आशोल पॉरिबोर्तोन- बंगाल के गौरव को बढ़ाने के लिए। आशोल पॉरिबोर्तोन- बंगाल में एक ऐसी सरकार लाने के लिए जो गरीबों की सेवा करे,उनकी तकलीफें दूर करें: प्रधानमंत्री
दीदी के 10 साल में सामान्य जन बेहाल हुए लेकिन टीएमसी के नेता मालामाल होते चले गए। बड़ी-बड़ी गाड़ी, बड़ी-बड़ी बाड़ी, ये किसके पैसे से खरीदी गई?: बांकुरा में पीएम मोदी
टीएमसी का मंत्र ही है- जहां स्कीम, वहाँ स्कैम : बांकुरा की चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी
चुनाव में हार देखते हुए दीदी अभी से EVM पर सवाल खड़े करने लगी हैं : बांकुरा में प्रधानमंत्री मोदी
बंगाल में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए बीजेपी सरकार जरूरी है : प्रधानमंत्री मोदी

भारत माता की
भारत माता की
नमोष्कार..

आपनारा कैमोन आछेन! जय जोहार! लाल माटीर देश एई बाँकुड़ा
एई लाल माटीर रांगा धूलोए आमार मोन भूलाए रे। एई पोबित्रो माटी के आमी प्रोनाम कोरी।

मुझे लगता है कि आप लोगों ने ब्रिगेड मैदान से कंपटीशन करना तय किया है। जहां भी मेरी नजर पहुंच रही है मुझे लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। मुझे आज हेलिकॉप्टर से उतर के गाड़ी में खड़े रह कर के वहां एक रोड शो करना पड़ा, क्योंकि इतने ही लोग वहां हेलीपैड के उस तरफ खड़े हुए हैं। और इतनी बड़ी तादाद में माताएं एवं बहनें, मैं आपको प्रणाम करता हूं माताएं-बहने आप हमें आशीर्वाद देने के लिए आए हैं।

मां शारदा ने जिस धरती को प्रकाशित किया, जिस मिट्टी को सिद्धु-कान्हू, फूलो मुर्मू और झानो मूर्मू जैसी अनगिनत… अनगिनत मातृभूमि के लिए जीने मरने वाले लोगों ने गौरवान्वित किया। बांकुड़ा की ऐसी धरती का मैं वंदन करता हूं, शीश झुका कर के इस पवित्र माटी को मैं प्रणाम करता हूं।

साथियो,
मुझे याद है जब मैं लोकसभा चुनाव के समय आपका आशीर्वाद मांगने आया था, तो यहां बांकुड़ा में दीदी ने क्या-क्या किया था। रैली ग्राउंड तक आने वाले सारे रास्ते बंद करवा दिए थे, टेंट हाउस से कुर्सियां तक न मिले इसके लिए पुलिस को लगाया था। बहुत मुश्किल से वो रैली हम कर पाए थे। यहां के लोगों को डराने के लिए क्या कुछ नहीं किया दीदी ने। लेकिन मैं बंगाल के, बांकुड़ा के लोगों की प्रशंसा करूंगा कि दीदी के सारे हथकंडों के बाद भी चुनाव के दिन चुपचाप कमल के निशान पर वोट देकर आए थे। आपने बीजेपी को भारी मतों से जिताया था। आज फिर आप सभी इतनी बड़ी संख्या में बीजेपी को आशीर्वाद देने आए हैं। बांकुड़ा की ये तस्वीर साक्षी है कि बंगाल के लोगों ने ठान लिया है- 2 मई, दीदी जाच्छे.. 2 मई, दीदी जाच्छे, आशोल पोरिबोरतोन आच्छे… आशोल पोरिबोरतोन आच्छे!! आशोल पोरिबोरतोन - बंगाल के विकास के लिए, आशोल पोरिबोरतोन - बंगाल के गौरव को बढ़ाने के लिए। आशोल पोरिबोरतोन- बंगाल में एक ऐसी सरकार लाने के लिए जो गरीबों की सेवा करे, गरीबों की तकलीफें दूर करें, आशोल पोरिबोरतोन - बंगाल में एक ऐसी सरकार लाने के लिए जो सरकारी योजनाओं का एक-एक पैसा, शत प्रतिशत पैसा गरीब तक पहुंचाए। आशोल पोरिबोरतोन - बंगाल में एक ऐसी सरकार लाने के लिए जो तोलाबाजों, सिंडिकेट को जेल भेजे, भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई करे। ये आशोल पोरिबोरतोन अब बंगाल में बीजेपी लाकर के दिखाएगी। दीदी….ओ दीदी, भ्रष्टाचारे खेला चौलबे ना चौलबे ना, आप बोलेंगे मेंरे साथ… आप सब बोलेंगे.. आपको बोलना है चौलबे ना चौलबे ना .दीदी, भ्रष्टाचारे खेला चौलबे ना ना...

