प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी 7 फरवरी, 2020 को बोडो समझौते पर हस्‍ताक्षर होने के उपलक्ष्‍य में आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए कोकराझार, असम जाएंगे।

कार्यक्रम में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीएडी) जिलों के 4 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्‍मीद है। असम सरकार, राज्‍य की विभिन्‍नता पर आधारित सांस्‍कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करेगी। स्‍थानीय समुदाय इस कार्यक्रम में प्रस्‍तुतियां देंगे।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जनवरी में हुए ऐतिहासिक बोडो समझौते के बारे में जनसमुदाय को संबोधित करेंगे। प्रमुख हितधारकों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

समझौते पर 27 जनवरी, 2020 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर किए गए थे।

श्री नरेन्‍द्र मोदी ने ट्वीट में इस दिन को भारत के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण दिवस कहा था। ट्वीट में आगे कहा गया था कि यह समझौता बोडो लोगों के जीवन में बदलाव लाएगा और शांति, सदभावना और मिलजुलकर रहने के एक नई सुबह की शुरूआत होगी।

यह समझौता प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास विजन और पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता के अनुरूप है। इससे 5 दशक पुरानी बोडो समस्‍या का समाधान हुआ है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘बोडो समझौता कई कारणों से अलग है। जो लोग पहले हथियार के साथ प्रतिरोधी समूहों से जुड़े हुए थे वे अब मुख्‍य धारा में प्रवेश करेंगे और हमारे राष्‍ट्र की प्रगति में योगदान देंगे।

एनडीएफबी के विभिन्‍न गुटों के 1615 कैडरों ने आत्‍मसमर्पण किया है और ये लोग समझौते पर हस्‍ताक्षर होने के दो दिनों के अंदर मुख्‍यधारा में शामिल हो गए हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि बोडो समूहों के साथ समझौता बोडो लोगों की अनूठी संस्‍कृति को संरक्षित करेगा और लोकप्रिय बनाएगा। लोगों को विकास आधारित कार्यक्रमों त‍क पहुंच प्राप्‍त होगी। हम उन सभी चीजों को करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे बोडो लोगों को अपनी आकांक्षा पूरी करने में मदद मिलती हो।

क्षेत्र के विकास के लिए 1500 करोड़ रूपये के विशेष पैकेज को अंतिम रूप दिया गया है।

हाल ही में भारत सरकार और मिजोरम एवं त्रिपुरा सरकारों के बीच ब्रू-रियांग समझौता हुआ था। इससे 35,000 ब्रू-रियांग शरणार्थियों को राहत मिली। त्रिपुरा में एनएलएफटी के 85 कैडरों ने आत्‍मसमर्पण किया। यह पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में विकास और शांति के प्र‍ति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गणतंत्र दिवस पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने हिंसा के मार्ग पर चलने वाले सभी लोगों को आत्‍मसमर्पण करने और मुख्‍यधारा में शामिल होने का आह्वान किया था।

उन्‍होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर मैं देश के किसी भी हिस्‍से के उन लोगों से अपील करता हूं कि वे मुख्‍यधारा में वापस आ जाएं जो हिंसा और हथियारों के माध्‍यम से समस्‍या का समाधान चाहते हैं। उन्‍हें अपनी क्षमताओं के साथ-साथ देश की क्षमता पर भी भरोसा होना चाहिए कि शांतिपूर्ण माहौल में समस्‍याओं का समाधान किया जा सकता है।

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झारखंड की प्रगति के लिए केंद्र ने निवेश बढ़ाया और विकास कार्यों की रफ्तार तेज की: टाटानगर में पीएम मोदी
September 15, 2024
Flags off Six Vande Bharat trains enhancing connectivity
Distributes sanction letters to 32,000 Pradhan Mantri Awas Yojana-Gramin (PMAY-G) beneficiaries and releases first installment of assistance of Rs 32 crore
Participates in Griha Pravesh celebrations of 46,000 beneficiaries
“Jharkhand has the potential to become the most prosperous state of India, Our government is committed to developed Jharkhand and developed India”
“Mantra of 'Sabka Saath, Sabka Vikas' has changed the thinking and priorities of the country”
“Expansion of rail connectivity in eastern India will boost the economy of the entire region”
“PM Janman Yojana is being run for tribal brothers and sisters across the country”

झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार जी, कैबिनेट में मेरे सहयोगी शिवराज सिंह चौहान जी, अन्नपूर्णा देवी जी, संजय सेठ जी, सांसद विद्युत महतो जी, राज्य सरकार के मंत्री इरफ़ान अंसारी जी, झारखंड भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जी, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष सुदेश महतो जी, विधायक गण, अन्य महानुभाव,भाइयों और बहनों।

मैं बाबा वैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ के चरणों में प्रणाम करता हूं। मैं भगवान बिरसा मुंडा की वीर भूमि को भी नमन करता हूं। आज बहुत ही मंगल दिन है। इस समय झारखंड में प्रकृति पूजा के पर्व कर्मा की उमंग है। आज सुबह जब में रांची एयरपोर्ट पर पहुंचा तो एक बहन ने कर्मा पर्व के प्रतीक इस जावा से मेरा स्वागत किया। इस पर्व में बहनें अपने भाई की कुशलता की कामना करती हैं। मैं झारखंड के लोगों को कर्मा पर्व की बधाई देता हूं। आज इस शुभ दिन झारखंड को विकास का नया आशीर्वाद मिला है। 6 नई वंदेभारत ट्रेनें, साढ़े 6 सौ करोड़ से ज्यादा की रेलवे परियोजनाएं, कनेक्टिविटी और यात्रा सुविधाओं का विस्तार और इस सबके साथ-सा झारखंड के हजारों लोगों को पीएम-आवास योजना के तहत अपना पक्का घर..... मैं झारखंड की जनता जनार्दन को इन सभी विकास कार्यों के लिए बधाई देता हूँ। इन वंदेभारत ट्रेनों से जो और राज्य भी जुड़ रही हैं, मैं उन सभी को भी बधाई देता हूँ।

साथियों,

एक समय था जब आधुनिक सुविधाएं, आधुनिक विकास देश के केवल कुछ शहरों तक सीमित रहता था। झारखंड जैसे राज्य, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर और विकास के मामले में पीछे छूट गए थे। लेकिन,‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र ने देश की सोच और प्राथमिकताओं को बदल दिया है। अब देश की प्राथमिकता देश का गरीब है। अब देश की प्राथमिकता देश का आदिवासी है। अब देश की प्राथमिकता देश का दलित, वंचित और पिछड़ा समाज है। अब देश की प्राथमिकता महिलाएं हैं,युवा हैं,किसान हैं। इसीलिए, आज दूसरे राज्यों की तरह ही झारखंड को वंदेभारत जैसी हाइटेक ट्रेनें मिल रही हैं, आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर मिल रहा है।

साथियों,

आज तेज विकास के लिए हर राज्य, हर शहर वंदेभारत जैसी हाइस्पीड ट्रेन चाहता है। अभी कुछ ही दिन पहले मैंने उत्तर और दक्षिण के राज्यों के लिए 3 नई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। और आज, टाटानगर से पटना, टाटानगर से ओडिशा के ब्रह्मपुर, ⁠⁠राउरकेला से टाटानगर होते हुए हावड़ा, भागलपुर से दुमका होते हुए हावड़ा, देवघर से गया होते हुए वाराणसी, और ⁠गया से कोडरमा-पारसनाथ-धनबाद होते हुए हावड़ा के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की सेवाएं शुरू हुई है। और अभी जब मंच पर आवास वितरण का कार्यक्रम चल रहा था, उसी समय मैंने झंडी दिखाकर के इन सभी वंदे भारत ट्रेनों को विदाई भी दे दी और वो अपने गंतव्य स्थान पर चल पड़ी हैं। पूर्वी भारत में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार से इस पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इन ट्रेनों से कारोबारियों, छात्रों को बहुत लाभ होगा। इससे यहां आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियां भी तेज होंगी। आप सभी जानते हैं...आज देश और दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु काशी आते हैं। काशी से देवघर के लिए वन्देभारत ट्रेनों की सुविधा होगी, तो उनमें से बड़ी संख्या में लोग बाबा वैद्यनाथ के भी दर्शन करने जाएंगे। इससे यहाँ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। टाटानगर तो देश का इतना बड़ा औद्योगिक केंद्र है। यातायात की अच्छी सुविधा यहाँ के औद्योगिक विकास को और गति देगी। पर्यटन और उद्योगों को बढ़ावा मिलने से झारखंड के युवाओ के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

