माननीय प्रधानमंत्री ने वाराणसी में प्रारंभ की गई विभिन्न विकास परियोजनाओं पर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में प्रस्‍तुति के दौरान ले आउट के ड्रोन वीडियो का उपयोग करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया। कोविड के प्रभावी प्रबंधन की दिशा में किए गए प्रयासों पर भी चर्चा की गई।

इस बैठक में वाराणसी के जनप्रति‍निधि माननीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), उत्‍तर प्रदेश सरकार और विधायक वाराणसी (दक्षिण), श्री नीलकंठ तिवारी, माननीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार), उत्‍तर प्रदेश सरकार और विधायक, वाराणसी (उत्तर), श्री रवींद्र जायसवाल, विधायक, रोहनिया, श्री सुरेन्द्र नारायण सिंह, विधायक, वाराणसी छावनी,श्री सौरभ श्रीवास्तव, विधायक, सेवापुरी, श्री नील रतन नीलू, विधायक श्री अशोक धवन, विधायक श्री लक्ष्मण आचार्य ने भाग लिया। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले अधिकारियों, श्री दीपक अग्रवाल, आयुक्त, वाराणसी प्रभाग, श्री कौशल राज शर्मा, जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी, श्री गौरांग राठी, नगर आयुक्त, वाराणसी भी शामिल थे।

काशी विश्वनाथ धाम परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसे सभी पुराने मंदिर, जो काशी विश्वनाथ परिसर के विकास के दौरान खुदाई में प्राप्‍त हुए, उनकी सुरक्षा और संरक्षण किया जाना चाहिए। उनकी ऐतिहासिक और पुरातात्विक विरासत को बनाए रखने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जानी चाहिए। कार्बन डेटिंग की जानी चाहिए ताकि काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को इन मंदिरों और इनके महत्व के बारे में जानकारी दी जा सके। इस परिसर में आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को उचित टूरिस्‍ट गाइडों के साथ एक रूट मैप भी तैयार करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने वाराणसी में चलाई जा रही सभी परियोजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की। बैठक में सूचित किया गया कि वर्तमान में वाराणसी में लगभग 8000 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रवाह के भीतर 100 से अधिक बड़ी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जो अस्पताल भवनों, राष्ट्रीय जलमार्ग, रिंग रोड, बाई-पास, भारत-जापान सहयोग से निर्मित अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर 'रुद्राक्ष' आदि जैसे सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे के निर्माण से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से विकास कार्यों को तेजी से समय-सीमा के भीतर पूरा करने और गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को भी बरकरार रखने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि अगली पीढ़ी के अवसंरचना निर्माण के लिए गैर-नवीकरणीय ऊर्जा का अनुकूलतम उपयोग किया जाना चाहिए। पूरे वाराणसी जिले के घरों और स्ट्रीट लाइटों में एलईडी बल्ब लगाने का काम मिशन मोड में परिपूर्णता के साथ किया जाना चाहिए।

काशी में पर्यटन और पर्यटकों की संख्‍या को बढ़ाने के लिए क्रूज पर्यटन, लाइट एंड साउंड शो, खिड़कियां और दशाश्वमेध घाटों का जीर्णोद्धार, ऑडियो-वीडियो स्क्रीन के माध्यम से गंगा आरती के दर्शन जैसे कार्यों को त्‍वरित गति से किए जाने का निर्देश दिया गया। प्रमुख विश्व धरोहर में से एक होने की काशी की भूमिका को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को बौद्ध धर्म को मानने वाले जापान, थाईलैंड आदि जैसे देशों की कला और संस्‍कृति, विरासत की सराहना करने के लिए सप्ताह भर के उत्‍सव आयोजित करने का निर्देश दिया।

उन्होंने अधिकारियों को काशी की विरासत को प्रतिबिंबित करने वाले एक उपयुक्त विषय के साथ एक मॉडल सड़क की पहचान करने का भी निर्देश दिया, जिसको स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के साथ, गौरव पथ के रूप में विकसित किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि पर्यटन स्थल होने के नाते काशी को साफ-सफाई और स्वच्छता के सभी मापदंडों में उत्कृष्टता प्राप्त करनी चाहिए। ओडीएफ प्लस के वांछित स्तरों को प्राप्त करने, मैकेनाइज्‍ड स्‍वीपिंग और क्‍लीनिंग का उपयोग करने, घर-घर जाकर 100% कचरा इकट्ठा करने और पूरे वातावरण को बहुत सकारात्मक और स्वस्थ बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए ।

