1. इस लोकसभा चुनाव में फिर एकबार बहुमत हासिल करने के लिए आपकी प्राथमिकता क्या है? आपके एजेंडे में पहला मुद्दा क्या है?

जवाब : हमारा एजेंडा एकदम स्पष्ट है और हम इसे पूरी प्रमाणिकता से जनता जनार्दन के समक्ष रख रहे हैं. विकसित भारत का सपना साकार करने के लक्ष्य के साथ हर संभव प्रयास हम कर रहे हैं. इसके लिए आने वाले 5 वर्षों के कार्यों का खाका हमने पहले ही तैयार कर रखा है. इसी तरह नई सरकार के गठन के साथ पहले 100 दिन की कार्य योजना भी हम तैयार कर चुके हैं.

2. आप 2047 के विजन, पहले 100 दिनों की कार्ययोजना की बात करते हैं, वास्तव आपके मन में क्या है?

जवाब : जैसे आप सभी व्यक्तिगत जीवन में एक निश्चित लक्ष्य तय कर उस दिशा में कार्य करते हैं...ठीक वैसा ही मैं भी करता हूं. जिन्होंने मेरी कार्यशैली को करीब से देखा है, वे इससे परिचित हैं कि हमारी सरकार बनते ही मैंने पहले 100 दिनों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. ठीक वैसे ही आने 5 वर्षों में भी हम उसी गति से काम करते रहें, इस दृष्टीकोण से कार्य नियोजन किया गया है. हमारा लक्ष्य भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के तीसरे पायदान पर काबिज करना और इस स्तर के लिए विकसित करना है. इसी दृष्टीकोण से हमने पहले ही कार्य शुरू कर दिया है. 2047 के लिए हमने जो विकसित भारत का लक्ष्य रखा है, उसके लिए हम 7/24 काम करेंगे. प्रत्येक भारतीय की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मैं प्रत्येक क्षण कार्यरत हूं.

3. 2047 की बात आप कर रहे हैं, ये सही है लेकिन पिछले पांच साल के बारे मे बताएं.

जवाब : 2019 में जब हमारी सरकार बनी, तो पहले 100 दिन दिनों में हमने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए. जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को हटाया, यूएपीए जैसे कानून में संशोधन कर आतंकवाद विरोधी कानून को अधिक सक्षम बनाया, तीन तलाक विधेयक पारित कर इसे कानूनी रूप दिया, बैंकों की हालत सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए बैंकों का विलीनीकरण किया, कई क्षेत्रों को सीधा विदेशी निवेश से जोड़ने के लिए आवश्यक संशोधन किए, छोटे निवेशकों को फंसाने वाली योजनाओं पर पाबंदी और इनके प्रवर्तकों को कठोर कानून के दायरे में लाया गया, कृषि उपज की एमएसपी (न्यूनतम गारंटी मूल्य) में बढ़ोतरी की गई, ‘पीएम किसान योजना’ पहले सिर्फ लघु व अल्प भूधारक किसानों तक के लिए सीमित थी, उसका दायरा बढ़ाकर सभी किसानों को इसमें शामिल किया गया, किसान तथा व्यापारियों के लिए पेंशन योजना शुरू की गई, जल शक्ति मंत्रालय स्थापित करने समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और उन्हें प्रभावी रूप से लागू किया.

4. 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की आपकी घोषणा राष्ट्रीय मुद्दा है क्या?

जवाब : हमें ध्यान रखना चाहिए कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना यह किसी एक व्यक्ति या किसी एक पार्टी का काम नहीं है. करोड़ों भारतीयों ने इस लक्ष्य को हासिल करने का दिल से फैसला किया है. बीते 10 वर्षों में हुए विकास की बदौलत ही हमारा देश विकसित भारत का सपना देख पा रहा है. 2014 से पहले की स्थिति की आप सिर्फ कल्पना करके देखिए.

5. आपके कहने का तात्पर्य क्या है?

