भारत वैश्विक विकास के एक नए इंजन के रूप में योगदान करने के लिए तैयार: प्रधानमंत्री मोदी
भारत एक विशाल एवं तेज़ी से बढ़ रहा बाजार है लेकिन साथ ही भारत एक बाजार से आगे बढ़कर और बहुत कुछ है: प्रधानमंत्री मोदी
भारत एक विश्वसनीय साथी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग और प्रबंधकीय प्रतिभा का एक स्रोत: प्रधानमंत्री
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका इंडो-अमेरिकन रिश्ते की एक अत्यंत अनूठी विशेषता: प्रधानमंत्री
हमने ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस’ को बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं और इसके फलस्वरूप हम वैश्विक रैंकिंग में तेजी से ऊपर बढ़े हैं: प्रधानमंत्री
जन-धन योजना ने गरीबों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पैसे भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाया है: प्रधानमंत्री
हम भारत को एक ऐसा स्थान बनाना चाहते हैं जो न केवल व्यापार चाहता है बल्कि जहाँ व्यापार करना भी आसान हो: प्रधानमंत्री मोदी
भारत एक परिश्रमी युवा आबादी वाला देश है जिसमें भविष्य में विश्व को मानव बल उपलब्ध कराने की अपार क्षमता है: प्रधानमंत्री मोदी

देवियों एवं सज्जनों,

  1. मैं राजनीतिक एवं उद्योग जगत की हस्तियों की इतनी विशाल एवं प्रतिष्ठित सभा में यहां एक बार फिर आकर अत्यंत प्रसन्न हूं। इससे पहले आज मुझे राष्ट्रपति ओबामा से भेंट करने का अवसर मिला और हमने दोनों राष्ट्रों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। अमेरिका के साथ भारत के द्विपक्षीय रिश्ते पहले के मुकाबले अब और ज्यादा मजबूत हो गए हैं तथा हम दोनों ने इस पर सहमति जताई कि भविष्य और भी ज्यादा उज्ज्वल होगा।
  2. मैं ऐसे समय में आप से बात कर रहा हूं जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती का दौर बरकरार है। दुनिया के अनेक हिस्से अब भी अत्यंत कठिन हालात से जूझ रहे हैं। यह एक ऐसा समय है जब विश्व को विकास के नए इंजनों की जरूरत हैं। विश्व के सबसे प्राचीन लोकतंत्र के नजरिए से नए इंजन यदि लोकतांत्रिक इंजन हों, तो यह निश्चित तौर पर बेहतर होगा। मुझे आप सभी को यह सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आज भारत वैश्विक विकास के एक नए इंजन के रूप में योगदान करने को तैयार है।
  3. विश्व के लिए एक विशाल भारतीय अर्थव्यवस्था के अनेकानेक फायदे हैं। निश्चित तौर पर भारत एक विशाल एवं तेजी से बढ़ता बाजार है। हालांकि भारत एक बाजार के मुकाबले काफी कुछ है। भारत है
  • एक विश्वसनीय भागीदार
  • उच्च गुणवत्ता वाली वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग एवं प्रबंधकीय प्रतिभा का एक स्रोत
  • विकास से जुड़े विचारों एवं प्रयोगों का एक केन्द्र
  • उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान एवं विकास का एक सक्षम स्रोत
  • और एक ऐसा प्रमाण जो यह बताता है कि लोकतंत्र और तेज विकास का सह-अस्तित्व संभव है।
  1. भारत चूंकि विकास के एक नए युग में प्रवेश कर गया है, इसलिए उसे अमेरिका की उद्यमिता एवं नवाचार परम्परा से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। अमेरिका अब भी  इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक एवं तकनीकी नवाचार में अग्रणी है।
  • हवाई यातायात नियंत्रण से लेकर वायु की गुणवत्ता में बेहतरी तक
  • दवाओं से लेकर ड्रोन तक
  • हाइब्रिड कारों से लेकर हाइड्रो फ्रैकिंग तक

निश्चित तौर पर अमेरिका मेरे लिए सिर्फ एक महान अतीत वाला देश ही नहीं है, बल्कि यह रोमांचक भविष्य वाला देश भी है। इसलिए मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि हमारी भागीदारी से दोनों ही देश लाभान्वित होंगे।

