Published By : Admin |
December 13, 2015 | 15:25 IST
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सीओपी21 और पेरिस समझौते पर विचार-विमर्श जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए दुनिया भर के नेताओं के सामूहिक विवेक को दर्शाता है: पीएम मोदी
पेरिस समझौता दर्शाता है कि कैसे सभी देश चुनौतियों के समाधान की दिशा में एकसाथ काम कर रहे हैं: पीएम मोदी #सीओपी21
पेरिस समझौते के परिणाम में न कोई विजेता है और न कोई हारा है: प्रधानमंत्री मोदी #सीओपी21
जलवायु न्याय की जीत हुई है और हम सभी सुनहरे भविष्य की दिशा में काम कर रहे हैं: पीएम मोदी #सीओपी21
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अभी हाल में समाप्त पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में जलवायु न्याय की जीत हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सीओपी-21 के विचार-विमर्श और पेरिस समझौते ने जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए विश्व के नेताओं की सामूहिक विवेक को दर्शाया है। अपनी भावनाओं को ट्वीट की एक श्रृंखला में साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पेरिस समझौते के निष्कर्ष में न कोई जीता है, न कोई हारा है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि सीओपी-21 के विचार-विमर्श और पेरिस समझौते से जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए विश्व के नेताओं के सामूहिक विवेक का परिचय मिला है। जलवायु परितर्वन एक चुनौती रहा है, लेकिन पेरिस समझौते में यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार प्रत्येक राष्ट्र इसके समाधान की दिशा में कार्य करके इस चुनौती का सामना कर सकता है।
पेरिस समझौते के निष्कर्ष में न कोई विजेता है और न कोई पराजित। जलवायु न्याय की जीत हुई है और हम सब हरित भविष्य की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
Outcome of #ParisAgreement has no winners or losers. Climate justice has won & we are all working towards a greener future. @COP21@COP21en
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का दौरा किया; मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रगति की समीक्षा की
November 16, 2025
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प्रधानमंत्री ने भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की टीम के साथ बातचीत की
प्रधानमंत्री ने भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की टीम के साथ बातचीत की
प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि जब राष्ट्र के लिए काम करने और कुछ नया योगदान देने की भावना जागृत होती है, तो यह अत्यधिक प्रेरणा का स्रोत बन जाती है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल गुजरात के सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का दौरा किया और मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की टीम से भी बातचीत की और गति तथा समय सारिणी के लक्ष्यों के पालन सहित परियोजना की प्रगति के बारे में जानकारी ली। कर्मियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि परियोजना बिना किसी कठिनाई के सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है।
केरल की एक इंजीनियर ने गुजरात के नवसारी स्थित नॉइज़ बैरियर फ़ैक्टरी में काम करने का अपना अनुभव साझा किया, जहाँ सरिया के पिंजरों की वेल्डिंग के लिए रोबोटिक इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं। श्री मोदी ने उनसे पूछा कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन के निर्माण के अनुभव को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कैसा महसूस किया और इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में वे अपने परिवारों के साथ क्या साझा करती हैं। उन्होंने देश की पहली बुलेट ट्रेन में योगदान देने पर गर्व व्यक्त किया और इसे अपने परिवार के लिए एक "ड्रीम प्रोजेक्ट" और "गर्व का क्षण" बताया।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र सेवा की भावना पर विचार करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि जब राष्ट्र के लिए काम करने और कुछ नया योगदान देने की भावना जागृत होती है, तो यह अत्यधिक प्रेरणा का स्रोत बन जाती है। उन्होंने भारत की अंतरिक्ष यात्रा के साथ तुलना करते हुए याद दिलाया कि देश का पहला उपग्रह प्रक्षेपित करने वाले वैज्ञानिकों को कैसा महसूस हुआ होगा और आज कैसे सैकड़ों उपग्रह प्रक्षेपित किए जा रहे हैं।
बेंगलुरु की एक अन्य कर्मचारी, श्रुति, मुख्य इंजीनियरिंग प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कठोर डिज़ाइन और इंजीनियरिंग नियंत्रण प्रक्रियाओं के बारे में बताया। श्रुति ने बताया कि कार्यान्वयन के प्रत्येक चरण में, उनकी टीम फायदे और नुकसान का मूल्यांकन करती है, समाधानों की पहचान करती है और दोषरहित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विकल्पों की खोज करती है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि यदि यहाँ प्राप्त अनुभवों को ब्लू बुक की तरह दर्ज और संकलित किया जाए, तो देश बुलेट ट्रेनों के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन की दिशा में निर्णायक रूप से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत को बार-बार प्रयोग करने से बचना चाहिए और इसके बजाय मौजूदा मॉडलों से सीखों को दोहराना चाहिए। श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि अनुकरण तभी सार्थक होगा जब यह स्पष्ट समझ हो कि कुछ कदम क्यों उठाए गए। उन्होंने आगाह किया, कि अनुकरण बिना किसी उद्देश्य या दिशा के हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे रिकॉर्ड बनाए रखने से भविष्य के विद्यार्थियों को लाभ हो सकता है और राष्ट्र निर्माण में योगदान मिल सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम अपना जीवन यहीं समर्पित करेंगे और देश के लिए कुछ मूल्यवान छोड़ जाएँगे।"
एक कर्मचारी ने एक कविता के माध्यम से अपनी प्रतिबद्धता को भावपूर्ण शब्दों में व्यक्त किया, जिस पर प्रधानमंत्री ने उनके समर्पण की प्रशंसा और सराहना की।
केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव इस दौरे के अवसर पर मौजूद थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का दौरा किया। यह भारत की सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है और देश के हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के युग में प्रवेश का प्रतीक है।
एमएएचएसआर लगभग 508 किलोमीटर लंबा है, जिसमें 352 किलोमीटर गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली में और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में शामिल है। यह कॉरिडोर साबरमती, अहमदाबाद, आणंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलिमोरा, वापी, बोईसर, विरार, ठाणे और मुंबई सहित प्रमुख शहरों को जोड़ेगा, जो भारत के परिवहन बुनियादी ढांचे में एक परिवर्तनकारी कदम है।
अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उन्नत इंजीनियरिंग तकनीकों से निर्मित इस परियोजना में 465 किलोमीटर (मार्ग का लगभग 85 प्रतिशत) पुलों पर बना है, जिससे न्यूनतम भूमि व्यवधान और बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होती है। अब तक 326 किलोमीटर पुल निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और 25 में से 17 नदी पुलों का निर्माण हो चुका है।
बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरा होने पर, मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा के समय को लगभग दो घंटे तक कम कर देगी, जिससे अंतर-शहर यात्रा तेज, आसान और अधिक आरामदायक बनकर क्रांति ला देगी। इस परियोजना से पूरे कॉरिडोर पर व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने और क्षेत्रीय विकास को गति मिलने की संभावना है।
सूरत-बिलिमोरा खंड, लगभग 47 किलोमीटर लंबा है और यह निर्माण कार्य के अंतिम चरण में है, जिसमें सिविल कार्य और ट्रैक बिछाने का काम पूर्ण रूप से पूरा हो चुका है। सूरत स्टेशन का डिज़ाइन शहर के विश्व प्रसिद्ध हीरा उद्योग से प्रेरित है, जो सुंदरता और कार्यक्षमता दोनों को दर्शाता है। स्टेशन को यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान देते हुए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें विशाल प्रतीक्षालय, शौचालय और खुदरा दुकानें हैं। यह सूरत मेट्रो, सिटी बसों और भारतीय रेलवे नेटवर्क के साथ निर्बाध मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा।