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"यह हमारी सरकार का बहुत बड़ा सौभाग्य है कि हम 3.5 करोड़ परिवारों के सबसे बड़े सपने को पूरा कर सके"
"यह आज का नया भारत है जहां गरीब धनतेरस पर अपने नए घरों में गृह प्रवेश कर रहे हैं"
"सरकार की विभिन्न नीतियां एवं योजनाएं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों को सभी सुविधाओं से परिपूर्ण बनाती हैं"
"पीएम-आवास योजना सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का एक माध्यम बन गई है"
"हम घरों की सुविधा से वंचित रहने के दुष्चक्र को तोड़ रहे हैं जो कई पीढ़ियों को प्रभावित करता था"
"अब बुनियादी सुविधाओं से लैस गरीब अपनी गरीबी कम करने के प्रयास कर रहे हैं"
"मुझे खुशी है कि देश का एक बड़ा वर्ग देश को ‘रेवड़ी संस्कृति’ से मुक्त करने के लिए कमर कस रहा है"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने धनतेरस के अवसर पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मध्य प्रदेश के सतना में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लगभग 4.51 लाख लाभार्थियों के ‘गृह प्रवेश’ में भाग लिया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने धनतेरस और दीपावली के शुभ अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश के 4.50 लाख भाई-बहनों के लिए आज एक नई शुरुआत है, जो अपने नए पक्के घरों में गृह प्रवेश कर रहे हैं।" उस समय को याद करते हुए जब धनतेरस केवल समाज के धनी लोगों द्वारा कारों या घरों जैसी महंगी संपत्ति खरीदकर मनाया जाता था, प्रधानमंत्री ने कहा कि धनतेरस केवल अमीरों का एक त्योहार बनकर रह गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आज का नया भारत है जहां गरीब धनतेरस पर अपने नए घरों में गृह प्रवेश कर रहे हैं। श्री मोदी ने विशेषकर उन महिलाओं को बधाई दी जो आज गृहस्वामिनी बन गई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिन लोगों को घर मिल रहा है, उनमें संभावनाएं दिख रही हैं, क्योंकि घर के बिना सभी संभावनाएं धुंधली होती हैं। आज नए घर में सिर्फ गृह प्रवेश का दिन नहीं है, यह नई खुशी, नए संकल्प, नए सपने, नई ऊर्जा और एक नई नियति का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह हमारी सरकार का बड़ा सौभाग्य है कि हम 3.5 करोड़ परिवारों के सबसे बड़े सपने को पूरा कर सके।”

नए घरों में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों की है और उनके कल्याण के लिए समर्पित है तथा गरीबों की जरूरतों और इच्छाओं को समझती है, सरकार द्वारा बनाए गए घर शौचालय, बिजली, पानी का कनेक्शन, गैस कनेक्शन से लैस हैं। सरकार की विभिन्न नीतियां और योजनाएं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए लाखों घरों को पूरा करती हैं।

प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों के कामों को याद करते हुए कहा कि यदि किसी को कभी कोई घर दिए जाते थे, तो उन्हें अलग से शौचालय बनाने पड़ते थे और घर के मालिकों को अपने घरों में बिजली, पानी और गैस कनेक्शन लेने के लिए अलग-अलग सरकारी कार्यालयों में काफी भागदौड़ करनी पड़ती थी। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि मकान मालिकों को कई मौकों पर रिश्वत देनी पड़ती थी। पिछली सरकारों के दौरान घरों के निर्माण और वितरण की औपचारिकताओं और कड़े नियमों व विनियमों की आलोचना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि घर के मालिकों की इच्छाओं और प्राथमिकताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने रास्ते बदल दिए, और घर के मालिकों को पूरा नियंत्रण उनके हाथ में दिया।" प्रधानमंत्री ने बताया कि इस नियंत्रण के कारण ही पीएम आवास योजना अब सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बन गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत की खराब नीतियों के कारण लोग अपने घरों की सुविधा से वंचित होने की स्थिति को अगली पीढ़ी को भी सौंपने को मजबूर हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं अपने करोड़ों देशवासियों को इस दुष्चक्र से बाहर निकालने का अवसर पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।" मध्य प्रदेश में ही करीब 30 लाख घरों का निर्माण हो चुका है। 9-10 लाख घरों में काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि ये लाखों निर्माण रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं। विभिन्न निर्माण सामग्री के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई अन्य आर्थिक अवसरों के साथ-साथ राजमिस्त्री के कुशल श्रमिक रोजगार सृजित किए गए। उन्होंने कहा कि इन घरों के निर्माण पर केवल मध्य प्रदेश में 22,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, इस बड़े पैमाने पर पूंजी लगने से राज्य में आर्थिक जीवन के सभी पहलुओं की मदद मिली है। उन्होंने कहा, "ये घर सभी के लिए प्रगति ला रहे हैं।"

