वीर भोग्य वसुंधरा, यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं, ये धरती वीर भोग्या है, इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है, ये सामर्थ्य और संकल्प में आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं: प्रधानमंत्री मोदी
आप उसी धरती के वीर हैं जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है, हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, वहीं सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं: पीएम मोदी
14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है, दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है, आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है, भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय जवानों के साथ बातचीत करने के लिए लद्दाख में निमू की यात्रा की। लद्दाख में निमू वो जगह है जो ज़ांस्कर पहाड़ियों से घिरा हुआ है और यह सिंधु नदी के तट पर स्थित है। प्रधानमंत्री ने वहां भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और बाद में थल सेना,वायु सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत की।

जवानों के पराक्रम को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका साहस और भारत माता के प्रति समर्पण अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक शांति से अपना जीवन जी सकते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हमारे सशस्त्र बल राष्ट्र की रक्षा के लिए मजबूती से तैनात हैं।

उन्होंने कहा कि हाल के सप्ताहों में हमारे सशस्त्र बलों ने जो अनुकरणीय बहादुरी दिखाई है, उससे दुनिया ने हमारी ताकत को समझा है।

गलवान घाटी में जवानों के बलिदान का स्मरण

प्रधानमंत्री ने भारत माता के उन सभी गौरवान्वित सुपुत्रों को याद किया जिन्होंने गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि जो जवान शहीद हुए हैं वे पूरे भारत से संबंध रखते थे और भारत भूमि की बहादुरी के प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे लेह-लद्दाख,कारगिल या सियाचिन ग्लेशियर हो,चाहे ऊंचे पहाड़ हों या नदियों में बहने वाला बर्फीला ठंडा पानी,ये सब भारत के सशस्त्र बलों की वीरता के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि भारत के दुश्मनों ने हमारी सेना की शक्ति और उसकी प्रचंडता देखी है।

प्रधानमंत्री ने दो माताओं- भारत माता और भारत के उन सभी बहादुर सैनिकों और सुरक्षा बलों के जवानों की माताओं को सम्मान अर्पित किया जो अद्वितीय परिश्रम के साथ देश की सेवा में जुटे हैं।

शांति के लिए हमारी प्रतिबद्धता हमारी कमजोरी नहीं है

प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताते हुए कहा कि शांति,मित्रता और साहस के गुण किस तरह प्राचीन काल से भारत की संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने यह भी याद दिलायाकि भारत ने हमेशा ही उन लोगों को करारा जवाब दिया है जिन्होंने शांति और प्रगति के मौजूदा माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि भारत शांति और मित्रता के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन, शांति के लिए इस प्रतिबद्धता को भारत की कमजोरी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत आजऔर मजबूत हो रहा है,चाहे वह नौसेना की ताकत हो,वायु सेना की शक्ति हो, या अंतरिक्ष शक्ति हो, सभी बढ़ रही हैं। हमारी सेना की ताकतभी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हथियारों के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास ने हमारी रक्षा क्षमताओं को कई गुना बढ़ा दिया है।

प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि भारतीय सैनिकों का वैश्विक सैन्य अभियानों में बहादुरी और क्षमता का एक लंबा इतिहास रहा हैजिसमें दो विश्व युद्ध भी शामिल हैं।

विकास का युग

प्रधानमंत्री ने कहा कि विस्तारवाद का समय समाप्त हो चुका है और यह विकास का युग है। उन्होंने याद करते हुए कहा कि यह विस्तारवाद की मानसिकता है जिसने बहुत नुकसान किया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों मेंभारत की सेनाओं की बेहतरी और भारत की सुरक्षा तैयारियों को आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसमें आधुनिक हथियारों की उपलब्धता सुनिश्चित करना,सीमावर्ती बुनियादी ढांचे में वृद्धि,सीमा क्षेत्र के विकास और सड़कों का विस्तार करना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च को तीन गुना बढ़ा दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और हमारे सशस्त्र बलों की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए जा रहे प्रयासोंका भी उल्लेख किया।उन्होंने सीडीएस के गठन, दिल्ली में भव्य राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण,दशकों बाद ओआरओपी की मांग को पूरा करने और सशस्त्र बल के जवानों के परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम जैसे सरकार की हालिया पहलों पर भी प्रकाश डाला।

लद्दाख की संस्कृति को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरानलद्दाख की संस्कृति की महानता के साथ ही कुशोक बकुला रिम्पोछे के महान उपदेशों को भी याद किया। उन्होंने लद्दाख को बलिदान की भूमि बताई और कहा कि लद्दाख ने देश को कई देशभक्त दिए हैं।

प्रधानमंत्री ने दृढतापूर्वक कहा कि भारत के लोग गौतम बुद्ध की शिक्षाओं से प्रेरित हैंजिनके लिए आस्था और करुणा के साथ बहादुरी जुड़ा था।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
Women, youth, minorities, farmers: Focus of first 100 days of Modi 3.0

Media Coverage

Women, youth, minorities, farmers: Focus of first 100 days of Modi 3.0
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं
September 17, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने निर्माण और सृजन से जुड़े सभी कुशल एवं परिश्रमी शिल्पकारों तथा रचनाकारों को नमन भी किया। श्री मोदी ने विश्वास जताया कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में उनका योगदान अप्रतिम रहेगा।

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा;

“सभी देशवासियों को भगवान विश्वकर्मा जयंती की अनेकानेक शुभकामनाएं। इस अवसर पर निर्माण और सृजन से जुड़े अपने सभी हुनरमंद एवं परिश्रमी साथियों को मेरा विशेष नमन। मुझे विश्वास है कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में आपका अप्रतिम योगदान रहने वाला है।”