प्रधानमंत्री मोदी की तीन दिवसीय चीन यात्रा समाप्त, मंगोलिया के लिए निकले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शंघाई में हार्दिक स्वागत
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत-चीन व्यापार फोरम को संबोधित किया
श्री नरेन्द्र मोदी ने फूदान विश्वविद्यालय में गांधीवादी और भारतीय अध्ययन केंद्र का शुभारंभ किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में भारतीय समुदाय को संबोधित किया
PM Modi wraps up his three day China tour, heads for Mongolia
Prime Minister Narendra Modi receives a hearty welcome in Shanghai
PM Shri Modi addresses India-China Business Forum
Shri Narendra Modi launches Centre for Gandhian and Indian Studies at Fudan University
PM Narendra Modi reaches out to the Indian Community in China

16 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की वाणिज्यिक राजधानी शंघाई पहुंचे जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह उनकी तीन दिवसीय चीन यात्रा का अंतिम दिन था।

प्रधानमंत्री ने भारत-चीन व्यापार फोरम को संबोधित किया। श्री मोदी ने कहा कि भारत ज्ञान का स्थल है और चीन नवाचारों के लिए जाना जाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर देते हुए कहा कि भारत में बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और अन्य विकास क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच समरस साझेदारी एशियाई महाद्वीप की राजनीतिक स्थिरता और इसके आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फूदान विश्वविद्यालय में गांधीवादी और भारतीय अध्ययन केंद्र का शुभारंभ किया । प्रधानमंत्री ने अपने तीन दिवसीय दौरे में दो विख्यात विश्वविद्यालयों में छात्रों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलने पर अपनी ख़ुशी जताई। शुभारंभ के अवसर पर बोलते हुए श्री मोदी ने गांधी जी को ‘युग पुरुष’ और ‘विश्व मानव’ की संज्ञा दी।

शाम में प्रधानमंत्री ने शंघाई में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। श्री मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को उनके गृह प्रांत शियान में आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया।

मंगोलिया के लिए निकलने से पहले श्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विटर पर चीनी में ट्वीट करते हुए चीन को अलविदा कहा। उन्होंने गर्मजोशी से स्वागत करने और अपने आतिथ्य के लिए अपना आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने यह आशा जताई कि आने वाले दिनों में भारत और चीन के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।

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प्रधानमंत्री 20-21 दिसंबर को असम का दौरा करेंगे
December 19, 2025
प्रधानमंत्री असम में लगभग 15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे
प्रधानमंत्री गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे
लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में विस्तारित यह नया टर्मिनल भवन प्रति वर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है
नए टर्मिनल भवन की प्रेरणा "बांस के उद्यान" विषय के अंतर्गत असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से ली गई है
प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के नामरूप में असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना के लिए भूमिपूजन करेंगे
इस परियोजना का निर्माण 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश से किया जाएगा और यह असम तथा पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करने और आयात पर निर्भरता कम करने में सहायता प्रदान करेगी
प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 20-21 दिसंबर को असम की यात्रा पर रहेंगे। 20 दिसंबर को दोपहर लगभग 3 बजे प्रधानमंत्री गुवाहाटी पहुंचकर लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का निरीक्षण और इसका उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर वे एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

21 दिसंबर को सुबह लगभग 9:45 बजे, प्रधानमंत्री गुवाहाटी के बोरागांव स्थित शहीद स्मारक क्षेत्र में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद, वे असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप जाएंगे, जहां वे असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड की अमोनिया-यूरिया परियोजना के लिए भूमि पूजन करेंगे। वे इस अवसर पर एक सभा को संबोधित भी करेंगे।

20 दिसंबर को प्रधानमंत्री गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे, यह असम की कनेक्टिविटी, आर्थिक विस्तार और वैश्विक जुड़ाव में एक परिवर्तनकारी उपलब्धि सिद्ध होगा।

लगभग 1.4 लाख वर्ग मीटर में विस्तारित नवनिर्मित एकीकृत नया टर्मिनल भवन, रनवे, एयरफील्ड सिस्टम, एप्रन और टैक्सीवे में किए गए बड़े उन्नयन के समर्थन से, प्रति वर्ष 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ तैयार किया गया है।

भारत का पहला प्रकृति-विषय से जुड़ा यह हवाई अड्डा टर्मिनल, असम की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत से प्रेरित है, जिसका विषय "बांस के उद्यान" है। टर्मिनल में पूर्वोत्तर से प्राप्त लगभग 140 मीट्रिक टन बांस का अभूतपूर्व उपयोग किया गया है, जो काजीरंगा से प्रेरित हरे-भरे परिदृश्य, जापी आकृतियां, प्रतिष्ठित गैंडे का प्रतीक और कोपो फूल को प्रतिबिंबित करने वाले 57 बाग-विषय वाले स्तंभों से पूरित है। एक अनूठा "आकाश वन", जिसमें लगभग एक लाख स्थानीय प्रजातियों के पौधे हैं और यह यहां आने वाले यात्रियों को वन जैसा अनुभव प्रदान करता है।

यह टर्मिनल यात्रियों की सुविधा और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करता है। तेज़ और सहज सुरक्षा जांच के लिए फुल-बॉडी स्कैनर, डिजियात्रा-सक्षम संपर्क रहित यात्रा, स्वचालित सामान प्रबंधन, त्वरित आव्रजन और एआई-संचालित हवाई अड्डा संचालन जैसी सुविधाएं निर्बाध, सुरक्षित और कुशल यात्रा सुनिश्चित करती हैं।

21 दिसंबर की सुबह नामरूप जाने से पहले, प्रधानमंत्री शहीद स्मारक क्षेत्र का दौरा करेंगे और ऐतिहासिक असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह छह वर्ष लंबा जन आंदोलन था जिसने विदेशियों से मुक्त असम और राज्य की पहचान की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प को मूर्त रूप दिया।

बाद में दिन में, प्रधानमंत्री असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में ब्रह्मपुत्र घाटी उर्वरक निगम लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के वर्तमान परिसर के भीतर स्थित नई ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना का भूमिपूजन करेंगे।

प्रधानमंत्री के किसान कल्याण के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, 10,600 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश वाली यह परियोजना असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूर्ण करेगी, आयात पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ पर्याप्त रोजगार सृजित करेगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगी। यह औद्योगिक पुनरुद्धार और किसान कल्याण की आधारशिला है।