"एशियाई खेलों में हमारे एथलीटों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से पूरा देश बहुत खुश है"
“एशियाई खेलों में भारत का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, यह व्यक्तिगत संतुष्टि की बात है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं”
" कई प्रतिस्पर्धाओं में आपके प्रयासों से दशकों का इंतजार खत्म हुआ"
"कई क्षेत्रों में आपने न केवल नेतृत्व किया है बल्कि एक ऐसा रास्ता दिखाया है जो युवाओं की एक पीढ़ी को प्रेरित करेगा"
"भारत की बेटियां, नंबर वन से कम में मानने को तैयार नहीं हैं"
"हमारी टॉप्स और खेलो इंडिया योजनाएं गेम चेंजर साबित हुई हैं"
"हमारे खिलाड़ी देश के लिए जीओएटी यानि सर्वकालिक महानता के शिखर पर हैं"
"पदक विजेताओं में युवा एथलीटों की मौजूदगी एक खेल राष्ट्र की निशानी है"
"युवा भारत की नई सोच अब सिर्फ अच्छे प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है, बल्कि उसे पदक और जीत चाहिए"
"नशे से लड़ने एवं श्रीअन्न और पोषण मिशन को बढ़ावा देने में मदद करें"
"मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पैसे की कमी आपके प्रयासों में कभी बाधा नहीं बनेगी"
"युवाओं पर हमारा विश्वास ही '100 पार' नारे का आधार था, आप उस विश्वास पर खरे उतरे हैं"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में एशियाई खेल 2022 में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों के दल को संबोधित किया। उन्होंने एथलीटों से भी बातचीत की। भारत ने एशियाई खेल 2022 में 28 स्वर्ण पदक सहित 107 पदक जीते, जिससे यह महाद्वीपीय मल्टी-स्पोर्ट आयोजन में जीते गए पदकों की कुल संख्या के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

 

दल को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रत्येक नागरिक की ओर से उनका स्वागत किया और उनकी सफलता के लिए उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि एशियाई खेलों का शुभारंभ 1951 में इसी स्टेडियम में हुआ था। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि एथलीटों द्वारा दिखाए गए साहस और दृढ़ संकल्प ने देश के हर कोने को एक जश्न के माहौल में बदल दिया है। 100 से अधिक पदकों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए किए गए परिश्रम को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पूरा देश गर्व की भावना का अनुभव कर रहा है। उन्होंने कोचों और प्रशिक्षकों को भी उनके योगदान के लिए बधाई दी और फिजियो और अधिकारियों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने सभी एथलीटों के माता-पिता को नमन किया और परिवारों द्वारा किए गए योगदान और बलिदान पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा, "प्रशिक्षण मैदान से मंच तक, माता-पिता के समर्थन के बिना यह यात्रा असंभव है।"

 

प्रधानमंत्री ने कहा, “आपने इतिहास रचा है। इस एशियन गेम्स के आंकड़े भारत की सफलता के गवाह हैं। एशियाई खेलों में यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। यह व्यक्तिगत संतुष्टि की बात है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।” उन्होंने कोरोना वैक्सीन की खोज के समय की शंकाओं को याद करते हुए कहा कि जब हम 250 देशों के लोगों की जान बचाने और मदद करने में सफल हुए, तो सही दिशा में आगे बढ़ने की भावना भी महसूस हुई।

 

अब तक की सबसे अधिक पदक तालिका के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने निशानेबाजी, तीरंदाजी, स्क्वैश, रोइंग, महिला मुक्केबाजी में अब तक के सबसे अधिक पदक और महिला और पुरुष क्रिकेट स्पर्धाओं, स्क्वैश मिश्रित युगल में पहले स्वर्ण पदक का जिक्र किया। उन्होंने लंबे समय के बाद कुछ स्पर्धाओं में पदक हासिल करने के महत्व पर जोर दिया, उदाहरण के लिए महिला शॉटपुट (72 वर्ष), 4x4 100 मीटर (61 वर्ष), घुड़सवारी (41 वर्ष) और पुरुष बैडमिंटन (40 वर्ष)। प्रधानमंत्री ने कहा, ''आपके प्रयासों से कई दशकों का इंतजार खत्म हुआ।''

