महान तमिल कवि की 100वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री ने बीएचयू, वाराणसी के कला संकाय में तमिल अध्ययन पर 'सुब्रमण्य भारती पीठ' स्‍थापित करने की घोषणा की
सरदार साहब जिस ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’का विजन लेकर चलते थे, वही दर्शन महाकवि भारती की तमिल लेखनी में पूरी दिव्यता से निखरता रहा है: प्रधानमंत्री
आज दुनिया यह महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान मानवता के इन्हीं मूल्यों से होगा: प्रधानमंत्री
महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया, लेकिन नुकसान की तुलना में हमारी रिकवरी कहीं ज्‍यादा तेजी से हो रही है: प्रधानमंत्री
ऐसे समय में जब बड़े देश अपने आर्थि‍क हितों की सिर्फ रक्षा करने में जुटे हुए थे, भारत में सुधारों को लागू किया जा रहा था: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सरदार धाम भवन का लोकार्पण और सरदार धाम चरण-II कन्या छात्रालय का भूमि पूजन किया। गुजरात के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गणेशोत्सव के अवसर पर सरदार धाम भवन का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने सभी देशवासियों को गणेश चतुर्थी, गणेशोत्सव और ऋषि पंचमी एवं क्षमवाणी दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मानवता की सेवा के प्रति उत्‍कृष्‍ट समर्पण भाव के लिए सरदार धाम ट्रस्ट से जुड़े सभी सदस्यों की सराहना की। उन्होंने पाटीदार समाज के युवाओं के साथ-साथ गरीबों और विशेषकर महिलाओं के सशक्तिकरण पर उनके द्वारा विशेष जोर देने की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस छात्रावास सुविधा का आज उद्घाटन किया जा रहा है, उससे बड़ी संख्या में लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक भवन, बालिका छात्रावास और आधुनिक पुस्तकालय युवाओं को सशक्त बनाने में सहायक साबित होंगे। उद्यमिता विकास केन्द्र गुजरात की मजबूत व्यावसायिक पहचान को समृद्ध करेगा और सिविल सेवा केन्द्र सिविल, रक्षा और न्यायिक सेवाओं में अपना करियर बनाने के इच्छुक युवाओं को नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि सरदार धाम न केवल देश के भविष्य के निर्माण का प्रतिष्ठान बनेगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को सरदार साहब के आदर्शों को जीने के लिए प्रेरित भी करेगा।

