मुम्बई रैली में केन्द्र पर श्री मोदी के तीखे हमले

    युपीए सरकार की हर क्षेत्र में असफलता का रिपोर्ट

                                                                                                       कार्ड प्रधानमंत्री ने पेश किया है : श्री मोदी  

केन्द्र की सरकार को एक पल भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं

सिर्फ प्रॉमिस है- पर्फोर्मेन्स कहीं नहीं 

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मुम्बई में भारतीय जनता पार्टी की विशाल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि युपीए-2 की तीन वर्ष का रिपोर्ट कार्ड साबित करता है कि केन्द्र सरकार सिर्फ वादे निभाने में ही विफल नहीं हुई बल्कि हर मोर्चे पर परर्फोर्मेंस दिखाने में भी विफल हो गई है। इसे एक पल भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है। आज रुपया डॉलर के समक्ष गिर गया है यहाँ वैश्विकरण की वजह से नहीं बल्कि कोई साजिश है जिसे देश जानना चाहता है।

मुम्बई में आज श्री नरेन्द्र मोदी भी भाजपा की रैली को सम्बोधित करने वाले हैं, यह जानकारी मिलने के बाद भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। महाराष्ट्र अकाल की कठिन परिस्थिति में से गुजर रहा है, इस पर किसानों के साथ सहानुभुति जताते हुए श्री मोदी ने कहा कि रेगिस्तानी क्षेत्र और दस में से सात साल अकालग्रस्त रहनेवाले गुजरात में पिछले दस साल में अकाल का नामोनिशान नहीं है। इसकी वजह यह है कि यहां जल प्रबन्धन सफल रहा है। देश में नदियों को जोड़ने का सपना साकार हुआ होता तो महाराष्ट्र के किसानों को कर्ज में डूबकर आत्महत्या नहीं करनी पड़ती।

दिल्ली में ऐसी सरकार है जिसके पास ना कोई नेता है, ना कोई नीति है और ना ही साफ नियत है। इसलिए ही देश की दुर्दशा हुई है। दिल्ली की इस सरकार ने  लोगों को सौ दिन में महंगाई कम करने का वादा किया था लेकिन यह निर्मल बाबा की तरह लोगों को गुमराह कर रही है। महंगाई बढ़ती जा रही है।

प्रधानमंत्री के तीन साल के रिपोर्ट कार्ड का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इस रिपोर्ट कार्ड में आतंकवाद या नक्सलवाद के बारे में एक भी शब्द नहीं है। क्या यही आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की गम्भीरता है ?

श्री मोदी ने कहा की, प्रधानमंत्री जी.. आपने कहा था की कुपोषण की बात से सिर शर्म से झुक जाता है लेकिन इस रिपोर्ट कार्ड में इस बारे में कुछ भी क्यों नहीं है ? देश की आजादी के बाद किसी भी सरकार का सेना के साथ कोई विवाद नहीं हुआ था फिर इस सरकार की क्या मजबूरी है कि उसको सेना के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है ? सेना प्रमुख कहते हैं कि सेना के पास हथियार नहीं है। देश जानना चाहता है कि ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई।  मैडम सोनियाजी को कबूल करना पड़ा है कि प्रॉमिस नहीं चलेगा परर्फोर्मेंस चाहिये। यह दर्शाता है कि परर्फोर्मेंस का नामोनिशान नहीं है। गरीबी हटाओ का नारा लगाकर सत्ता में बैठी कांग्रेस ने आज तक वादा पूरा नहीं किया।

गरीबलक्ष्यी 20 सुत्रीय कार्यक्रम के अमलीकरण में कांग्रेस शासित कोई राज्य प्रथम पांच में नहीं आता । जबकि गुजरात पिछले दस साल से प्रथम स्थान पर रहा है। दिल्ली के कांग्रेसी शासक वोटबैंक की राजनीति करते हैं।

श्री मोदी ने कहा कि गुजरात ने 11 प्रतिशत की  कृषि विकासदर बरकरार रखी है लेकिन प्रधानमंत्री  इसे केन्द्र  में 2 प्रतिशत से तीन प्रतिशत तक पहुंचने को भी उपलब्धि बतलाते हैं। प्रधानमंत्री राज्यों के बिजली उत्पादन को खुद की सरकार की उपलब्धि बतलाते हैं। केन्द्र पर्याप्त कोयला-ईधन नहीं देता इसलिए ही बिजली केन्द्र क्षमता से 60 प्रतिशत ही बिजली उत्पादन कर पाते हैं । इसमें भी भ्रष्टाचारी नितियां जिम्मेदार है। प्रधानमंत्री अपनी विफलता कबूल कर चुके हैं।