दीदी, भ्रष्टाचारे खेला
दीदी, भ्रष्टाचारे खेला
दीदी, सिंडिकेटेर खेला…
दीदी, सिंडिकेटेर खेला
कट-मनीर खेला...
कट मनीर खेला..

और जब भाजपा आएगी तो क्या होगा? भाजपा जब आएगी
मायेर पूजा होबे, माटीर तीलक होबे, मानुषेर शॉम्मॉन होबे।

साथियो,

आज जब मैं बांकुड़ा आया हूं तो, यहां रामपाड़ा के बहनों-भाइयों को भी विशेष तौर पर राम-राम कहूंगा। आज-कल रामपाड़ा की चर्चा पूरे देश में है। रामपाड़ा में आप राम पुकारेंगे तो हर घर से राम निकलेगा। और ये बात सिर्फ रामपाड़ा की नहीं है, बल्कि ये पूरे वनवासी, आदिवासी समाज की है। प्रभु राम के साथ वनवासी समाज का नाता ही इतना घनिष्ट है कि इस आत्मीयता को कोई मिटा नहीं सकता। वनवासी समाज के भाई-बहन, वनवास के लंबे कालखंड में प्रभु राम के साथी रहे, सखा रहे हैं, संकटमोचक रहे हैं। इसी अपनेपन के भाव के कारण वो श्री राम का नाम लेते हैं। और सोचिए, दीदी उनके साथ क्या-क्या बर्ताव करती हैं। किसके लिए? किसी और को खुश करने के लिए? तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति ने आपको क्या बना दिया है। आपने अपना ये असली चेहरा, दीदी.. आपने अपना ये असली चेहरा 10 साल पहले दिखा दिया होता तो बंगाल में कभी आपकी सरकार नहीं बनती। ये हिंसा, ये अत्याचार, ये उत्पीड़न ही करना था तो फिर मां-माटी-मानुष की बात क्यों की आपने?

