मेरी सरकार सभी श्रमिकों के लिए एक उदार और व्यापक सामाजिक सुरक्षा तंत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है: प्रधानमंत्री मोदी
स्वस्थ और समृद्ध श्रमिक से एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होगा: प्रधानमंत्री मोदी
हमने संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के कल्याण के लिए ईपीएफओ तथा ईएसआईसी में प्रमुख सुधारों की पहल की है: प्रधानमंत्री
ईएसआई योजना गांधीवादी सिद्धांत - “क्षमता के अनुसार योगदान और आवश्यकता के अनुसार लाभ” पर आधारित है: पीएम मोदी
मेरी सरकार हमारे उन भाइयों और बहनों के कल्याण के लिए समर्पित हैं जो हमारे राष्ट्र निर्माता हैं: प्रधानमंत्री मोदी
लोक सेवा वितरण मानकों के सुधार में मेरा दृढ़ विश्वास है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मुझे ख़ुशी है कि ईएसआईसी ने अपनी सेवाओं को सार्वजनिक निजी भागीदारी के साथ जोड़कर इसे और भी व्यापक बनाने का प्रस्ताव दिया है: पीएम मोदी
सरकार ने देश के श्रमिकों के कल्याण के लिए कई अनोखे कदम उठाए हैं: प्रधानमंत्री मोदी
16 श्रम कानूनों से संबंधित ऑनलाइन सेवाओं के लिए श्रम सुविधा पोर्टल बनाया गया है
हमने एमबीबीएस की सीटें बढ़ाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार के मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन की योजना को मंजूरी दे दी है: प्रधानमंत्री
हम देश भर में एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना को बढ़ावा दे रहे हैं: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे श्रम कानून के निर्माण में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान को याद किया

वणक्कम,

दक्षिण भारत की कपड़ा राजधानी और तमिलनाडु के व्यावसायिक केन्द्र कोयम्बटूर में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के लिए आप सभी के बीच आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। इस अवसर पर, केन्द्र सरकार ने मौजूदा अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और अन्य संबंधित इमारतें भी तमिलनाडु सरकार को सौंप दी हैं। यह मेरी सरकार की सहकारी संघवाद की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है। मुझे आशा है कि तमिलनाडु सरकार कॉलेज को शुरू करने के लिए तेजी से काम करेगी।

580 करोड़ रुपये की यह परियोजना ईएसआईसी लाभार्थियों और कोयंबटूर के आसपास रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों के लिए एक वरदान साबित होगी। यहां एमबीबीएस की सौ सीटें प्रस्तावित हैं, इनमें से 20 सीटें ईएसआईसी योजना के तहत बीमित व्यक्तियों के बच्चों के लिए आरक्षित होंगी। हमें इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को राज्य के श्रमिकों के उपचार और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा का मॉडल बनाने का प्रयास करना चाहिए।

मेरी सरकार सभी श्रमिकों के लिए एक उदार और व्यापक सामाजिक सुरक्षा तंत्र का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है। असंगठित क्षेत्र के 45 करोड़ से अधिक श्रमिकों के लिए हमने आरएसबीवाई स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और जीवन एवं दुर्घटना बीमा प्रदान करने के लिए अटल पेंशन योजना की शुरूआत की है। आधुनिक भारत के निर्माताओं की यह प्रतिबद्धता उस दृढ़ विश्वास से आती है जिसके अनुसार, ‘स्वस्थ एवं समृद्ध श्रमिक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करता है।’

हमने संगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लाभ के लिए ईपीएफओ और ईएसआईसी में अहम सुधारों की पहल की है। इस क्षेत्र के छह करोड़ से अधिक श्रमिकों को यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) आवंटित कर दिया गया है, ताकि उनके ईपीएफ खातों को पोर्टेबिलिटी में सक्षम बनाया जा सके। आगे हम इसके दायरे का विस्तार और ईएसआईसी के जरिए अतिरिक्त सुविधाओं और सेवाओं की पेशकश करने का प्रस्ताव कर रहे हैं।

