PM Modi : बिल आपका स्‍वागत है, और मुझे खुशी हुई। वैसे इस बार हमारे मिलने में शायद बहुत बड़ा गैप हो गया। जी-20 से पहले हमारी काफी बातें हुई थीं, और आपने देखा होगा कि जी-20 एक प्रकार से काफी दायें-बायें, दायें-बायें चल रहा था और पूरी तरह उस का जिस हेतु से जी-20 का जन्‍म हुआ, उस पर हम एक main stream में ले पाए हैं। और आप भी शायद अनुभव करते होंगे।

Bill Gates : G20 बहुत अधिक inclusive है और यह देखना वाकई शानदार है कि भारत द्वारा इसकी मेजबानी ने वास्तव में digital innovation जैसे विषयों को उठाया है और यह बताया है कि South-South collaboration सिर्फ North के साथ बातचीत से कहीं अधिक हो सकता है, यह वास्तव में स्वास्थ्य में सुधार लाने वाला एक सिस्टम बन सकता है। आप जानते हैं कि आपने भारत में जो पॉजिटिव रिजल्ट्स हासिल किए हैं, उससे हमारा फाउंडेशन इतना उत्साहित है कि हम इसे कई अन्य देशों में ले जाने की कोशिश में भागीदार बनेंगे।

PM Modi : आपकी बात सही है, जब मैं इंडोनेशिया में भी जी-20 में गया था तो दुनिया के सभी देशों की curiosity ये थी कि आपने ये digital revolution कैसे लाया है। तब मैं उनको समझाता था, एक तो मैंने इस टेक्‍नोलॉजी को democratize कर दिया है, ये‍ किसी की monopoly नहीं रहेगी। ये जनता का होगा, जनता के द्वारा होगा, और जनता में जो भी उभरती हुई टैलेंट इसमें value addition करेगी, वो करती चलेगी ताकि common man को भी technology पर विश्‍वास पैदा होना चाहिए। जैसे दस डॉक्‍टर होते हैं, वो एमएमबीएस होते हैं, लेकिन एक डॉक्‍टर के पास ज्‍यादा लोग जाते हैं क्‍योंकि उस पर भरोसा बन गया है।

Bill Gates : और यहां digital government की तरह, भारत न केवल टेक्नोलॉजी को अपना रहा है बल्कि वास्तव में इसका नेतृत्व भी कर रहा है। ऐसी कौन सी चीज़ें हैं जिनके बारे में आप उत्साहित हैं?
PM Modi : हेल्‍थ, एग्रीकल्‍चर एंड एजुकेशन। मैंने जो आरोग्‍य मंदिर बनाए, दो लाख आरोग्‍य मंदिर, आयुष्‍मान आरोग्‍य मंदिर, villages में। ये जो मेरे हेल्‍थ सेंटर हैं उनको मैं directly modern technology से best hospitals के साथ उनको जोड़ देता हूं। पहले शुरू में उनको लगता था कि डॉक्‍टर तो है नहीं, मुझे देखे बिना कैसे बताता है। लेकिन बाद में उनको समझ आया कि technological instrument और सैंकड़ों किलोमीटर दूर बैठा हुआ डॉक्‍टर भी उनको सही diagnosis कर रहा है, सही advise कर रहा है। तो लोगों का confidence बढ़ रहा है। जितना बड़े हॉस्पिटल में होता है, उतना ही छोटे आरोग्‍य मंदिर में हो रहा है। तो ये डिजिटल प्‍लेटफॉर्म का कमाल है। और दूसरी फिर एजुकेशन। मैं बच्‍चों को best education पहुंचाना चाहता हूं। टीचर की जो कमियां हैं, उसको मैं technology से भरना चाहता हूं। दूसरा बच्‍चे का interest, visual में है, story telling में हैं, तो उस प्रकार के content बनाना, उस दिशा में मैं काम रहा हूं। ताकि बच्‍चों को लगना चाहिए और मैंने कुछ सर्वे किया, मैंने देखा बच्‍चों को बड़ा मजा आ रहा है। मेरे यहां एग्रीकल्‍चर में भी मैं बहुत बड़ा revolution ला रहा हूं, और मैं mindset बदलना चाहता हूं।


Bill Gates : मुझे लगता है कि भारत जिन विषयों पर टेक्नोलॉजी ला रहा है उनमें से एक यह है कि यह हर किसी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए, वास्तव में उन लोगों को ऊपर उठाना चाहिए जिन्हें इसकी सबसे अधिक जरूरत है।
PM Modi : जब मैं दुनिया में digital divide की बात सुनता था, मैं कहता था मेरे देश में ऐसा कुछ नहीं होने दूंगा, कि digital divide हो। और डिजिटल public infrastructure ये अपने आप में बहुत बड़ी requirement है। आज मेरे यहां गांवों तक में ये digital facility पहुंचाना चाहता हूं। तो मुझे लगता है वो बहुत बडा टारगेट ग्रुप है। महिलाएं तुरंत नई चीजों को स्‍वीकार करती हैं, ये मेरा अनुभव है मेरे देश में। उनके अनुकूल कौन सी चीजें मैं टेक्‍नोलॉजी में ले जाऊंगा, तो एकदम से acceptable बनती हैं।मैंने एक कार्यक्रम लिया है- नमो ड्रोन दीदी। उसके पीछे मेरे दो लक्ष्‍य हैं, एक तो मैं भारत के गांवों में तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना चाहूंगा और भी एक गरीब परिवार से। तो मैं एक psychological चेंज करना चाहता हूं, ये छोटी-छोटी चीजें नहीं, बड़ी चीजें करनी है।

दूसरा, गांव में महिलाएं मतलब यही काम करेंगी- भैंस को चराएंगी, गाय को चराएंगी, दूध दोहेंगी, नहीं। मैं उसके हाथ में टेक्‍नोलॉजी देना चाहता हूं but psychological चेंज लाना चाहता हूं।

गांव के सब लोगों को लगना चाहिए कि ये हमारे गांव को बदल रही हैं। एग्रीकल्‍चर को मैं आधुनिक बनाना, वैज्ञानिक बनाना, ये जरूरत मैं देखता हूं। और उसी लिए मैंने ड्रोन दीदी का..और बहुत successful चल रहा है। मैं इन ड्रोन दीदी से इन दिनों बातें करता हूं। उनको इतनी खुशी है, वो कहती हैं हमको साइकिल चलाना नहीं आता था, आज हम पायलट बन गए, हम ड्रोन चला रहे हैं। सोचने का तरीका बदल गया है।

मैंने अफ्रीकन कंट्रीज के बहुत से लोगों के साथ बात की। मैंने उनको कहा कि मैं इसमें आपकी मदद करने को तैयार हूं क्‍योंकि ये सबको समान अवसर देता है। और democratise, ये उसका main point है, उसको नहीं छोड़ सकते आप। अब आपने देखा होगा कोविड में, दुनिया सर्टिफिकेट नहीं दे पा रही थी, मेरे यहां मुझे वैक्‍सीन लेना है तो मैं कोविन एप पर जा करके कितने distance पर मुझे मिलेगा, कौन सा time-slot मिलेगा, और मेरा सर्टिफिकेट भी मुझे within friction of seconds मिल जाता था। और कोविन मैंने open source कर दिया था, कोई भी उसका उपयोग कर सकता है। तो ये मेरा रहा है..उसके डिजिटल कारण बहुत लाभ हुआ है मेरे देश में।और शायद जो industrial revolutions हुए हैं, फर्स्‍ट, सैकंड, हम पीछे रह गए क्‍योंकि हम गुलाम थे। ये चौथा जो industrial revolution है, जिसमें digital element सबसे बड़ा है, और भारत इसमें बहुत कुछ प्राप्‍त कर लेगा, ऐसा मेरा विश्‍वास है।