उन्होंने कहा कि आज, 11 सितंबर, दुनिया के इतिहास में एक ऐसी तारीख है, जिसे मानवता पर हमले के लिए जाना जाता है। लेकिन इस तारीख ने पूरी दुनिया को बहुत कुछ सिखाया भी! एक सदी पहले 11 सितंबर, 1893 को शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि इस दिन स्वामी विवेकानंद उस वैश्विक मंच पर खड़े हुए और पूरी दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया। आज दुनिया इस बात को महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान इन मानवीय मूल्यों के जरिए ही संभव होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 11 सितंबर को एक और बड़ा अवसर- भारत के महान विद्वान, दार्शनिक और स्वतंत्रता सेनानी ‘सुब्रमण्य भारती’ की 100वीं पुण्यतिथि- है। सरदार साहब द्वारा परिकल्पित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का दर्शन महाकवि भारती के तमिल लेखन में पूर्ण दिव्यता के साथ अपनी चमक बिखेरता रहा है। उन्होंने कहा कि सुब्रमण्य भारती ने स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा ली और वे श्री अरबिंदो से प्रभावित थे। भारती ने काशी में रहते हुए अपने विचारों को नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान की। प्रधानमंत्री ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में ‘सुब्रमण्य भारती जी’ के नाम पर एक पीठ की स्थापना करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय में तमिल अध्ययन से संबंधित ‘सुब्रमण्य भारती पीठ’ की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुब्रमण्य भारती जी ने हमेशा संपूर्ण मानव जाति और भारत की एकता पर विशेष बल दिया। उनके आदर्श भारत के विचार और दर्शन का अभिन्न अंग हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत से लेकर आज तक गुजरात सामूहिक प्रयासों की भूमि रहा है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने दांडी यात्रा यहीं से शुरू की थी, जो आज भी स्वतंत्रता संग्राम में देश के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है। इसी तरह खेड़ा आंदोलन में सरदार पटेल के नेतृत्व में किसानों, युवाओं और गरीबों की एकता ने ब्रिटिश सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि वो प्रेरणा, वो ऊर्जा आज भी गुजरात की धरती पर सरदार साहब की गगनचुंबी प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के रूप में हमारे सामने खड़ी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के उन वर्गों को आगे लाने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं जो पीछे छूट गए हैं। उन्होंने कहा कि आज एक तरफ जहां दलितों और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के हकों के लिए काम हो रहा है, वहीं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण भी दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कोशिशें समाज में एक नया भरोसा पैदा कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में बाजार में हमारे युवाओं से जो कौशल अपेक्षित है उसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों को शुरू से ही तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि 'कौशल भारत मिशन' भी देश के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है। इस मिशन के तहत लाखों युवाओं को विभिन्न कौशल सीखने का मौका मिला है और वे स्वतंत्र हो रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) के तहत छात्रों को कौशल विकास के तहत अपने कौशल को निखारने के साथ-साथ अपनी आय बढ़ाने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ये कई वर्षों के निरंतर प्रयासों का परिणाम ही है कि आज गुजरात में जहां एक तरफ स्कूल ड्रॉपआउट रेट 1 फीसदी से भी कम हो गया है, वहीं लाखों युवाओं को विभिन्न योजनाओं के जरिए एक नया भविष्य प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात के युवाओं की प्रतिभा को स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियान से एक नया इकोसिस्टम मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने पाटीदार समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जहां भी जाते हैं, व्यापार को एक नई पहचान देते हैं। उन्होंने कहा, “आपके इस कौशल को अब न सिर्फ गुजरात और देश में बल्कि पूरी दुनिया में पहचाना जा रहा है।” उन्होंने कहा कि पाटीदार समाज की एक और बड़ी विशेषता है कि वे चाहे कहीं पर भी हों, उनके लिए भारत का हित सर्वोपरि है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी ने भारत को प्रभावित किया है लेकिन नुकसान की तुलना में हमारी रिकवरी कहीं ज्यादा तेजी से हो रही है। जब बड़ी अर्थव्यवस्थाएं रक्षात्मक मुद्रा में थीं, तब भारत सुधार की मुद्रा में था। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सारी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही थी, तब हम इस लहर को भारत के पक्ष में मोड़ने के लिए पीएलआई योजनाएं शुरू कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल में हाल ही में शुरू की गई पीएलआई से सूरत जैसे शहरों को काफी फायदा होगा।

 

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
Rocking concert economy taking shape in India

Media Coverage

Rocking concert economy taking shape in India
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
प्रधानमंत्री ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सशस्त्र बलों के प्रति आभार व्यक्त किया
December 07, 2025

प्रधानमंत्री ने आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों के बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के जवानों का अनुशासन, दृढ़ संकल्प और अदम्य साहस राष्ट्र की रक्षा करता है और देशवासियों को सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता, राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण का उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने सभी से सशस्त्र बलों की वीरता और सेवा के सम्मान में सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान देने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा;

सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, हम उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जो अटूट साहस के साथ हमारे राष्ट्र की रक्षा करते हैं। उनका अनुशासन, दृढ़ संकल्प और भावना हमारे लोगों की रक्षा करते हैं और हमारे राष्ट्र को सशक्‍त बनाते हैं। उनकी प्रतिबद्धता हमारे राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, अनुशासन और समर्पण का एक सशक्त उदाहरण है। आइए, हम भी सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान दें।