रेहड़ी पटरी वाले अब कारोबार को पुनर्जीवित करने के लिए ले सकते हैं 10,000 रुपये तक का ऋण
फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से एमएसएमई के लिए 50,000 करोड़ रुपये के इक्विटी इंफ्यूजन को कैबिनेट की मंजूरी
सरकार ने वर्ष 2020- 21 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करते हुए सामान्य धान का एमएसपी 1868 रुपए किया

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार 1 जून 2020 को बैठक हुई। केंद्र सरकार द्वारा अपने दूसरे वर्ष के कार्यकाल में प्रवेश करने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी।बैठक में ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए जिनका भारत के मेहनती किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र और रेहड़ी विक्रेताओं के रूप में काम करने वाले लोगों के जीवन पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जिन्हें लोकप्रिय रूप से एमएसएमई कहा जाता है भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में चुपचाप काम करते हुए 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई की एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है।

कोविड-19 महामारी के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण में एमएसएमई की भूमिका को शीघ्र ही पहचान लिया। इसीलिए एमएसएमईको आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया।इस पैकेज के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए न केवल पर्याप्त आवंटन किया गया है, बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में भी प्राथमिकता दी गई है। कई प्रमुख घोषणाओं से संबंधित कार्यान्वयन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं।

केंद्र सरकार ने आज आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अन्य घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रोड मैप भी तैयार किया है। इसमें शामिल है:

एमएसएमई परिभाषा में बढ़ोतरी का संशोधन। यह व्यवसाय करने को आसान बनाने की दिशा में एक और कदम है। यह एमएसएमई क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और अधिक नौकरियां पैदा करने में मदद करेगा;

तनावग्रस्त एमएसएमई को इक्विटी सहायता प्रदान करने के लिए अधीनस्थ ऋण के रूप में 20,000 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्ताव आज कैबिनेट द्वारा औपचारिक रूप से अनुमोदित किया गया है। इससे 2 लाख स्ट्रेस्ड एमएसएमई को फायदा होगा।

एमएसएमई के लिए 50,000 करोड़ रुपये के इक्विटी निवेश के लिए प्रस्ताव को भी आज कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया।  यह एमएसएमई को ऋण-इक्विटी अनुपात के प्रबंधन और उनकी क्षमता वृद्धि में मदद करने के लिए एक ढांचा तैयार करेगा। यह उन्हें स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने का अवसर भी प्रदान करेगा।

एमएसएमई के लिए मदद का हाथ:

एमएसएमई परिभाषा में बढ़ोतरी का संशोधन:


भारत सरकार ने आज एमएसएमई परिभाषा को और संशोधित करने का निर्णय लिया। पैकेज घोषणा में सूक्ष्म मेन्यूफ़ेक्चरिंग और सेवा इकाई की परिभाषा को बढ़ाकर एक करोड़ रुपयों के निवेश तथा 5 करोड़ रुपयों का कारोबार कर दिया गया है।
लघु इकाई की सीमा बढ़ा कर 10 करोड़ रुपये का निवेश तथा  50 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर दिया गया है। इसी प्रकार एक मध्यम इकाई की निवेश सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये तथा 100 करोड़ रुपये का कारोबार कर दिया गया है। गौरतलब है कि 2006 में एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट के अस्तित्व में आने के 14 साल बाद यह संशोधन किया गया है। पैकेज की 13 मई, 2020 को घोषणा के बाद अनेक प्रतिनिधित्व मिले थे कि घोषित संशोधन अब भी बाजार और मूल्य निर्धारण की स्थिति के अनुरूप नहीं है और इसे ऊपर की तरफ और संशोधित किया जाना चाहिए। इन अभ्यावेदनों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने मध्यम मेन्यूफ़ेक्चरिंग और सेवा इकाइयों की सीमा को और बढ़ाने का निर्णय लिया। अब यह 50 करोड़ रूपये के निवेश और 250 करोड़ रुपये के कारोबार की सीमा का होगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि निर्यात के संबंध में कारोबार को एमएसएमई इकाइयों की किसी भी श्रेणी के लिए टर्नओवर की गणना में नहीं गिना जाएगा, चाहे वह सूक्ष्म, लघु या मध्यम हो।