भाइयो और बहनो,

आज जब बंगाल के लोगों ने, चुनावों में टीएमसी को सबक सिखाने की ठान ली है, तो दीदी जरा बौखला गई है। और ये अपना गुस्सा मुझ पर निकाल रही है। मैंने देखा, आज कल यहां दीदी के लोग दीवार पर तस्वीरें बना रहे हैं। तस्वीर में दीदी मेरे सिर पर अपना पैर मार रही हैं, मेरे सिर के साथ फुटबॉल खेल रही हैं। आप बंगाल के संस्कार, यहां की महान परंपरा का अपमान क्यों कर रही हैं दीदी? ये बंगाल तो देश को दिशा देने वाला, ये धरती देश को ताकत देने वाली धरती है। मैं आज बांकुड़ा से दीदी को कुछ बातें साफ-साफ कहना चाहता हूं। पहली ये कि मैं तो अपना सिर हमेशा देश के 130 करोड़ नागरिकों की सेवा में झुक कर के रखता हूँ। झुका कर के रखता हूं, नमन कर-कर के रखता हूं। मुझे और मेरी पार्टी को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसी बंगाल के सपूत ने यही संस्कार दिए हैं हमें। इसलिए, दीदी अगर आप चाहती हैं तो अपना पैर मेरे सर पर रख सकती हैं, दीदी आप मुझे लात भी मार सकती हैं। लेकिन दीदी मेरी दूसरी बात भी कान खोलकर सुन लीजिए। मैं आपको… आपको अब बंगाल के विकास को लात नहीं मारने दूंगा। मैं आपको अब बंगाल के लोगों के सपनों को लात नहीं मारने दूंगा। मैं आपको अब अपने गरीब भाई-बहनों, अपने आदिवासी-वनवासी भाई-बहनों को लात नहीं मारने दूंगा। आप देख लीजिए आज बंगाल में। दीदी… आपका किला ढह चुका है। अरे दीदी, ओ दीदी.. आप सोचती थीं कि आप कुछ भी करती रहें, आपसे कोई सवाल नहीं करेगा। लेकिन आज पूरा पश्चिम बंगाल आपसे पूछ रहा है। केंद्र सरकार हर घर पाइप से जल पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है। हमने सैकड़ों करोड़ रुपए बंगाल सरकार को दिया है। लेकिन यहां की बहन-बेटियां, बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान हैं। नल कहां है दीदी, जल कहां है दीदी? यहां खेतों में पानी क्यों नहीं है दीदी? क्यों यहां का किसान साल में सिर्फ एक फसल लेने के लिए मजबूर है? यहां सिंचाई व्यवस्थाएं जर्जर क्यों हैं, परियोजनाएं लटकी क्यों हैं दीदी? यहां युवा परेशान हैं। चाकरी, उद्योग, निवेश कहां है दीदी? आपने दस साल में सिर्फ खोखली घोषणाएं की हैं, ज़मीन पर काम कहां है दीदी? और इसलिए आप कह रही हैं- खेला होबे… खेला होबे ! दस साल बंगाल के भाग्य के साथ खेलकर आपका मन नहीं भरा क्या? दस साल यहां के लोगों से विश्वासघात करके आपका मन अभी भी नहीं भरा है? आप खेला होबे बोलते रहिए। अब पश्चिम बंगाल ठान चुका है- पश्चिम बंगाल ठान चुका है खेला शेष होबे, विकास आरंभ होबे।

साथियो,

दीदी और उनकी सरकार ने 10 साल के दौरान पश्चिम बंगाल में क्या खेला किया, ये पूरा क्षेत्र इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। स्वर्गीय अजीत मूर्मू जैसे हमारे अनेक आदिवासी साथी तृणमूल के खेला के कारण शहीद हो गए। दीदी के 10 साल में सामान्य जन बेहाल हुए लेकिन टीएमसी के नेता मालामाल होते चले गए। बड़ी-बड़ी गाड़ी, बड़ी-बड़ी बाड़ी, ये किसके पैसे से खरीदी गई दीदी? क्या ये गरीबों का पैसा है कि नहीं है? ये आपका पैसा है कि नहीं है? ये आपका पैसा लूटा गया है कि नहीं लूटा गया है? ये आपका पैसा वापस लौटना चाहिए कि नहीं लौटना चाहिए? इसलिए दीदी को जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए? दीदी जाच्छे… दीदी जाच्छे… दीदी जाच्छे…. बंगाल के गरीब लोगों के पैसे से मालामाल हो रहे हो।

साथियो,

जब बालू का डंपर कई गुना महंगा हो जाएगा तो कमाई तो बालू माफिया की ही बढ़ेगी, कट-मनी वालों की ही तो बढ़ेगी। घर बनाने में सामान्य नागरिक को होने वाली परेशानी से दीदी को क्या फर्क पड़ता है? कुछ नहीं। जब घर बनाने के हर सामान पर कट लगेगा तो सिंडिकेट वालों का खज़ाना तो भरेगा ही।