जवाब : यूपीए नीत सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में देश के शोषित-वंचित वर्ग की स्थिति, बैंकिंग व्यवस्था तथा अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में कोताही बरती गई. भ्रष्टाचार तथा नीतियों के अभाव से लोग त्रस्त हो चुके थे. इसके विपरीत हमारे द्वारा 10 वर्षों में किए गए कार्य लोगों के सामने हैं.

6. आपकी सरकार ने इस प्रक्रिया में मूल रूप से क्या बदलाव किया?

जवाब : 2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद हमारी सरकार ने दो स्तरों पर कार शुरू किया. हमने गरीबों को सक्षम बनाने के कार्य को प्रधानता दी. उनके लिए स्वच्छता अभियान शुरू किया गया. उनके घरों तक बिजली पहुंचाई गई, आर्थिक समायोजना जैसी व्यवस्था खड़ी की गई. इन सबके साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को सक्षम बनाने के लिए नीतियों में यथायोग्य संशोधन भी किया गया. बीते 10 वर्षों में देश के 25 करोड़ से अधिक परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं. उनके जीवनस्तर में सुधार हुआ है. अर्थव्यवस्था के वैश्विक सूची में हम 11वें स्थान पर थे. वहां से हम अब 5वें पायदान पर हैं. हमारी सरकार द्वारा किए गए सुधारों की बदौलत उत्पादन क्षेत्र से लेकर स्टार्ट अप्स तक या इन जैसे अनेक क्षेत्रों को नवसंजीवनी मिली है. छोटे खिलौनों से चंद्रयान तथा वंदे भारत से लेकर मोबाइल, ड्रोन, विमानों के निर्माण समेत कई अन्य क्षेत्रों में अपना देश आत्मनिर्भर हो गया है.

7. आप जब विकसित भारत की बात करते हैं, तो कितने लोग मन से आपकी बात सुनते नजर आते हैं?

जवाब : हमने शताब्दियों में आए ऐसी महामारी कोविड जैसे संकट का सामना किया है. पूरे देश ने एकजुट होकर कई लोगों की जान बचाई, गरीबों की मदद की. हमने वैक्सीन (टीके) का निर्माण किया. ये वैक्सीन हमने सिर्फ अपने नागरिकों तक सीमित नहीं रखी, बल्कि विदेशों में भी भेजी. इस पूरी अवधि के दौरान विश्व के अन्य देशों की तुलना में हमने हमारी अर्थव्यवस्था को पूरी क्षमता के साथ संभाला. कोविड महामारी के बाद पूरे विश्व का भारत और भारतीयों की ओर देखने का नजरिया बदला है. अब उनमें हमारे लिए और अधिक आत्मविश्वास पैदा हुआ है. अब यह भारत का समय है. इसीलिए मैं कहता हूं कि ‘यही समय है, सही समय है’. जीवन की रोजमर्रा की जरूरतों को प्राप्त करने के लिए पिछले अनेक दशकों तक संघर्ष करने के बाद अब अंतत: देश की 140 करोड़ जनता में अपने भविष्य को लेकर एक नई आशा जागी है और आत्मविश्वास का निर्माण हुआ है. इसीलिए विकसित भारत के सपने को लोगों ने अपने निजी सपनों से जोड़ा है. मैं जहां जाता हूं और जब इस मुद्दे पर बोलता हूं तो मुझे महसूस होता है कि लोग इस सपने से प्रेरित हो रहे हैं. मैं लोगों को ये बातें मन से सुनते हुए महसूस कर पाता हूं.

8. हम महाराष्ट्र से हैं। आपने देश के बारे में बताया लेकिन इसमें हमारे महाराष्ट्र के बारे मे क्या है?