Bill Gates : हां, मुझे लगता है कि मुख्य बात यह है कि digital infrastructure लगातार समृद्ध होता जा रहा है। आप जानते हैं कि बहुत से लोग identity system और digital payment systems के बारे में जानते हैं और सरकार ने लगभग सभी government payment programs को अब डिजिटाइजेशन में ले लिया है... इससे अकेले ही बहुत सारा पैसा बचाया गया और इसने अधिक equal basis पर पहुंच बनाई। लेकिन अब जब आप विभिन्न क्षेत्रों में जा रहे हैं, किसानों के लिए सलाह, उनकी भूमि का रजिस्ट्रेशन, बच्चों के लिए ट्यूशन और हेल्थ रिकॉर्ड, इन सभी को जोड़ना, यह एक तरह से दूसरा चरण है। और हम अभी तीसरे चरण की शुरुआत में हैं जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ये प्रगति शीर्ष पर आ जाएगी और वैल्यू को और भी बेहतर बना देगी।
PM Modi : आपने सही कहा, AI का महत्‍व बहुत है। और मैं तो कभी-कभी मजाक में कहता हूं, हमारे देश में मां को ‘’आई’’ बोलते हैं। माता को बहुत से राज्‍यों में भाषा बोलते हैं, ‘’आई’’। अब मैं कहता हूं हमारे यहां बच्‍चा पैदा होता है, ‘’आई’’ भी बोलता है, एआई भी बोलता है, वो इतना एडवांस हो गया है।अब देखिए, मैं कैसे उपयोग करता हूं- मैं आपको बताऊं, जिसको देखकर आपको भी खुशी होगी कि common man कैसे एआई का उपयोग कर सकता है।जैसे मैंने जी-20 में AI का बहुत उपयोग किया। मेरे पूरे जी20 का परिसर था उसमें पूरा का पूरा AI का उपयोग करके सारे interpreters की व्यवस्था मैंने AI से की। मैंने मेरे सभी drivers को मोबाइल फोन पर ऐप डाउनलोड करवा दिया।उसके साथ बैठे हुए गेस्‍ट, उनका करवा दिया। मान लीजिए वो फ्रेंच भाषा जानते हैं तो ड्राइवर के पास ऐप में फ्रेंच की व्यवस्था थी, वो ड्राइवर के साथ फ्रेंच में बोलते थे, ड्राइवर अपनी लैंग्वेज में सुनता था, ड्राइवर अपनी लैंगवेज में जवाब देता था कि यानि ड्राइवर के साथ कम्युनिकेशन किसी भी लैंगवेज में वो कर सकते थे।मैंने अभी एक प्रयोग किया, मैं काशी तमिल संगमम् में एक कार्यक्रम करता हूं तो काशी में तमिलनाडु के लोग आए हुए थे, तमिल भाषा में बोल नहीं सकता हूं तो मैंने AI का उपयोग किया मैंने हिंदी में बोला और सबने मेरा भाषण तमिल में सुना AI के द्वारा You see, I am using my Namo app और मैं AI का बड़ा उपयोग करता हूं और मेरे लिए पूरे देश में ये बहुत काम आता है, और ये मेरा फोटो बूथ है। अब आप, अपना फोटो, सेल्फी ले लीजिए इस पर, take the selfie........yes....wow....you can see.. Since last 20 years. मेरे साथ आपके जितने भी फोटो होंगे, जितने भी मेरे फोटो होंगे 20 साल की, सारे इस पर आ जाएंगे। कभी किसी और public function में, मान लीजिए आपका एक 1/10 पार्ट दिख रहा है तो वो फोटो में भी अगर मैं दिखता हूं, आपका 1/10 भी दिखता है, वो भी उसको recognise करके ले आता है। तो आज टेक्नोलॉजी का कैसे उपयोग हो सकता है, और मैं मानता हूं इस प्रकार के प्रयोग हमें value addition करते हैं। अब पहले क्या होता था मैं कही जाता था, कोई फोटो-फोटो मांगता था, देते थे। आज मैं कहता हूं तुम AI पर जाओ, मेरे नमो ऐप पर जाओ, फोटो बूथ में जाओ, खुद की सेल्फी ले लो, आपके साथ मेरा जितना भी फोटो होगा, एक कोने में भी आप खड़े होंगे तो भी मिल जाएगा। तो हमने थोड़ा रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों की मदद करने के लिए उपयोग करना चाहिए। तो मेरी कोशिश होती है कि पहले उसको कंफर्ट लेवल देना उसको लगना चाहिए हां यार ये तो मेरे काम का है। जब काम में होता है तो फिर उसको इनोवेशन करता है वो, वो नई चीजें जोड़ देता है।

Bill Gates: मुझे आपके विचार सुनना अच्छा लगेगा कि भारत AI को कैसे देखता है?
PM Modi : अगर हम AI को एक मैजिक के टूल के रूप में उपयोग करेंगे तो शायद बहुत बड़ा अन्याय हो जाएगा, या AI का उपयोग अपने आलसीपन को बचाने के लिए मैं करता हूं कि भई मुझे किसी को चिट्ठी लिखनी है, मैं ड्राफ्ट नहीं करूंगा मैं Chat GPT को कह दूंगा कि मेरी चिट्ठी ड्राफ्ट करके दे दो, तो ये गलत रास्ता है, मुझे तो Chat GPT के साथ कंपटीशन करना चाहिए, मैंने उसके साथ लड़ाई लड़नी चाहिए कि नहीं तुम ठीक नहीं कर रहे हो, तुम ये शब्द की जगह ये क्यों नहीं लाए। तो मैं AI से आगे जाने की कोशिश करू, अब जैसे हमारे यहां बहुत सारी languages हैं, बहुत सारी बोलियां हैं, मैं AI को कहता हूं आप इन बोलियों को पकड़िए। मेरे astronauts को इंट्रोडक्शन के लिए गया था, तो हमारे astronauts किस प्रकार से काम करने वाले हैं तो जो रोबोट्स से मैं बात कर रहा था, मैंने रोबोट से काफी बातें कीं और मैंने देखा कि मेरे और मैं अलग-अलग टोन में बोलता था, थोड़ा लहजा बदलके बोलता था और मैं देख रहा था कि वो मुझे proper respond कर रहा था। फिर मैंने उसका नाम बदलकर के पूछने की कोशिश की तो फिर उसने respond नहीं किया। तो मैंने कहा आपका AI मैंने 3 मिनट, 4 मिनट बात किया अभी तक वो मेरी आवाज को recognise नहीं कर पाया। जब तक मैं उसका नाम नहीं बोलता हूं वो मुझे respond नहीं कर रहा है, मैं वो चाहता हूं कि वो मेरी आवाज को सेंस करे और भले ही मैं उसका नाम न बोलू लेकिन वो मेरे से बात करे, तो उन्होंने कहा ठीक है, we will do this. तो मैं हर बार नई challenges देता रहता हूं।