  1. भारत-अमेरिका संबंध की एक बड़ी अनोखी खासियत भारतीय-अमेरिकी समुदाय द्वारा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में निभाई जाने वाली अहम भूमिका है। यह एक दुर्लभ बात है कि किसी देश के प्रवासी, जो किसी दूसरे देश में जाकर अप्रवासी बन जाते है और दोनों ही देशों में बेहद सम्मान एवं प्रसिद्धि पाते हैं। भारत-अमेरिकी समुदाय हमारे तेजी से  मजबूत होते आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों में एक प्रभावशाली जुड़ाव ताकत है।
  2. मैंने अपने कार्यकाल के दो साल हाल ही में पूरे किए हैं। जब मैंने वर्ष 2014 में आप को संबोधित किया था, तो उस समय सरकार की सत्ता संभाले हुए मुझे कुछ ही वक्त हुए थे। हमें एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण घरेलू एवं बाह्य परिदृश्य का सामना करना पड़ा। उस समय निवेशकों का भरोसा गिरकर काफी नीचे आ गया था। भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं। कारोबारी समुदाय जड़ता एवं ठहराव के माहौल से नाखुश था। पुरातन नीतियों एवं लालफीताशाही के कारण निराशा का माहौल था। दो वर्षों में ही हमने विषम परिस्थितियों से निजात पा ली है और आर्थिक मोर्चे पर प्रभावशाली प्रदर्शन किया है।
  3. मैं इस अवसर पर आपको अपनी नीतियों की मुख्य बातों से अवगत कराना चाहता हूं। मैं यह बात कई बार कह चुका हूं कि मेरा उद्देश्य बदलाव सुनिश्चित करने के लिए सुधार करना है। मेरे लिए सुधार असल में वे नीतियां हैं जो आम नागरिकों के जीवन में बदलाव लाते हैं। पिछले दो वर्षों में हमने सुधारों का एक व्यापक पैकेज पेश किया है, जो अपेक्षाकृत अधिक आर्थिक सुधारों से भी कही बढ़कर है। मैं इन्हें चार प्रकारों में वर्गीकृत कर सकता हूं।
  • पहला, एक मजबूत नींव डालने के लिए वृहद आर्थिक नीतियां
  • दूसरा, व्यापार व निवेश के जरिए विकास को नई गति प्रदान करने एवं रोजगार सृजन के साथ-साथ क्षमता एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए नीतियां
  • तीसरा, विकास से गरीबों एवं महिलाओं तथा किसानों सहित समाज के कमजोर तबकों को निश्चित रूप से लाभान्वित करने वाली नीतियां
  • चौथा, भ्रष्टाचार पर सामने से प्रहार

8.      सबसे पहले मैं वृहद अर्थव्यवस्था की चर्चा कर रहा हूं।

9.      हमारे द्वारा सत्ता संभाले जाने के बाद से ही महंगाई, राजकोषीय घाटा और भुगतान संतुलन संबंधी चालू खाते के घाटे सभी कम हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर जीडीपी वृद्धि दर, विदेशी मुद्रा भण्डार, शेयरों के भाव और निवेशक भरोसा सभी में वृद्धि दर्ज की गई है। यह सफलता सुविचारित नीतियों की एक श्रृंखला का परिणाम है। हमने महंगाई को लक्ष्य बनाते हुए एक मौद्रिक रूपरेखा तैयार की है और महंगाई को काबू रखने के लिए एक स्वतंत्र मौद्रिक नीति समिति बनाई है। हमने राजकोषीय मजबूती की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और अब तक पेश किए गए तीनों बजट में हमारे राजकोषीय घाटे में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। राजकोषीय घाटे में कमी करने के बावजूद हमने उत्पादक सार्वजनिक निवेश में काफी वृद्धि की है।

