट्रीय असेम्‍बली को संबोधित करने के गौरव और कल के लिए निर्धारित अन्‍य विशेष आयोजनों को लेकर भी उत्‍साहित हूं।

मेरे लिए ये सब हमारे संबंधों की समृद्धि के ध्‍योतक हैं।

मैं पुन: मॉरीशस के प्रधानमंत्री का धन्‍यवाद करता हूं।

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मोबिलिटी सेक्टर में अपना फ्यूचर देखने वाले हर इन्वेस्टर के लिए भारत एक शानदार डेस्टिनेशन: पीएम
January 17, 2025
विकसित भारत की यात्रा मोबिलिटी क्षेत्र में अप्रत्‍याशित कायाकल्‍प और अभूतपूर्व वृद्धि की साक्षी बनेगी: प्रधानमंत्री
यात्रा में सुगमता आज भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है: प्रधानमंत्री
‘मेक इन इंडिया’ पहल की ताकत देश के ऑटो उद्योग की विकास संभावनाओं को बढ़ावा देती है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी समाधानों के सात सी- कॉमन, कनेक्‍टेड, कनविनिएंट, कंजेशन फ्री, चार्ज्ड, क्‍लीन और कटिंग एज: प्रधानमंत्री
भारत हरित प्रौद्योगिकी, ईवी, हाइड्रोजन ईंधन और जैव ईंधन के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के इच्छुक प्रत्येक निवेशक के लिए भारत एक उत्कृष्ट गंतव्य है: प्रधानमंत्री

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान नितिन गडकरी जी, जीतन राम मांझी जी, मनोहर लाल जी, एच. डी. कुमारस्वामी जी, पीयूष गोयल जी, हरदीप सिंह पुरी जी, देश-विदेश से आए ऑटो इंडस्ट्री के सभी दिग्गज, अन्य अतिथिगण, देवियों और सज्जनों!

पिछली बार जब मैं आपके बीच आया था, तब लोकसभा के चुनाव ज्यादा दूर नहीं थे। उस दौरान मैंने आप सबके विश्वास के कारण कहा था कि अगली बार भी भारत मोबिलिटी एक्सपो में जरूर आऊंगा। देश ने तीसरी बार हमें आशीर्वाद दिया, आप सभी ने एक बार फिर मुझे यहां बुलाया, मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

मुझे खुशी है कि इस वर्ष, भारत मोबिलिटी एक्सपो का दायरा काफी बढ़ गया है। पिछले साल, 800 से ज्यादा एक्जिबिटर्स ने हिस्सा लिया, डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने विजिट किया, इस बार भारत मंडपम के साथ-साथ, द्वारका के यशोभूमि और ग्रेटर-नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में भी ये एक्सपो चल रहा है। आने वाले 5-6 दिनों में बहुत बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे। अनेक नई गाड़ियां भी यहां लॉन्च होने वाली हैं। ये दिखाता है कि भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को लेकर कितनी पॉजिटिविटी है। यहां कुछ Exhibitions में विजिट करने, उन्हें देखने का अवसर भी मुझे मिला है। भारत की Automotive Industry, Fantastic भी है और Future Ready भी है। मैं आप सभी को अपनी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

भारत के ऑटो सेक्टर के इतने बड़े आयोजन में, मैं आज रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी को भी याद करूंगा। भारत के ऑटो सेक्टर की ग्रोथ में, मिडिल क्लास के सपने को पूरा करने में इन दोनों महानुभावों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मुझे भरोसा है कि रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी की लिगेसी भारत के पूरे मोबिलिटी सेक्टर को inspire करती रहेगी।