प्रस्तुति के दौरान वाराणसी में विश्व स्तर के संचार और सम्‍पर्क के बुनियादी ढांचे के विकास पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि वाराणसी को हल्दिया से जोड़ने वाले वाराणसी को राष्ट्रीय जलमार्ग का केंद्र बनना चाहिए। पूरे ईको-सिस्टम, कार्गो शिपिंग और माल ढुलाई के विकास की योजना बनाई जानी चाहिए (जैसा कि प्रमुख बंदरगाह शहरों में किया जा रहा है)। उन्होंने अधिकारियों को लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार और आधुनिकीकरण कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने का भी निर्देश दिया, ताकि काशी अत्याधुनिक रेल, सड़क, जल और हवाई संपर्क प्रदान करने वाले अग्रणी शहरों में से एक बन जाए।
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत से संबंधित घोषणाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि इस योजना का लाभ नागरिकों तक शीघ्रता से पहुंचना चाहिए। स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की प्रगति पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए। सभी स्ट्रीट वेंडर्स को उपयुक्त प्रौद्योगिकी और बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें कैशलेस लेन-देन अपनाने में मदद मिल सके। उनके बैंक खाते खोले जाने चाहिए और उनके व्यवसाय और क्रेडिट प्रोफ़ाइल को डिजिटल रूप से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि वे प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत संपार्श्विक मुक्त यानी कोलैटरल फ्री ऋण का अधिकतम लाभ उठा सकें।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि किसान सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक हैं और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए गहन प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का निर्देश दिया और किसानों की आमदनी बढ़ाने की बी वैक्‍स की क्षमता पर प्रकाश डाला। अधिकारियों को वाराणसी में प्राथमिकता से एक पैकेजिंग संस्थान स्थापित करने के लिए कहा गया, ताकि किसानों को अपने उत्पादों का बेहतर मोल मिल सके और उन्हें वाराणसी से ही निर्यात के लिए तैयार करने में समर्थ बनाया जा सके। उन्होंने एपीडा (वाणिज्य मंत्रालय) के साथ मिलकर सब्जियों और आमों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।
कचरे से धन सृजन पर भी ध्‍यान देने का निर्देश दिया गया। इसके लिए या तो कचरे का ऊर्जा के रूप में या खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाए, जिसे किसानों द्वारा इस्‍तेमाल के लिए प्रचारित और प्रो‍त्‍साहित किया जाए। इस संबंध में, उन्होंने यह भी कहा कि शून्य बजट खेती के मूर्त और अमूर्त लाभों को उजागर करते हुए उसे किसानों के बीच प्रचारित और प्रो‍त्‍साहित किया जाना चाहिए।

वर्तमान में जारी कोविड ​​महामारी से निपटने की तैयारियों की भी बैठक में विस्तार से समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने परीक्षण, ट्रेसिंग और रोगियों का अच्‍छा उपचार सुनिश्चित करने में आरोग्य सेतु ऐप के व्यापक और प्रभावी उपयोग पर प्रकाश डाला। भोजन, आश्रय और क्वारंटाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की गई।
उन्होंने निर्देश दिया कि वापस लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों की उपयुक्त स्किल मैपिंग का कार्य प्राथमिकता से किया जाए और उन्हें उनके कौशल के आधार पर लाभकारी रोजगार प्रदान किया जाए। पीएम गरीब कल्याण योजना और संकट के समय में राज्य सरकार के नेतृत्‍व वाली कोविड राहत योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव के बारे में भी प्रतिक्रिया ली गई ।
प्रधानमंत्री ने नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा की, जिसमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, सामाजिक कल्याण, कृषि और संबद्ध गतिविधियों तथा आजीविका एवं कौशल क्षेत्रों जैसे नौ प्रमुख क्षेत्रों पर वाराणसी जिले की परिपूर्णता के बारे में उनके दृष्टिकोण को प्रतिबिम्बित किया गया है।

उन्होंने अन्‍य बातों के साथ –साथ उन्‍होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पोषण को आबगनवाड़ी केंद्रों के सामुदायिक आंदोलन के रूप में बढ़ावा दिया जाना चाहिए, बच्चों को भोजन उपलब्‍ध कराने और पोषक आहार को बढ़ाने के लिए जहां तक संभव हो महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों को साथ जोड़ा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्न संगठनों और समुदायों के सदस्यों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों को अपनाना, स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता की व्यवस्था करना और बच्चों के वीनिंग फूड से विविध प्रकार के खाद्य तैयार करने का भी सुझाव दिया गया।
प्रधानमंत्री ने इस प्रकार वाराणसी के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए विकास और कल्याण कार्यों की गति बढ़ाने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया।

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Government taking many steps to ensure top-quality infrastructure for the people: PM
December 09, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi today reiterated that the Government has been taking many steps to ensure top-quality infrastructure for the people and leverage the power of connectivity to further prosperity. He added that the upcoming Noida International Airport will boost connectivity and 'Ease of Living' for the NCR and Uttar Pradesh.

Responding to a post ex by Union Minister Shri Ram Mohan Naidu, Shri Modi wrote:

“The upcoming Noida International Airport will boost connectivity and 'Ease of Living' for the NCR and Uttar Pradesh. Our Government has been taking many steps to ensure top-quality infrastructure for the people and leverage the power of connectivity to further prosperity.”