“कोरोना-काल के दौरान, भारत ने अपनी परिकल्पना ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ का पालन करते हुये आवश्यक दवाओं और वैक्सीनों की आपूर्ति करके कई जिंदगियां बचाईं”
“विश्व आपूर्ति श्रृंखला में भारत विश्व का भरोसेमंद साझीदार बनने के लिये प्रतिबद्ध है”
“भारत में निवेश करने का यह सबसे अच्छा समय है”
“आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुये भारत का ध्यान सिर्फ प्रक्रियाओं को आसान बनाने पर ही नहीं है, बल्कि निवेश और उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर भी है”
“भारत वर्तमान के साथ अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है। इस समय अवधि में भारत ने उच्च वृद्धि, कल्याण और आरोग्य को उच्चतम स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। विकास का यह अवधि हरित, स्वच्छ, सतत होने के साथ-साथ भरोसेमंद भी होगी”
“हमारी ‘इस्तेमाल करो और फेंक दो’ की संस्कृति और उपभोक्तावाद ने जलवायु चुनौतियों को और गंभीर बना दिया है। आज की ‘लो-बनाओ-इस्तेमाल करो-फेंक दो’ वाली अर्थव्यवस्था को तेजी से सतत अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ाना बहुत जरूरी है ”
“एल.आई.एफ.ई. जैसी जनभागीदारी के अभियान को पी-3, यानी ‘प्रो प्लैनेट पीपुल’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं”
“हर लोकतांत्रिक देश का यह दायित्व है कि वह बहुमुखी संस्थाओं में सुधारों पर बल दे, ताकि उन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व आर्थिक मंच के डावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन में ‘स्टेट ऑफ दी वर्ल्ड’ (विश्व की स्थिति) विषय पर विशेष सम्बोधन किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत महामारी की एक और लहर का सावधानी और विश्वास के साथ मुकाबला कर रहा है तथा तमाम उम्मीद भरे नतीजों के साथ आर्थिक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है, जिसने मानवजाति को उम्मीदों का गुलदस्ता दिया है, जिसमें भारतीयों का लोकतंत्र, प्रौद्योगिकी में अटूट विश्वास निहित है तथा जो 21वीं शताब्दी और भारतीयों की प्रतिभा व मनोदशा को शक्ति सम्पन्न बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना-काल के दौरान, भारत ने अपनी परिकल्पना ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ का पालन करते हुये जरूरी दवायें और वैक्सीनों की आपूर्ति करके कई जिंदगियां बचाईं। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा उत्पादक देश है और उसे ‘विश्व की फार्मेसी’ के तौर पर जाना जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया में रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है। पचास लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवलेपर्स भारत में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत के पास दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा यूनीकॉर्न्स हैं। दस हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले छह माह में पंजीकृत हुये हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आज भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म है तथा सिर्फ पिछले महीने में ही यूनीफाइड पेमेन्ट इंटरफेस के जरिये 4.4 अरब लेन-देन हुये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत व्यापार सुगमता को बढ़ावा दे रहा है तथा सरकार के दखल को कम से कम कर रहा है। उन्होंने कॉर्पोरेट टैक्स दरों के बारे में कहा कि उसे सरल बनाकर, कम करके, उसे दुनिया में हमने अत्यंत प्रतिस्पर्धी बना दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में ड्रोन, स्पेस, भू-स्थानिक मानचित्रण जैसे नियंत्रण-मुक्त क्षेत्र हैं और भारत ने सूचना प्रौद्योगिकी तथा बीपीओ सेक्टर संबंधी पुराने दूरसंचार नियमों में सुधार किये हैं। उन्होंने कहा, “बीते साल ही हमने 25 हजार से ज्यादा अनुपालनों को कम किया है।”

भागीदार के रूप में भारत के बढ़ते आकर्षण का उल्लेख करते हुये, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत विश्व आपूर्ति श्रृंखला में दुनिया का भरोसेमंद साझीदार बनने के लिये प्रतिबद्ध है तथा भारत कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों की राह बना रहा है। भारत की नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी को अपनाने की क्षमता और उद्यमशीलता की भावना उसे आदर्श विश्व साझीदार के योग्य बनाती है। उन्होंने कहा, “इसीलिये भारत में निवेश का यह सबसे अच्छा समय है।” उन्होंने उल्लेख किया कि भारतीय युवाओं में आज उद्यमशीलता एक नई ऊंचाई पर है। उन्होंने कहा कि 2014 में जहां भारत में कुछ सौ पंजीकृत स्टार्ट-अप थे, वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इनमें से 80 से ज्यादा यूनीकॉर्न्स हैं, जिनमें से 40 से ज्यादा तो 2021 में ही बने हैं।

भारत के आत्मविश्वास से भरे नजरिये को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोरोना-काल में दुनिया थोड़े-बहुत सुगम उपाय कर रही थी, उस समय भारत अपने सुधारों को मजबूत बना रहा था। उन्होंने बताया कि भारत ने भौतिक और डिजिटल अवसंरचना में बड़े कदम उठाये हैं, जिनमें छह लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर, संपर्कता सम्बंधी बुनियादी ढांचे में 1.3 ट्रिलियन डॉलर का निवेश, परिसम्पत्ति मौद्रीकरण तथा गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर-प्लान के जरिये 80 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य शामिल है, ताकि सामान, लोगों और सेवाओं की निर्बाध संपर्कता में नई ऊर्जा पैदा करने के लिये सभी हितधारकों को एकल प्लेटफार्म मिल सके। श्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलते हुये भारत का ध्यान सिर्फ प्रक्रियाओं को आसान बनाने पर ही नहीं है, बल्कि निवेश और उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर भी है। इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण यह है कि आज 14 सेक्टरों में 26 अरब डॉलर की उत्पादन युक्त प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि आज भारत वर्तमान के साथ ही अगले 25 वर्षों के लक्ष्य को लेकर नीतियां बना रहा है, निर्णय ले रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कालखंड में भारत ने उच्च वृद्धि, कल्याण और आरोग्य को उच्चतम स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। विकास का यह कालखंड हरित, स्वच्छ, सतत होने के साथ-साथ भरोसेमंद भी होगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि आज की जीवनशैली और नीतियों का पारिस्थितिकी पर कितना असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमारी जीवनशैली भी जलवायु के लिये बड़ी चुनौती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘प्रयोग करो और फेंक दो’ की संस्कृति और उपभोक्तावाद ने जलवायु चुनौतियों को और गंभीर बना दिया है। आज की ‘लो-बनाओ-इस्तेमाल करो-फेंक दो’ वाली अर्थव्यवस्था को तेजी से सतत अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ाना बहुत जरूरी है। कॉप-26 सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने मिशन लाइफ (एल.आई.एफ.ई.) पेश किया था, जिसका उल्लेख देते हुये उन्होंने कहा कि लाइफ जैसी जनभागीदारी के अभियान को पी-3, यानी ‘प्रो प्लैनेट पीपुल’ का एक बड़ा आधार भी बना सकते हैं। लाइफ, यानी ‘लाइफ फॉर एनवॉयरेनमेंट’ हर स्थिति में ग्राह्य और सतत जीवनशैली की परिकल्पना है, जो जलवायु सम्बंधी भावी संकटों और अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिये उपयोगी हो सकती है। श्री मोदी ने लक्ष्य की निर्धारित अवधि के काफी पहले ही भारत द्वारा जलवायु लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रभावशाली रिकॉर्ड के बारे में भी मंच को अवगत कराया।

प्रधानमंत्री ने विश्व व्यवस्था की बदलती वास्तविकताओं के अनुसार खुद को ढालने की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि बदलती विश्व व्यवस्था में विश्व परिवार नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने इसका मुकाबला करने के लिये हर देश और हर वैश्विक एजेंसी द्वारा सामूहिक और समकालिक कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट, मुद्रास्फीति और जलवायु परिवर्तन इन्हीं के उदाहरण हैं। उन्होंने क्रिप्टो-करेंसी का भी उदाहरण दिया और कहा कि जिस तरह की प्रौद्योगिकी इससे जुड़ी है, उसमें किसी एक देश द्वारा लिये गये फैसले, इसकी चुनौतियों से निपटने में अपर्याप्त होंगे। उन्होंने कहा कि हमें एक समान सोच रखनी होगी। उन्होंने सवाल उठाया कि आज वैश्विक परिदृश्य को देखते हुये क्या बहुमुखी संगठन, नई विश्व व्यवस्था और नई चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार है? जब ये संस्थायें बनी थीं, तो स्थितियां कुछ और थीं और आज परिस्थितियां कुछ और हैं। उन्होंने अपना सम्बोधन पूरा करते हुये कहा, “हर लोकतांत्रिक देश का यह दायित्व है कि वह बहुमुखी संस्थाओं में सुधारों पर बल दे, ताकि उन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके।”

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
Exclusive: Just two friends in a car, says Putin on viral carpool with PM Modi

Media Coverage

Exclusive: Just two friends in a car, says Putin on viral carpool with PM Modi
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।