भारत पहली बार शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करेगा
एफआईडीई अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया
यह सम्मान न केवल भारत का, बल्कि शतरंज की इस गौरवशाली विरासत का भी आदर है
मुझे उम्मीद है कि भारत इस साल पदकों का नया कीर्तिमान स्थापित करेगा
अगर सही सहयोग और सही माहौल उपलब्ध कराया जाए तो सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए भी कोई लक्ष्य असंभव नहीं है
दूरदर्शिता भारत की खेल नीति और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) जैसी योजनाओं के बारे में बताती है, जिसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं।
पहले युवाओं को सही प्लेटफॉर्म का इंतजार करना पड़ता था, आज 'खेलो इंडिया' अभियान के तहत देश इन प्रतिभाओं को खोज रहा है और उनकी क्षमताओं को सही आकार देकर तराश भी रहा है
बिना किसी तनाव या दबाव के अपनी क्षमता का शत-प्रतिशत दें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में शतरंज ओलंपियाड के 44वें सत्र से पहले ऐतिहासिक मशाल रिले का शुभारंभ किया। एफआईडीई के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने प्रधानमंत्री को मशाल सौंपी और श्री मोदी ने इसे ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को थमाया। इस मशाल को चेन्नई के पास महाबलीपुरम में अंतिम स्थल तक पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि में 75 शहरों में ले जाया जाएगा। हर स्थान पर प्रदेश के शतरंज ग्रैंड मास्टर इस मशाल का स्वागत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने खेलो शतरंज में औपचारिक चाल भी चली, जिसके बाद सुश्री कोनेरू हम्पी ने एक चाल चली। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर और श्री निसिथ प्रमाणिक, शतरंज खिलाड़ी तथा खेल प्रेमी, राजदूत व शतरंज अधिकारी भी उपस्थित थे।

एफआईडीई के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने मशाल रिले की नई परंपरा की शुरुआत में पहल करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया, जो दुनिया भर में इस खेल को लोकप्रिय और प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि एफआईडीई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति और हमें सम्मान देने के लिए उनका आभार प्रकट करता है। अर्कडी ड्वोरकोविच ने नई क्षमताओं के निर्माण में शतरंज के खेल के महत्व और सफलता की ओर ले जाने में शिक्षा तथा खेल के संयोजन की भूमिका पर 2010 में अधिकांश खिलाड़ियों द्वारा एक ही स्थान पर शतरंज खेलने के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण को याद किया। एफआईडीई के अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि शतरंज का खेल पूरे भारत और दुनिया भर के सभी स्कूलों का हिस्सा बन जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत आज शतरंज के खेल में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है और आपके पास इस पर गर्व करने के सभी कारण हैं। शतरंज के हित में आप जो शानदार काम कर रहे हैं, उसके लिए हम आपके नेतृत्व के आभारी हैं।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शतरंज ओलंपियाड खेलों के लिए आज पहली मशाल रिले भारत से शुरू हो रही है। इस साल पहली बार भारत शतरंज ओलंपियाड खेलों की मेजबानी भी करने जा रहा है। हमें इस बात पर गर्व है कि एक खेल, जो अपने जन्मस्थान से शुरू होकर पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहा है, वह कई देशों के लिए जुनून बन चुका है। उन्होंने कहा कि सदियों पहले इस खेल की मशाल भारत से चतुरंग के रूप में पूरी दुनिया में गई थी। आज शतरंज की पहली ओलंपियाड मशाल भी भारत से निकल रही है। आज जब भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मना रहा है, तो यह शतरंज ओलंपियाड मशाल देश के 75 शहरों में भी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, एफआईडीई ने तय किया है कि शतरंज ओलंपियाड के प्रत्येक सत्र के लिए मशाल रिले भारत से ही शुरू होगी। यह सम्मान न केवल भारत का सम्मान है, बल्कि शतरंज की इस गौरवशाली विरासत का भी सम्मान है। मैं इसके लिए एफआईडीई और उसके सभी सदस्यों को बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने शतरंज में भारत की विरासत पर ध्यान केन्द्रित किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने विश्लेषण करने और समस्या के समाधान ढूंढने में दिमाग के इस्तेमाल लिए चतुरंग या शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया था। शतरंज भारत के रास्ते दुनिया के कई देशों में पहुंचा और बहुत लोकप्रिय हुआ। आज, स्कूलों में शतरंज का उपयोग युवाओं और बच्चों के लिए शिक्षा के एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत तेजी से शतरंज के खेल में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार कर रहा है। इस साल शतरंज ओलंपियाड में हिस्सा ले रहा भारत का दल अब तक का सबसे बड़ा दल है। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत इस साल पदकों का नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।

