प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग में विविध हितधारकों के साथ अपनी बातचीत जारी रखे हुए हैं।

प्रधानमंत्री दैनिक आधार पर 200 से अधिक लोगों से बातचीत करते हैं, जिसमें कोविड-19 के खतरे के विरुद्ध भारत की जंग के बारे में प्रत्‍यक्ष रूप से फीडबैक ग्रहण करने के लिए वि‍भिन्‍न राज्‍यों के राज्‍यपालों, मुख्‍यमंत्रियों और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत करना शामिल है।

प्रधानमंत्री देश के कोने-कोने के डॉक्‍टरों, नर्सों, स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों और सफाईकर्मियोंका हौसला बढ़ाने तथा राष्‍ट्र एवं समाज के प्रति उनकी महती सेवाओं के लिए उनका आभार प्रकट करने हेतु उनके साथ भी टेलीफोन के माध्‍यम से सम्‍पर्क साधते हैं।

श्री मोदी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के प्रयासों के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से समाज के विभिन्‍न तबकों के लोगों के साथ भी संवाद करते हैं।

श्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समूहों के प्रमुखों के साथ चर्चा की। उन्होंने 24 मार्च को विभिन्न प्रिंट मीडिया समूहों के प्रमुखों के साथ बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान दोनों से ही अपील की कि मीडिया सकारात्मक संचार के माध्यम से निराशावाद और दहशत का मुकाबला करे।

27 मार्च को प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के विभिन्न रेडियो जॉकी और उद्घोषकोंके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की।

उन्होंने कहा, “स्थानीय नायकों के योगदान काराष्ट्रीय स्तर पर लगातार गुणगान करने और उनके मनोबल को बढ़ाने की जरूरत है।”

प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से ग्रसित कुछ लोगों औरइसके प्रभावों से उबर चुके कुछ लोगों की स्थिति की अद्यतन जानकारी के लिए उनके साथ भी टेलीफोन पर बातचीत की।

श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 25 मार्च 2020 को वाराणसी में अपने मतदाताओं के साथ विशेष वीडियो संवाद में संकल्प, संयम और संवेदनशीलता की अपील की तथाइस वायरस का मुकाबला करने के लिए लोगों सेसर्वोत्तम तरीके अपनाने का आह्वान किया।

नियमित संवाद और बैठकें

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कोविड-19 का मुकाबला करने के तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए जनवरी के बाद से समाज के विभिन्‍न तबकों के लोगों और अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें और चर्चाएं की हैं।

प्रधानमंत्री दैनिक आधार पर बैठकें कर रहे हैं,जिनमें उन्हें कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालयमें प्रधान सचिव द्वारा नियमित रूप से उन्‍हें ताजा हालात से अवगत कराया जाता है।

प्रधानमंत्री को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह द्वारा भी सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में अद्यतन जानकारी दी जा रही है।

दूसरों के लिए मिसाल प्रस्‍तुत करना

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि सामाजिक दूरी बनाए रखने के प्रयास के तहतवहहोली के उत्सव में भाग नहीं लेंगे।

राष्ट्र के नाम सम्‍बोधन - जनता कर्फ्यू और 3 सप्ताह का लॉकडाउन

कोविड-19 से निपटने हेतु देश को तैयार करने के लिएप्रधानमंत्री ने 19 मार्च 2020 को राष्ट्र के नाम अपने सम्‍बोधन में देशवासियों से 22 मार्च 2020 को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक 14 घंटे के जनता कर्फ्यू में स्‍वेच्‍छा से भाग लेने का आग्रह किया।

सामाजिक दूरी बनाए रखने के प्रयास में राष्ट्र को सफलतापूर्वक तैयार करते हुएप्रधानमंत्री ने 24 मार्च 2020 को राष्ट्र के नाम अपने सम्‍बोधन में 3 सप्ताह के लॉकडाउन की अपील की, क्योंकि इस वायरस को फैलने से रोकने का यही एकमात्र प्रभावी उपाय ज्ञात है।

श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए राष्ट्र को द्विआयामी मंत्र “संकल्प और संयम”प्रदान किया।

प्रधानमंत्री ने अपने सम्‍बोधन में लोगों से घबराहट में खरीददारीनहीं करनेका अनुरोध किया और उन्हें आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति निरंतर जारी रहने का भरोसा दिलाया।

