Published By : Admin | September 13, 2023 | 13:31 IST
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से अनुग्रह राशि की घोषणा की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान के भरतपुर में हुई सड़क दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से प्रत्येक मृतक के निकट संबंधी को 2 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि को स्वीकृति दे दी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने ट्वीट में कहा -
‘राजस्थान के भरतपुर में हुआ सड़क हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें गुजरात से धार्मिक यात्रा पर गए जिन श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिवारजनों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’
प्रधानमंत्री ने भरतपुर में दुर्घटना के कारण जान गंवाने वाले लोगों के प्रत्येक परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) की ओर से 2 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि को स्वीकृति दे दी है।
राजस्थान के भरतपुर में हुआ सड़क हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें गुजरात से धार्मिक यात्रा पर गए जिन श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिवारजनों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं: PM @narendramodi
The Prime Minister has approved an ex-gratia of Rs. 2 lakh each from PMNRF for the next of kin of those who have lost their lives due to the mishap in Bharatpur. The injured would be given Rs. 50,000 each.
રાજસ્થાનના ભરતપુર પાસે ધાર્મિક યાત્રાએ જતા ગુજરાતના શ્રધ્ધાળુઓને નડેલા માર્ગ અકસ્માતની ઘટના ખૂબ જ દુ:ખદ છે. આ અકસ્માતમાં જીવ ગુમાવનાર શ્રધ્ધાળુઓના પરિવારજનો પ્રત્યે મારી સંવેદના વ્યક્ત કરું છું. ઈજાગ્રસ્તો ઝડપથી સ્વસ્થ થાય તે માટે પ્રાર્થના: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रमुखों के साथ राउंडटेबल मीटिंग की
September 10, 2024
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सेमीकंडक्टर डिजिटल युग का आधार है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि लोकतंत्र और प्रौद्योगिकी मिलकर मानवता का कल्याण सुनिश्चित कर सकते हैं
प्रधानमंत्री ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि भारत के पास सेमीकंडक्टर की विविध आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार बनने की क्षमता है
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आश्वासन दिया कि सरकार एक पूर्वानुमानित और स्थिर नीति व्यवस्था का पालन करेगी
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने देश में उद्योग के लिए उपयुक्त माहौल की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग के आकर्षण का केंद्र भारत की ओर स्थानांतरित होने लगा है
कारोबारी माहौल पर भरोसा व्यक्त करते हुए मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा है कि उद्योग जगत में इस बात पर सर्वसम्मति है कि भारत निवेश के लिए सही जगह है
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा है कि वर्तमान में भारत में मौजूद अपार अवसर पहले कभी नहीं देखे गए
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह नई दिल्ली में 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर सेमीकंडक्टर क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि उनके विचार न केवल उनके व्यवसाय को बल्कि भारत के भविष्य को भी साकार करेंगे। यह उल्लेख करते हुए कि आने वाला समय प्रौद्योगिकी आधारित होगा, प्रधानमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर डिजिटल युग का आधार है और वह दिन दूर नहीं जब सेमीकंडक्टर उद्योग हमारी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए भी आधार होगा।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि लोकतंत्र और प्रौद्योगिकी मिलकर मानवता का कल्याण सुनिश्चित कर सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपने वैश्विक दायित्व को पहचानते हुए इस पथ पर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने विकास के स्तंभों के बारे में बात की, जिसमें सामाजिक, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे का विकास, समावेशी विकास को प्रोत्साहन देना, अनुपालन बोझ को कम करना और विनिर्माण तथा नवाचार में निवेश आकर्षित करना शामिल है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत के पास सेमीकंडक्टर की विविध आपूर्ति श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार बनने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत के प्रतिभा वर्ग और कौशल पर सरकार के अत्यधिक ध्यान देने के बारे में बात की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उद्योग के लिए प्रशिक्षित कार्यबल उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि भारत का ध्यान ऐसे उत्पाद विकसित करने पर है जो विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हों। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत उच्च प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए एक बड़ा बाजार है। श्री मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा आज साझा किए गए उत्साहजनक विचार सरकार को इस क्षेत्र के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।
प्रधानमंत्री ने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को आश्वासन दिया कि भारत सरकार एक पूर्वानुमानित और स्थिर नीति व्यवस्था का पालन करेगी। प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड की परिकल्पना पर बल देते हुए कहा कि सरकार हर कदम पर उद्योग को सहायता प्रदान करना जारी रखेगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि आज जो हुआ है वह अभूतपूर्व है जिसमें पूरे सेमीकंडक्टर क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को एक छत के नीचे लाया गया है। उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग की अपार वृद्धि और भविष्य के दायरे के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर उद्योग के आकर्षण का केंद्र भारत की ओर स्थानांतरित होने लगा है। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने कहा कि देश में अब उद्योग के लिए उपयुक्त वातावरण है जिसने भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में वैश्विक मानचित्र पर ला दिया है। यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि जो भारत के लिए अच्छा है वह दुनिया के लिए अच्छा होगा, उन्होंने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कच्चे माल में वैश्विक शक्ति का केंद्र बनने की अद्भुत क्षमता है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भारत में व्यापार अनुकूल वातावरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि जटिल भू-राजनीतिक स्थिति वाले वर्तमान विश्व में भारत स्थिर है। भारत की क्षमता में अपने अपार विश्वास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग जगत में इस बात पर सर्वसम्मति है कि भारत निवेश के लिए उपयुक्त जगह है। उन्होंने पहले भी प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए प्रोत्साहन का स्मरण किया और कहा कि आज भारत में जो अपार अवसर मौजूद हैं, वे पहले कभी नहीं देखे गए और उन्हें भारत के साथ साझेदारी करने पर गर्व है।
बैठक में सेमीकंडक्टर उपकरण और सामग्री इंटरनेशनल (एसईएमआई), माइक्रोन, नेक्स्ट एक्स्पीरियंस (एनएक्सपी), पावरचिप सेमीकंडक्टर विनिर्माण निगम (पीएसएमसी), आईएमईसी, रेनेसा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल), टोक्यो इलेक्ट्रॉन लिमिटेड, टॉवर, सिनोप्सिस, कैडेंस, रैपिडस, जैकब्स, जेएसआर, इनफिनॉन, एडवांटेस्ट, टेराडाइन एप्लाइड मैटेरियल्स, लैम रिसर्च, मर्क, सीजी पावर और कायन्स टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न संगठनों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रमुख और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर के प्रोफेसर भी उपस्थित थे।