साथियों,

आज का भारत Aspirations से भरा हुआ है, युवा ऊर्जा से भरा हुआ है। यही Aspirations हमें भारत की Automotive Industry में दिखाई देती है। बीते साल में भारत की ऑटो इंडस्ट्री करीब 12 परसेंट की ग्रोथ से आगे बढ़ी है। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र पर चलते हुए अब एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। इतनी तो दुनिया के कई देशों की पॉपुलेशन नहीं है, जितनी हर साल भारत में गाड़ियां बिक रही हैं। एक साल में करीब ढाई करोड़ गाड़ियां बिकना, ये दिखाता है कि भारत में डिमांड लगातार कैसे बढ़ रही है। ये दिखाता है कि जब मोबिलिटी के फ्यूचर की बात आती है, तो भारत को क्यों इतनी उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है।

साथियों,

भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है। और पैसेंजर व्हीकल मार्केट के रूप में देखें, तो हम दुनिया में नंबर-3 पर हैं। आप कल्पना कीजिए कि जब भारत दुनिया की टॉप थ्री इकोनॉमी में शामिल होगा, तब हमारा ऑटो मार्केट कहां होगा? विकसित भारत की यात्रा, मोबिलिटी सेक्टर के भी अभूतपूर्व ट्रांसफॉर्मेशन की, कई गुना विस्तार की यात्रा होने वाली है। भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को ड्राइव करने वाले कई फैक्टर्स हैं। जैसे, भारत की सबसे बड़ी युवा आबादी, मिडिल क्लास का लगातार बढ़ता दायरा, तेज़ी से होता अर्बनाइज़ेशन, भारत में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, मेक इन इंडिया से अफोर्डबल व्हीकल, ये सारे फैक्टर्स, भारत में ऑटो सेक्टर की ग्रोथ को push करने वाले हैं, नई ताकत देने वाले हैं।

साथियों,

ऑटो इंडस्ट्री के विकास के लिए Need और Aspirations, ये दोनों बहुत जरूरी होते हैं। और सद्भाग्य से भारत में आज ये दोनों वाइब्रेंट हैं। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। यही युवा, आपका सबसे बड़ा कस्टमर है। इतना बड़ा युवा वर्ग, कितनी बड़ी डिमांड क्रिएट करेगा, इसका अनुमान आप भली-भांति लगा सकते हैं। आपका एक और बड़ा कस्टमर, भारत का मिडिल क्लास है। बीते 10 वर्षों में, 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। ये निओ मिडिल क्लास अपना पहला व्हीकल ले रहा है। जैसे-जैसे तरक्की होगी, ये अपने व्हीकल को भी अपग्रेड करेंगे। और इसका बेनिफिट ऑटो सेक्टर को मिलना पक्का है।

साथियों,

कभी भारत में गाड़ियां न खरीदने का एक कारण, अच्छी सड़कों, चौड़ी सड़कों का अभाव भी था। अब ये स्थिति भी बदल रही है। ईज़ ऑफ ट्रैवल, आज भारत की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। पिछले वर्ष के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक रखे गए थे। आज भारत में मल्टीलेन हाईवे का, एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ रहा है। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को गति मिल रही है। इससे लॉजिस्टिक कॉस्ट कम हो रही है। नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी की वजह से भारत दुनिया में सबसे कंपीटिटिव लॉजिस्टिक्स कॉस्ट वाला देश होने वाला है। इन सारे प्रयासों की वजह से ऑटो इंडस्ट्री के लिए संभावनाओं के अनेक नए द्वार खुल रहे हैं। देश में गाड़ियों की डिमांड बढ़ने के पीछे, ये भी एक बड़ी वजह रही है।

साथियों,

आज अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी को भी इंटीग्रेट किया जा रहा है। फास्टैग से भारत में ड्राइविंग एक्सपीरियंस काफी आसान हुआ है। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से भारत में सीमलेस ट्रैवल के प्रयासों को और बल मिल रहा है। अब हम स्मार्ट मोबिलिटी की तरफ बढ़ रहे हैं। कनेक्टेड व्हीकल्स, ऑटोनॉमस ड्राइविंग की दिशा में भी भारत तेजी से काम कर रहा है।

साथियों,

भारत में ऑटो इंडस्ट्री के विकास की संभावनाओं में, मेक इन इंडिया की मज़बूती का भी बड़ा रोल है। मेक इन इंडिया अभियान को PLI स्कीम्स से नई गति मिली है। PLI स्कीम ने सवा दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की सेल में मदद की है। इस स्कीम से ही, इस सेक्टर में डेढ़ लाख से ज्यादा डायरेक्ट जॉब क्रिएट हुए हैं। आप जानते हैं, आप अपने सेक्टर में तो जॉब्स क्रिएट करते ही हैं, इसका दूसरे सेक्टर्स में भी मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है। बड़ी संख्या में ऑटो पार्ट्स, हमारा MSME सेक्टर बनाता है। जब ऑटो सेक्टर बढ़ता है, तो MSMEs लॉजिस्टिक्स, टूर और ट्रांसपोर्ट इन सभी सेक्टर में भी नई जॉब्स अपने आप बढ़ने लग जाती हैं।

साथियों,

भारत सरकार ऑटो सेक्टर को हर लेवल पर सपोर्ट दे रही है। बीते एक दशक में इस इंडस्ट्री में FDI, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ग्लोबल पार्टनरशिप के नए रास्ते बनाए गए हैं। पिछले 4 सालों में इस सेक्टर में Thirty Six Billion Dollar से ज्यादा का Foreign Direct Investment आया है। आने वाले सालों में, ये कई गुणा और बढ़ने वाला है। हमारा प्रयास है कि भारत में ही ऑटो मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ा पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो।

साथियों

मुझे याद है, मैंने मोबिलिटी से जुड़े एक कार्यक्रम में Seven-Cs के विजन की चर्चा की थी। हमारे Mobility Solutions ऐसे हों जो, Common हो, Connected हो, Convenient हो, Congestion-free हों, Charged हों, Clean हों, और Cutting-edge हों। ग्रीन मोबिलिटी पर हमारा फोकस, इसी विजन का हिस्सा है। आज हम एक ऐसे Mobility System के निर्माण में जुटे हैं, जो इकोनॉमी और इकोलॉजी, दोनों को सपोर्ट करे। एक ऐसा सिस्टम जो फॉसिल फ्यूल के हमारे इंपोर्ट बिल को कम करे। इसलिए, आज Green Technology, EVs, Hydrogen Fuel, Biofuels, ऐसी टेक्नोलॉजी के डेवपलमेंट पर हमारा काफी फोकस है। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसे अभियान इसी विजन के साथ शुरू किए गए हैं।

साथियों,

बीते कुछ सालों से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर भारत में बहुत तेज़ ग्रोथ देखी जा रही है। बीते दशक में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में six hundred forty गुना की वृद्धि हुई है, 640 गुना। दस साल पहले जहां एक साल में सिर्फ 2600 के आसपास इलेक्ट्रिक व्हीकल बिके थे, वर्ष 2024 में, 16 लाख 80 हजार से ज्यादा व्हीकल बिके हैं। यानि 10 साल पहले जितने इलेक्ट्रिक व्हीकल पूरे साल में बिकते थे, आज उससे भी दोगुने इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ एक दिन में बिक रहे हैं। अनुमान है कि इस दशक के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या 8 गुना तक बढ़ सकती है। ये दिखाता है कि इस सेगमेंट में आपके लिए कितनी ज्यादा संभावनाएं बढ़ रही हैं।

