देश में अब तक कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या एक्टिव मामलों की संख्या से अधिक है: प्रधानमंत्री मोदी
हम कोविड-19 से लड़ने और इसके प्रसार को नियंत्रित करने में सक्षम रहे हैं क्योंकि हमारे द्वारा समय पर उचित उपाय किए गए हैं: पीएम मोदी
हर देशवासी के संयम, अनेक जगहों पर प्रशासन की तत्परता और हमारे कोरोना योद्धाओं के समर्पण की वजह से हमने हालात को नियंत्रण से बाहर नहीं जाने दिया है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अनलॉक-1.0 के बाद की स्थिति और कोविड-19 महामारी से निपटने की योजना पर चर्चा करने के लिए आज मुख्‍यमंत्रियों के साथ के दो दिवसीय बातचीत का दूसरा भाग आयोजित किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर गौर किया कि कुछ बड़े राज्‍यों और शहरों में यह वायरस बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। जनसंख्‍या का भारी घनत्‍व, सामाजिक दूरी बरकरार रखने में कठिनाई और रोजाना बड़ी संख्‍या में लोगों की आवाजाही ने इस स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, इसके बावजूद नागरिकों के संयम, प्रशासन की तत्‍परता और कोरोना योद्धाओं के समर्पण ने इसके फैलने की गति को नियंत्रित रखा है। उन्‍होंने कहा कि समय पर ट्रेसिंग, उपचार और मामलों के दर्ज होने से स्‍वस्‍थ होने वालों की संख्‍या बढ़ रही है। उन्‍होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों द्वारा प्रदर्शित अनुशासन ने कोविड-19 के मामलों को तेजी से बढ़ने से रोका।

बुनियादी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं में वृद्धि

प्रधानमंत्री ने इस चुनौती से निपटने के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाओं और प्रशिक्षित मानवशक्ति की मौजूदगी का जिक्र किया। उन्‍होंने पीपीई, मास्‍क की घरेलू विनिर्माण क्षमताओं में वृद्धि, पर्याप्‍त मात्रा में नैदानिक किट्स की उपलब्‍धता,पीएम केयर्स फंड का उपयोग करते हुए भारत में बने वेंटिलेटर्स की आपूर्ति, परीक्षण प्रयोगशालाओं, लाखों कोविड स्‍पेशल बिस्‍तरों, हजारों आइसोलेशन और क्वारनटाइन केंद्रों और प्रशिक्षण के माध्‍यम से पर्याप्‍त संख्‍या में मानव संसाधनों की उपलब्‍धता पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने बुनियादी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं, सूचना प्रणालियों, भावनात्‍मक सहायता और जन भागीदारी पर निरंतर जोर दिए जाने की जरूरत को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ने प्रभावित लोगों का जल्द पता लगाने, ट्रैक और आइसोलेट करने के लिए परीक्षण के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि परीक्षण की मौजूदा क्षमता का पूरी तरह उपयोग किया जाना चाहिए साथ ही उसमें वृद्धि के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने टेलीमेडिसिन के लाभों और वरिष्ठ डॉक्टरों की एक बड़ी टीम बनाने की आवश्यकता का उल्लेख किया, जो इन साधनों का उपयोग कर रोगियों का मार्गदर्शन कर सकते हैं और उन्‍हें सूचित कर सकते हैं। उन्होंने हेल्पलाइन्‍स के माध्यम से समय पर और सही जानकारी का प्रसार करने और उन हेल्पलाइन्‍स को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए युवा स्वयंसेवकों की एक टीम बनाने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की।