10.  यह दो तरीकों से संभव हो पाया है। पहला, हमने जीवाश्म ईंधनों पर कार्बन कर लगाया है। हमने डीजल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने का साहसिक कदम उठाया और इस तरह ऊर्जा सब्सिडी खत्म कर दी। इसके बाद हमने करों के जरिए इसे प्रतिस्थापित कर दिया। स्वच्छ पर्यावरण उपकर को आठ गुना बढ़ाकर प्रति टन 50 रुपये के बजाय प्रति टन 400 रुपये कर दिया गया है। विश्व स्तर पर कार्बन कर को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर केवल चर्चा भर ही रहीं। हमने वास्तव में इसे कर दिखाया। दूसरा, हमने अभिनव तरीकों और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर फालतू खर्च को काफी कम कर दिया है। ज्यादातर सब्सिडी को अब त्रुटिहीन बायोमीट्रिक पहचान की व्यवस्था के जरिए सीधे सही लाभार्थियों के बैंक खातों में डाला जा रहा है।

11.  अब मैं विकास और रोजगार को प्रोत्साहित करने वाली अपनी नीतियों की चर्चा करना चाहूंगा। यहां मौजूद लोग हमारे द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में शुरू किए गए व्यापक उदारीकरण से संभवत: अवगत हैं। हमने ज्यादातर क्षेत्रों में स्वत: अनुमोदन शुरू कर दिया है और रक्षा एवं रेलवे जैसे क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोल दिया है। काफी समय से लंबित बीमा कानून में सुधार सफलतापूर्वक पारित किया गया। अमेरिकी कंपनियों सहित कई बीमा कंपनियों ने बीमा क्षेत्र में अपने निवेश में पहले ही वृद्धि कर दी है। हमने कारोबार करने में और ज्यादा आसानी सुनिश्चित करने के लिए अनेक  अहम कदम उठाए हैं और हमने वैश्विक रैंकिंग में तेजी से ऊपर की ओर चढ़ना भी शुरू कर दिया है। हम उच्च गुणवत्ता वाली एवं सक्षम विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए विदेशी एवं घरेलू निवेशकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमने सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों और जलमार्गों में निवेश काफी बढ़ा दिया है, ताकि ढुलाई इत्यादि से जुड़े कार्य बेहतर ढंग से हो सकें। हमने कार्गो के प्रवेश एवं निकासी में लगने वाले समय को घटाने के लिए अपने बंदरगाहों में अनेक प्रक्रियागत सुधार किए हैं। हम अपने देश में स्टार्ट अप परितंत्र की सराहना करते हैं। हम इसकी पुनरावृत्ति के लिए शुरुआत कर रहे है। हमारे स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम से बड़ी संख्या में नए अन्वेषक कार्यरत हो गए हैं। वर्ष 2016 में बेंगलुरू नवाचार केन्द्रों का पांचवां सबसे पसंदीदा स्थल बन गया। वर्ष 2015 में इस शहर की गिनती शीर्ष 15 गंतव्यों में भी नहीं होती थी।

12.  हमारी अर्थव्यवस्था को कामयाब होने के लिए हमें एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली की जरूरत है। हमें विरासत में एक ऐसी प्रणाली मिली, जिसमें बैंकिंग निर्णयों और सार्वजनिक बैंकों में होने वाली नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद एवं भ्रष्टाचार का बोलबाला था। मैंने ही पहली बार बैंकरों के साथ किसी प्रधानमंत्री की रिट्रीट का आयोजन किया था। हमने प्रदर्शन के स्पष्ट पैमाने तय करने के साथ-साथ जवाबदेही तंत्र की स्थापना की है। हम पर्याप्त पूंजी सुनिश्चित करने के प्रति कटिबद्ध हैं। बैंकिंग निर्णयों में दखल समाप्त कर दिया गया है। बैंक बोर्ड ब्यूरो के तहत नियुक्तियों की एक नई प्रक्रिया शुरू हुई है। विश्वसनीय एवं सक्षम बैंकरों को बैंक प्रमुख नियुक्त किया गया है। 47 साल पहले हुए बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद पहली बार निजी क्षेत्र के प्रोफेशनल लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है।