राज्यों को तबाह और परेशान करने के लिए केन्द्रिय एजेंसियों और संविधान का दुरुपयोग करने के मामले में प्रहार करते हुए श्री मोदी ने कहा कि किसलिए राज्यों को कमजोर किया जा रहा है ? सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार की है लेकिन सीमा पार से आतंकवादी, हथियार, कालाधन आ रहा है। सरकार ने विदेश भाग गए आतंकवादियों के प्रत्यर्पण के लिए क्या किया है? देश को बचाना है तो ज़ीरो टोलरेंस का संकल्प करना होगा मगर दिल्ली सरकार का सीना 46 इंच का नहीं। 120 करोड़ की जनता को विश्वास में लिये बिना उसे संकट में डाल दिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा की हिन्दुस्तान के 65 प्रतिशत युवाओं के स्किल डवलपमेंट के लिए केन्द्र ने क्या किया ? इसका रिपोर्ट कार्ड में कोई उल्लेख नहीं। हिन्दुस्तानियों को अमरनाथ जाने के लिए भी केन्द्र सरकार सुरक्षा नहीं दे सकती।

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भारत की अद्वितीय प्रगति: इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्लोबल लीडरशिप में उपलब्धियां
January 17, 2025

भारत ने एक बार फिर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करके अपनी गतिशील वृद्धि, लचीलेपन और वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। आर्थिक प्रगति और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी से लेकर डिजिटल इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास तक, देश वैश्विक महाशक्ति के रूप में अपनी जगह पक्की कर रहा है।

भारत ने कौशल और रोजगार की तैयारी में वैश्विक नेता के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया है, QS स्किल इंडेक्स ने देश को रोजगार के लिए दुनिया के सबसे तैयार देशों में से एक माना है। यह मान्यता एजुकेशन, वोकेशनल ट्रेनिंग और वर्कफोर्स डेवलपमेंट में वर्षों के निवेश का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे भारत की युवा-केंद्रित नीतियों की "उत्साहजनक" मान्यता के रूप में सराहा, जो भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स की नींव रख रही हैं।

वर्ष 2025 के लिए अनुमानित वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच, भारत विकास और स्थिरता के प्रतीक के रूप में सामने आया है। विश्व आर्थिक मंच ने देश की मजबूत गति पर प्रकाश डाला, जबकि फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के पूर्वानुमानों में वित्त वर्ष 26 के लिए 6.5% से 6.9% की सीमा में जीडीपी वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है। इस आशावाद का समर्थन करते हुए, अनुभवी निवेशक मार्क मोबियस ने भारत की 6-7% विकास दर की प्रशंसा की, और इसका श्रेय मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और बिजनेस-फ्रेंडली माहौल को दिया।

भारत की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिसका उदाहरण यूएई के साथ बढ़ते रिश्ते हैं। दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ा रहे हैं, खास तौर पर फूड ट्रेड में। यह सहयोग भारत के मजबूत कृषि निर्यात के साथ मेल खाता है, जो अप्रैल और दिसंबर 2024 के बीच 11% से अधिक बढ़कर 17.77 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

डिजिटल इनोवेशन एक और क्षेत्र है जहां भारत वैश्विक स्तर पर धूम मचा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने Magnati के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की पहुंच यूएई तक बढ़ा दी है। यह डेवलपमेंट; फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में भारत के नेतृत्व और वैश्विक स्तर पर डिजिटल समावेशन को आगे बढ़ाने की उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने एक माइलस्टोन दर्ज किया है, क्योंकि दिसंबर 2024 में निर्यात 24 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि देश के आर्थिक दृष्टिकोण को मजबूत करती है और हाई-वैल्यू इंडस्ट्रीज में प्रतिस्पर्धा करने की इसकी क्षमता को रेखांकित करती है।

आर्थिक और तकनीकी प्रगति के अलावा, भारत का डायनमिक स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार फल-फूल रहा है। 1.57 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप्स के साथ 17.2 लाख नौकरियां पैदा करने के साथ, देश अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत जल्द ही इनोवेशन के लिए लीडिंग केंद्र के रूप में उभर सकता है, जो एंटरप्रेन्योरशिप और टेक्नोलॉजी अपनाने को बढ़ावा देने वाली नीतियों और पहलों से प्रेरित है।

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भी भारत की क्षमता में अपना भरोसा जता रही हैं। DHL ग्रुप ने हाल ही में देश में रणनीतिक निवेश जारी रखने का वादा किया है, जो ग्लोबल लॉजिस्टिक्स हब के रूप में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

भविष्य की ओर देखते हुए, भारत और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए तैयार है। देश 2026 तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, वित्त वर्ष 25 में अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर 6.8% है। ये संकेतक एक ऐसे देश को दर्शाते हैं जो न केवल बढ़ रहा है बल्कि अपनी मजबूत नीतियों, इनोवेटिव इंडस्ट्रीज और रेजिलिएंट स्पिरिट से प्रेरित होकर फल-फूल रहा है।

हाल की भारत की उपलब्धियाँ; समृद्ध, समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के उसके दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं। पूरी दुनिया देख रही है, भारत ग्लोबल डेवलपमेंट में अग्रणी के रूप में उभर रहा है, आशा जगा रहा है और दुनिया भर के देशों के लिए बेंचमार्क्स स्थापित कर रहा है।