जवाब : विकसित भारत के लिए विकसित महाराष्ट्र हमारा दीर्घकालीन लक्ष्य है. इसका मतलब है कि आगामी पांच वर्षों में महाराष्ट्र के विविध क्षेत्रों के विकास के लिए और अधिक तेजी से काम किया जाएगा. महाराष्ट्र में प्रमुख आर्थिक केंद्र से लेकर सूचना तकनीक, मेहनतकश किसान, औद्योगिक मूलभूत सुविधाएं, खूबसूरत समुद्री किनारा, धैर्य और सामाजिक सुधार की उज्ज्वल परंपरा सब कुछ है. इन सब प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में रखकर लोगों के जीवन को और अधिक सुखद बनाने के लिए उचित नीतियां और मूलभूत सुविधाओं का विकास करना ही हमारा लक्ष्य है. नए अस्पताल होंगे, नए उद्योग, हाई-वे, मेट्रो और हवाईअड्‌डे, लोगों का जीवनस्तर आसान होगा इन मुद्दों को केंद्र में रखकर ही हम काम कर रहे हैं और भविष्य में इसकी गति और तीव्र होती नजर आएगी. महाराष्ट्र में सर्वश्रेष्ठ आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है. जिससे सिर्फ मुंबई, पुणे जैसे प्रमुख शहरों को ही ताकत नहीं मिलेगी, बल्कि राज्य में विकास के कई नए केंद्रों का निर्माण होगा. विमान हो या फिर बाजार की उपलब्धता किसानों को प्रत्येक सेवा-सुविधा देकर सक्षम बनाया जाएगा. महाराष्ट्र में विभागीय स्तर पर विविधता है. इस विविधता में प्रत्येक में अपनी शक्ति है तो उसकी जरूरतें भी हैं. उनको ध्यान में रखकर विभागीय स्तर पर विकास करना हमारा लक्ष्य है. भाजपा और एनडीए सरकार समाज के हर घटक के विकास को प्राथमिकता दे रही है.

9. सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से महाराष्ट्र ने देश के समक्ष आदर्श पेश किया है...

जवाब : यह सत्य है. सहकारिता क्षेत्र में महाराष्ट्र एक प्रमुख राज्य है. हमारे द्वारा पहली बार स्थापित किए गए सहकारिता मंत्रालय की वजह से इस क्षेत्र के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के विकास को ध्यान में रखकर सुधार किया जाएगा. सहकारिता क्षेत्र में डिजिटल तकनीक के उपयोग के लिए हम मदद करेंगे. इसके अलावा सहकारिता के माॅडल मछली पालन, अन्न प्रसंस्कारण उद्योग, सेवा क्षेत्र आदि लागू करने के लिए हम प्रयत्नशील रहेंगे.

10. महाराष्ट्र में पर्यटन के लिए कई अवसर हैं. आपको लगता है कि उन्हें उचित न्याय मिल रहा है?

जवाब : आप जो कह रहे हैं, वह सही है. महाराष्ट्र में सबसे बड़ा समुद्री किनारा है. वहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए स्तरीय मूलभूत सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. इन सुविधाओं के कारण बड़े पैमाने पर पर्यटक आएंगे और इसका फायदा स्थानीय अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने में होगा. वस्त्रोद्योग, हाथकरघा, हस्तकला, कला, संस्कृति की बड़ी विरासत महाराष्ट्र को मिली है. हम इन सभी घटकों को बड़े मंच पर लाकर इस क्षेत्र के लोगों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रयासरत हैं. महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती है. उनके ऐतिहासिक किलों वाली भूमि है. महाराष्ट्र में अनेक धार्मिक स्थल, विविध प्रकार के खेल, प्राकृतिक सौंदर्य से ओतप्रोत स्थान और समुद्री किनारे हैं. इसलिए मुझे लगता है कि यहां पर्यटन विकास के लिए बहुत अवसर उपलब्ध हैं.

11. महाराष्ट्र में कौन सा नया उद्योग क्षेत्र आपकी प्राथमिकता में है?