साथियों,

तेज विकास के लिए आधुनिक रेल इनफ्रास्ट्रक्चर उतना ही जरूरी है। इसीलिए, आज यहां कई नए प्रोजेक्ट्स भी शुरू किए गए हैं। मधुपुर बाईपास लाइन की आधारशिला रखी गई है। इसके तैयार होने के बाद हावड़ा-दिल्ली मुख्य लाइन पर ट्रेनों को रोकने की जरूरत नहीं होगी। बाईपास लाइन शुरू होने से गिरिडीह और जसीडीह के बीच यात्रा का भी समय कम हो जाएगा। आज हजारीबाग टाउन कोचिंग डिपो की भी आधारशिला रखी गई है। इससे कई नई ट्रेन सेवाओं को शुरू करने में सुविधा होगी। कुरकुरा से कनारोआं तक रेल लाइन का दोहरीकरण होने से झारखंड में रेल कनेक्टिविटी और मजबूत हुई है। इस सेक्शन के दोहरीकरण का काम पूरा होने से अब स्टील उद्योग से जुड़े माल की ढुलाई और आसान हो जाएगी।

साथियों,

झारखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार ने राज्य में निवेश भी बढ़ाया है, और काम की गति भी तेज की गई है। इस साल झारखंड में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट दिया गया है। अगर हम इसकी तुलना 10 साल पहले मिलने वाले बजट से करें, तो ये 16 गुना ज्यादा है। रेल बजट बढ़ने का असर आप लोग देख रहे हैं, आज राज्य में नई रेल लाइंस बिछाने, उनके दोहरीकरण करने, और स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं बढ़ाने का काम तेजी से हो रहा है। आज झारखंड भी उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां रेलवे नेटवर्क का 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन हो चुका है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत झारखंड के 50 से अधिक रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जा रहा है।

साथियों,

आज यहां झारखंड के हजारों लाभार्थियों का पक्का घर बनाने के लिए, पहली किश्त जारी की गई है। पीएम आवास योजना के तहत हजारों लोगों को पक्का घर भी बनाकर दिया गया है। घर के साथ साथ उन्हें शौचालय, पानी, बिजली, गैस कनेक्शन की सुविधाएं भी दी गई है। हमें याद रखना है...जब एक परिवार को अपना घर मिलता है, तो उसका आत्मसम्मान बढ़ जाता है...वो अपना वर्तमान सुधारने के साथ ही बेहतर भविष्य के बारे में सोचने लगता है। उसे लगता है कि कुछ भी संकट हो तो भी उसके पास एक अपना घर तो रहेगा ही। और इससे झारखंड के लोगों को सिर्फ पक्के घर ही नहीं मिल रहे...पीएम आवास योजना से गांवों को और शहरों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी तैयार हो रहे हैं।

साथियों,

2014 के बाद से देश के गरीब, दलित, वंचित और आदिवासी परिवारों को सशक्त बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। झारखंड समेत देशभर के आदिवासी भाई-बहनों के लिए पीएम जनमन योजना चलाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से उन जनजातियों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है, जो बहुत पिछड़े हैं। ऐसे परिवारों को घर, सड़क, बिजली-पानी और शिक्षा देने के लिए अधिकारी खुद उन तक पहुंचते हैं। ये प्रयास विकसित झारखंड के हमारे संकल्पों का हिस्सा है। मुझे विश्वास है, आप सबके आशीर्वाद से ये संकल्प जरूर पूरे होंगे, हम झारखंड के सपनों को साकार करेंगे। इस कार्यक्रम के बाद मैं एक और विशाल जनसभा में भी जा रहा हूँ। 5-10 मिनट में ही मैं वहां पहुंच जाऊंगा। वहाँ बहुत बड़ी संख्या में लोग मेरा इंतज़ार कर रहे हैं। वहाँ मैं विस्तार से झारखंड से जुड़े दूसरे विषयों पर भी बात करूंगा। लेकिन मैं झारखंडवासियों की क्षमा भी मांगता हूं क्योंकि मैं रांची तो पहुंच गया लेकिन प्रकृति ने मेरा साथ नहीं दिया और इसलिए यहां से हेलिकॉप्टर निकल नहीं पा रहा है। वहां पहुंच नहीं पा रहा है और इसके कारण मैं वीडियो कान्फ्रेंस से इन सारे कार्यक्रमों का आज उद्धघाटन और लोकार्पण कर रहा हूं। और अभी सार्वजनिक सभा में भी मैं सबसे वीडियो कान्फ्रेंस जी भरकर के बहुत सी बातें करने वाला हूं। मैं फिर एक बार आप सभी यहाँ आए, इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। नमस्कार।