डर और कलंक से निपटना

प्रधानमंत्री ने इस बात पर गौर किया कि जिन राज्‍यों में आरोग्‍य सेतु ऐप बड़ी संख्‍या में डाउनलोड किया गया है वहां सकारात्‍मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐप की पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने मानसून के साथ आने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति सचेत रहने की बात कही। उन्‍होंने इस वायरस को परास्‍त कर रहे और ठीक हो रहे लोगों की अधिक संख्‍या से अवगत कराते हुए इस बीमारी से जुड़े सताए जाने के डर और इससे जुड़े कलंक से निपटने सहित इस वायरस के खिलाफ जंग के भावनात्‍मक पहलू को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता हमारे कोरोना योद्धाओं, डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सहायता और समर्थन बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में जन भागिदारी आवश्‍यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को मास्क, फेस कवर का इस्तेमाल करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की लगातार याद दिलाते रहना चाहिए।

मुख्‍यमंत्रियों का कथन

आज की बातचीत दो दिवसीय बातचीत का दूसरा भाग थी और इसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, बिहार, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना और ओडिशा सहित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की भागीदारी देखी गई।

मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व के लिए उनका आभार प्रकट किया तथा उन्हें राज्यों के जमीनी हालात और वायरस के प्रभाव से निपटने की अपनी तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए उपलब्ध बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं तथा उन्‍हें और मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों, फ्रंटलाइन कर्मियों को प्रदान की गई सहायता, कंटेनमेंट जोन्‍स में निगरानी, मास्क और सुरक्षा से जुड़ी अन्य सुरक्षा सावधानियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान, परीक्षण में वृद्धि और वापस लौटे प्रवासियों को लाभकारी रोजगार के अवसर प्रदान करने के बारे में चर्चा की।

अनलॉक 2.0

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों के विचारों के लिए उनका आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ संघर्ष करने की सामूहिक प्रतिबद्धता हमारी जीत का मार्ग प्रशस्‍त करेगी। इसके साथ ही उन्‍होंने उचित सावधानियों के साथ आर्थिक गतिविधियों को तेज करने की आवश्यकता के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने लॉकडाउन की अफवाहों से निपटने की आवश्यकता का जिक्र करते हुए इस बात का उल्‍लेख किया कि देश अब अनलॉकिंग के चरण में है। उन्होंने कहा कि अब हमें अनलॉक के चरण- 2 के बारे में सोचने और अपने लोगों को नुकसान पहुंचने की सभी आशंकाओं को कम करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि पा‍बंदियों में कमी के साथ, आर्थिक प्रदर्शन के संकेतक, आर्थिक गतिविधियों के फिर से पटरी पर लौटने के संकेत दिखा रहे हैं। मुद्रास्फीति को भी नियंत्रण में रखा गया है। उन्होंने राज्यों से ढांचागत कार्यों और निर्माण संबंधी कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने को कहा। उन्होंने एमएसएमई, कृषि और कृषि विपणन को प्रोत्‍साहन देने के लिए आत्‍मनिर्भर भारत के तहत उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने आगामी महीनों में प्रवासी मजदूरों के समक्ष आने वाली चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में काफी हद तक सफल रहे हैं, लेकिन अभी लम्‍बी लड़ाई बाकी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अब, जबकि हमने अनलॉक करना शुरू किया है, इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि वे सुरक्षा के आत्म-कवच के रूप में कार्य करने वाले आरोग्य सेतु को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करें।

ओएसडी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लॉकडाउन के चरणों के दौरान और बाद में अनलॉक 1.0 में भी मामलों की वृद्धि दर में लगातार गिरावट होने का उल्लेख किया। उन्होंने लॉकडाउन के सकारात्मक परिणामों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस दौरान बड़ी संख्या में मामले टाले जा सके और जीवन की रक्षा की जा सकी, जागरूकता फैलाई गई और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि की गई। उन्होंने यह भी सूचित किया कि भारत में प्रति लाख जनसंख्या पर मामलों और मौतों की संख्या दुनिया में सबसे कम है।

 

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Prime Minister wishes good health and speedy recovery to Brazilian President after his surgery
December 12, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today wished good health and a speedy recovery to Brazilian President Lula da Silva after his surgery.

Responding to a post by Brazilian President on X, Shri Modi wrote:

“I am happy to know that President @LulaOficial’s surgery went well and that he is on the path to recovery. Wishing him continued strength and good health.”