जवाब : मै आपको बताता हूं... महाराष्ट्र में अपार क्षमता है. इसलिए सेमी कंडक्टर का उत्पादन, हरित ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण, आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स, वित्तीय-तकनीकी क्षेत्र हमारे घोषणापत्र में प्राथमिकता पर हैं. इन सभी क्षेत्रों में महाराष्ट्र के लिए बड़े अवसर हैं और महाराष्ट्र राज्य इन सभी क्षेत्रों के लिए एक हब के रूप में विकसित होगा. महाराष्ट्र के हर क्षेत्र का विकास और लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति ही हमारा लक्ष्य है.

12. स्टार्ट अप, मेक इन इंडिया जैसी योजनाएं कार्यान्वित कर आपने रोजगार को गति दी. रोजगार और बढ़ाने के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं ?

जवाब : मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि आपके जैसे महाराष्ट्र के प्रमुख मीडिया समूह ने रोजगार सृजन और विकास इन दोनों मुद्दों की वास्तविक स्थिति समझी. जब हम रोजगार, नौकरियों के बारे में बोलते हैं तो हमेशा वस्तुनिष्ठ मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय झूठी खबरें फैलाई जाती हैं. हमने यह बहुव्यापी रणनीति तैयार की है कि सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, उद्योग अथवा नवनिर्मित क्षेत्रों में युवाओं को अधिकाधिक अवसर निश्चित रूप से मिलें. उदाहरण के तौर पर सरकारी नौकरियों को ही देखें. आदर्श आचार संहिता लागू होने के पूर्व हमने नियमित रूप से रोजगार मेले आयोजित किए. इनके जरिये लाखों युवाओं को नियुक्तिपत्र सौंपे गए हैं. निजी क्षेत्र में उत्पादन क्षेत्र व स्टार्ट अप में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.

13. स्टार्टअप की वजह से निर्यात क्षेत्र को लाभ हुआ है?

जवाब : मेरा हमेशा से यही मानना रहा है... युवा ऊर्जावान पीढ़ी को स्टार्टअप उद्योग में लाना चाहिए. स्टार्टअप उद्योग में हम विश्व में तीसरे स्थान पर हैं. अब तक हम मोबाइल फोन आयात करते थे, लेकिन अब हम मोबाइल फोन के उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं. पहले हम खिलौने भी आयात करते थे. लेकिन, अब हमारे बनाए खिलौनों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. बीते 10 वर्षों में रक्षा क्षेत्र में हमारा निर्यात 20 गुना बढ़ा है. ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं. जब ऐसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकास होता है, तो विभिन्न कौशल आधारित कई नौकरियां पैदा होती हैं. स्टार्ट अप के संबंध में यहां एक और अहम बात का उल्लेख करना जरूरी है, आज लाखों युवा स्टार्टअप उद्योग में हैं. इनमें महिलाओं की संख्या उल्लेखनीय है.

14. लेकिन उसके लिए औपचारिक नौकरियों की संख्या भी बढ़नी चाहिए, क्या आपको लगता है कि बढ़ी है ?

जवाब : जब औपचारिक नौकरियों की बात आती है, तो एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय भविष्य निधि में 6 करोड़ से अधिक नए सदस्य जुड़े हैं. ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि हम कह सकते हैं कि युवाओं के सपने सच हुए हैं. पिछले 10 वर्षों में बड़े पैमाने पर अनेक विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम, एम्स तैयार किए गए. इस तरह के सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ नौकरियाें के अवसर भी पैदा हुए हैं.

15. आप मुद्रा योजना के संबंध में बात करते हैं. लेकिन उद्यमी बनने वाले युवाओं के लिए आपकी सरकार ने क्या किया?

जवाब : अच्छा हुआ आपने मुद्रा योजना का विषय छेड़ा. उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए ही हमने मुद्रा जैसी योजना प्रभावी तौर पर लागू की है. इस योजना की वजह से देश के 8 करोड़ लोग नए या पहली बार उद्यमी बने हैं. इन उद्यमियों ने और कई लोगों को नौकरियां दी है. अब मुद्रा योजना के तहत दिए जाने वाले कर्ज की राशि दोगुनी करने का हमने आश्वासन दिया है. इससे भविष्य में कुछ वर्षों में उद्यमियों की संख्या बढ़ने के साथ ही उनके द्वारा निर्माण होने वाले रोजगार की संख्या में भी आपको उल्लेखनीय वृद्धि नजर आएगी.