साथियों,

देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विस्तार के लिए सरकार लगातार पॉलिसी डिसीजन्स ले रही है, इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है। 5 साल पहले फेम-2 स्कीम शुरु की गई थी। इसके तहत 8 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक का इंसेंटिव दिया गया है। इस राशि से, इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में सब्सिडी दी गई, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इससे 16 लाख से अधिक EVs को सपोर्ट मिला, जिनमें से 5 हज़ार से अधिक तो इलेक्ट्रिक बसें हैं। यहां दिल्ली में भी भारत सरकार द्वारा दी गई, 1200 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अपने तीसरे टर्म में हम पीएम ई-ड्राइव स्कीम लेकर आए हैं। इसके तहत टू व्हीलर, थ्री-व्हीलर, ई-एंबुलेंस, ई-ट्रक, ऐसे करीब 28 लाख EVs खरीदने के लिए मदद दी जाएगी। करीब 14 हज़ार इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदी जाएंगी। देशभर में अलग-अलग वाहनों के लिए 70 हज़ार से अधिक फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे। तीसरे टर्म में ही, पीएम ई-बस सेवा भी शुरु की गई है। इसके तहत, देश के छोटे शहरों में करीब thirty eight thousand ई-बसें चलाने के लिए केंद्र सरकार मदद देगी। सरकार, EV मैन्युफेक्चरिंग के लिए इंडस्ट्री को लगातार सपोर्ट कर रही है। ईवी कार मैन्युफेक्चरिंग में जो ग्लोबल इन्वेस्टर भारत आना चाहते हैं, उसके लिए भी रास्ते बनाए गए हैं। भारत में क्वालिटी ईवी मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम के विस्तार में, वैल्यू चेन के निर्माण में मदद मिलेगी।

साथियो,

ग्लोबल वॉर्मिंग की, क्लाइमेट की चुनौती से निपटने के लिए हमें सोलर पावर को, अल्टरनेटिव फ्यूल को लगातार प्रमोट करते रहना है। भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान ग्रीन फ्यूचर पर बहुत ज़ोर दिया है। आज भारत में EV के साथ ही सोलर पावर को लेकर भी बहुत बड़े लेवल पर काम चल रहा है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली स्कीम से, रूफटॉप सोलर का एक बड़ा मिशन चल रहा है। ऐसे में इस सेक्टर में भी बैटरी की, स्टोरेज सिस्टम की डिमांड लगातार बढ़ने वाली है। सरकार ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए 18 हजार करोड़ रूपए की PLI स्कीम शुरु की है। यानि इस सेक्टर में बड़े इन्वेस्टमेंट्स का आपके लिए ये सही समय है। मैं देश के ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को भी एनर्जी स्टोरेज सेक्टर में स्टार्ट अप्स के लिए invite करूंगा। हमें ऐसे इनोवेशन्स पर काम करना है, जो भारत में ही मौजूद मैटेरियल से बैटरी बना सकें, स्टोरेज सिस्टम बना सकें। इसको लेकर देश में काफी काम हो भी रहा है, लेकिन इसको मिशन मोड पर आगे बढ़ाना ज़रूरी है।

साथियों,

केंद्र सरकार का इंटेंट और कमिटमेंट एकदम साफ है। चाहे नई पॉलिसी बनानी हों या फिर रिफॉर्म्स करने हों, हमारे प्रयास लगातार जारी हैं। अब आपको इन्हें आगे बढ़ाना है, इनका फायदा उठाना है। अब जैसे व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी है। जितने भी manufacturers हैं, आप सभी से मेरा आग्रह है कि इस पॉलिसी का लाभ उठाएं। आप अपनी कंपनी में भी, अपनी भी एक incentive स्कीम लेकर आ सकते हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी पुरानी गाड़ियां लेकर स्क्रैप करने के लिए आगे आएंगे। ये मोटिवेशन बहुत ज़रूरी है। ये देश के environment के लिए भी आपकी तरफ से बहुत बड़ी सर्विस होगी।

साथियों,

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री, इनोवेशन ड्रिवन है, टेक्नोलॉजी ड्रिवन है। इनोवेशन हो, टेक हो, स्किल हो या फिर डिमांड, आने वाला समय East का है, एशिया का है, भारत का है। मोबिलिटी में अपना फ्यूचर देखने वाले हर सेक्टर के लिए भारत एक शानदार इन्वेस्टर के लिए भी, शानदार डेस्टिनेशन है। मैं आप सभी को फिर विश्वास दिलाता हूं, सरकार हर तरह से आपके साथ है। आप मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र के साथ इसी तरह आगे बढ़ते रहें। आप सभी को फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!