हमारे मेहनती रेहड़ी विक्रेताओं की मदद:

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रेहड़ी विक्रेताओं को सस्ते ब्याज पर ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना – पीएम स्व-निधि (PMSVANidhi) प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि शुरू की है। यह योजना उन्हें फिर से काम शुरू करने और अपनी आजीविका कमाने में सक्षम बनाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगी।विभिन्न क्षेत्रों संदर्भों में वेंडर, हॉकर, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, ठेली फलवाले आदि सहित 50 लाख से अधिक लोगों को इस योजना से लाभ मिलने की संभावना है।

उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, वस्त्र, परिधान, जूते, कारीगर उत्पाद, किताबें/स्टेशनरी आदि शामिल हैं। सेवाओं में नाई की दुकानें, मोची, पान की दूकानें व कपड़े धोने की दूकानें शामिल हैं।वे लोग कोविड-19 संकट के मद्देनजर जिन समस्याओं का सामना कर रहें है, उनके प्रति भारत सरकार संवेदनशील है। ऐसे समय मेंउन्हें अपने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सस्ती क्रेडिट प्रदान करना सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है।

शहरी स्थानीय निकाय इस योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।यह योजना कई कारणों से विशेष है:

1 पहली ऐतिहासिक योजना:

यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेता शहरी आजीविका कार्यक्रम के लाभार्थी बन गए हैं।वेंडर 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं किसे वे एक वर्ष में मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। ऋण की समय पर/जल्दी चुकौती करने पर7% प्रति वर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से छह मासिक आधार पर जमा की जाएगी। ऋण के समय से पहले चुकाने पर कोई पेनल्टी नेहीन ली जाएगी।

इस योजना में ऋण सीमा को समय पर/शीघ्र चुकाने के लिए ऋण की सीमा में वृद्धि करने में मदद मिलती है ताकि विक्रेता को आर्थिक सीढ़ी पर ऊपर चढ़ने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने में मदद मिल सके।  यह पहली बार है कि एमएफआई/गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान/स्वयं सहायता समूह बैंकों को उनके जमीनी स्तर की उपस्थिति और सड़क पर माल बेचने वालों सहित शहरी गरीबों के साथ निकटता के कारण शहरी गरीबों की इस योजना में अनुमति दी गई है।

2 सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग:

      प्रभावी वितरण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की सरकार की दृष्टि के अनुरूप इस योजना को एंड-टू-एंड समाधान के साथ संचालित करने के लिए वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप के साथ एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जा रहा है। यह आईटी प्लेटफॉर्म वेंडर्स को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में समाहित करने में भी मदद करेगा। यह प्लेटफ़ॉर्म क्रेडिट प्रबंधन के लिए सिडबी के उद्यमी मित्र पोर्टल और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के पैसा पोर्टल के साथ एकीकृत करेगा ताकि ब्याज सब्सिडी को स्वचालित रूप से नियंत्रित किया जा सके।

3 डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना

      यह योजना सड़क पर माल बेचने वालों को मासिक नकद वापसी के जरिये डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करेगी।

4 क्षमता निर्माण पर ध्यान:

      आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय राज्य सरकारों, दीनदयाल अंत्योदय योजना– नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन, शहरी स्थानीय निकाय, सिडबी, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्माल एंटरप्राइज़ेस, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम और डिजिटल पेमेंट एग्रीगेटर्स के राज्य मिशन के साथ मिल कर सभी हितधारकों और आईईसी गतिविधियों की क्षमता निर्माण के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का जून में पूरे देश में शुभारंभ करेगा। जुलाई के महीने में ऋण दिया जाना शुरू हो जाएगा।

जय किसान की भावना को उभार:

      खरीफ सीजन 2020-21 के लिए सरकार ने उत्पादन की लागत का कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का अपना वादा निभाया है।कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर आज खरीफ सीजन 2020-21 के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन दामों की घोषणा की गई है। इन 14 फसलों के लिए लागत पर वापसी 50% से 83% तक होगी।

