इन परियोजनाओं से लोगों के जीवनयापन में काफी आसानी होगी और इस क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के अमरेली में 4,900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। आज की विकास परियोजनाओं में रेल, सड़क, जल विकास और पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं से राज्य के अमरेली, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर, कच्छ और बोटाद जिलों के नागरिकों को लाभ होगा।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने धनतेरस एवं दिवाली की उत्सव की भावना को रेखांकित किया और कहा कि जहां ये त्योहार संस्कृति का उत्सव मनाते हैं, वहीं विकास कार्यों में जारी प्रगति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने वडोदरा की अपनी यात्रा का उल्लेख करते हुए गुजरात भर में विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं के संबंध में अपडेट साझा किए। वडोदरा में उन्होंने भारतीय वायुसेना के लिए भारत में निर्मित विमान के उत्पादन के लिए समर्पित भारत की पहली फैक्ट्री का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने आज पहले अमरेली में भारत माता सरोवर के उद्घाटन का उल्लेख किया और कहा कि यहां पानी, सड़क तथा रेलवे से जुड़ी कई बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं सौराष्ट्र और कच्छ में लोगों के जीवन को आसान बनायेंगी, क्षेत्रीय विकास को गति देंगी, स्थानीय किसानों को समृद्ध करेंगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेंगी। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए सभी को बधाई दी।

इस बात का उल्लेख करते हुए कि यह सौराष्ट्र में अमरेली की भूमि ने भारत को कई रत्न दिए हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और राजनीतिक रूप से, हर तरह से अमरेली का एक गौरवशाली अतीत है। उन्होंने कहा कि अमरेली श्री योगीजी महाराज और भोज भगत के साथ-साथ लोक गायक एवं कवि दुलभय्या काग, कलापी जैसे कवियों, विश्व प्रसिद्ध जादूगर के. लाल और आधुनिक कविता के अगुआ रमेश पारेख की कर्मभूमि है। उन्होंने आगे कहा कि अमरेली ने गुजरात को पहला मुख्यमंत्री श्री जीवराज मेहता जी भी दिया है। श्री मोदी ने कहा कि अमरेली के बच्चों ने समाज में बड़ा योगदान देकर व्यापार जगत में भी बड़ा नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा को ढोलकैया परिवार ने मजबूत किया है, जो गुजरात सरकार की जल संरक्षण से संबंधित 80/20 योजनाओं से जुड़ा था। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले ढाई दशकों के निरंतर प्रयासों के कारण परिवर्तन बिल्कुल स्पष्ट हैं।