भाइयो और बहनो,

मैं जितना दीदी से आपके सवाल पूछता हूं, उतना वो मुझ पर गुस्सा करती है। अब तो कह रही हैं कि उनको मेरा चेहरा भी पसंद नहीं है। अरे दीदी, मैं तो मास्क लगा के आता हूं, अरे दीदी… लोकतंत्र में चेहरा नहीं, जनता की सेवा, जनता के लिए किया गया काम यही तो तराजू पर होता है, यह कसौटी पर कसा जाता है। मेरा चेहरा आप देखें ना देखें, लेकिन बांकुड़ा की बेटी हमारी चंदना जी और ऐसे अनेक भाजपा के कार्यकर्ताओं का चेहरा आपको लंबे समय तक याद रहेगा। दीदी ये चंदना जी का चेहरा आप कभी नहीं भूल पाओगी, आप ये युवा चेहरे कभी नहीं भूल पाओगी। चंदना जी यहां सल्टोरा सीट से सिर्फ भाजपा उम्मीदवार भर नहीं है, बल्कि चंदना जी पश्चिम बंगाल की आकांक्षा का प्रतीक है, पश्चिम बंगाल के विकास का प्रतीक है। ये उन बहनों का चेहरा है, जिनको आपने नल से वंचित रखा है, जल से वंचित रखा है। ये उन श्रमिकों का चेहरा हैं, जिनको तृणमूल के टोलाबाजों ने परेशान किया है। ये उन गरीबों का चेहरा है, जिनके चावल, जिनके पक्के घर, जिनके हक पर तृणमूल के टोलाबाजों ने डाका डाला है। अब ऐसे ही चेहरे पश्चिम बंगाल की बहनों को, श्रमिकों को, गरीबों को न्याय देंगे, उनको उनका हक देंगे। ये आशोल पोरिबोरतोन के चेहरे हैं, ये सोनार बांग्ला के निर्माण के शिल्पी है।

साथियो,

मेरा आप सभी साथियों भी आग्रह है कि इन उम्मीदवारों को भारी समर्थन देकर विधानसभा भेजें, ताकि उनका उत्साह बढ़े, आपकी सेवा के लिए वो दिन-रात जुटे रहे। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अनुभवी उम्मीदवार भी दिए हैं और नए उम्मीदवारों को भी अवसर दिया है। युवा ऊर्जा और अनुभव मिलकर सोनार बांग्ला की तरफ आगे बढ़ेंगे, डबल इंजन की सरकार बनाएंगे। मैं इस बार बंगाल के चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रहे- First Time Voters से, अपने नौजवान साथियों से भी कहूंगा कि सोनार बांग्ला के सपने को सच करने के लिए भारी मात्रा में वोट डालिए, हर नौजवान को घर से निकालिए। आपसे पहले की पीढ़ियों का बहुत कीमती समय, लेफ्ट-कांग्रेस और TMC ने गंवा दिया है। तीन-तीन, चार-चार पीढ़ी बर्बाद कर चुके हैं लोग। नौजवानों, आपको बर्बाद मुझे नहीं होने देना है, आपके भविष्य को बर्बाद नहीं होने देना है। इन तीनों पार्टियों की दुर्नीतियों की वजह से बंगाल के लाखों प्रतिभाशाली लोगों को पलायन करना पड़ा है। इन तीनों पार्टियों की दुर्नीतियों की वजह से बंगाल उतनी तेजी से विकास नहीं कर सका, जितना करना चाहिए था। और मेरे नौजवान साथियों, आपको ये भी याद रखना है कि आप उस समय पहली बार वोट करने जा रहे हैं जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व- अमृत महोत्सव मना रहा है। अब से लेकर अगले 25 साल, जब देश अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा, आपके लिए ये 25 वर्ष बहुत अहम हैं। आपकी जिंदगी के स्वर्णिम समय है ये, बंगाल में आपको भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्थाएं मिलें, इसके लिए बीजेपी की सरकार बंगाल में लाना बहुत जरूरी है। बंगाल में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए बंगाल में बीजेपी सरकार जरूरी है। आपके कॉलेज, यूनिवर्सिटिज की आधुनिकता बढ़ाने के लिए बीजेपी की सरकार जरूरी है।