बदली हुई कार्य संस्कृति के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि, पहले नागरिकों को अपनी सुविधा का अनुरोध करने के लिए सरकार के पास जाना होता था, किंतु अब उसके विपरीत वर्तमान सरकार खुद नागरिकों के पास जाती है और लोगों तक सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है। उन्होंने कहा, "आज हम बिना किसी भेदभाव के योजनाओं के पर्याप्त कवरेज की बात कर रहे हैं।"

प्रधानमंत्री ने लोगों की इन बुनियादी जरूरतों के बारे में सरकार की तत्परता के बारे में कहा कि यह अतीत के सबक के कारण है। अतीत में इतने सारे लोग इन बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे कि उनके पास और कुछ सोचने का समय ही नहीं था। इसलिए 'गरीबी हटाओ' के सभी नारे निष्प्रभावी रहे। उन्होंने कहा, “इसलिए हमने देश के हर नागरिक को इन बुनियादी सुविधाओं के साथ तेजी से जोड़ने का फैसला किया है। अब गरीब बुनियादी सुविधाओं से लैस होकर अपनी गरीबी कम करने के प्रयास कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि सरकार महामारी के दौरान 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है और इस पर 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "जब करदाता को लगता है कि उसका पैसा सही जगह पर खर्च किया जा रहा है, तो उसे भी खुशी होती है। आज देश में करोड़ों करदाता इस बात से काफी संतुष्ट हैं कि वे कोरोना काल में करोड़ों लोगों का पेट भरने में मदद करके महान सेवा कर रहे हैं। जब यही करदाता देखता है कि उससे वसूले गए पैसे से मुफ्त 'रेवड़ी' बंट रही है तो उसे भी दुख होता है। आज कई ऐसे करदाता मुझे चिट्ठी लिख रहे हैं। मुझे खुशी है कि देश का एक बड़ा वर्ग देश को रेवड़ी संस्कृति से मुक्ति दिलाने के लिए कमर कस रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य अपने नागरिकों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मध्यम और निम्न-आय वर्ग के लोगों के खर्च को कम करने का भी प्रयास करना है। प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत का उदाहरण देते हुए बताया कि अब तक इस योजना के तहत कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के चार करोड़ रोगियों का इलाज किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना के दौरान मुफ्त वैक्सीन अभियान के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए हैं और गरीबों को अपनी जेब से पैसा खर्च करने से रोका है।

यूक्रेन युद्ध के कारण उर्वरक की बढ़ती कीमतों के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार इस वर्ष 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि खर्च करने जा रही है, ताकि किसानों को इस बढ़ी हुई कीमतों का बोझ न उठाना पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि भी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 16 हजार करोड़ रुपए की किस्त जो कुछ दिन पहले ट्रांसफर की गई थी, तुरंत हर लाभार्थी किसानों के बैंक खाते तक पहुंच गई। प्रधानमंत्री ने कहा, "अभी, हमारी सरकार ने किसानों के बैंक खातों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक जमा किए हैं। और यह मदद तब मिली है जब बुवाई का मौसम है और किसानों को खाद व दवाओं के लिए पैसे की जरूरत है।” उन्होंने यह भी कहा कि फसलों की बिक्री पर पैसा सीधे बैंक खाते में पहुंचता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “मनरेगा का पैसा भी सीधे बैंक खाते में जमा किया जाता है। मातृ वंदना योजना के हजारों रुपये गर्भवती माताओं तक तब पहुंचते हैं जब उन्हें पौष्टिक भोजन की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। यह सब सेवा की भावना और राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण संभव हुआ है।”

प्रधानमंत्री ने आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने स्वामित्व योजना और कृषि में भी संपत्ति की रिकॉर्ड बनाने में ड्रोन सर्वेक्षण के बारे में बताया। उन्होंने लाखों उर्वरक दुकानों को किसान समृद्धि केंद्रों में बदलने और यूरिया-भारत ब्रांड के एक आम देशव्यापी ब्रांड को पेश करने के हालिया कदमों को याद किया और आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इन कदमों से किसानों को मदद मिलेगी।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का निरंतर प्रयास रहा है कि देश के प्रत्येक नागरिक को सभी मूलभूत सुविधाओं वाला घर उपलब्ध कराया जाए। आज का कार्यक्रम इसी दिशा में एक अगला कदम है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में अब तक लगभग 38 लाख आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं तथा 35,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत से लगभग 29 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।

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PM conveys Navroz greetings
March 21, 2023
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The Prime Minister, Shri Narendra Modi has greeted everyone on the occasion of Navroz.

The Prime Minister tweeted;

“Navroz Mubarak! On this auspicious occasion, I pray for the happiness and good health of everyone. May the year ahead bring greater prosperity and further the spirit of togetherness in our society.”