Bill Gates : हां, AI अभी शुरुआती दौर में है। और मुझे लगता है कि हर कोई जो इसे पहली बार इस्तेमाल करता है वह आश्चर्यचकित है कि यह कितना अच्छा है और वह इसलिए भी आश्चर्यचकित है कि यह कितना खराब है। यह उन चीज़ों को करेगा जिन्हें आप कठिन समझते हैं और फिर यह कुछ चीज़ों को करने में विफल हो जाएगा जिन्हें आप आसान समझते हैं। आप जानते हैं कि मैंने अपनी यात्रा यहां हैदराबाद से शुरू की, जो एक अच्छा अवसर था, क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट देश में 25 साल पूरे होने को सेलिब्रेट कर रहा है और यह एक शानदार अनुभव रहा है। इसलिए मैं निश्चित रूप से वहां टीम को चुनौती दे रहा था। देखिए, हमें accuracy बेहतर बनानी होगी और copilot की तरह pronounce करना होगा। यह चीजों का सुझाव देने में मदद करता है लेकिन Medicine के बारे में final decision या आप जो पत्र लिखना चाहते हैं, उसके बारे में final decision की हमें अभी भी समीक्षा करनी होगी, भले ही यह हमें थोड़ा अधिक creative और थोड़ा अधिक productive बना सकता है। आप जानते हैं कि ऐसा लगता है कि AI एक बहुत बड़ी opportunity है लेकिन इसके साथ कुछ challenges भी आते हैं। आपको क्या लगता है कि भारत उस तक कैसे पहुंचेगा?
PM Modi : देखिए AI ने जो challenges खड़ी की हैं, वो मैंने देखा है की कितनी अच्छी चीज, अगर properly trained किए बिना किसी के हाथ में दे दी जाए तो वो misuse होने की संभावना ज्यादा है। अब मैंने AI से जुड़े सारे brains हैं उनसे भी बात की है। मैंने कहा शुरू में हमने कोई भी AI generated चीज है, तो उसपर आना चाहिए watermark कि ये AI generated है ताकि कोई misguide न हो। और ये बुरी चीज नहीं है simply AI generated तो मैं उसका value समझ लूंगा। डीपफेक, भारत जैसे democratic countries में, और इतनी विशाल country में, कोई एक डीपफेक में कुछ भी चीज ड़ाल दीजिए कि मेरे ही voice में कुछ ऐसी गंदी चीज डाल दे तो शुरू में तो लोग मान जाएंगे, फिर बहुत बड़ी आग लग जाएगी। तो ये जरूरी है कि डीपफेक AI generated और ये source है, ये आज शुरू के दिनों में आगे क्या होगा, जरूरत नहीं पड़ेगी शायद लेकिन ये हमने कुछ Do’s and Don’ts उस पर seriously सोचना पड़ेगा। उसी प्रकार से मैं AI से पहले काम वो लू, जिसकी मेरी महारथ हो, मेरी महारथ हो, मैं अब थक गया हूं, सो जाऊ वो कर लेगा तो वो ठीक नहीं है। जैसे हम कह देते है कि तुम 5 बजे उसको फोन लगा देना तो AI कर देगा, या मैं कह दूंगा कि मेरा वो गाना मुझे सुना दो, तो वो कर देगा। क्योंकि मुझे पता होना चाहिए ना कि भई इस समय मुझे किस गाने को सुनने की जरूरत है, मेरे लिए क्या requirement है। अगर मैं ये ना कर सकू तो मैं तो टूल का ही उपयोग करने के लिए खेल खेलता रहू। तो शायद मैं value addition नहीं कर पाऊंगा, टाइम पास कर लूंगा।


Bill Gates : AI वर्ल्ड में, डेटा बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन लोगों को प्राइवेसी को लेकर चिंताएं हैं। हम वहां संतुलन कैसे बनाएंगे?
PM Modi : डेटा एक बहुत बड़ा issue बना हुआ है, हमने उसकी security भी देखनी चाहिए। भारत में कानूनी व्यवस्था तो की है, लेकिन लोगों को भी aware करना पड़ेगा। अब जैसे मैंने आज हमारे देश में यूनिवर्सिटीज में सारे सर्टिफिकेट क्लाउड में रखवा देता हूं मैं ताकि खर्चा भी बचता है और जो भी requirement है मिल जाते हैं। मेरे यहां compliances की जरूरत होती थी, मैने कहा compliances की जरूरत नहीं है आप अपना डेटा एक क्लाउड पर डाल दीजिए, मुझे आपका ID दे दीजिए, मुझे जो जरूरत होगी मैं उसमें से लू लूंगा। तो मैं नागरिकों का ease of living के लिए टेक्नोलॉजी का बहुत उपयोग कर रहा हूं इन दिनों, services के लिए पहले करता था अब मैं ease of living के लिए कर रहा हूं।


Bill Gates : हां, डेटा निश्चित रूप से है, यह बहुत रोमांचक होने वाला है। हम privacy बनाए रखने में सक्षम होंगे और फिर भी डेटा से बहुत कुछ सीखेंगे। आप जानते हैं, आपको कौन सी फसल लगानी चाहिए? यदि हमें किसानों से उनके नाम के बिना सारा डेटा मिलता है, तो हम उनकी गोपनीयता पर हमला नहीं करते हैं बल्कि किसानों को बेहतर सलाह देते हैं। या यहां भारत में देखा गया है, आप जानते हैं, टॉप 10% टीचर्स बहुत अच्छे हैं और कह रहे हैं, ठीक है वे क्या कर रहे हैं और हम इसे अन्य लोगों तक कैसे फैला सकते हैं। या यहां तक कि अगर कुछ नए nutrition approach हैं, तो मुझे पता है कि कभी-कभी यह काम करता है और कभी-कभी नहीं, और इसलिए क्योंकि आपके पास मेडिकल रिकॉर्ड है, ट्रैक करने और कहने की क्षमता है, ठीक है यह बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है या यह नहीं है। आप जानते हैं कि individual privacy को खतरे में डाले बिना हम बहुत अधिक स्मार्ट हो सकते हैं।
PM Modi : मैं इसको दो तरह एक हमें कॉमन मैन को भी क्वालिटी डेटा के लिए train करना पड़ेगा। हमारे डेटा में क्वालिटी होनी चाहिए, clarity होनी चाहिए। दूसरा डेटा ऑनर को मालूम होना चाहिए कि जो मेरे से डेटा मांग रहा है वो किस काम के लिए मांग रहा है। दूसरा अगर वो उसके साथ एग्रीमेंट करके उसमे से कमाई करना चाहता है तो उसको allow करना चाहिए। कि भई और पहला उसकी priority research के लिए होनी चाहिए। रिसर्च के डेटा की वेल्यू ज्यादा न हो ताकि वर्ना रिसर्च बहुत महंगा हो जाएगा। और रिसर्च करने वाली इंस्टीटयूट ने भी उसको assurance देना चाहिए कि तेरे डेटा को मैं जो उपयोग कर रहा हूं। वो इसी काम के लिए होगा, ये global good के लिए है। common man के good के लिए है। तो मैं मानता हूं दुनिया में कोई भी व्यक्ति इन्कार नहीं करेगा।

Bill Gates : मुझे लगता है कि यह interesting है कि इनमें से कुछ डिजिटल सिस्टम middlemen से छुटकारा दिलाकर efficiency पैदा करते हैं और यह बहुत फायदेमंद है।
PM Modi : मैं तो कभी-कभी कहता हूं कि मैं ऐसी सरकार चलाना चाहता हूं, as far as मध्यमवर्गीय जो वर्ग है, उसकी जिंदगी से सरकार बाहर निकल जाए, उसकी जिंदगी में सरकार की कोई जरूरत ही न हो। जो गरीब है, जिसको सरकार की जरूरत है, वहां सरकार भरपूर हो, लेकिन जिसको कोई जरूरत नहीं बिना कारण सरकार जाकर के उसको ये लाओ, वो लाओ, ये करो, वो करो करती रहती है। तो वो बंद हो जाएगा, और इसलिए मेरी कोशिश यही है कि हमारा प्रयास यही रहेगा की हम इसको करें।