साथियो,

बीजेपी की डबल इंजन की सरकार बनते ही यहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा, ताकि स्थानीय भाषा में डॉक्टरी-इंजीनियरिंग की पढ़ाई सुनिश्चित हो सके। डबल इंजन की सरकार बनते ही, पश्चिम बंगाल के हर गांव में तेज़ इंटरनेट कनेक्शन देने वाला फाइबर ऑप्टिकल बिछाने के काम को गति दी जाएगी। डबल इंजन की सरकार में जल जीवन मिशन को, हर घर जल की योजना को पूरी तेज़ी से यहां लागू किया जाएगा। बहुत ही कम समय में पश्चिम बंगाल में डेढ़ करोड़ से ज्यादा परिवारों को शुद्ध जल की सुविधा से जोड़ा जाएगा। बीजेपी की डबल इंजन की सरकार बनते ही, यहां आयुष्मान भारत योजना लागू की जाएगी। इसके तहत पूरे देश के अस्पतालों में मुफ्त इलाज तो मिलेगा ही, गांव-गांव में आधुनिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने का काम भी तेज़ी से किया जाएगा।

भाइयो और बहनो,

बिष्णुपुर विश्वविख्यात टेराकोटा मंदिर की धरती है। ये परम्पराओं और विरासत की धरती है। बांकुड़ा में एक ओर सदियों पुराना आर्किटेक्चर है, तो दूसरी तरफ प्रकृति की विरासत भी है। यहां प्राकृतिक और हेरिटेज टूरिज्म के लिए अनेक संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार की पर्यटन बढ़ाने वाली योजनाएं यहां बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं। यहां के कारीगरों के हाथ में जादू है। बिष्णुपुर की सिल्क साड़ी बालू चुड़ी, पीतल का आर्ट वर्क, डोकरा आर्ट, टेराकोटा कारीगरों की कला, यहां आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी हर वो चीज़ है जो आपको मजबूती से आगे बढ़ा सकती है।
समय उन नीतियों-निर्णयों को बदलने का है जिसने यहां के लघु उद्योगों को, कुटीर उद्योगों को, डेयरी उद्योगों को, बुनकरों को, मछली पालन से जुड़े व्यवसाय को बर्बाद कर के रख दिया है। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट, के तहत यहां की लोकल प्रतिभा को हमें आगे भी बढ़ाना है और इस लोकल के प्रति पूरे देश में लोगों को वोकल भी करना है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार देश भर में टॉय क्लस्टर बनाने पर विशेष बल दे रही है। यहां के टेराकोटा टॉयज़ देश और दुनिया में धूम मचा सकते हैं। डबल इंजन की सरकार इसको प्रोत्साहित करेगी। यहां बैंबू से जुड़ा व्यवसाय भी बहुत होता है। ये हमारी ही सरकार है जिसने बैंबू उगाने वाले किसानों और बैंबू का कारोबार करने वाले ट्रेडर्स की परेशानियों को समझा। हमारे देश में दशकों से एक कानून था जिसमें बैंबू को वृक्ष की कैटेगरी, ट्री की कैटेगरी में डाला हुआ था। इस वजह से निजी जमीन या खेत में उगाए गए बैंबू को काटने, उसके ट्रांसपोर्टेशन में बहुत दिक्कतें आती थीं। हमारी सरकार ने ये कानून बदला और अब इसका फायदा किसानों को, आदिवासियों को उद्यमियों को हो रहा है।

भाइयो और बहनो,

आपको डबल इंजन की सरकार के रास्ते में आने वाली हर रुकावट को दूर करते चलना है। बीजेपी स्कीम पर चलती है… बीजेपी स्कीम पर चलती है और टीएमसी स्कैम पर चलती है। स्कीम किसी भी सरकार की हो, किसी ने भी लागू की हो लेकिन TMC स्कैम के लिए कोई न कोई तरीका निकाल लेती है। टीएमसी का मंत्र है- जहां स्कीम, वहां स्कैम… जहां स्कीम, वहां स्कैम। जिन योजनाओं की डिलिवरी राज्य सरकार के माध्यम से होनी थी, उनको उन्होंने अपने स्कैम के रंग में रंग दिया। आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर से जुड़ी योजनाओं में स्कैम नहीं कर सकते थे, इसलिए इनको लागू करने से ही इनकार कर दिया। आठ चरणों में एक-एक करके बंगाल के लोग TMC के हर स्कैम का हिसाब करेंगे। और मैं आज बंगाल की इस धरती पर फिर से दोहराना चाहता हूं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत देश भर के किसानों के खाते में अब तक करीब-करीब 14 हजार रुपया हरेक किसान के खाते में जमा हो चुका है, बंगाल का किसान वंचित रह गया है।