16. आपका कौन से नए क्षेत्र पर ध्यान है?

जवाब : यह अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न है. भविष्य में जिन क्षेत्रों का विकास होगा अथवा प्रभाव पड़ेगा, उन विषयों पर ध्यान देकर उनमें रोजगार सृजन करने के लिए हमने पहले ही काम शुरू कर दिया है. चाहे वह अंतरिक्ष क्षेत्र हो, परमाणु क्षेत्र हो, इनमें युवाओं को काम करने के लिए हम प्रोत्साहित कर रहे हैं. उद्योजक बनने का विचार मन में रखने वाले युवा इस क्षेत्र में पदार्पण कर रहे हैं. इस क्षेत्र के चयनित स्टार्टअप के माध्यम से नया रोजगार भी सृजित कर रहे हैं. इसी के साथ-साथ पर्यावरणपरक ऊर्जा निर्मिति के क्षेत्र में भी गंभीरता से काम चल रहा है. यह एक महत्वपूर्ण घटक है. ग्रीन हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन के हिसाब से प्रयास किए जा रहे हैं.

17. विश्व में आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स तकनीक पर बड़ी चर्चा हो रही है. इस क्षेत्र में भारत का स्थान कहां है?

जवाब : एआई अब उत्सुकता का मुद्दा है. इस क्षेत्र की ओर हमारा विशेष ध्यान है. केवल एआई ही नहीं, उसके साथ-साथ गेमिंग क्षेत्र में भी बड़े अवसर हैं. इस क्षेत्र में हमारे युवा बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक सामग्री के उत्पादन में विशेष रूप से सेमी कंडक्टर निर्माण के लिए हमने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. इस क्षेत्र को सशक्त करना केवल रोजगार सृजन के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर बन रहे हैं, यह बात भी बहुत महत्वपूर्ण है. भविष्य के लिए हमारा लक्ष्य एकदम स्पष्ट है.

18. पिछली बार महाराष्ट्र ने आपको 41 सीटों पर जीत दिलाई थी. इस बार महाराष्ट्र से आपको क्या अपेक्षा है?

जवाब : एनडीए के विकास पर आधारित दृष्टिकोण को महाराष्ट्र ने हमेशा समर्थन दिया है. मैं उनके आशीर्वाद के लिए बहुत कृतज्ञ हूं. उनके विश्वास को सार्थक बनाने के लिए और उनकी उन्नति के लिए हमने विविध उपक्रम हाथ में लिए हैं. लातूर में मराठवाड़ा रेलवे कोच फैक्टरी, बडनेरा में वैगन मरम्मत और वंदे भारत की कुर्सियों की देखभाल के लिए पुणे में शुरू किए गए वर्कशॉप के कारण अनेक नौकरियां सृजित हुई हैं. इससे देश भी आत्मनिर्भर हुआ है. अटल सेतु जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना हमने पूरी की है. लोगों को लग रहा है कि इससे हमारी जिंदगी और आसान हुई है. महाविकास आघाड़ी और पूर्व में केंद्र में रही यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार को महाराष्ट्र की जनता ने देखा है. महाराष्ट्र के लोगों को अब घोटाले नहीं चाहिए. उनको अच्छी योजनाएं चाहिए. केवल अपना महिमामंडन करने के लिए काम करने वाले लोग महाराष्ट्र की जनता को नहीं चाहिए. जनहितार्थ योजनाएं जनता को चाहिए. इसलिए इस बार महाराष्ट्र की जनता हमको पिछली बार से बड़ी जीत देगी.