 


प्रधानमंत्री ने इस कैनवास के विस्तार के बारे में चर्चा की, क्योंकि भारत ने लगभग सभी खेलों में पदक जीते जिनमें देश ने भाग लिया। कम से कम 20 इवेंट ऐसे थे जहां भारत कभी पोडियम फिनिश नहीं कर पाया था। प्रधानमंत्री ने कहा, “आपने न सिर्फ एक खाता खोला बल्कि एक ऐसी राह खोली जो युवाओं की एक पीढ़ी को प्रेरित करेगी। यह एशियाई खेलों से आगे बढ़ेगा और ओलंपिक की ओर हमारे मार्च को नया आत्मविश्वास देगा।"

 

प्रधानमंत्री ने महिला एथलीटों द्वारा किए गए योगदान पर बहुत गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत की बेटियों की क्षमताओं को उजागर करता है। उन्होंने बताया कि जीते गए सभी पदकों में से आधे से अधिक महिला एथलीटों ने हासिल किए और यह महिला क्रिकेट टीम ही थी, जिसने सफलताओं का सिलसिला शुरू किया। उन्होंने कहा कि बॉक्सिंग में सबसे ज्यादा पदक महिलाओं ने जीते हैं। उन्होंने प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए महिला एथलेटिक्स टीम की भी सराहना करते हुए कहा, "भारत की बेटियां, ट्रैक और फील्ड इवेंट में नंबर वन से कम में मानने को तैयार नहीं हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा, “यह नए भारत की भावना और शक्ति है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत अंतिम क्षण तक और विजेताओं का फैसला होने तक हार नहीं मानता। उन्होंने कहा, "नया भारत हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करता है।"

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में प्रतिभा की कभी कमी नहीं थी और एथलीटों ने अतीत में अच्छा प्रदर्शन किया था, हालांकि, कई चुनौतियों के कारण हम पदक के मामले में पिछड़ गए। उन्होंने 2014 के बाद किए गए आधुनिकीकरण और परिवर्तनकारी प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि एथलीटों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करना, एथलीटों को अधिकतम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर देना, चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिभा को अधिकतम अवसर प्रदान करना भारत का प्रयास है। उन्होंने बताया कि खेल बजट को 9 साल पहले की तुलना में तीन गुना बढ़ाया गया है। खेलो गुजरात ने कैसे राज्य की खेल संस्कृति को बदल दिया, प्रधानमंत्री ने यह याद करते हुए कहा, "हमारी टॉप्स और खेलो इंडिया योजनाएं गेम चेंजर साबित हुई हैं।" उन्होंने कहा कि एशियाड दल के लगभग 125 एथलीट खेलो इंडिया अभियान की देन हैं, जिनमें से 40 से अधिक ने पदक जीते हैं। उन्होंने कहा, "इतने सारे खेलो इंडिया एथलीटों की सफलता अभियान की सही दिशा दिखाती है।" उन्होंने बताया कि खेलो इंडिया के तहत 3000 से अधिक एथलीटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा, “इन खिलाड़ियों को हर साल 6 लाख रुपये से ज्यादा की स्कॉलरशिप मिल रही है। इस योजना के तहत अब तक लगभग 2.5 हजार करोड़ रुपये की सहायता एथलीटों को दी जा चुकी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पैसे की कमी आपके प्रयासों में कभी बाधा नहीं बनेगी। सरकार अगले पांच साल में आपके और खेल पर 3 हजार करोड़ रुपये और खर्च करने जा रही है। आज, देश के हर कोने में आपके लिए ही आधुनिक खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है।”

 

प्रधानमंत्री ने पदक विजेताओं में युवा एथलीटों की मौजूदगी पर खुशी जताते हुए कहा, “यह एक खेल राष्ट्र की निशानी है। ये नए युवा विजेता लंबे समय तक देश के लिए शानदार प्रदर्शन करेंगे। युवा भारत की नई सोच अब केवल अच्छे प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है, बल्कि वह पदक और जीत चाहती है।''