हमारी डबल इंजन वाली सरकार आते ही यहां के हर किसान के खाते में वो पैसा पहुंचा दिया जाएगा.. हर किसान के खाते में पहुंचा दिया जाएगा। और आगे की योजना आपके लिए चालू रहेगी। और भाइयों-बहनों जैसा मैंने कहा TMC का एक ही काम, जिसमें स्कैम करने का मौका नहीं है, उस स्कीम को हाथ ही नहीं लगाना, स्कैम करने के लिए मौका मिले तभी उस स्कीम को लेना और ये बात TMC को भी अच्छी तरह पता चल गई है। इसलिए, दीदी और उनके दल के लोगों ने बहाने तलाशने शुरू कर दिए हैं। अभी दीदी क्या कह रही है? अभी दीदी कह रही है अभी दीदी अभी से EVM पर सवाल खड़े करने लगी है। 10 साल जिस EVM ने उन्हें सत्ता सौंपी, वही EVM अब उन्हें रास नहीं आ रहा है। साफ है दीदी.. दीदी आपको पराजय दिन में भी दिखता है पराजय रात में भी दिखता है। मेरा बंगाल के लोगों को बिना डरे, बिना हिचके वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करना है। कमल को दिया आपका हर एक वोट दीदी को उनके किए की सजा भी हो जाएगी, उनके पापों की सजा हो जाएगी। इसलिए इस बार- ज़ोर से छाप,

कमल छाप!
जोर से छाप…
जोर से छाप…
जोर से छाप…

बोन्धुगोन, आशुन आम्रा सोंकोल्प कोरि –
एबार निये आशोल पोरिबोरतोन... आशोल पोरिबोरतोन!
एबार गोड़बो शोनार बांग्ला!
एबार बीजेपी, एबार आश्चे बीजेपी!
एबार बीजेपी, एबार निश्चोयी आश्चे बीजेपी!
इसी संकल्प के साथ आप सभी का बहुत-बहुत आभार। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए..

भारत माता की…
भारत माता की…
भारत माता की…
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
वंदे मातरम्
बहुत-बहुत धन्यवाद

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को स्वीकृति दी
September 11, 2024
इस योजना में अब ई-वाउचर शामिल हैं, जिससे ईवी खरीदने की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है
इस योजना से बिजली चालित एम्बुलेंस का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में ईवी को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
हरित स्वास्थ्य सेवा समाधानों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
पुराने ट्रक को स्क्रैप करने के बाद ई-ट्रक खरीदने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन
इस योजना का उद्देश्य परीक्षण एजेंसियों के विकास के लिए 780 करोड़ रुपये के समर्पित कोष के साथ वाहन परीक्षण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना है
भारत में बिजली चालित वाहनों के परिवहन को बढ़ावा मिलेगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में बिजली आधारित परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना’ के कार्यान्वयन के लिए भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

इस योजना के लिए दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है।

योजना के प्रमुख घटक इस प्रकार हैं:

ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते ईवी को प्रोत्साहन देने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं। यह योजना 24.79 लाख ई-2डब्ल्यू, 3.16 लाख ई-3डब्ल्यू और 14,028 ई-बसों को सहायता प्रदान करेगी।

एमएचआई योजना के तहत मांग प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए ईवी खरीदारों के लिए ई-वाउचर पेश किया जा रहा है। ईवी की खरीद के समय, योजना के पोर्टल पर खरीदार के लिए आधार प्रमाणित ई-वाउचर जारी होगा। ई-वाउचर डाउनलोड करने के लिए एक लिंक खरीदार के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा।