Bill Gates : 2015 में, हमने साथ मिलकर जो अद्भुत काम किए उनमें से एक यह था कि जब आप एक मिशन की शुरुआत के लिए पेरिस आए थे, तो वह शानदार था।
PM Modi : Climate के संबंध में हम दोनों के विचार एक ही प्रकार के हैं, और आपने बहुत सक्रियता से भूमिका भी अदा की। तो उस समय ओबामा, आप, मैं और फ्रांस के president हम मिले थे। और तब हम लोगों ने डिटेल में चर्चा की थी कि हम इसको way forward कैसे ले जाएं। लेकिन दूर्भाग्य से वो बात बहुत ज्यादा आगे चली नहीं। लेकिन जी-20 के बाद climate को लेकर के एक वातावरण बना है कि भई सब लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी अदा करेंगे। तो जो हमनें बीज बोए थे और जिसमे आपकी भी बहुत बड़ी भूमिका थी। वो अब कुछ वटवृक्ष के रूप में सामने आएगा ऐसा मुझे लग रहा है। मैं समझता हूं climate एक ऐसा विषय है। जरा खुले में जाकर के हम लोग बात करते हैं।


Bill Gates : यदि आप कभी यूनाइटेड स्टेट्स आएं तो मुझे खुशी होगी कि आप सिएटल आएं।
PM Modi : मुझे खुशी होगी, मुझे आने में खुशी होगी
यह ठीक है क्या?
Bill Gates : हां, यह शानदार है, मैं यहां पर हूं।

PM Modi : Climate को लेकर के हम बात कर रहे थे। भारत मुझे बहुत खुशी है कि हम renewable energy के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। solar energy, wind energy, हम काफी काम, हम nuclear के अंदर काफी तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं।उसी अच्छे प्रकार से green hydrogen को हम बहुत तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। मैं तमिलनाडु में था।तो हमने एक हाईड्रोजन से चलने वाली बोट मैंने वहां से रवाना की जो काशी में मेरे जो टूरिस्ट आते हैं उनके लिए ये environment friendly pollution free ये बोट काशी से अयोध्या के लिए चलाने के लिए मैंने सोचा है।ताकि क्लीन गंगा की मेरी जो movement है उसको भी बल मिलेगा। Environment conscious society के लिए भी वहां से एक messaging होता रहेगा।


Bill Gates : क्लाइमेट चेंज के संदर्भ में भारत का योगदान पर्यावरण के प्रति उसकी समृद्ध ऐतिहासिक चिंता है। आप इसे कैसे जोड़ते हैं?
PM Modi : हमारे यहां reuse, recycle ये हमारे नेचर में है। अब देखिए ये जो जैकेट है ये recycle material का है। लेकिन ये recycle material की विशेषता है। इसकी विशेषता यह है, जो टेलर के यहां कपड़े के टुकड़े निकालते हैं। ये सारा waste इकट्ठा किया हुआ है, फिर जो पुराने कपड़े हैं उसको भी इसमें लिया हुआ है और 30-40 पर्सेंट वेस्ट प्लास्टिक बॉटल को लिया हुआ है, और उन सबको recycle करके ये कपड़ा बना है


Bill Gates : हां, भारत और दुनिया दोनों में innovation आ रहा है। हमने जो लक्ष्य तय किए थे, आप जानते हैं, इसे 1.5 डिग्री से नीचे रखने के, उसे हम शायद हासिल नहीं कर पाएंगे। यहां तक कि 2 डिग्री हासिल करना भी इतना आसान नहीं होगा। जैसा कि पेरिस में हमने इस बात पर जोर दिया था, अब वक्त है innovation की जरूरत पर ध्यान देने का। आप जानते हैं, यदि ग्रीन अप्रोच को पुराने अप्रोच की तुलना में सस्ता या बेहद किफायती बनाया जा सकता है, तो इसे अपनाना बहुत अच्छा होगा। यदि यह अधिक महंगा है तो यह स्पष्ट नहीं है कि इसके लिए भुगतान करने को कौन तैयार होगा? क्या अमीर देशों को इसके लिए भुगतान करना चाहिए? भारत को slowdown के लिए कहना उचित नहीं है, पश्चिम के देशों के एमिशन के अनुभवों के बाद भी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि क्लाइमेट चेंज हो रहा है और तापमान बढ़ रहा है। इसलिये हमें कुछ adaptation करने होंगे, खासकर कृषि क्षेत्र में। जिसको ध्यान में रखते हुए किसानों को खेती के तरीकों में बदलाव करना होगा।
PM Modi : मुझे लगता है हमें 2 pronged strategy की तरफ जाना चाहिए। एक तो है innovation, और innovation में हमारी जो requirements हैं वो climate friendly कैसे हों, nature friendly कैसे हों, उस पर innovation हो। भारत ने अभी अपने इस बजट में एक लाख करोड़ रुपये का corpus fund बनाया है और young generation को हमने कहा है कि आप innovations के लिए आइए। 50 साल तक interest free लोन हम देंगे और आप innovation कीजिए। एक लाख करोड़ रुपये का मैंने जो upcoming technologies हैं futuristic technologies हैं उस पर आप रिचर्स करिए, innovation कीजिए, तो मैं एक तरफ उनको प्रोत्‍साहित कर रहा हूं।

लेकिन दूसरी एक बात है जिसको गंभीरता से लें, और वो है लाइफ स्‍टाइल और इसलिए मैंने मिशन लाइफ शुरू किया है और मैं जब लाइफ कहता हूं, तब लाइफ स्‍टाइल फॉर environment, क्‍योंकि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अगर हम climate friendly life स्‍वीकार नहीं करते तो नेचर हम जीवन नहीं जीते हैं। तो हम बाहरी कितने ही प्रयास हम क्‍यों न करें, हम नए-नए इनोवेशन करेंगे, नई-नई चीजें जोड़ते जाएंगे, हम अपनी जिंदगी को ऐसी कैसे बनाएं। अब हमारे यहां मुसीबत क्‍या है, हमारा प्रगति का …. क्‍या है तो भई कौन-सा देश कितना स्‍टील उपयोग करता है। कौन सा देश per capita कितना energy consume करता है, उसके आधार पर उस देश की इकोनॉमी बन जाती है। अगर ये पैरामीटर रहेंगे तो फिर वो electricity consume करने के लिए कोशिश करेगा। स्‍टील consumption की कोशिश करेगा। फिर कहीं स्‍टील उत्‍पादन के लिए लगेगा। तो स्‍टील उत्‍पादन में कार्बन का problem करेगा।मतलब हमें हमारे सोचने के तरीके को बदलना पड़ेगा। जब सोचने के हमारे पैरामीटर जिंदगी के हमारे पैरामीटर, प्रगति के पैरामीटर हमने climate friendly बनाए थे, आज हमारे प्रगति के सारे पैरामीटर anti-climate हैं। बिजली consumption के आधार पर प्रगति नापी जाती है। स्‍टील consumption के आधार पर प्रगति नापी जाती है।


Bill Gates : हां, मुझे ग्रीन GDP के बारे में आपकी चर्चाओं में दिलचस्पी है, मुझे अपनी सोच के बारे में बताएं।
PM Modi : मैं तो कहता हूं, दुनिया को ग्रीन जीडीपी के concept को डेवलप करना चाहिए कि भई तुम्‍हारी टोटल जीडीपी में ग्रीन जीडीपी कितनी है। टोटल रोजगार में ग्रीन रोजगार कितने हैं। हमें एक नया...आखिर terminology बदलनी चाहिए दुनिया की, तो मैं समझता हूं कि इस समस्‍या का समाधान हो सकता है। लेकिन अगर मैं कहूंगा , मैं तो जितना उपयोग करता हूं, करूंगा। मैं तो इतनी बिजली उपयोग करूंगा, मैं इतना पानी बरबाद करूंगा, मैं ये करूंगा।