ईएसआई योजना गांधीवादी सिद्धांत “क्षमता के अनुसार योगदान और आवश्यकता के अनुसार लाभ” पर आधारित है। यह सिद्धांत एक बीमित व्यक्ति अथवा उसके परिवार के सदस्यों को उसकी मजदूरी के अनुपात में योगदान करने पर एक समान लाभ उपलब्ध कराता है। चिकित्सा लाभों के अलावा ईएसआईसी बीमित व्यक्ति को बीमारी, विकलांगता, आश्रय, प्रसूति और बेरोजगारी भत्ते के लाभ भी उपलब्ध कराता है। खर्चे पर कोई प्रतिबंध न होना इसका एक अद्वितीय चरित्र है, उदाहरण के लिए ऐसे मामलों में जहां उपचार खर्च 30 से 40 लाख से अधिक है। इसका अर्थ यह हुआ कि ईएसआईसी स्वास्थ्य योजना लाखों श्रमिकों के लिए एक वरदान है।

मित्रो, 1952 में महज दो केंद्रों कानपुर और दिल्ली से इसकी शुरूआत हुई थी। आज ईएसआई योजना 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 830 केंद्रों में चल रही है। इसके तहत देश भर में सात लाख फैक्ट्रियां और प्रतिष्ठान तथा दो करोड़ श्रमिक व आठ करोड़ लाभकर्ता आते हैं। तमिलनाडु में इस योजना में 85 हजार से अधिक नियोक्ता और 28 लाख से अधिक बीमित लोग हैं। अकेले कोयंबटूर में ही लगभग 27 हजार नियोक्ता हैं। यह योजना तमिलनाडु के 31 जिलों में उपलब्ध है।

तमिलनाडु में दस ईएसआई अस्पताल हैं। इस अस्पताल को सौंपने के बाद वहां राज्य सरकार द्वारा संचालित ईएसआई अस्पतालों की संख्या आठ हो जाएगी। ईएसआईसी अस्पताल तिरूनेलवेली को 50 बेड से बढ़ाकर 100 बेड का करने का प्रस्ताव है। बीमित व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए राज्य में 210 ईएसआई डिसपेंसरी का एक बड़ा नेटवर्क है। अकेले कोयंबटूर में ऐसी 50 डिसपेंसरियां हैं।

मेरी सरकार हमारे उन भाइयों और बहनों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जो हमारे राष्ट्र निर्माता हैं। ईएसआईसी के विस्तार की जरूरत को महसूस करते हुए मैंने पिछले साल जुलाई में नई दिल्ली में हुए भारतीय मजदूर सम्मेलन के दौरान दूसरी पीढ़ी के सुधार का एजेंडा ईएसआईसी 2.0 नाम से शुरू किया था।

ईएसआई योजना का दायरा पूर्वोत्तर के शेष बचे राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और अंडमान निकोबार द्वीप समूहों तक बढ़ा दिया गया है। इस साल 31 मार्च तक इसे जिले में केवल औद्योगिक एवं वाणिज्यिक क्षेत्र से बढ़ाकर पूरे जिले तक विस्तार देने का प्रस्ताव है। पिछले साल पहली अगस्त से इस योजना को निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों तक बढ़ा दिया गया है।

सार्वजनिक सेवा वितरण मानकों के सुधार में मेरा दृढ़ विश्वास है। इसे ध्यान में रखते हुए ईएसआई अस्पतालों में सेवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई पहलें की गई हैं। इनमें ईएसआई लाभार्थियों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड की ऑनलाइन उपलब्धता, एक आपातकालीन चिकित्सा ऑनलाइन प्रणाली की स्थापना और वरिष्ठ नागरिकों एवं विकलांग व्यक्तियों के लिए ईएसआई अस्पतालों में विशेष वाह्य रोगी सेवाओं का निर्माण शामिल हैं। साफ-सफाई में सुधार के लिए ‘इंद्रधनुष अभियान’ के तहत सप्ताह के प्रत्येक दिन इंद्रधनुष के रंगों की तर्ज पर अस्पताल के बिस्तरों की चादरें बदली जाती हैं। सफाई रोग निवारक स्वास्थ्य सेवा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अध्ययनों से पता चला है कि साफ-सफाई रखने से एक गरीब परिवार प्रति वर्ष सात हजार रुपये की बचत कर सकता है।