इस ई-वाउचर पर खरीदार द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और योजना के तहत मांग प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए डीलर को प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद, ई-वाउचर पर डीलर द्वारा भी हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसे पीएम ई-ड्राइव पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। हस्ताक्षर युक्त ई-वाउचर खरीदार और डीलर को एसएमएस के माध्यम से भेजा जाएगा। योजना के तहत मांग प्रोत्साहन की प्रतिपूर्ति का दावा करने के उद्देश्य से ओईएम के लिए हस्ताक्षरित ई-वाउचर आवश्यक होगा।

इस योजना में ई-एम्बुलेंस को प्रोत्साहन देने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत मरीजों के आरामदायक परिवहन के लिए ई-एम्बुलेंस के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। ई-एम्बुलेंस के प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय तथा अन्य संबंधित हितधारकों के परामर्श से तैयार किया जाएगा।

राज्य परिवहन निगमों (एसटीयू)/सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है। 40 लाख से अधिक आबादी वाले नौ शहरों अर्थात् दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद में मांग एकत्रीकरण का काम सीईएसएल द्वारा किया जाएगा। राज्यों के परामर्श से इंटरसिटी और अंतरराज्यीय ई-बसों को भी समर्थन दिया जाएगा।

शहरों/राज्यों को बसें आवंटित करते समय, पहली वरीयता उन शहरों/ राज्यों को बसों को दी जाएगी, जिन्हें एमओआरटीएच वाहन स्क्रैपिंग योजना के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों (आरवीएसएफ) के माध्यम से पुरानी एसटीयू बसों को स्क्रैप करने के बाद खरीदा जा रहा है।

ट्रक वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान देते हैं। इस योजना से देश में ई-ट्रकों के चलन को बढ़ावा मिलेगा। ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके तहत, उन लोगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिनके पास एमओआरटीएच द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों (आरवीएसएफ) से स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र होगा।

यह योजना इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) की स्थापना को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देकर ईवी खरीदारों की चिंता को दूर करती है। ये ईवीपीसीएस बड़े स्तर पर ईवी की पैठ वाले चयनित शहरों और चयनित राजमार्गों पर स्थापित किए जाएंगे। इस योजना में ई-4 डब्ल्यू के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1800 फास्ट चार्जर और ई-2 डब्ल्यू/3 डब्ल्यू के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव है। ईवी पीसीएस के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपये होगा।

देश में ईवी इकोसिस्टम में बढ़ोतरी को देखते हुए, हरित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों को ध्यान में रखते हुए एमएचआई की परीक्षण एजेंसियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। एमएचआई के तत्वावधान में 780 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ परीक्षण एजेंसियों के उन्नयन को मंजूरी दी गई है।

यह योजना सार्वजनिक परिवहन के साधनों का समर्थन करके व्यापक आवागमन को बढ़ावा देती है। पीएम ई-ड्राइव योजना का प्राथमिक उद्देश्य ईवी की खरीद के लिए अग्रिम प्रोत्साहन प्रदान करके ईवी को अपनाने में तेजी लाना है, साथ ही ईवी के लिए आवश्यक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना को सुविधाजनक बनाना है। पीएम ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य परिवहन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और वायु की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए ईवी को बढ़ावा देना है।

यह योजना एक कुशल, प्रतिस्पर्धी और सशक्त ईवी विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देती है, जिससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलता है। ऐसा चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) को शामिल करके किया जाएगा जिससे घरेलू विनिर्माण और ईवी आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती को प्रोत्साहन मिलता है।

भारत सरकार की यह पहल पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के साथ-साथ टिकाऊ परिवहन समाधानों को बढ़ावा देने के लिहाज से अहम है। यह योजना अपने पीएमपी के साथ ईवी क्षेत्र और संबंधित आपूर्ति श्रृंखला में निवेश को बढ़ावा देगी। यह योजना मूल्य श्रृंखला के साथ-साथ महत्वपूर्ण रोजगार अवसर पैदा करेगी। विनिर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के माध्यम से भी रोजगारों का सृजन होगा।