प्रतिनिधियों ने संकट के समय उनकी सहायता करने तथा उन्‍हें अफगानिस्‍तान से सुरक्षित भारत लाने की व्‍यवस्‍था करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया
आप अतिथि नहीं बल्कि अपने ही घर में हैं, भारत आपका घर है : प्रधानमंत्री
प्रतिनिधियों ने सीएए के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया; उन्‍हें दुनिया का प्रधानमंत्री करार दिया
प्रतिनिधियों ने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्‍होंने उन्‍हें समुचित सम्‍मान के साथ गुरु ग्रंथ साहिब के स्‍वरूप को अफगानिस्‍तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्‍यवस्‍था के बारे में सुना
प्रधानमंत्री ने समुदाय को सभी समस्याओं और कठिनाइयों का समाधान करने के लिए भविष्‍य में निरंतर सहायता करने का भरोसा दिलाया


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सुबह 7 लोक कल्‍याण मार्ग पर अफगानिस्‍तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्‍यों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया और अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।

प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का स्‍वागत किया और कहा कि वे अतिथि नहीं है बल्कि अपने ही घर में हैं, उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत उनका घर है। उन्‍होंने अफगानिस्‍तान में उनके सामने आने वाली अत्‍यधिक कठिनाइयों तथा उन्‍हें सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार द्वारा उपलब्‍ध कराई गई सहायता के बारे में चर्चा की। इस आलोक में, उन्‍होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के महत्‍व तथा समुदाय के लिए इसके लाभ के बारे में भी बात की। उन्‍होंने उन्‍हें भविष्‍य में भी निरंतर सहायता करने के साथ-साथ उनके सामने आने वाली सभी समस्‍याओं और कठिनाइयों को हल करने का भरोसा दिलाया।

प्रधानमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के सम्‍मान की परम्‍परा के महत्‍व के बारे में भी चर्चा की। जिसके आलोक में गुरु ग्रंथ साहिब के स्‍वरूप को अफगानिस्‍तान से वापस लाने के लिए विशेष व्‍यवस्‍था की गई थी। उन्‍होंने पिछले कुछ वर्षों में अफगानिस्‍तान के नागरिकों से प्राप्‍त अपार प्रेम की भी चर्चा की तथा काबुल की अपनी यात्रा का स्‍मरण किया।

श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने समुदाय को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत से सहायता भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया और कहा कि जब कोई भी उनके साथ नहीं खड़ा था तो प्रधानमंत्री ने निरंतर समर्थन तथा समय पर सहायता सुनिश्चित की। प्रतिनिधि मंडल के अन्‍य सदस्‍यों ने भी संकट के समय उनके लिए खड़े होने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्होंने उन्हें समुचित सम्मान के साथ गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था के बारे में सुना। उन्‍होंने सीएए लाने के लिए भी उन्‍हें धन्‍यवाद दिया, जो उनके समुदाय के सदस्‍यों के लिए अत्‍यधिक मददगार होगा। उन्‍होंने कहा कि वह केवल भारत के प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि दुनिया के प्रधानमंत्री हैं, क्‍योंकि वह दुनियाभर में विशेष रूप से हिंदुओं और सिखों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं तथा ऐसे सभी मामलों में तत्‍काल सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। इस अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी तथा केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थीं।

 

 

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प्रधानमंत्री ने 2001 के संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की
December 13, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज 13 दिसंबर 2001 को हुए जघन्य आतंकवादी हमले के दौरान भारत की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र कर्तव्य निभाते हुए प्राणों की आहुति देने वालों को श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्होंने कहा कि गंभीर खतरे के समय भी उनका साहस, सतर्कता और अटूट कर्तव्यनिष्ठा प्रत्येक नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

 

श्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा:

“आज के दिन, हमारा देश उन लोगों को याद करता है जिन्होंने 2001 में हमारी संसद पर हुए जघन्य हमले में अपने प्राणों की आहुति दी। गंभीर खतरे के बावजूद, उनका साहस, सतर्कता और कर्तव्यनिष्‍ठा सराहनीय थी। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदा कृतज्ञ रहेगा।”