13.  मैं अब उन नीतियों की चर्चा करूंगा जो यह सुनिश्चित करेंगी कि विकास समावेशी हो। हमने जन धन योजना के जरिए 200 मिलियन लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है। यह दुनिया के कई देशों की आबादी से भी अधिक है। अब ये मिलियन लोग हमारी बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा हैं और ब्याज दर जैसे शब्द उनके लिए मायने रखते हैं। इन लोगों से यह दिखा दिया है कि समाज के सबसे निचले तबके में रहने वाले व्यक्तियों में भी बड़ी ताकत है। आप मानें या न मानें, जन धन योजना के तहत खोले गए खातों में आज लगभग 6 अरब डॉलर का कुल बैलेंस है।

14.  जन धन योजना ने लोगों को इलेक्ट्रॉनिक भुगतान करने और पाने में भी सक्षम बना दिया है। हर जन धन खाताधारक एक डेबिट कार्ड पाने का हकदार है। भारत के बैंकों और डाकघरों को मोबाइल एटीएम संचालित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। मोबाइल एटीएम ऐसे एटीएम को कहते है जिसमें हाथ में पकड़े एक उपकरण की मदद से नकदी निकाली जा सकती है और सामान्य बैंकिंग कार्य बखूबी किए जा सकते हैं। 

15.  हमने नई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के जरिए एक सुरक्षा कवर मुहैया कराया है। हमने बगैर सब्सिडी, लेकिन कम लागत वाली तीन ऐसी नई योजनाएं शुरू की हैं, जो दुर्घटना बीमा, जीवन बीमा और पेंशन को कवर करती हैं। इनकी व्यापक कवरेज को ध्यान में रखते हुए बेहद कम प्रीमियम रखा गया है। अब इनके 120 मिलियन से भी ज्यादा ग्राहक हैं।

16.  हमने महिला-पुरुष न्याय और महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। हमने एक नया बचत कार्यक्रम शुरू किया है, ताकि विशेष ब्याज दर के जरिए बालिकाओं की शिक्षा के लिए भुगतान करने में मदद मिल सके। जलावन लकड़ी से खाना बनाने के कारण गांवों में रहने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को नुकसान से बचाने के लिए हम गरीब ग्रामीण क्षेत्रों में 50 मिलियन नए गैस कनेक्शन दे रहे हैं। हमारे नए स्व-रोजगार वित्त पोषण कार्यक्रम (मुद्रा) के तहत 70 फीसदी से भी ज्यादा लाभार्थी महिलाएं हैं। महिलाओं के नेतृत्व वाले 27 मिलियन से भी ज्यादा नए व्यवसायों की मदद की गई है। हमने रक्षा बलों में लड़ाकू भूमिका में महिलाओं को अनुमति देने के लिए अपनी नीतियों में परिवर्तन किया है। नए नियमों से कंपनियों के निदेशक मंडलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है।

17.  कृषि आज भी आजीविका देने के लिहाज से भारत का मुख्य स्तंभ है। किसानों को सब्सिडी वाले उर्वरक से वंचित कर रसायनों के उत्पादन के लिए इसका उपयोग करने की प्रवृत्ति देखी जा रही थी। इसका एक सरल किंतु अत्यंत कारगर समाधान उर्वरक की नीम-कोटिंग है, जिस वजह से इसका अन्यत्र उपयोग नहीं हो सकता। हमने यूरिया की सार्वभौमिक नीम-कोटिंग की दिशा में कदम बढ़ाया है। इससे अन्यत्र उपयोग की जाने वाली कृषि सब्सिडी के मद में करोड़ों रुपए की बचत पहले ही हो चुकी है। यह इस बात का उदाहरण है कि किस तरह से सामान्य सुधार भी बेहद कारगर साबित हो सकते हैं।

18.  हमने राष्ट्रीय स्तर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया है, जो हर किसान को उसकी मिट्टी की सेहत के बारे में बताता है। इससे किसान को सर्वोत्तम फसल और कच्चे माल की सही मात्रा एवं मिश्रण का चयन करने में मदद मिलती है। इससे कच्चे माल की बर्बादी रोकने में काफी मदद मिली है और इसके साथ ही मृदा का संरक्षण करने और फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद मिली है। अनावश्यक रासायनिक कच्चे माल में कमी होना उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिहाज से भी काफी अच्छा है। इससे लागत घटी है, पैदावार बढ़ी है, पर्यावरण बेहतर हुआ है और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य का संरक्षण हुआ है। 140 मिलियन मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे, जिनके लिए 25 मिलियन से भी ज्यादा मृदा नमूनों के संग्रह की जरूरत पड़ेगी और जिनका परीक्षण तकरीबन 1500 प्रयोगशालाओं के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क के जरिए किया जाएगा।

