"“It is time to fulfil the promises we made to the nation”"

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के नागरिकों ने एक साफ-सुथरी सरकार को चुनकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है और अब भाजपा की बारी है कि वो राष्ट्र की सभी आकांक्षाओं को पूरा करे। प्रधानमंत्री नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

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इस बैठक में श्री अमित शाह को भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने का अनुमोदन भी किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “लोकसभा चुनाव में मिली जीत एक सामूहिक प्रयास का नतीजा थी। राजनाथ जी हमारी टीम के कप्तान थे और श्री अमित शाह मैन ऑफ दि मैच थे।श्री शाह के बिना भाजपा उत्तर प्रदेश में जीत दर्ज नहीं कर पाती।”प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि श्री अमित शाह पार्टी द्वारा उन्हें दी गई जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाएंगे।

श्री मोदी ने 16वीं लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए सभी भाजपा कार्यकर्ताओं की भूमिका का उल्लेख भी किया।

चुनाव अभियान की शुरुआत से लेकर भारत के प्रधानमंत्री का पद भार संभालने तक अपनी पूरी यात्रा को याद करते हुए उन्होंने कहा, “ये चुनाव राजनीतिक पंडितों के लिए काफी कठिन थे। उन्होंने शुरुआत में कहा- गुजरात के बाहर मोदी को कौन जानता है। लेकिन लोग हमें समर्थन देने के मूड में थे। लोगों ने अपना काम कर दिया है, अब हमारी बारी है।”

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उन्होंने आगे कहा,“शुरुआत में बदलाव की बयार को स्वीकार करना कठिन था, लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा था कि देश चल पड़ा है।”

श्री मोदी ने कहा,“सत्ता में आने के बाद हमारा काफी समय सफाई में और कार्य संस्कृति बदलने में गया। अपने कार्यालय में सकारात्मक 60 दिन के बाद हमारा विश्वास बढ़ गया है। ये एक सच्चाई है कि बहुमत वाली सरकार ने हमें निर्णय लेने के अवसर दिये हैं। आज भारत के प्रति दुनिया की नज़र बदल गई है। मुझे भरोसा है कि बड़े स्तर पर लोग भी इस बात का अनुभव करेंगे।”

श्री मोदी ने कहा कि चुनाव में मिली इस जीत से पार्टी की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्होंने पार्टी में चौतरफा वृद्धि करने की जरूरत का उल्लेख किया। इतने बड़े देश में सिर्फ एक पीएम से काम नहीं चल सकता। हमें प्रत्येक पोलिंग बूथ पर 100-200 पीएम चाहिए। पीएम से उनका आशय पार्टी के प्राथमिक सदस्य (प्राइमरी सेंबर्स) से था। अगर पार्टी प्रत्येक साल किसी एक सामाजिक मुद्दे को उठाए तो इससे फायदा मिलेगा। उदाहरण के लिए अगले साल को ऊर्जा संरक्षण वर्ष के रूप में मनाइए। उन्होंने कहा, “इस तरह न सिर्फ आप अपने की देश की सेवा करेंगे, बल्कि जागरुकता फैलाने में भी मदद मिलेगी।”

भारतीय जनता पार्टी के लिए ये एक नई पहचान बनाने का वक्त है। ये एजेंडा राजनीति से ऊपर है और मुझे उम्मीद है कि पार्टी अध्यक्ष मेरे सुझावों पर ध्यान देंगे।

डब्ल्यूटीओ में भारत के रुख पर उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने खाद्य सुरक्षा के नाम पर वोट मांगा, वो अपने एजेंडे से भटक गए। हमने गरीब की सेवा का फैसला किया। और डब्ल्यूटीओ समझौता इस उद्देश्य से भटकाने वाल है। मैंने चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हूं, लेकिन दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।”

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्पष्ट किया कि देश के किसी भी हिस्से में हिंसा की छोड़ी सी घटना को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। देश में सांप्रदायिक सद्भाव, शांति, एकता और भाईचारा होना चाहिए। उन्होंने कहा,“हमें देश को आगे ले जाना होगा और इसके साथ ही देशवासी भी आगे बढ़ेंगे।”

अपने समापन संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम अंत्योदय में विश्वास करते हैं। हम सत्ता में हों या विपक्ष में हमारा मंत्र है कि कतार के सबसे अंतिम व्यक्ति की मदद करना। हमें लोगों की सुखी सुनिश्चित करने के लिए काम करते रहना होगा। सहभागितापूर्ण लोकतंत्र की कुंजी सबका साथ, सबका विकास है।”

इस अवसर पर श्री लाल कृष्ण आडवाणी, श्री राजनाथ सिंह, श्री सतीश उपाध्याय जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन
May 12, 2025
आज, हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है: प्रधानमंत्री
ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है: प्रधानमंत्री
आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था; इसलिए भारत ने आतंक के मुख्यालय को ही उजाड़ दिया: प्रधानमंत्री
पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया: प्रधानमंत्री
ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है: प्रधानमंत्री
निश्चित तौर पर यह युग युद्ध का नहीं है, लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है: प्रधानमंत्री
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस एक बेहतर दुनिया की गारंटी है: प्रधानमंत्री
टेरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टेरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता: प्रधानमंत्री
पाकिस्तान के साथ बात होगी, तो टेररिज्म पर होगी, पाकिस्तान से बात होगी, तो पीओके पर होगी: प्रधानमंत्री

प्रिय देशवासियों,

नमस्कार!

हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

साथियों,

22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

साथियों,

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, Nation First की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।

जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सटीज रही हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे नाइन इलेवन हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।

साथियों,

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।

इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे, कि वो क्या रवैया अपनाता है।

साथियों,

भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी, और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स- BSF, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।

पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।

तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

साथियों,

युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

साथियों,

हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।

साथियों,

पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे है, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।

मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK उस पर ही होगी।

प्रिय देशवासियों,

आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।

मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासी के हौसले, हर भारतवासी की एकजुटता का शपथ, संकल्प, मैं उसे नमन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!

भारत माता की जय !!!