कोविड-19 आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल

इस महामारी के कारण उत्‍पन्‍न आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने केंद्रीय वित्‍त मंत्री के नेतृत्‍व में ‘कोविड-19 आर्थिक प्रतिक्रिया कार्यबल’ के गठन की घो‍षणा की है। यह कार्यबल हितधारकों के साथ परामर्श करेगा, उनका फीडबैक लेगा, जिसके आधार पर इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णय लिए जाएंगे। यह कार्यबल इन चुनौतियों से निपटने के लिए इन निर्णयों का कार्यान्‍वयन भी सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री ने व्‍यापारिक समुदाय और उच्‍च आय वर्ग के लोगों से निम्‍न आय वर्ग के लोगों, जिनसे वे विभिन्‍न प्रकार की सेवाएं लेते हैं - की आर्थिक जरूरतों का ध्‍यान रखने का भी अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने उनसे अनुरोध किया कि वे ऐसे लोगों का उन दिनों का वेतन नहीं काटें, जब वे कार्यस्‍थल पर आने में असमर्थ रहने के कारण सेवाएं प्रदान नहीं कर सके। उन्‍होंने ऐसे समय में मानवता के महत्‍व पर बल दिया।

पीएम केयर्स फंड

कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न किसी भी प्रकार की आपात या संकटपूर्ण स्थिति से निपटने और प्रभावितों को राहत प्रदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के लिए एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए‘प्राइम मिनिस्‍टर्स सिटीजन असिस्‍टेंस एंड रिलीफ इन एमरजेंसी सिचुएशंस फंड’(पीएम केयर्स फंड) नाम के एक सार्वजनिक धर्मार्थ न्‍यास की स्‍थापना की गई है। प्रधानमंत्री इस न्‍यास के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।

प्रधानमंत्रीनरेन्‍द्र मोदी ने सदैव माना और कार्यों में दिखाया है कि किसी भी किसी भी समस्‍या के प्रभाव में कमी लाने के लिए जन भागीदारी सबसे असरदार तरीका है और इस समय यह उसका एक और उदाहरण है। इस फंड में अल्‍प राशि का दान भी किया जा सकेगा, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग कम रकम का भी योगदान करने में सक्षम होंगे।

1.7 लाख करोड़ रुपए के वित्तीय पैकेज की घोषणा

26 मार्च को नरेन्‍द्र मोदी सरकार ने गरीबों के आपातकालीन नकद हस्तांतरण पर केंद्रित 1.7 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की। कोरोना वायरस के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली आर्थिक अनिश्चितताओं से निपटने में उन्हें सहायता देने के लिए इस पैकेज में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न, दालें और गैस की 3 महीने की मुफ्त आपूर्ति भी शामिल है।

डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बैठक

24 मार्च को प्रधानमंत्री ने चिकित्सा बिरादरी - डॉक्टरों, नर्सों और लैब तकनीशियनों के साथ बातचीत की।उन्होंने कोविड-19 से निपटने में देश की निस्वार्थ सेवा के लिए चिकित्सा बिरादरी का आभार प्रकट किया।

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, "आपके आशावाद ने मुझमें इस बात का और अधिक विश्वास उत्‍पन्‍न कर दिया है कि राष्ट्र विजयी होगा"।

उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा में अधिक से अधिक टेली कंसल्‍टेशन के प्रस्ताव की जांच कर रही है।

प्रधानमंत्री ने चिकित्सा बिरादरी को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और सरकार उनकी सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।

फार्मा क्षेत्रके साथ बैठक

दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के प्रयास के तहतप्रधानमंत्री ने21 मार्च 2020 को फार्मा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ भी वीडियो कॉन्‍फ्रेंस की। बातचीत में प्रधानमंत्री ने फार्मा उद्योग को कोविड-19 के लिए आरएनए टेस्टिंग किट्स के निर्माण की दिशा मेंयुद्धस्तर पर काम करने को कहा। प्रधानमंत्री नेउन्हें आश्वासन दिया कि सरकार एपीआई की आपूर्ति बनाए रखने और देश के भीतर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने उन्हें निर्देश दिया कि आवश्यक दवाओं की आपूर्ति बनाए रखना और कालाबाजारी और जमाखोरी पर अंकुश लगाना महत्‍वपूर्ण है।

आयुष चिकित्सकों के साथ बैठक

देश को स्वस्थ रखने के प्रयास के तहतप्रधानमंत्री ने 28 मार्च 2020 को विभिन्न आयुष चिकित्सकों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए जारी प्रयासों में आयुष क्षेत्र का महत्व कई गुना बढ़ गया है।

प्रधानमंत्री ने उनसे अनुरोध किया कि वे डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के अनुसार काम करते हुएअपने क्षेत्र के नेटवर्क का उपयोग कर उन अच्‍छी पद्धतियों के संदेश को प्रसारित करें, जिन्‍हें इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपनाया जाना चाहिए।

उन्होंने इस कठिन दौर में दिमाग को तनाव मुक्त करने और शरीर को मजबूत बनाने के लिए #YogaAtHomeको बढ़ावा देने के लिए आयुष मंत्रालय की सराहना की।