19.  यह मेरी एक ऐसी उपलब्धि है जिससे हमारे कटु आलोचक भी इनकार नहीं कर सकते हैं। यह भ्रष्टाचार के स्तर में आया बदलाव है। कई वर्षों से अर्थशास्त्री और अन्य विशेषज्ञ किसी भी विकासशील अर्थव्यवस्था के विकास में भ्रष्टाचार को एक मुख्य बाधा मानते रहे हैं। मैंने इस बात का उल्लेख पहले ही कर दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में क्या-क्या कदम उठाए गए है। हमने महत्वपूर्ण संसाधनों के आवंटन में विवेकाधिकार खत्म कर दिया है और खदानों, स्पेक्ट्रम एवं एफएम रेडियो लाइसेंसों की पारदर्शी नीलामी की दिशा में कदम बढ़ाया है तथा इसके साथ ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए लीकेज को खत्म किया है। हमने अपने कार्मिक प्रबंधन में संशोधन किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वरिष्ठ पदों पर केवल ईमानदार व्यक्ति ही रहें। हमने कर चोरी और काले धन के खिलाफ अभियान शुरू किया है। भ्रष्टाचार में कमी से गरीब ही सबसे ज्यादा लाभान्वित हो रहे हैं।

20.  भविष्य को देखते हुए मैं अब उस मार्ग का उल्लेख करना चाहूंगा, जिस पर हम आने वाले वर्षों में चलेंगे।

21.  पहला, हम अनुशासित और विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियां बनाने का क्रम आगे भी जारी रखेंगे। मेरा यह स्‍पष्‍ट मानना है कि मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी तत्‍व दीर्घकालिक सतत विकास के अनिवार्य आधार हैं।

22.  दूसरा, हम इसके साथ ही समावेश एवं समानता पर विशेष जोर देने का सिलसिला भी जारी रखेंगे। ऐसा करना इसलिए आवश्‍यक है ताकि विकास के लाभ केवल कुछ ही लोगों को या केवल कुछ अधिक लोगों को ही नहीं, बल्कि सभी भारतीयों को मिलें। इसका आशय यह भी होगा कि भ्रष्‍टाचार पर हमारी ओर से प्रहार आगे भी होता रहेगा।

23.  तीसरा, हम निवेश माहौल को बेहतर बनाने के साथ-साथ कारोबार में आसानी सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे। हम भारत को एक ऐसा गंतव्‍य बनाना चाहते हैं जो न केवल कारोबारियों का स्‍वागत करेगा, बल्कि यहां कारोबार करना भी आसान होगा।  हमने अपनी प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश नीतियों को काफी हद तक उदार बनाकर पहला लक्ष्‍य कमोबेश पा लिया है। हमने दूसरे उद्देश्‍य की पूर्ति के लिए अच्‍छी शुरुआत कर दी है और हम इस दिशा में आगे भी सुधार करते रहेंगे।

24.  हम मेक इन इंडिया अभियान को मजबूत बनाना जारी रखेंगे। यह केवल घरेलू बाजार के लिए विनिर्माण या आयात विकल्‍प के लिए लक्षित नहीं है। यह पूरी दुनिया के लिए विश्‍व स्‍तरीय उत्‍पादों के निर्माण एवं सेवाओं के लिए भी है। यही वजह है कि हमारे लिए मुक्‍त व्‍यापार की दिशा में बेहतरी करना महत्‍वपूर्ण है। हमारे लिए यह बेहद महत्‍वपूर्ण है कि विकसित देश अपने बाजार खोलें, न केवल भारत जैसे देशों से वस्‍तुओं के लिए बल्कि सेवाओं के लिए भी। मैं इसे अमेरिका एवं भारत दोनों के लिए ही लाभ की स्थिति मानता हूं। भारत एक युवा और कड़ी मेहनत करने वाली आबादी के साथ विश्‍व में भविष्‍य की एक मानव संसाधन महाशक्ति है। मेरी दृष्टि में, अमेरिका की पूंजी और अन्‍वेषण तथा भारतीय मानव संसाधन तथा उद्यमशीलता के बीच एक साझेदारी बेहद शक्तिशाली हो सकती है। मुझे भरोसा है कि ऐसी साझेदारी के जरिए हम दोनों अपनी अर्थव्‍यवस्‍थाओं को मजबूत बना सकते हैं।

