चाहे एफडीआई हो या एफपीआई, विदेशी निवेशकों ने भारत में रिकॉर्ड निवेश किया है : प्रधानमंत्री
देश के एग्रीकल्चर सेक्टर को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में भारत में तेजी से काम किए गए हैं: प्रधानमंत्री मोदी
यह निश्चित है कि 21वीं सदी के भारत की ग्रोथ को गांव और छोटे शहर ही सपोर्ट करने वाले हैं : प्रधानमंत्री मोदी
हमारे देश की अर्थव्यवस्था को अलग-अलग सेक्टर्स में दीवारें नहीं, ज्यादा से ज्यादा ब्रिजेज चाहिए ताकि वे एक दूसरे का सपोर्ट कर सकें : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिक्की की 93वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में उद्घाटन भाषण दिया। प्रधानमंत्री ने न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मजबूत ब्रांड भारत को स्थापित करने की भारतीय निजी क्षेत्र की क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रत्येक नागरिक की प्रतिबद्धता निजी क्षेत्र में देश की आस्था का एक उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक आश्वस्त व्यक्ति जीवन के साथ-साथ प्रशासन में दूसरों को स्थान देने में कभी नहीं हिचकिचाता है। बड़े जनादेश द्वारा समर्थित एक मजबूत सरकार उस किस्म के विश्वास और समर्पण का परिचय देती है। एक निर्णायक सरकार हमेशा दूसरों की बाधाओं को दूर करने और समाज एवं राष्ट्र के लिए योगदान करने का प्रयास करती है। ऐसी सरकार नियंत्रण और पहल को केवल अपने तक ही सीमित नहीं रखना चाहती है। उन्होंने सरकार के सभी क्षेत्रों में मौजूद होने के दौर को याद किया और इस दृष्टिकोण की वजह से अर्थव्यवस्था में हुई बर्बादी का जिक्र किया। दूसरी ओर, एक दूरदर्शी और निर्णायक सरकार सभी हितधारकों को अपनी क्षमता का एहसास करने के लिए प्रोत्साहित करती है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार पिछले छह वर्षों से सभी क्षेत्रों में हितधारकों को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि यह विनिर्माण से लेकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों तक; कृषि से लेकर बुनियादी ढांचे तक; तकनीक से जुड़े उद्योगों से लेकर कर-निर्धारण तक और रियल एस्टेट से लेकर विनियामक सरलता तक के क्षेत्रों में चौतरफा सुधारों में परिलक्षित होता है।

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को बताया कि हमारे उद्योगों को दीवारों की नहीं, बल्कि पुलों की जरूरत है। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को अलग करने वाली दीवारों को हटाने से सभी के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे, खासकर किसानों को नए विकल्प मिलेंगे। प्रौद्योगिकी, शीत भंडार गृह और कृषि क्षेत्र में निवेश से किसानों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कृषि, सेवा, विनिर्माण और सामाजिक क्षेत्रों को एक दूसरे का पूरक बनाने के तरीके खोजने में ऊर्जा लगाने का आह्वान किया। फिक्की जैसे संगठन इस प्रयास में पुल और प्रेरणा दोनों बन सकते हैं। हमें स्थानीय मूल्य एवं आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की भूमिका का विस्तार करने के लक्ष्य के साथ काम करना चाहिए। श्री मोदी ने कहा, "भारत के पास बाजार एवं जनशक्ति है और मिशन मोड में काम करने की क्षमता भी है।"

प्रधानमंत्री ने जे-ए-एम (जनधन, आधार और मोबाइल) की त्रिमूर्ति के माध्यम से वित्तीय समावेशन की सफलता का हवाला दिया, जोकि इस सरकार के तहत सुधार के योजनाबद्ध और एकीकृत दृष्टिकोण का सबसे अच्छा उदाहरण है। दुनिया के सबसे बड़े इस प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली की उस समय बहुत प्रशंसा हुई, जब देश महामारी के दौरान बटन के एक क्लिक के जरिए करोड़ों खातों में धन हस्तांतरित कर सका।

प्रधानमंत्री ने किसानों और कृषि क्षेत्र की मदद के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की। श्री मोदी ने कहा, “सरकार नीति और नीयत के जरिए किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।” कृषि क्षेत्र में बढ़ती जीवंतता को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने मंडियों के बाहर अपनी उपज बेचने, मंडियों के आधुनिकीकरण और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर उपज बेचने के विकल्प समेत किसानों को उपलब्ध नए विकल्पों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इन सब का लक्ष्य किसान को समृद्ध बनाना है क्योंकि समृद्ध किसान का मतलब समृद्ध राष्ट्र है।

श्री मोदी ने बताया कि कृषि में निजी क्षेत्र का निवेश संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला, शीत भंडार गृह और उर्वरक जैसे क्षेत्रों आदि में निजी क्षेत्र की रुचि और निवेश, दोनों, की जरूरत है। श्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण कृषि आधारित उद्योगों में बहुत बड़ी संभावनाएं हैं और इसके लिए एक अनुकूल नीतिगत व्यवस्था मौजूद है।

ग्रामीण, अर्ध-ग्रामीण और श्रेणी-2 और श्रेणी-3 शहरों में हो रहे सकारात्मक बदलावों का मजबूती से पक्ष लेते हुए, प्रधानमंत्री ने व्यवसाय और उद्योग जगत के वरिष्ठ प्रमुखों को ऐसे क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या शहरों से अधिक हो गयी है और भारत के आधे से ज्यादा स्टार्टअप श्रेणी-2 और श्रेणी-3 शहरों में हैं। सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट के लिए हाल ही में स्वीकृत पीएम-वाणी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उद्यमियों को ग्रामीण कनेक्टिविटी प्रयासों में भागीदार बनना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह निश्चित है कि 21 वीं सदी में, भारत का विकास गांवों और छोटे शहरों द्वारा संचालित होगा और आप जैसे उद्यमियों को गांवों और छोटे शहरों में निवेश करने का अवसर नहीं खोना चाहिए। आपका निवेश ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में हमारे भाइयों और बहनों के लिए नए दरवाजे खोलेगा।”

प्रधानमंत्री ने कोविड के सदमे से मजबूती से उबरने में उद्योगपतियों और उद्यमियों के योगदानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश ने महामारी के दौरान नागरिकों के जीवन को प्राथमिकता दी और इसके अच्छे परिणाम मिले। श्री मोदी ने कहा कि हालात उसी तेजी से सुधरे हैं, जैसे वे शुरू में बिगड़े थे।

स्वतंत्रता संग्राम में फिक्की की भूमिका और निकट भविष्य में उनकी आगामी शताब्दी वर्ष होने की याद दिलाते हुए, प्रधानमंत्री ने उनसे राष्ट्र-निर्माण में अपनी भूमिका का विस्तार करने के लिए कहा।

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Prime Minister Shri Narendra Modi emphasises importance of Harmony and Forgiveness in our lives on the auspicious occasion of Samvatsari
September 07, 2024

On the auspicious occasion of Samvatsari, Prime Minister Shri Narendra Modi shared a heartfelt message on X, highlighting the importance of harmony and forgiveness in our lives. He urged citizens to embrace empathy and solidarity, fostering a spirit of kindness and unity that can guide our collective journey.

In his tweet, he stated, "Samvatsari highlights the strength of harmony and to forgive others. It calls for embracing empathy and solidarity as our source of motivation. In this spirit, let us renew and deepen bonds of togetherness. Let kindness and unity shape our journey forward. Michhami Dukkadam."