अन्य पहलों में ईएसआईसी ने प्रत्येक राज्य में जच्चा-बच्चा अस्पताल से इतर दो मॉडल अस्पतालों को अपनाने का संकल्प लिया है। मुझे खुशी है कि ईएसआईसी अपनी सेवाओं को पूरा करने के बाद सरकारी निजी भागीदारी के जरिए अपने दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव कर रहा है। इसके अलावा कैंसर का पता लगाने, कॉर्डियोलॉजी उपचार और डॉयलिसिस से इतर चरणबद्ध तरीके से सभी डिस्पेंसरियों में पीपीपी के माध्यम से एक्सरे और पैथोलॉजी सुविधाएं शुरू करने का प्रस्ताव है। एलोपैथिक उपचार के अलावा ईएसआईसी अस्पताल चरणबद्ध तरीके से आयुष उपचार भी उपलब्ध कराएंगे।

मित्रो, मेरी सरकार ने हमारे देश के श्रमबल के कल्याण के लिए कई अनोखे कदम उठाए हैं। सितंबर, 2014 में हमने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पेंशन को संशोधित कर न्यूनतम एक हजार रुपये प्रति माह कर दिया। ईपीएफ लाभ लेने के लिए वेतन सीमा को 6500 से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया। श्रमिकों और नियोक्ताओं तक अपनी सेवाओं की आसान पहुंच के लिए एक ईपीएफओ मोबाइल एप भी शुरू किया गया है। बोनस अधिनियम में पात्रता और बोनस देय की सीमा बढ़ाने के लिए इसे संशोधित कर क्रमशः 21000 और 7000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।

“न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” की हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने केंद्रीय श्रम कानूनों को सरल बनाते हुए 44 मौजूदा कानूनों को चार श्रम संहिताओं में तब्दील कर दिया गया है। अथार्त मजदूरी, औद्योगिक संबंध, रक्षा-सुरक्षा और स्वास्थ्य। इससे श्रमिकों के अधिकारों और उनकी वास्तविक सुरक्षा से समझौता किए बिना कारोबार सुगमता में वृद्धि तथा रोजगार का सृजन होगा। हम श्रम सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इन पर आम सहमति बनाने के लिए नियोक्ताओं, श्रमिक प्रतिनिधियों और राज्य सरकारों के साथ सभी हितधारकों के साथ सघन विचार-विमर्श किया जा रहा है।

व्यापार की पारदर्शी और कभी कभार निरीक्षण की एक प्रक्रिया के प्रबंध सहित 16 श्रम कानूनों से संबंधित ऑनलाइन सेवाओं के लिए एक श्रम सुविधा पोर्टल बनाया गया है। करीब दस लाख नियोक्ताओं को एक एलआईएन नंबर जारी किया गया है। यह उन्हें आठ श्रम कानूनों पर एकल ऑनलाइन फाइलिंग प्रक्रिया में सक्षम बनाएगा। ईएसआईसी और ईपीएफओ द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को व्यापार की सुगमता और लेनदेन लागत की सीमा निर्धारित करने के लिए औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग के ई-बिज पोर्टल के साथ जोड़ दिया गया है। इसके अलावा श्रमिकों एवं नियोक्ताओं का दायरा बढ़ाने, ज्यादा विकल्प उपलब्ध कराने और संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सेवाओं को विस्तार देने तथा उन्हें बेहतर बनाने के लिए नए ईपीएफओ और ईएसआईसी अधिनियमों का प्रस्ताव है।

हमारी योजना ईएसआईसी सुविधाओं के विस्तार की है। वास्तव में इस कॉलेज की स्थापना चिकित्सा शिक्षा एवं स्पेशलाइज्ड टर्शरी केयर के लिए सुविधाओं को उन्नत बनाने की बड़ी योजना का हिस्सा है।