Bill Gates : अब consumers को इसमें शामिल किया जा रहा है, जहां वे product पसंद करते हैं, जब वे कार खरीद रहे होते हैं तो वह clean product होता है, जब वे कोई उत्पाद खरीद रहे होते हैं। और अपने food consumption को बदलते हुए, आप जानते हैं, भले ही वे vegetarian बनने के लिए पूरी तरह से तैयार न हों, वे कम बीफ और अधिक चिकन या कम चिकन और अधिक मछली खा सकते हैं। आप जानते हैं कि वे काफी हद तक moderate हो सकते हैं और आप जानते हैं कि हम जानते हैं कि इसके कुछ health benefit भी हैं।
PM Modi : Not only that, मैं तो कहता हूं वेजिटेरियन में भी सोचने की improvement जरूरी है, वेजिटेरियन में जैसे मिलेट। मैं यूएन के साथ मिल करके 2023 को millet year मनाया। मिलेट का फायदा ये है कि एक तो बिल्‍कुल बंजर भूमि में मिलेट पैदा होता है। मिनिमम पानी चाहिए, कोई फर्टिलाइजर नहीं चाहिए और ये सबसे उत्‍तम प्रकार का फूड है, ये सुपर फूड है। अगर हम मिलेट को प्रमोट करते हैं तो वेजिटेरियन होने के बावजूद भी बहुत सी चीजे हैं जो ज्‍यादा नुकसान करने वाली हैं। उसमें भी अगर मिलेट par shift करते हैं तो बहुत फायदा हो सकता है।


Bill Gates : ओडिशा जाने पर मुझे पता चला कि millet वहां सदियों से लोकप्रिय रहा है, लेकिन फिर इसकी उपेक्षा हो गई। अब सरकार और foundation द्वारा साथ मिलकर इसे फिर से लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुझे कुछ दुकानों पर ले जाया गया जहां महिलाएं बहुत ही पौष्टिक और स्वादिष्ट millet के व्यंजन दिखा रहीं थीं। और वास्तव में millet का स्वाद मुझे अच्छा लगा। ये दुनिया के लिए एक अच्छा संदेश है।
PM Modi : मैं देख रहा हूं जी, मिलेट में इतना बढ़िया प्रोडक्‍शन आना शुरू हो गया। अच्‍छी-अच्‍छी कंपनियां मिलेट प्रॉडक्‍ट में आ गई हैं और एक प्रकार से उसका value addition हो गया है और कॉमन और फैशन हो गया है। हमारे यहां फाइव स्‍टार होटल में जाइए, तो मिलेट का मैन्‍यु अलग देते हैं। नॉर्मल वेजिटेरियन फूड का मैन्‍यु अलग देते हैं। और ज्‍यादातर लोग मिलेट मैन्‍यु...और उसके कारण मेरे छोटे किसान की इनकम भी बड़ी है और पानी की बहुत बचत हो रही है तो बहुत बड़ा फायदा होने लगा है।


Bill Gates : pandemic के दौरान, यह शानदार रहा कि vaccines invented हुए और भारत ने उनमें से बहुत सारे vaccines बनाए। दुख की बात है कि कई देशों में vaccination का डर और यहां तक कि vaccines के बारे में अफवाहें भी एक बड़ी समस्या बन गईं। जबकि भारत इस समस्या से लगभग अछूता रहा, इसलिए मुझे उत्सुकता है कि आपने communication को कैसे मैनेज किया और आपको क्यों लगता है कि यह यहां बेहतर हुआ?
PM Modi : बहुत ही बढ़िया सवाल आपने पूछा है| एक तो मैंने वायरस के खिलाफ ये लड़ाई जो है, ये हम सबकी है, ये लोगों को प्रशिक्षित करने पर बल दिया। ये Virus VS Government नहीं है। ये Life VS Virus की लड़ाई है, ये पहली मेरी फिलोस्‍फी थी। दूसरा, मैं Day one से Communicate करने लगा हूं सबसे, डायरेक्‍ट मेरे देश के लोगों से बात। खुद मैं खुद सारे protocol publicly follow करने लगा हूं। सब चीजें publicly मैं, उदाहरण के रूप में जाने लगा हूं लोगों के सामने। फिर मैंने कहा भई ताली बजाओ, थाली बजाओ, दीया जलाओ। हमारे देश में इसका बड़ा मजाक करने का प्रयास हुआ, लेकिन मुझे लोगों को विश्‍वास में लेना था, भई हमें ये लड़ाई साथ लड़नी है। जब ये विश्‍वास बन गया कि हमें अपनी जिंदगी बचानी है और ओरों की जिंदगी बचे, इसमें मदद करनी है तो एक प्रकार से mass movement बन गया। और उसके कारण मुझे बाद में जो भी चीज कहता था देशवासियों को, वो मुझे मदद करते थे, फिर मुझे वो Question नहीं करते थे कि मास्‍क लगाना चाहिए कि नहीं लगाना चाहिए। उनको लगता था, और लोग भी एक-दूसरे को कहते थे मास्‍क लगाओ। तो ये जनांदोलन बन गया and democratic way में डंडे से काम नहीं होता है।

आप लोगों को educate कीजिए, उनको convince कीजिए, और उनको साथ ले करके चलिए। ये मेरा बहुत बड़ा अभियान रहा और उसके कारण मुझे वैक्‍सीन में बहुत बड़ी सफलता..किसी ने मुझे रोका नहीं। आर्थिक रूप से मुझे बहुत बड़ा बोझ आया क्‍योंकि मुझे वैक्‍सीन बनाने में रिसर्च करनी थी। फिर विश्‍वास दिलाना था, यही वैक्‍सीन चलेगी तो मैं खुद सबसे पहले वैक्‍सीन लेने गया। और मेरी वो 95 age की मां थी उस समय। मेरी मां ने भी publicly वैक्‍सीन लिया। तो मैंने उदाहरण करके दिखाया तो लोगों को भरोसा हुआ कि भई ये जिंदगी बचा सकती है।

आने वाले दिनों में मैं सर्वाइकल कैंसर को लेकर, खास करके बच्चियों के लिए...मैं भारत में इस बार बजट में हमारे जो साइं‍टिस्‍ट हैं उनको बजट देना चाहता हूं। और मैं उनको कहना चाहता हूं कि इसमें भी आप लोकल रिसर्च कीजिए, वैक्‍सीन बनाइए। और बहुत ही कम पैसों में मैं मेरे देश की 13 से 20 साल की सभी बच्चियों का वैक्‍सीनेशन करूं और किसी भी बच्‍ची को कैंसर की संभावना ही न रहे, वो स्थिति पैदा करूं, उस दिशा में इन दिनों मैं काम कर रहा हूं। जब मेरी नई सरकार बनेगी तो मैं सबसे पहले उस दिशा में काफी पैसे रिसर्च में लगाना चाहता हूं ताकि मेरी बच्चियों की जिंदगी बचे।