19. विपक्ष आपकी आलोचना करता है. वर्तमान में महाराष्ट्र में अनेक पार्टियां हैं. फिर ऐसा क्यों लगता है कि लोग आपकी ही पार्टी को मतदान करेंगे?

जवाब : हमने जनसामान्य की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए अनेक उपयोगी योजनाएं तैयार कीं और उनको सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया. आयुष्यमान भारत योजना के अंतर्गत लोगों को मिलने वाले मुफ्त उपचार, जनऔषधि अंतर्गत सस्ती दरों में मिलने वाली दवाएं, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मिले घर, जलजीवन मिशन अंतर्गत लोगों को मिलने वाले पीने के स्वच्छ पानी, पीएस किसान योजना के अंतर्गत किसानों को सीधे मिलने वाली आर्थिक सहायता आदि अनेक योजनाएं मेरी और मेरी सरकार की उपलब्धियां हैं. यह सभी कार्य हमने किए हैं.

20. कांग्रेस का आरोप है कि देश में विभाजन पैदा किया जा रहा है?

जवाब : हमने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय कार्य किए हैं. इसके विपरीत आप ‘इंडी आघाड़ी’ का काम देखें. विपक्ष के पास कोई सकारात्मक विचार नहीं है. विपक्ष का एजेंडा लोगों में विभाजन पैदा करना, भेदभाव करना और लोगों को लूटना ही है. विपक्ष ने हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति की है. अब वह वोटबैंक की राजनीति के लिए समाज के वंचित वर्गों का संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार भी छीन लेने का प्रयास कर रहा है. लोगों को हमारी विकसित भारत की संकल्पना की जानकारी है. इंडी आघाड़ी की एक भी पार्टी विकसित भारत की बात करती है क्या? आप ही इसका मुझे जवाब दें..

21. आपका आराेप है कि विपक्ष के पास प्रधानमंत्री पद का चेहरा नहीं है...

जवाब : हमारे गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का चेहरा अत्यंत स्पष्ट है. इंडी गठबंधन का वास्तविक नेता काैन है, क्या इसकी काेई जानकारी है? मुझे विश्वास है कि किसी अनजान, बिना विश्वास वाले व्यक्ति के हाथाें में महाराष्ट्र की जनता अपना भविष्य नहीं साैंपेगी.

22. राजनीति अलग और परिवार अलग. आप बड़े हैं. क्या आपकाे इस बात का अंदाजा नहीं था कि अजित पवार काे साथ लेने की वजह से पवार परिवार टूट जाएगा? भाजपा के साथ आने के लिए क्या शरद पवार के साथ कभी चर्चा हुई थी?

जवाब : शरद पवार अत्यंत वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में अथवा उनके परिवार में जाे कुछ हुआ, उसका उत्तर वही दे सकते हैं. लेकिन, जिन्हें ‘राष्ट्र प्रथम’ और विकास पर आधारित राजनीति करनी है, उनके लिए एनडीए के दरवाजे हमेशा खुले हैं. अजित पवार हाें, या एकनाथ शिंदे, वे एनडीए में आए क्याेंकि विरोधियाें की नकारात्मक राजनीति से वे तंग आ गए थे. वे इस बात काे लेकर आश्वस्त हुए कि हमारा देश अब उचित तरीके से विकास कर रहा है. इसी वजह से वे हमारे साथ आए.

23. लेकिन शरद पवार ने टिप्पणी की है कि भविष्य में छाेटे दल कांग्रेस में विलीन हाे जाएंगे. आप इसे कैसे देखते हैं..?

जवाब : मुझे शरद पवार काे लेकर आश्चर्य हाेता है. वे कहते हैं कि भविष्य में छाेटे दलाें काे कांग्रेस में विसर्जित हाे जाना चाहिए. क्या इससे बारामती के चुनाव के संबंध में कुछ संकेत मिल रहे हैं? अथवा जिस पद्धति से संपूर्ण राज्य मतदान कर रहा है, क्या इसे देखकर उन्हें नैराश्य आ गया है? वरना, जिन शरद पवार ने कांग्रेस काे छाेड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई, वही शरद पवार अब फिर से उसी कांग्रेस में विलीन हाेने की बात क्याें कर रहे हैं? मेरे सामने ही यह सवाल खड़ा है.