प्रधानमंत्री ने पानी के महत्व पर जोर दिया, खासकर गुजरात और सौराष्ट्र के लोगों के लिए, जो लंबे समय से पानी से संबंधित चुनौतियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने उस अतीत को याद किया जब सौराष्ट्र पानी की कमी के कारण पलायन के लिए जाना जाता था और कहा, “आज, स्थिति बदल गई है। अब, नर्मदा का पानी गांवों तक पहुंच गया है।” उन्होंने जलसंचय और सौनी योजना जैसी सरकारी पहलों की सराहना की। इन पहलों ने भूजल के स्तर में काफी वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि नदियों के गहरीकरण तथा चेक डैम के निर्माण से बाढ़ की समस्या से निपटा जा सकता है और वर्षा के जल का भी प्रभावी ढंग से भंडारण किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि आसपास के क्षेत्रों में पेयजल से संबंधित समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा, जिससे लाखों लोगों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने पिछले दो दशकों के दौरान हर घर और खेत तक पानी पहुंचाने की दिशा में गुजरात की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला, जो पूरे देश के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हर कोने तक पानी पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के निरंतर प्रयास जारी हैं तथा आज की परियोजनाओं से उस क्षेत्र के लाखों लोगों को और अधिक लाभ होगा। श्री मोदी ने बताया कि नवदा-चावंड बल्क पाइपलाइन परियोजना से अमरेली, बोटाद, जूनागढ़, राजकोट और पोरबंदर जैसे जिलों को प्रभावित करने वाले लगभग 1,300 गांवों और 35 से अधिक शहरों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से इन क्षेत्रों में हर दिन 30 करोड़ लीटर अतिरिक्त पानी की आपूर्ति होगी। पासवी समूह सौराष्ट्र क्षेत्रीय जल आपूर्ति योजना के दूसरे चरण के शिलान्यास का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह तलाजा, महुवा और पालीताना तालुका की जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने बताया, “एक बार पूरा हो जाने पर, लगभग 100 गांवों को इस परियोजना से सीधे लाभ होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की ये जल परियोजनाएं सार्वजनिक भागीदारी के साथ सरकार और समाज के बीच की सहयोगात्मक शक्ति का उदाहरण पेश करती हैं। उन्होंने प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवरों के निर्माण के माध्यम से भारत की आजादी के 75वें वर्ष को जल संरक्षण पहल से जोड़ने की सफलता पर प्रकाश डाला। श्री मोदी ने गांवों में 60,000 अमृत सरोवरों के निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो भावी पीढ़ियों के लिए एक विरासत छोड़ेंगे। उन्होंने श्री सी. आर. पाटिल के नेतृत्व में गति पकड़ रहे ‘कैच द रेन’ अभियान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह अभियान राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है, जहां सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से हजारों पुनर्भरण कुओं का निर्माण किया जा रहा है। श्री मोदी ने अपने पैतृक गांवों में पुनर्भरण कुएं बनाने के लिए आगे आने वाले लोगों के उत्साह को भी स्वीकार किया और इस बात पर जोर दिया कि कैसे यह पहल गांवों और खेतों में स्थानीय जल का प्रतिधारण सुनिश्चित करती है। उन्होंने आज सैकड़ों परियोजनाओं की शुरुआत का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य जल संरक्षण के माध्यम से कृषि और पशुधन को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि अब अधिक पानी की उपलब्धता के कारण खेती आसान हो गई है और नर्मदा के पानी से अब अमरेली में तीन मौसम की खेती संभव है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, अमरेली जिला खेती के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा है।” उन्होंने कहा कि कपास, मूंगफली, तिल तथा बाजरा जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा मिल रहा है और अमरेली के गौरव केसर आम को जीआई टैग हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि जीआई टैग के दर्जे का मतलब है कि अमरेली की पहचान केसर आम से जुड़ी है, चाहे वह दुनिया में कहीं भी बेचा जाए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमरेली तेजी से प्राकृतिक खेती के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में उभर रहा है और देश का पहला प्राकृतिक खेती विश्वविद्यालय हलोल में बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के तहत अमरेली को गुजरात का पहला प्राकृतिक खेती से संबंधित कॉलेज मिला है। श्री मोदी ने कहा कि प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक किसान पशुपालन में संलग्न हों और प्राकृतिक खेती से भी लाभान्वित हों। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि हाल के वर्षों में अमरेली के डेयरी उद्योग ने काफी प्रगति की है, श्री मोदी ने कहा कि यह केवल सरकार और सहकारी समितियों के संयुक्त प्रयासों के कारण ही संभव हुआ है। वर्ष 2007 में अमर डेयरी की स्थापना को याद करते हुए जब 25 गांवों की सरकारी समितियां उससे जुड़ी थीं, श्री मोदी ने कहा, “आज 700 से अधिक सहकारी समितियां अमर डेयरी से जुड़ी हैं और हर दिन लगभग 1.25 लाख लीटर दूध एकत्र किया जा रहा है"।

मीठी क्रांति के कारण अमरेली की प्रसिद्धि का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि शहद उत्पादन ने किसानों को आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि अमरेली के सैकड़ों किसानों ने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लेने के बाद शहद से संबंधित व्यवसाय शुरू किया है।

बिजली के बिलों को खत्म करने और प्रत्येक परिवार के लिए 25,000 रुपये से लेकर 30,000 रुपये की वार्षिक बचत सुनिश्चित करते हुए बिजली से आय उत्पन्न करने से संबंधित प्रधानमंत्री सूर्य गढ़ योजना के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के कार्यान्वयन के कुछ ही महीनों बाद पूरे गुजरात में छतों पर लगभग 200,000 सौर पैनल स्थापित किए गए हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमरेली जिला सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसका उदाहरण दुधाला गांव है, जहां सैकड़ों घरों में सौर पैनल लगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “इसके परिणामस्वरूप, यह गांव बिजली बिल में प्रति माह लगभग 75,000 रुपये की बचत कर रहा है और प्रत्येक घर को 4,000 रुपये की वार्षिक बचत का लाभ मिल रहा है।” उन्होंने कहा, "दुधाला तेजी से अमरेली का पहला सौर गांव बनने की ओर अग्रसर है।”

इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि सौराष्ट्र कई पवित्र स्थलों और आस्था से जुड़े स्थानों की मेजबानी करने वाला पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है, प्रधानमंत्री ने पर्यटकों के आकर्षण के एक प्रमुख केन्द्र के रूप में सरदार सरोवर बांध के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पिछले साल सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा को देखने के लिए 50 लाख से ज्यादा पर्यटक आए थे। उन्होंने सरदार साहब की जयंती के लिए दो दिनों में इस स्थल का दौरा करने और राष्ट्रीय एकता परेड देखने की बात कही।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केर्ली पुनर्भरण जलाशय आने वाले समय में इको-टूरिज्म का एक प्रमुख केन्द्र बनेगा और एडवेंचर टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह केर्ली पक्षी अभयारण्य को दुनिया में एक नई पहचान भी देगा।

गुजरात की लंबी तटरेखा पर प्रकाश डालते हुए, श्री मोदी ने कहा कि विरासत के संरक्षण के साथ-साथ विकास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इसलिए, मत्स्यपालन और बंदरगाहों से संबंधित सदियों पुरानी विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के निर्माण को मंजूरी देने का उल्लेख किया और कहा कि यह कदम देश तथा दुनिया को भारत की गौरवशाली समुद्री विरासत से परिचित कराएगा और प्रेरित करेगा।

श्री मोदी ने कहा, “हमारा प्रयास है कि समुद्र का नीला पानी नीली क्रांति को गति दे।” उन्होंने कहा कि बंदरगाह आधारित विकास से विकसित भारत का संकल्प मजबूत होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने बताया कि जाफराबाद, शियालबेट में मछुआरों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा रहा है; जबकि अमरेली में पीपावाव बंदरगाह के आधुनिकीकरण ने 10 लाख से अधिक कंटेनरों और हजारों वाहनों को संभालने की क्षमता के साथ-साथ आज हजारों लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित किए हैं। श्री मोदी ने पीपावाव बंदरगाह और गुजरात के ऐसे हर बंदरगाह को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के सरकार के प्रयास पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया कि गरीबों के लिए पक्के घर, बिजली, सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे और गैस पाइपलाइन जैसे बुनियादी ढांचे विकसित भारत के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में बुनियादी ढांचे के विकास पर तेजी से काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सौराष्ट्र में बेहतर बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी के लाभों ने औद्योगिक विकास को काफी बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, “रो-रो फेरी सेवा के शुभारंभ से सौराष्ट्र और सूरत के बीच कनेक्टिविटी सरल हो गई है तथा हाल के वर्षों में 7 लाख से अधिक लोग इससे लाभान्वित हुए हैं। एक लाख से अधिक कारों और 75,000 से अधिक ट्रकों और बसों का परिवहन किया गया है, जिससे समय और धन दोनों की बचत हुई है।”

प्रधानमंत्री ने जामनगर से अमृतसर-भटिंडा तक आर्थिक गलियारे के निर्माण में तेजी से प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “इस परियोजना से गुजरात से पंजाब तक सभी राज्यों को लाभ होगा। आज सड़क परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास से जामनगर और मोरबी जैसे प्रमुख औद्योगिक केन्द्रों के लिए कनेक्टिविटी बेहतर होगी, सीमेंट कारखानों तक सुगमता बढ़ेगी और साथ ही सोमनाथ एवं द्वारका के लिए आसान तीर्थयात्रा की सुविधा मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि कच्छ में रेलवे कनेक्टिविटी के विस्तार से सौराष्ट्र एवं कच्छ में पर्यटन तथा औद्योगिकीकरण को और मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जैसे-जैसे भारत तेजी से विकास कर रहा है, दुनिया में भारत का गौरव भी लगातार बढ़ता जा रहा है।” उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को नये परिपेक्ष्य में देख रही है, भारत की क्षमताओं को पहचान रही है और भारत की बात को गंभीरता से सुन रही है।” इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि इन दिनों हर कोई भारत की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है, श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि इसमें गुजरात की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने दुनिया को दिखाया है कि भारत के हर शहर और गांव में कितनी संभावनाएं हैं। रूस में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने हेतु अपनी हालिया यात्रा का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हर कोई भारत से जुड़ना और निवेश करना चाहता है। प्रधानमंत्री ने जर्मनी के चांसलर की हाल की यात्रा और उनके साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जर्मनी ने अब वार्षिक वीजा कोटा मौजूदा 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार कर दिया है, जिससे भारतीय युवाओं को लाभ होगा। श्री मोदी ने स्पेन के राष्ट्रपति की आज की गुजरात यात्रा और वडोदरा में परिवहन विमान निर्माण कारखाने के रूप में स्पेन के भारी निवेश पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इससे गुजरात में हजारों लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही विमान निर्माण से संबंधित एक संपूर्ण इकोसिस्टम का विकास होगा, जिससे लाखों नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो कहता था कि गुजरात के विकास से देश का विकास होता है। एक विकसित गुजरात, एक विकसित भारत के मार्ग को प्रशस्त करेगा।” उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए सभी को बधाई दी।

इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल और सांसद श्री परषोत्तम रूपाला सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने अमरेली के दुधाला में भारत माता सरोवर का उद्घाटन किया। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत गुजरात सरकार और ढोलकैया फाउंडेशन के बीच सहयोग के माध्यम से विकसित की गई है। ढोलकैया फाउंडेशन ने एक चेक डैम का उन्नयन किया है। मूल रूप से इस बांध में 4.5 करोड़ लीटर पानी को रोक सकने की क्षमता थी। लेकिन इसे गहरा करने, चौड़ा करने और मजबूत करने के बाद, इसकी क्षमता बढ़कर 24.5 करोड़ लीटर हो गई है। इस उन्नयन से आस-पास के कुओं और कूपो का जलस्तर बढ़ गया है जिससे स्थानीय गांवों और किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने गुजरात के अमरेली में लगभग 4,900 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं से राज्य के अमरेली, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर, कच्छ और बोटाद जिलों के नागरिकों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने 2,800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में एनएच 151, एनएच 151ए एवं एनएच 51 और जूनागढ़ बाईपास के विभिन्न खंडों को चार लेन का बनाना शामिल है। जामनगर जिले के ध्रोल बाईपास से मोरबी जिले के अमरान तक शेष खंड को चार लेन वाला बनाने की परियोजना का शिलान्यास भी किया गया।

प्रधानमंत्री ने लगभग 1,100 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई भुज-नालिया रेल गेज परिवर्तन परियोजना को राष्ट्र को समर्पित की। इस व्यापक परियोजना में 24 बड़े सेतु, 254 छोटे सेतु, 3 रोड ओवरब्रिज और 30 रोड अंडरब्रिज शामिल हैं तथा यह कच्छ जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रधानमंत्री ने अमरेली जिले के जल आपूर्ति विभाग की 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उद्घाटन की गई परियोजनाओं में नवदा से चावंड बल्क पाइपलाइन शामिल है जो बोटाद, अमरेली, जूनागढ़, राजकोट और पोरबंदर जिलों के 36 शहरों और 1,298 गांवों में लगभग 67 लाख लाभार्थियों को अतिरिक्त 28 करोड़ लीटर पानी प्रदान करेगी। भावनगर जिले में पासवी समूह की संवर्धित जल आपूर्ति योजना के दूसरे चरण का शिलान्यास भी किया गया, जिससे भावनगर जिले के महुवा, तलाजा और पालीताना तालुका के 95 गांवों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने पर्यटन से जुड़ी विभिन्न विकास संबंधी पहलों का शिलान्यास भी किया, जिसमें पोरबंदर जिले के मोकरसागर में केर्ली पुनर्भरण जलाशय को एक विश्वस्तरीय टिकाऊ इको-पर्यटन स्थल में बदलना शामिल है।

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Prime Minister Shri Narendra Modi Strongly Condemns Attack on Hindu Temple in Canada
November 04, 2024
Such acts of violence will never weaken India’s resolve. We expect the Canadian government to ensure justice and uphold the rule of law: PM

Prime Minister Shri Narendra Modi has strongly condemned the recent attack on a Hindu temple in Canada, along with reported attempts to intimidate Indian diplomats. Emphasizing India’s steadfast resolve, he called for justice and the upholding of the rule of law by the Canadian government.

In his statement posted on X, Prime Minister Modi said:
"I strongly condemn the deliberate attack on a Hindu temple in Canada. Equally appalling are the cowardly attempts to intimidate our diplomats. Such acts of violence will never weaken India’s resolve. We expect the Canadian government to ensure justice and uphold the rule of law."