मैं एक interesting बात बताना चाहता हूं, सरदार वल्लभ भाई पटेल 1930 के आसपास, अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, उस समय नगरपालिका होती थी, उसके मेयर थे और उस समय एक epidemic की स्थिति पैदा हुई, वैक्सीनेशन करवाना था, कुछ लोगों ने religious कारणों से, उस समय वैक्सीन लेने से मना कर दिया, resist किया। जब सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बड़ा कड़ाई की और compulsory किया की मुझे सारे की जिंदगी बचानी है, यानि ये resistance दुनिया के हर देश में सदियों से चला आ रहा है। लेकिन अगर उसको ओपन-अप करके हम करें तो शायद ठीक हो जाता है। तो मैंने सुना है कि आप Statue of Unity पर जा रहे हैं। आपने शायद उसके विषय में कुछ पढ़ा होगा, आपने जाने का कार्यक्रम बनाया है तो।

Bill Gates : मैं इसके लिए बहुत उत्सुक हूं। मैं समझता हूं कि यह काफी भव्य है, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी बहुत बड़ा है, इसलिए इसे देखना मजेदार होगा। और वहां के कुछ महिला समूहों से भी मिलना है। वहां घूमना और महिला स्वयंसेवी समूहों से मिलना वाकई शानदार होगा। यह जानना दिलचस्प होगा कि वे पर्यटन क्षेत्र से कैसे जुड़ी हैं और अपने काम को कैसे देखती हैं। आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद।
PM Modi : इसकी बड़ी interesting स्टोरी है, बैकग्राउंड इनफॉरमेशन मैं आपको देना चाहूंगा।सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशेषता ये रही थी भारत को एक करने में उन्होंने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी, यूनिटी में बहुत बड़ा रोल किया। तो मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था मैंने एक mass movement शुरू की, मैंने लोगों को अपील की, कि हर गांव से मुझे खेत में जो उपयोग किया है औजार उसका लोहे का टुकड़ा चाहिए, हर गांव से एक लोहे का टुकड़ा चाहिए और वो चाहिए क्या जिसका कभी ना कभी खेत में उपयोग किया है। तो हिन्दुस्तान के 6 लाख गांवों से मैंने किसानों से लोहे का टुकड़ा इकट्ठा किया, उसको melt किया और उसका मैंने स्टेचू में उपयोग किया है। दूसरा मैं हर गांव से मिट्टी लाया और मिट्टी का मैंने एक यूनिटी बॉल बनाया है। हिन्दुस्तान के 6 लाख गांव की मिट्टी उसमें है और मेरा उसके पीछे spirit है - यूनिटी का। हमने इतने बड़े देश की विविधताओं के बीच में एकता कैसे बनानी है, उसके लिए मैंने स्टेचू बनाया। और Statue of Liberty से ये डबल साइज का है, ये दुनिया का सबसे बड़ा, ऊंचा स्टेचू है। और कम से कम समय में बनाया


Bill Gates : मुझे आशा है कि उनके पास कंस्ट्रक्शन का एक वीडियो होगा क्योंकि हमेशा कार्यों की ज़रूरत होती है... आखिर इतनी बड़ी चीज़ को कैसे जोड़ा जाता होगा?
PM Modi : इसका पूरा एक मैंने किताब निकाला है Structural engineering का पूरा, फिर foundation stone से लेकर के अब तक टेक्नोलॉजी के लिए improvement कैसा हुआ, उसक डिटेल स्टोरी है, विडियाग्राफी भी है और बुक फॉर्म में भी है। मैं अपनी टीम को बताऊँगा, वो आपको मिले क्योंकि ये सच में और मैंने सभी engineering students को वहां specially ले जाता था कि वो ये Structural engineering का स्टडी करें, इतनी बड़ा काम कैसे हो रहा है और वो बहुत ही उनका interesting था वो। अभी मैंने गुजरात में हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा Sea Cable Bridge का उद्घाटन किया, हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा तो मैंने engineering students को कहा कि वहां जाइए इसका Structural engineering का स्टडी कीजिए। क्योंकि मैं हमेशा इन चीजों में चाहता हूं कि ये चीजें बनाकर के छोड़नी नहीं हैं, मैं उसमें institutionalize करना चाहता हूं, नई पीढ़ी को तैयार करना चाहता हूं।


Bill Gates : कैरियर के दौरान वाकई में टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से तरक्की कर गई है। आपकी तरह ही मैं भी अपने सफर में curious हूं। क्या आपने कभी PCs, फ़ोन या अलग-अलग तरह के software देखे हैं? कोई ऐसी चीज़ रही जिसने आपको अपनी ओर खींचा या आपका अनुभव कैसा रहा है?
PM Modi : एक तो मैं, मुझे पागलपन है टेक्नोंलॉजी का, खुद एक्सपर्ट नहीं हूं, मेरी curiosity रहती है, एक बालक की जैसे रहती है, वैसे रहती है। मुझे बहुत याद है, बहुत पहले मेरे पास एक गैजेट था, हाथ में रखने वाली छोटी सी डायरी थी, अच्छी थी लेकिन थोड़ा वेट था। मैं बहुत साल पहले USA गया था, तो जब USA गया तो मैं बड़े मॉल में जाता था लेकिन मैं टेक्नोलॉजी वाली दुकान पर जल्दी जाता था। तो मैंने उनको कहा भई ये इसका latest version कोई है क्या? तो वो देखता रह गया कि ये क्या है, बोले अभी हमारे देश में ये आया नहीं है तो ये भी नहीं आया तो अगला version कहां से आएगा। तो मैं इतना advance चीजों को ढूंढता रहता था, देखता रहता था।लेकिन मैं टेक्नोलॉजी का गुलाम नहीं हुआ हूं, मैं किसी से बंधा नहीं हूं, मैं पानी के प्रवाह की तरह नई-नई-नई-नई चीजों को खोजता रहता हूं, ढूंढता रहता हूं और कहीं पर भी मैं सुनता हूं, मैं ले आता हूं। और शायद मुझे जल्दी से भी करने का शोक है। उसको मैं जल्दी से जल्दी कैसे लाऊ, जल्दी से जल्दी कैसे करू। जैसे AI दुनिया की चर्चा करने लगी, तो मैं AI के पीछे मैं क्या कर सकता हूं। दूसरा मेरा ध्यान किसी चीज को देखता हूं उसका multiple utility क्या होती है तो मेरी सब faculty उस पर काम करना शुरू कर देती है। मैं कोई चीज देखता हूं तुरंत जो ये नहीं, ऐसा करो, ऐसा करो, ऐसा करो तो ये शायद मेरा God gifted नेचर है।

जो मैं समझता हूं हमारे जो दर्शक हैं उनको शायद कोई ऐसी चीजें सुनना बहुत अच्छा लगेगा। आपकी जिंदगी के विषय में जो सुना है कि भई एक गैरेज में आपने जिंदगी की शुरूआत की और वहां से यहां पहुंचे, उस जर्नी में सबसे संतोषजनक पल कौनसा आया होगा?