 

प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी के बीच आम भाषा का जिक्र करते हुए कहा, "देश के लिए, आप – सर्वकालिक शिखर पर हैं।" उन्होंने कहा कि एथलीटों का जुनून, समर्पण और बचपन की कहानियां हर किसी के लिए प्रेरणा हैं। युवा पीढ़ी पर एथलीटों के प्रभाव के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने अधिक युवाओं के साथ जुड़कर इस सकारात्मक ऊर्जा का अच्छा उपयोग करने पर जोर दिया। एथलीटों को स्कूलों का दौरा करने और बच्चों के साथ बातचीत करने के अपने सुझाव को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि एथलीट युवाओं में नशीली दवाओं की बुराइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। उन्होंने बताया कि देश नशीली दवाओं के खिलाफ एक निर्णायक युद्ध लड़ रहा है और उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि जब भी उन्हें मौका मिले वे नशीली दवाओं और हानिकारक दवाओं की बुराइयों के बारे में बात करें। उन्होंने उनसे नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध को मजबूत करने और नशामुक्त भारत के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए आगे आने का आग्रह किया।

 

प्रधानमंत्री ने फिटनेस के लिए सुपर-फूड्स के महत्व पर भी प्रकाश डाला और एथलीटों से देश के बच्चों के बीच पौष्टिक भोजन को प्राथमिकता देने के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे बच्चों से जुड़ें और सही खान-पान की आदतों के बारे में बात करें, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वे श्रीअन्न आंदोलन और पोषण मिशन में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

 

प्रधानमंत्री ने खेल क्षेत्र में सफलताओं को राष्ट्रीय सफलताओं के बड़े कैनवास से जोड़ा। उन्होंने जोर देकर कहा, “आज जब भारत विश्व मंच पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहा है, तो आपने खेल के क्षेत्र में भी इसका प्रदर्शन किया है। आज, जब भारत दुनिया की शीर्ष-3 अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, तो इसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलता है।” उन्होंने अंतरिक्ष, स्टार्टअप, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और उद्यमिता में समान सफलताओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, "भारत की युवा क्षमता हर क्षेत्र में दिखाई देती है।"

 

प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के एशियाई खेलों के लिए चुने गए '100 पार' के नारे का जिक्र करते हुए कहा, "देश को आप सभी खिलाड़ियों पर बहुत भरोसा है।" श्री मोदी ने विश्वास जताया कि अगले आयोजन में यह रिकॉर्ड और भी आगे जायेगा। उन्होंने कहा कि पेरिस ओलंपिक नजदीक है, इसलिए उसका ध्यान रखते हुए लगन से तैयारी करने की जरूरत है। उन्होंने उन सभी को सांत्वना दी जिन्हें इस बार सफलता नहीं मिली। प्रधानमंत्री ने उन्हें सुझाव दिया कि वे अपनी गलतियों से सीखें और नए सिरे से प्रयास करें। श्री मोदी ने 22 अक्टूबर से शुरू होने वाले पैरा एशियाई खेलों के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं।

 

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।

 

पृष्ठभूमि

यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री द्वारा एशियाई खेल 2022 में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए एथलीटों को बधाई देने और उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है। भारत ने एशियाई खेल 2022 में 28 स्वर्ण पदक सहित कुल 107 पदक जीते। जीते गए पदकों की कुल संख्या के मामले में एशियाई खेलों में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

कार्यक्रम में एशियाई खेलों के लिए भारतीय दल के एथलीट, उनके कोच, भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकारी, राष्ट्रीय ओलंपिक संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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Prime Minister condoles loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra
December 07, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has expressed deep grief over the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra.

Shri Modi also prayed for the speedy recovery of those injured in the mishap.

The Prime Minister’s Office posted on X;

“Deeply saddened by the loss of lives due to a mishap in Nashik, Maharashtra. My thoughts are with those who have lost their loved ones. I pray that the injured recover soon: PM @narendramodi”