      भारत सरकार ने बैंकों द्वारा कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दिये गए 3 लाख रुपये तक के सभी अल्पकालिक ऋणों की पुनर्भुगतान तिथि को 31.08.2020 तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। किसानों को ब्याज सबवेंशन और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ भी मिलेगा।ऐसे अल्पकालिक कृषि ऋण जिनका भुगतान 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त, 2020 के बीच ड्यू है उन्हें बैंकों के 2% ब्याज सबवेंशन का और किसानों को 3% शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ लगातार मिलता रहेगा।

 

      बैंकों के माध्यम से बैंकों को 2% प्रतिवर्ष ब्याज सबवेंशन के साथ किसानों को 7% प्रति वर्ष की दर से ऋण और किसानों द्वारा समय पर पुनर्भुगतान पर 3% अतिरिक्त लाभ के साथ किसानों को ऐसे ऋण उपलब्ध कराने का भारत सरकार का निर्णय का अर्थ हुआ कि 3 लाख रुपयों तक के ऋण 4% सालाना ब्याज दर पर उपलब्ध होंगे।

      किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मिलने वाले ऋण सहित रियायती अल्पकालिक फसली ऋण प्रदान करने के लिए ब्याज निवारण योजना शुरू की गई है। पिछले कुछ हफ्तों में कई किसान अपने अल्पकालिक फसल ऋण बकाया के भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो सके हैं। इस कैबिनेट फैसले से करोड़ों किसानों को मदद मिलेगी।

 

गरीबों का ध्यान रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता:

 

       गरीबों और जरूरतमंदों का ध्यान रखना प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन की घोषणा के पहले दिन से ही सरकार गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशील रही है। लॉकडाउन शुरू होने के दो दिन के भीतर 26 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना पैकेज की घोषणा में इस संवेदनशीलता की झलक देखने को मिलती है. सरकार की ओर से जो क़दम उठाए गए उनमें 80 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ सुनिश्चित करना, 20 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में नक़दी का हस्तांतरण करना, वरिष्ठजन, ग़रीब विधवाओं और ग़रीब निःशक्तजन के खातों में पैसा डालना तथापी एम किसान के तहत करोड़ों किसानों को वित्तीय सहायता मुहैया कराना शामिल है।

 

       सरकार के इन कदमों से उन संवेदनशील तबकों को भारी मदद मिली जिनके लॉकडाउन से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने की आशंका थी। और यह केवल घोषणाएँ साबित नहीं हुई, बल्कि कुछ ही दिनों में करोड़ों लोगों को नगद अथवा अन्य सामग्री के रूप में सहायता प्राप्त हुई। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत “एक देश एक राशन कार्ड योजना” के तहत उन लोगों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे। इन वर्गों के लोगों के लिए आवास हेतु एक नई किराया योजना भी शुरू की गई। प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए भी कई उपायों कीघोषणा की गई है।

 

       किसानों के कल्याण के लिए व्यापक सुधारों की घोषणा की गई है। ऐसी कई बेड़ियों को तोड़ा गया जिससे किसान बंधा हुआ था ताकि वह अपनी आमदनी में भी व्यापक इज़ाफ़ा कर सके।  इसके साथ ही कृषि अवसंरचना में निवेश के कई उपाय प्रस्तावित किए गए। मत्स्यपालन जैसी सहायक कृषि गतिविधियों को भी वित्तीय पैकेज में शामिल किया गया।

 

       सरकार ने हर क़दम पर गरीबों और ज़रूरतमंद लोगों के प्रति सहानुभूति और संवेदनशीलता दिखाई है।

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
Apple exports record $2 billion worth of iPhones from India in November

Media Coverage

Apple exports record $2 billion worth of iPhones from India in November
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Prime Minister shares Sanskrit Subhashitam highlighting the power of collective effort
December 17, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, shared a Sanskrit Subhashitam-

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”

The Sanskrit Subhashitam conveys that even small things, when brought together in a well-planned manner, can accomplish great tasks, and that a rope made of hay sticks can even entangle powerful elephants.

The Prime Minister wrote on X;

“अल्पानामपि वस्तूनां संहतिः कार्यसाधिका।

तृणैर्गुणत्वमापन्नैर्बध्यन्ते मत्तदन्तिनः॥”