Bill Gates : मैं बहुत भाग्यशाली हूं, आप जानते हैं, मेरा जन्म उस समय हुआ था जब chip miracle हुआ था। मुझे बहुत अच्छी शिक्षा मिली। मैं एक तरह से आशावादी दृष्टिकोण रखता हूं और जोखिम लेने के लिए स्कूल छोड़ना भी मेरे लिए उतना खतरनाक नहीं था। हालाँकि मुझे यह कहना होगा कि सबसे रोमांचक बात वह है जब आप लोगों को technology का उपयोग करते हुए देखते हैं। आप जानते हैं कि जब आप classroom में जाते हैं और आप लोगों को इसका उपयोग करते हुए देखते हैं। एक निश्चित अर्थ में, मैं हमेशा अपनी जिज्ञासा से सॉफ्टवेयर चाहता था और मैं ऑनलाइन courses आदि ले सकता था। और यह देखने के लिए कि अन्य लोग, आप जानते हैं, यह न केवल उनके लिए काम करता है बल्कि यह उन्हें सशक्त बनाता है। यह संतुष्टिदायक रहा। हमारे पास अभी भी बहुत सारी सीमाएं हैं लेकिन उस घटना में माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के सभी कर्मचारियों के साथ एक milestone था... क्या अब यह एक सपना होगा कि प्रतिभाशाली लोगों का एक समूह इसे next level पर ले जाए।


PM Modi : कौन सी किताब होगी जिसने आपको बहुत प्रभावित किया होगा?
Bill Gates : स्टीवन पिंकर की किताब "द बेटर एंजल्स ऑफ अवर नेचर" शायद सबसे ज्यादा याद रखी जाने वाली है। दुनिया के बारे में जितना आप सीखते हैं, उतनी ही कमियां नजर आती हैं। बच्चे आज भी मर रहे हैं, दुनिया से जुड़ने पर सब कुछ निराशाजनक लग सकता है। लेकिन सच ये है कि हमने अविश्वसनीय प्रगति की है। पहले के मुकाबले अब ज़्यादा बच्चे ज़िंदा रह पा रहे हैं। इसलिए हमें इस बात से परेशान होना चाहिए कि चीज़ें अभी भी पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन साथ ही ये भी समझना चाहिए कि काफ़ी तरक्की हुई है। आप जानते हैं, अधिक बच्चे जीवित रह रहे हैं इसलिए हम दोनों को इस बात से परेशान होना होगा कि यह पर्याप्त नहीं है लेकिन हमें उस अविश्वसनीय प्रगति को भी समझना होगा। और इसलिए मैंने सोचा कि वह किताब वास्तव में उस द्वंद्व को शानदार, शानदार तरीके से दर्शाती है।


Bill Gates : एक सवाल जो मैं हमेशा आपसे पूछना चाहता था, वह यह है कि आप अब तक के सबसे मेहनती लोगों में से एक हैं, लेकिन मैं बस उत्सुक हूं- जब आप आराम करना चाहते हैं, तो क्या आपके पास कोई खेल या कुछ ऐसा है जो आपको समय गुजारने में मदद करता है?
PM Modi : मेरे यहां relaxation auto pilot है। और वो मेरी जिंदगी को मिली हुई एक spiritual प्रसादी है मेरे गुरूजनों से! जो मुझे बहुत बड़ी ऊर्जा देती है। काम ज्यादा कर सकता हूं, करता हूं वो मेरा कोई physical energy के कारण है ऐसा मुझे नहीं लगता है, मेरे commitment के कारण है। मेरे मन में हमेशा एक emotional attachment है। कि जो मिशन मेरे सामने है मैं उसको जीता हूं। मैं मिशन के लिए जुड़ जाता हूं जो इसलिए मुझे और कुछ दिखता नहीं है। तो एक तो ये वो कारण है। दूसरा मेरा शरीर का training ऐसा हो गया है। I can say body training. जैसे मेरी बहुत कम नींद है। मैं late night तक काम कर सकता हूं। मैं आज भी बहुत जल्दी उठ जाता हूं और में हमेशा fresh रहता हूं। और ये कारण था मेरा जब एक कालखंड था जब मेरा हिमालयन लाइफ था। तो उसमें एक हमारी परंपरा रहती थी। ..... परंपरा में, ब्रह्ममूर्त में स्नान करना। तो करीब वो 3:20 - 3:40 के बीच में होता है सुबह, मार्निंग में। तो मैं उन चीजों से बड़ा आदि बना हुआ था, तो मेरा बॉडी एक प्रकार से train हो चुका है। और इसलिए मुझे relax करने के लिए कुछ extra किसी चीज की जरूरत नहीं पड़ती और उसके कारण एक कमी भी है कि मैं कोई extra activity जानता भी नहीं हूं। क्योंकि मैं इसी में लगा रहता हूं, अपने काम में नया नया करता रहता हूं। तो ये एक अच्छाई भी है कमी भी है।


Bill Gates : हमने मिलकर काम करते हुए शानदार साझेदारी की है। मुझे इस दिशा में और भी अधिक काम करने के कई अवसर दिख रहे हैं। तो फिर से बात करने के लिए उत्सुक रहें, या तो मैं अगली बार यहां आऊं या उम्मीद है कि मैं आपसे कभी सिएटल में मिलूंगा!
PM Modi : मुझे बहुत अच्छा लगा और कई विषयों पर ऐसे गप्पे मारने का मौका मिला। वैसे भी जब भी मैं आपके साथ मिला हूं। मैंने आपका काफी समय भी लिया है हमेशा। क्योंकि आप पूरी दुनिया घुमते हैं आपके मन में गरीबों के लिए कुछ करना, nutrition में कुछ करना, Education में कुछ करना, Health में करना। ये मैंने feel किया है कि आप मन से committed हैं। तो मुझे हमेशा लगता है कि आपके पास नए विचार होते हैं, और आज भी आप नए विचारों के लिए उत्साहित होते हैं। आप आराम से जिंदगी गुजारना नहीं चाहते हैं। तो इसलिए मुझे हमेशा आपके साथ बात करना अच्छा लगा है। और मुझे हमेशा कुछ न कुछ जानने को मिला है, सीखने को मिला है और मैं सोच भी नहीं सकता हूं कि आपका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। मैं पूरी तरह राजनीति में डूबा हुआ व्यक्ति हूं। लेकिन हमारे बीच में ऐसी विवलेंथ है कि हम दोनों साल में 4-6 बार नहीं मिलते तो कमी महसूस होती है। लेकिन आज आए आपने समय निकाला मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं आपका बहुत आभारी हूं। Thank you


Bill Gates : ये कुछ nutrition books हैं, आखिरकार हम nutrition पर आगे बढ़ रहे हैं।
PM Modi : Thank you

PM Modi: मैं गया था तमिलनाडु में तूतूकुड़ी और वहां पर ये मोती बनाते हैं और एक प्रकार से Pearl city के रूप में जाना जाता है। बहुत बड़ा काम वहां के फिशरमैंन करते हैं ये। मैं गया था तो मैंने सोचा आज आपको ये दिखाऊंगा भी और आपके लिए ले जाऊंगा।
Bill Gates : Very generous. Thank you so much


PM Modi : भारत में वैसे टेराकोट्टा बहुत पुरानी परंपरा है लेकिन ये तमिलनाड़ का आर्ट है। ये बहुत popular होता है, मंदिरों में रहता है, घरों में भी रहता है। पूजा के लिए भी विशेष प्रकार की चीजें बनाते हैं वहां। ये है पश्मिना क्राफ्ट है।और ये हमारे यहां बहुत ही popular है कश्मीर में। ये केसर है और ये भी कश्मीर का है। सारा किसानों का ये पूरा value addition होता है। और बहुत globally export होता है ये। और हमारे यहां वोकल फॉर लोकल का मेरा एक movement चल रहा है। और दूसरा मेरा एक one district, one product, इसको मैं बहुत प्रमोट कर रहा हूं। मैं कहीं भी विदेश जाता हूं मेहमानों को कुछ देना है तो किसी डिस्ट्रिक्ट के लेकर के उस डिस्ट्रिक्ट को लोग बहुत proud feel करते हैं। यह दार्जिलिंग चाय है। ये नीलगिरी से आई है और मैंने देखा आपने में चाय पर चर्चा की।
Bill Gates : बहुत अच्छा लगा।

PM Modi : और ये सारी one district, one product में बहुत ही popular हो रहा है आजकल। तो मैं चाहूंगा ये सब आपको मेरी यादें आपके साथ रहें।
Bill Gates : Yes, you are very generous. यह मुझे हमारे साथ बिताए समय की याद दिलाएगा।

PM Modi : Thank you
Bill Gates : Thank you

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PM chairs Fifth National Conference of Chief Secretaries in Delhi
December 28, 2025
Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence in governance, delivery and manufacturing: PM
PM says India has boarded the ‘Reform Express’, powered by the strength of its youth
PM highlights that India's demographic advantage can significantly accelerate the journey towards Viksit Bharat
‘Made in India’ must become a symbol of global excellence and competitiveness: PM
PM emphasises the need to strengthen Aatmanirbharta and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect’
PM suggests identifying 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience
PM urges every State must to give top priority to soon to be launched National Manufacturing Mission
PM calls upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and make India a Global Services Giant
PM emphasises on shifting to high value agriculture to make India the food basket of the world
PM directs States to prepare roadmap for creating a global level tourism destination

Prime Minister Narendra Modi addressed the 5th National Conference of Chief Secretaries in Delhi, earlier today. The three-day Conference was held in Pusa, Delhi from 26 to 28 December, 2025.