राज्यों के साथ मिलकर काम करना

प्रधानमंत्री ने 20 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की, जिसमें उन्होंने इस चुनौती से एकजुट होकर निपटने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने वायरस के फैलने के संबंध में निरंतर सतर्कता और निगरानी बरतने का आह्वान किया और कहा कि इस महामारी से निपटने के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करना होगा।

प्रधानमंत्री ने राज्यों के नेतृत्व को याद दिलाया कि देश वायरस के फैलने से निपटने के एक महत्वपूर्ण चरण में है, लेकिन उन्हें भरोसा दिलाया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

केंद्र सरकार की ओर से अब तक उठाए गए कदमों से मुख्यमंत्रियों कोअवगत कराया गया और बताया गया कि किस तरह प्रधानमंत्री व्यक्तिगत तौर पर देश की पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

अपने प्रस्‍तुतिकरण के दौरान जब मुख्यमंत्रियों ने परीक्षण सुविधाओं को बढ़ाने और समाज के कमजोर वर्गों को अधिक से अधिक सहायता देने का अनुरोध किया तोप्रधानमंत्री ने राज्यों को अपनी सहायता का आश्वासन दिया और स्वास्थ्य कर्मियों के क्षमता निर्माण और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास की तत्काल आवश्यकता के बारे में चर्चा की। उन्होंने सुझाव दिया कि कालाबाजारी और अनुचित मूल्य वृद्धि रोकने के लिए मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में व्यापार निकायों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने उनसे आग्रह किया कि जहां भी आवश्यक होवे नरमी से समझाने और कानूनी प्रावधानों का उपयोग करें।

सार्क क्षेत्र एक साथ आया

प्रधानमंत्री पहले नेता हैं जिन्होंने सार्क देशों के नेताओं के साथ आहूत वीडियो कॉन्फ्रेंसके दौरान क्षेत्रीय परामर्श और चर्चा का सुझाव दिया। दुनिया की आबादी का काफी बड़ा हिस्‍सा सार्क क्षेत्र में ही रहता है। भारत के नेतृत्व में सार्क नेताओं की बैठक 15 मार्च 2020 को आयोजित की गई थी।

श्री मोदी ने सहयोगपूर्ण भावना के साथ सभी देशों से स्वैच्छिक योगदान के आधार पर एक कोविड-19 आपात कोषकी स्‍थापना करने का प्रस्‍ताव रखा, जिसमें भारत ने इस कोष के लिए 10 मिलियन डॉलर की प्रारंभिक पेशकश की। इस कोष का उपयोग भागीदार देशों में से किसी के भी द्वारा तात्‍कालिक कार्यों की लागत पूरा करने के लिए किया जा सकता है।

अन्य सार्क देशों यथा नेपाल, भूटान और मालदीव ने भी आपातकालीन कोष में योगदान दिया है।

असाधारण आभासी जी -20 शिखर सम्मेलन

कोविड-19 महामारी के प्रकोप से उत्पन्न चुनौतियों और एक वैश्विक समन्वित कदम पर चर्चा के लिए 26 मार्च 2020 को जी-20 नेताओं का एक असाधारण आभासी शिखर सम्‍मेलन आयोजित किया गया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के साथ इसी विषय पर टेलीफोन पर बातचीत की थी।

प्रधानमंत्री ने अन्‍य बातों के अलावा वैश्विक समृद्धि और सहयोग केदृष्टिकोण के केंद्र में मानव को रखने,चिकित्सकीय अनुसंधान और विकास के लाभ कोस्वतंत्र और खुले तौर पर साझा करने, अनुकूल,तेजी से काम करने वाली और मानव स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रधानमंत्री ने मानव जाति की सामूहिक भलाई के लिए नए वैश्वीकरण में नेताओं की मदद का आह्वान किया और कहा कि साझा मानवीय हितों को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय मंचों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

अंतर्राष्‍ट्रीय प्रयास

प्रधानमंत्री ने 12 मार्च, 2020 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री महा‍महिम बोरिस जॉनसन और इस्राइल के प्रधानमंत्री महा‍महिम बेंजामिन नेतान्‍याहू के साथ तथा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस महामहिम मोहम्मद बिन सलमान के साथ17 मार्च, 2020को टेलीफोन पर बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने 25 मार्च को रूस के राष्‍ट्रपति महामहिम व्लादिमीर पुतिन के साथ चर्चा की। श्री मोदी ने 26 मार्च को अबू धाबी के क्राउन प्रिंस महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयानऔरकतर के अमीरमहामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने 24 मार्च 2020 को यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लीन के साथ टेलीफोनपर बातचीत की।

अन्‍य देशों में फंसे नागरिकों का साथ निभाया

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने कोरोना वायरस के कारण चीन, इटली, ईरान और दुनिया के अन्य हिस्सों फंसे 2000 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला ।

 

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।