ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना समय की मांगः मुख्यमंत्री
ऊर्जा नीति के क्षेत्र में यूपीए सरकार की घोर उदासीनता से हुई दुर्दशा
हरित क्रांति के बाद अब केसरिया क्रांति
गुजरात के औद्योगिक विकास में योगदान दे रहे वेलस्पन ग्रुप ने स्थापित किया १५१ मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आजमध्यप्रदेश के नीमच में वेलस्पन ग्रुप के सोलर प्लांट का लोकार्पण करते हुए कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना समय की मांग है। विकास के लिए ऊर्जा के प्राकृतिक संसाधनों का महत्तम उपयोग ही उत्तममार्ग है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ श्री मोदी ने सोलर प्लांट का निरीक्षण किया।
वेल्सपन एनर्जी कंपनी ने मध्यप्रदेश में १५१ मेगावाट की स्थापितविद्युतक्षमता वाला सोलर पावर प्लांट ८०० एकड़क्षेत्र में कार्यान्वित किया है। निर्धारितसमयावधि से आठ महीने पूर्वतैयार सूर्यशक्ति से बिजली पैदा करने वाला यह सोलर पावर प्लांट ८८५ करोड़ रुपये के खर्च से निर्मित हुआ है। इस प्लांट से उत्पन्न सौरऊर्जा बिजली ६,२४,००० घरों को उपलब्ध होगी। वेलस्पन कंपनी की औद्योगिकइकाई गुजरात के कच्छ जिले में कार्यरत है।

श्री चौहान को मध्यप्रदेश के ऊर्जावान एवंहोशियार मुख्यमंत्री के तौर पर अभिनंदन देते हुए श्री मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा के इस प्लांट से मध्य प्रदेश ने देश को बिजली का नया नजराना दिया है। वेलस्पन ग्रुप ने भी उन्हें ऊर्जा क्षेत्र में इस प्लांट के जरिए देश के विकास में योगदान देने के लिए अभिनंदन दिया।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भाजपा ऐसी सरकार है जो जनता की आवाज को समझती है। हमारे लिए सत्ता सामान्य नागरिक के सशक्तिकरण का साधन है (पावर टू एम्पॉवर पीपुल), जबकि उनके लिए संपूर्ण सत्ता संपूर्ण संपूर्ण भ्रष्टाचार का साधन है (एब्सल्यूट पावर फॉर एब्सल्यूट करप्शन)। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन से ऊर्जा का उत्पादन कर भारत गैर परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में अपना सामर्थ्य बतला सकता है, लेकिन यूपीए सरकार उदासीन रही है और भ्रष्टाचार को प्राथमिकता दी है।
देश में प्राकृतिक संसाधन, ऊर्जावान युवाशक्ति एवं सामर्थ्यवान समाज होने के बावजूद पिछले एक दशक में देश विकास के मामले में पिछड़ रहा है, इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अनाज भंडार होने के बाद भी लोग भूखे मर रहे हैं, देश के बिजली कारखानों में २०,००० मेगावाट की उत्पादन क्षमता होने के बावजूद कोयले के अभाव में बिजली पैदा नहीं हो रही, बिजली के बिना देश के लोग अंधकार में डूबे फिर भी कोयले में भ्रष्टाचार हो, ऐसी दुर्दशा यूपीए सरकार ने की है।
उन्होंने कहा कि डॉलर की तुलना में रुपया अभूतपूर्व तरीके से लुढ़कता रहा, चालू खाता के घाटे का संकट गहराता जा रहा है क्योंकि कोयले के आयात की ऊर्जा नीति अपनाकर केन्द्र ने देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ा दिया है।
भारत के नीतिनिर्धारकों की ऊर्जा नीति की भूल दर्शाते हुए श्री मोदी ने कहा कि हिमालय से निकलने वाली नदियों के पानी में से हाईड्रो पावर एवं समुद्री तट पर विंड पावर तथा मरुभूमि-मैदानों में सूर्यशक्ति से सोलर पावर के प्राकृतिक संसाधन विकसित करने की संभावनाओं का आजादी के बाद कांग्रेस की सरकारों ने कोई दृष्टिवंत विचार ही नहीं किया।
हिन्दुस्तान के तिरंगे के तीन रंगों हरा, सफेद और केसरी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र में ग्रीन रिवोल्यूशन (हरित क्रांति), दूध उत्पादन क्षेत्र में व्हाइट रिवोल्यूशन (श्वेत क्रांति) के बाद अब ऊर्जा क्षेत्र में सेफरॉन रिवोल्यूशन (केसरिया क्रांति) होने जा रही है।
भारत में सप्तऊर्जा के स्वरूप में ऊर्जा रूपी अश्व रथ पर सवार होकर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा का विजन उन्होंने दिया। सप्त ऊर्जा रथ में उन्होंने गैस, थर्मल, हाईड्रो, सोलर, विंड, बायोमास एवं न्यूक्लियर एनर्जी का समावेश किया है।
मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कचरे में से कंचन अर्थात बायोमास एनर्जी के द्वारा भारत के कोने-कोने में ऊर्जा उत्पादन किया जा सकता है। ऊर्जा के क्षेत्र में भारत एक बड़ी ताकत के रूप में उभर सकता था लेकिन दिल्ली में बैठे देश के वर्तमान शासकों में देश के भविष्य को लेकर दीर्घकालिक सोच ही नहीं है। विकास को सभी समस्याओं का समाधान बताते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य नागरिक का जीवन स्तर ऊंचा लाने के लिए भाजपा की सभी सरकारें विकास की मांग के साथ जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति कर रही हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य महानुभाव इस अवसर पर मौजूद थे।