हमने राज्य और केंद्र सरकार के मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के लिए एमबीबीएस की सीटों में वृद्धि की एक योजना को मंजूरी दी है। हम उम्मीद करते हैं कि इस तरह एमबीबीएस की दस हजार सीटें बढ़ेंगी और मेडिकल कॉलेजों को उपकरणों और बुनियादी ढांचे के लिए निधि उपलब्ध होगी। अभी तक 23 मेडिकल कॉलेजों को 1700 एमबीबीएस सीटें बढ़ाने की मंजूरी मिली है। मुझे आपको यह जानकारी देकर खुशी हो रही है कि तमिलनाडु में कोयंबटूर, कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली और मदुरै में चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन को मंजूरी मिल गई है। इनमें एमबीबीएस की 345 और सीटों को जोड़ा जाएगा।

इसी तरह के उद्देश्य के साथ हम देश भर में एम्स जैसे संस्थानों की स्थापना को बढ़ावा दे रहे हैं। एक ऐसे ही संस्थान के लिए तमिलनाडु का भी अनुमोदन किया गया है। मुझे आशा है कि राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग से इस संस्थान में प्रवेश जल्द ही शुरू हो सकेगा।

मित्रो, हम सभी जानते हैं कि भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर संविधान के जनक हैं, लेकिन बहुतों को शायद ही पता होगा कि हमारे श्रम कानूनों के निर्माण में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बाबा साहेब के 125वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में पिछले महीने नई दिल्ली में एक सम्मेलन का आयोजन किया था। मैं आप सभी से इस अवसर पर जारी की गई पुस्तिका ‘डा. बीआर अंबेडकर – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिताः उनकी परिकल्पना को वास्तविक रूप देने की पहल’ को पढ़ने का आग्रह करता हूं। श्रम कल्याण को लेकर डॉ. अंबेडकर की परिकल्पना को साकार करने की खातिर हम सामूहिक रूप से और आपसी सहयोग से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मित्रों, औद्योगिक शांति और सद्भाव तभी प्राप्त हो सकता है, जब रोजगार और रोजगार क्षमता के लक्ष्य औद्योगिक विकास और वृद्धि के लक्ष्यों के साथ-साथ चलें। हमारी साझी परिकल्पना ऐसे माहौल की है जो समावेशी विकास और देश के विकास के अनुकूल हों। मैं राज्य सरकार को इस दिशा में उसके प्रयासों के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन देता हूं।

भारत के श्रम बल के कल्याण के लिए मैं अधिक काम को प्रोत्साहित कर रहा हूं, ताकि “भारत सभी के काम करने के लिए एक अच्छा कार्यस्थल बन सके”।

आइए देश को एक अच्छा कार्यस्थल और रहने के लिए बेहतरीन स्थान बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं।

जयहिंद!

Explore More
आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

आज सम्पूर्ण भारत, सम्पूर्ण विश्व राममय है: अयोध्या में ध्वजारोहण उत्सव में पीएम मोदी
India leads globally in renewable energy; records highest-ever 31.25 GW non-fossil addition in FY 25-26: Pralhad Joshi.

Media Coverage

India leads globally in renewable energy; records highest-ever 31.25 GW non-fossil addition in FY 25-26: Pralhad Joshi.
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
PM Modi hails the commencement of 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage in India
December 08, 2025

The Prime Minister has expressed immense joy on the commencement of the 20th Session of the Committee on Intangible Cultural Heritage of UNESCO in India. He said that the forum has brought together delegates from over 150 nations with a shared vision to protect and popularise living traditions across the world.

The Prime Minister stated that India is glad to host this important gathering, especially at the historic Red Fort. He added that the occasion reflects India’s commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

The Prime Minister wrote on X;

“It is a matter of immense joy that the 20th Session of UNESCO’s Committee on Intangible Cultural Heritage has commenced in India. This forum has brought together delegates from over 150 nations with a vision to protect and popularise our shared living traditions. India is glad to host this gathering, and that too at the Red Fort. It also reflects our commitment to harnessing the power of culture to connect societies and generations.

@UNESCO”