25.  हम अपनी कर नीतियों को अधिक पूर्वानुमेय बनाना जारी रखेंगे। हमने अमरीका के साथ कई उन्‍नत मूल्‍य निर्धारण समझौतों पर हस्‍ताक्षर करने के द्वारा पुर्वानुमेयता की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं हम इसे और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ-साथ अमरीका की तरह हम कर वंचना और अनुचित कर वंचन पर सख्‍त कदम उठा रहे हैं।         

26.  हम रक्षा क्षेत्र को खोलने का क्रम जारी रखेंगे। मैं इस बात से अवगत हूं कि लाइसेंस से जुड़ी नीतियां कभी-कभी भारत के रक्षा क्षेत्र में निवेश की प्रक्रिया धीमी कर सकती हैं। हम रक्षा क्षेत्र के लिए कहीं ज्‍यादा सरल एवं कारगर परियोजना लाइसेंस अवधारणा की तलाश कर रहे हैं। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हम वेस्टिंगहाउस से 6 परमाणु रियक्‍टर खरीद रहे हैं जो हमारे नाभिकीय एवं वैज्ञानिक सहयोग में एक नये युग का सूत्रपात करेंगे। मुझे उस समय काफी प्रसन्‍नता हुई जब जीई हाल ही में उदार बने रेलवे क्षेत्र में व्‍यापक निवेश करने वाली पहली कंपनियों में से एक बन गई। यह कंपनी अपेक्षाकृत गरीब राज्‍य बिहार में एक रेल इंजन विनिर्माण संयंत्र स्‍थापित कर रही है। मैं इस तरह के कई और निवेश की उम्‍मीद कर रहा हूं।

27.  पावन नदी गंगा भारत के लिए विशेष महत्‍व रखती है। गंगा नदी को स्‍वच्‍छ बनाने के लिए शुरू किया गया नमामि गंगे कार्यक्रम तेज रफ्तार पकड़ने लगा है। आने वाले वर्षों में यह एक बड़ी प्राथमिकता होगी। यह परियोजना उन अमेरिकी कंपनियों के लिए व्‍यापक अवसरों की पेशकश करती है, जिन्‍हें पर्यावरण से जुड़ी इंजीनियरिंग, जल एवं सीवेज प्रशोधन इत्‍यादि में विशेषज्ञता हासिल है। यह परियोजना मेरी सरकार के लिए एक उच्‍च्‍प्राथमिकता है और गंगा नदी की प्राचीन महिमा बहाल करना हमारा लक्ष्‍य है।

28.  देवियों एवं सज्‍जनों, हमने बदल रहे भारत की दिशा में अपनी यात्रा शुरू कर दी है। विश्‍व की आबादी के छठे हिस्‍से को समाहित करने वाला भारत जब बदलेगा तो दुनिया भी बदल जायेगी। यह यात्रा लंबी होगी। हालांकि, हमने अब तक जो प्रगति की है उससे इस बात को लेकर मैं आश्‍वस्‍त हो गया हूं कि हम अपनी मंजिल तक पहुंच जायेंगे। इस यात्रा में हमारे साथ शामिल होने के लिए मैं आपको आमंत्रित करता हूं। यह एक ऐसी यात्रा है जो न केवल आपकी कंपनी की बैलेंस शीट को बेहतर बनाने, बल्कि एक बेहतर भारत बनाने, एक बेहतर अमेरिका बनाने और एक बेहतर विश्‍व बनाने का रोमांचक अवसर प्रदान करती है।

धन्‍यवाद।

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।