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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के शाश्‍वत शब्‍दों को याद किया, जिन्‍होंने 06 दिसम्‍बर, 1971 को संसद में एक भाषण में कहा था कि भारत और बांग्‍लादेश के बीच मैत्री एक ऐसे बंधन की तरह है, जो किसी दबाव से नहीं टूटेगा और कभी भी किसी कूटनीति का शिकार नहीं होगा। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के लिए बांग्‍लादेश स्‍वतंत्रता सम्‍मान के समर्पण के बाद इसे स्‍वीकार करते हुए अपने भाषण में श्री नरेन्‍द्र मोदी ने श्री वाजपेयी को एक ऐसा दूरदर्शी नेता बताया, जिन्‍होंने कहा था कि इतिहास को फिर से लिखा जा रहा है, क्‍योंकि बांग्‍लादेश की स्‍वतंत्रता के लिए भारतीय सैनिकों का खून मुक्ति जोधाओं के साथ बहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्‍मान को प्राप्‍त करने के लिए यदि श्री वाजपेयी यहां खुद उपस्थित होते तो काफी अच्‍छा होता। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि श्री वाजपेयी जल्‍द स्‍वस्‍थ होंगे और एक बार फिर सबका मार्गदर्शन करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि उन्‍होंने काफी देरी से राजनीति में प्रवेश किया था, पर 1971 में बांग्‍लादेश की स्‍वतंत्रता के आह्वान पर दिल्‍ली आने वाले बहुत से युवा कार्यकर्ताओं में से एक थे। उन्‍होंने खुद को उन करोड़ों लोगों में से एक बताया, जो इस सपने को साकार होते देखना चाहते थे।

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सोशल मीडिया कॉर्नर 3 अक्टूबर 2023
October 03, 2023
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Expressions of Gratitude to PM Modi for his Commitment to India’s Swift and Holistic Progress