प्रधानमंत्री ने कई सबक के बारे में बात की जो शतरंज से हमारे जीवन में आते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन में हर किसी का स्थान चाहे जो भी हो, उसके लिए सही सहयोग तथा सहायता की आवश्यकता होती है, जिस तरह से जैसे शतरंज के हर मोहरे की अपनी अनूठी ताकत और एक अनोखी क्षमता होती है। यदि आप एक मोहरे के साथ सही चाल चलते हैं और उसकी शक्ति का ठीक उपयोग करते हैं, तो वह सबसे शक्तिशाली बन जाता है। शतरंज की बिसात की यह विशेषता हमें जीवन का बड़ा संदेश देती है। अगर सही सहयोग और अच्छा माहौल दिया जाए तो सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए भी कोई लक्ष्य असंभव नहीं है।

शतरंज के एक अन्य सबक पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शतरंज के खेल की एक और बड़ी विशेषता इसकी दूरदर्शिता है। शतरंज हमें बताता है कि वास्तविक सफलता अल्पकालिक सफलता के बजाय दूरदर्शिता से आती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि यह सबक भारत की खेल नीति और टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) जैसी योजनाओं के बारे में बताता है, जिसके परिणाम सामने आने लगे हैं।

टोक्यो ओलंपिक, पैरालंपिक, थॉमस कप और बॉक्सिंग में भारत की हालिया सफलताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। देश के युवाओं में साहस, समर्पण और ताकत भी पर्याप्त है। लेकिन पहले हमारे इन युवाओं को सही मंच का इंतजार करना पड़ता था। आज 'खेलो इंडिया' अभियान के तहत देश इन प्रतिभाओं को खोज रहा है और उनकी क्षमताओं को सही आकार देकर तराश भी रहा है। खेलो इंडिया के तहत देश के दूर-दराज के क्षेत्रों से खेल प्रतिभाएं उभर कर सामने आ रही हैं और देश के विभिन्न कस्बों तथा जिलों में आधुनिक खेल का बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत खेलों को अन्य शैक्षणिक विषयों के रूप में माना गया है। उन्होंने कहा कि फिजियो, खेल विज्ञान जैसे खेलों के कई नए आयाम सामने आ रहे हैं और देश में कई खेल विश्वविद्यालय खोले जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने खिलाड़ी पर उम्मीदों के दबाव को स्वीकार किया और उन्हें बिना किसी तनाव या दबाव के अपनी क्षमता का शत-प्रतिशत देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि देश आपकी मेहनत और समर्पण को देखता है। जीत किसी खेल के लिए जितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उतनी ही फिर से जीतने की तैयारी भी खेल का हिस्सा है। शतरंज में एक गलत चाल के महत्व का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि खेल एक गलती से जा सकता है, तो व्यक्ति मस्तिष्क शक्ति के उपयोग से स्थिति को पुनः प्राप्त कर सकता है, इसलिए शांत रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सुझाव दिया कि योग और ध्यान इसमें बहुत मदद कर सकते हैं। उन्होंने योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने और आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में उत्साहपूर्वक भाग लेने की अपील की।

इस वर्ष पहली बार अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ- एफआईडीई ने शतरंज ओलंपियाड मशाल की स्थापना की है जो ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन शतरंज ओलंपियाड में कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था। भारत शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले रखने वाला पहला देश होगा। विशेष रूप से, शतरंज की भारतीय जड़ों को और अधिक ऊंचाई तक ले जाने में शतरंज ओलंपियाड के लिए मशाल रिले की यह परंपरा हमेशा भारत में शुरू होगी और मेजबान देश तक पहुंचने से पहले सभी महाद्वीपों में यात्रा करेगी।

44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से 10 अगस्त 2022 तक चेन्नई में आयोजित किया जाएगा। वर्ष 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी भारत में पहली बार और 30 साल बाद एशिया में हो रही है। 189 देशों के भाग लेने के साथ ही यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में सबसे बड़ी भागीदारी होगी।

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Prime Minister welcomes passage of SHANTI Bill by Parliament
December 18, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has welcomed the passage of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament, describing it as a transformational moment for India’s technology landscape.

Expressing gratitude to Members of Parliament for supporting the Bill, the Prime Minister said that it will safely power Artificial Intelligence, enable green manufacturing and deliver a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world.

Shri Modi noted that the SHANTI Bill will also open numerous opportunities for the private sector and the youth, adding that this is the ideal time to invest, innovate and build in India.

The Prime Minister wrote on X;

“The passing of the SHANTI Bill by both Houses of Parliament marks a transformational moment for our technology landscape. My gratitude to MPs who have supported its passage. From safely powering AI to enabling green manufacturing, it delivers a decisive boost to a clean-energy future for the country and the world. It also opens numerous opportunities for the private sector and our youth. This is the ideal time to invest, innovate and build in India!”