प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय विचार के कालातीत ज्ञान को दर्शाने वाले एक संस्कृत सुभाषितम साझा किया है। श्लोक का अर्थ है कि जिस प्रकार फल और फूल वाले वृक्ष निकट रहने पर मनुष्य को संतुष्टि प्रदान करते हैं, उसी प्रकार वृक्ष दूर रहने पर भी उसे लगाने वाले को सभी प्रकार के लाभ प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;
"पुष्पिताः फलवन्तश्च तर्पयन्तिह मानवान।
वृक्षदं पुत्रवत् वृक्षास्तारायन्ति पात्र च॥"
पुष्पिताः फलवन्तश्च तर्पयन्तीह मानवान्।
— Narendra Modi (@narendramodi) December 19, 2025
वृक्षदं पुत्रवत् वृक्षास्तारयन्ति परत्र च॥ pic.twitter.com/rjafTn6t9J