Prime Minister observed that this conference marks another decisive step in strengthening the spirit of cooperative federalism and deepening Centre-State partnership to achieve the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised that Human Capital comprising knowledge, skills, health and capabilities is the fundamental driver of economic growth and social progress and must be developed through a coordinated Whole-of-Government approach.

The Conference included discussions around the overarching theme of ‘Human Capital for Viksit Bharat’. Highlighting India's demographic advantage, the Prime Minister stated that nearly 70 percent of the population is in the working-age group, creating a unique historical opportunity which, when combined with economic progress, can significantly accelerate India's journey towards Viksit Bharat.

Prime Minister said that India has boarded the “Reform Express”, driven primarily by the strength of its young population, and empowering this demographic remains the government’s key priority. Prime Minister noted that the Conference is being held at a time when the country is witnessing next-generation reforms and moving steadily towards becoming a major global economic power.

He further observed that Viksit Bharat is synonymous with quality and excellence and urged all stakeholders to move beyond average outcomes. Emphasising quality in governance, service delivery and manufacturing, the Prime Minister stated that the label "Made in India' must become a symbol of excellence and global competitiveness.

Prime Minister emphasised the need to strengthen Aatmanirbharta, stating that India must pursue self-reliance with zero defect in products and minimal environmental impact, making the label 'Made in India' synonymous with quality and strengthen our commitment to 'Zero Effect, Zero Defect.’ He urged the Centre and States to jointly identify 100 products for domestic manufacturing to reduce import dependence and strengthen economic resilience in line with the vision of Viksit Bharat.

Prime Minister emphasised the need to map skill demand at the State and global levels to better design skill development strategies. In higher education too, he suggested that there is a need for academia and industry to work together to create high quality talent.

For livelihoods of youth, Prime Minister observed that tourism can play a huge role. He highlighted that India has a rich heritage and history with a potential to be among the top global tourist destinations. He urged the States to prepare a roadmap for creating at least one global level tourist destination and nourishing an entire tourist ecosystem.

PM Modi said that it is important to align the Indian national sports calendar with the global sports calendar. India is working to host the 2036 Olympics. India needs to prepare infrastructure and sports ecosystem at par with global standards. He observed that young kids should be identified, nurtured and trained to compete at that time. He urged the States that the next 10 years must be invested in them, only then will India get desired results in such sports events. Organising and promoting sports events and tournaments at local and district level and keeping data of players will create a vibrant sports environment.

PM Modi said that soon India would be launching the National Manufacturing Mission (NMM). Every State must give this top priority and create infrastructure to attract global companies. He further said that it included Ease of Doing Business, especially with respect to land, utilities and social infrastructure. He also called upon states to encourage manufacturing, boost ‘Ease of Doing Business’ and strengthen the services sector. In the services sector, PM Modi said that there should be greater emphasis on other areas like Healthcare, education, transport, tourism, professional services, AI, etc. to make India a Global Services Giant.

Prime Minister also emphasized that as India aspires to be the food basket of the world, we need to shift to high value agriculture, dairy, fisheries, with a focus on exports. He pointed out that the PM Dhan Dhanya Scheme has identified 100 districts with lower productivity. Similarly, in learning outcomes States must identify the lowest 100 districts and must work on addressing the issues around the low indicators.

PM also urged the States to use Gyan Bharatam Mission for digitization of manuscripts. He said that States may start a Abhiyan to digitize such manuscripts available in States. Once these manuscripts are digitized, Al can be used for synthesizing the wisdom and knowledge available.

Prime Minister noted that the Conference reflects India’s tradition of collective thinking and constructive policy dialogue, and that the Chief Secretaries Conference, institutionalised by the Government of India, has become an effective platform for collective deliberation.

Prime Minister emphasised that States should work in tandem with the discussions and decisions emerging from both the Chief Secretaries and the DGPs Conferences to strengthen governance and implementation.

Prime Minister suggested that similar conferences could be replicated at the departmental level to promote a national perspective among officers and improve governance outcomes in pursuit of Viksit Bharat.

Prime Minister also said that all States and UTs must prepare capacity building plan along with the Capacity Building Commission. He said that use of Al in governance and awareness on cyber security is need of the hour. States and Centre have to put emphasis on cyber security for the security of every citizen.

Prime Minister said that the technology can provide secure and stable solutions through our entire life cycle. There is a need to utilise technology to bring about quality in governance.

In the conclusion, Prime Minister said that every State must create 10-year actionable plans based on the discussions of this Conference with 1, 2, 5 and 10 year target timelines wherein technology can be utilised for regular monitoring.

The three-day Conference emphasised on special themes which included Early Childhood Education; Schooling; Skilling; Higher Education; and Sports and Extracurricular Activities recognising their role in building a resilient, inclusive and future-ready workforce.

Discussion during the Conference

The discussions during the Conference reflected the spirit of Team India, where the Centre and States came together with a shared commitment to transform ideas into action. The deliberations emphasised the importance of ensuring time-bound implementation of agreed outcomes so that the vision of Viksit Bharat translates into tangible improvements in citizens’ lives. The sessions provided a comprehensive assessment of the current situation, key challenges and possible solutions across priority areas related to human capital development.

The Conference also facilitated focused deliberations over meals on Heritage & Manuscript Preservation and Digitisation; and Ayush for All with emphasis on integrating knowledge in primary healthcare delivery.

The deliberations also emphasised the importance of effective delivery, citizen-centric governance and outcome-oriented implementation to ensure that development initiatives translate into measurable on-ground impact. The discussions highlighted the need to strengthen institutional capacity, improve inter-departmental coordination and adopt data-driven monitoring frameworks to enhance service delivery. Focus was placed on simplifying processes, leveraging technology and ensuring last-mile reach so that benefits of development reach every citizen in a timely, transparent and inclusive manner, in alignment with the vision of Viksit Bharat.

The Conference featured a series of special sessions that enabled focused deliberations on cross-cutting and emerging priorities. These sessions examined policy pathways and best practices on Deregulation in States, Technology in Governance: Opportunities, Risks & Mitigation; AgriStack for Smart Supply Chain & Market Linkages; One State, One World Class Tourist Destination; Aatmanirbhar Bharat & Swadeshi; and Plans for a post-Left Wing Extremism future. The discussions highlighted the importance of cooperative federalism, replication of successful State-level initiatives and time-bound implementation to translate deliberations into measurable outcomes.

The Conference was attended by Chief Secretaries, senior officials of all States/Union Territories, domain experts and senior officers in the centre.