24. उद्धव ठाकरे ने बयान दिया है कि महाराष्ट्र में मुझे अब झूठे प्रेम की आवश्यकता नहीं है. इसलिए एक सीधा सवाल पूछता हूं. क्या भाजपा और उद्धव ठाकरे साथ आएंगे?

जवाब : मुझे बालासाहब ठाकरे के प्रति अत्यंत आदर है. हम उनकी विरासत काे आगे ले जाने का काम कर रहे हैं. हमारे देश के इतिहास के वे अत्यंत प्रमुख और प्रभावी नेता हैं. बालासाहब ने जीवनभर राष्ट्रहित की राजनीति की. तुष्टीकरण की राजनीति का उन्हाेंने विरोध किया. राजनीति कुछ भी हाे, लेकिन बालासाहब के परिवार के प्रत्येक सदस्य के बारे में मैंने प्रतिष्ठा कायम रखी है. बालासाहब के चहेते के रूप में मैं ही नहीं, बल्कि उनके अनेक चहेताें काे ‘उनका वारिस’ बताने वाले लाेगाें का काम देखकर वेदना हाे रही है. मुंबई और वहां की जनता बालासाहब के दिल के बेहद करीब थी. मुंबई बम विस्फाेटाें के आराेपियाें काे साथ लेकर ‘उनके’ उम्मीदवार प्रचार कर रहे हैं. इसे देखकर बालासाहब काे क्या महसूस हुआ हाेता? जिन लाेगाें ने सनातन धर्म का विराेध किया, ऐसे लाेगाें के साथ जाते देख बालासाहब काे कैसा लगता? औरंगजेब का जय-जयकार और सावकर का अपमान करने वाले लाेगाें के साथ गठबंधन किया जाना क्या बालासाहब काे पसंद आता? ऐसे काम करने के बाद क्या ‘उन्हें’ खुद काे बालासाहब की विरासत संभालने वाला कहलाने का अधिकार है? बालासाहब ने हमेशा सत्ता की तुलना में तत्वाें का जतन किया. लेकिन अब लाेगाें काे सत्ता ही सबकुछ लगती है. इस बारे में मैं ज्यादा क्या कहूं...

25. एकनाथ शिंदे काे मुख्यमंत्री बनाने के बाद देवेंद्र फड़नवीस कुछ निराश हाे गए थे. आपने उन्हें समझाया. इसके बाद वे उपमुख्यमंत्री बने. उनके लिए आगे की याेजना क्या है?

जवाब : भाजपा कैडरबेस पार्टी है. हमारे कार्यकर्ता राष्ट्रहित के लिए और जनकल्याण के लिए एक भावना से काम करते हैं. हमारी पार्टी की ओर से कार्यकर्ता काे जाे बताया जाता है, उसे पूरी खुशी के साथ करना ही हमारे कार्यकर्ता की पहचान है. अब हाल ही में देखें, अनेक राज्याें में हमारे जिन नेताओं ने राज्याें की कमान संभाली थी, जब उन्हें पार्टी ने दूसरी जिम्मेदारी दी, ताे उसे उन्हाेंने स्वीकार किया. भाजपा ने देवेंद्र फडणवीस काे जब मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के लिए कहा, उस समय उन्हाेंने भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में उस जिम्मेदारी काे निभाया. उन्हाेंने महाराष्ट्र की जनता के लिए शानदार तरीके से काम किया. मुख्यमंत्री पद का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले पिछले अनेक वर्षाें में देवेंद्र फडणवीस एकमात्र मुख्यमंत्री हैं. उनके पांच वर्ष के कार्यकाल में महाराष्ट्र ने सभी क्षेत्राें में उत्तम विकास किया. अब पार्टी ने उन्हें दूसरी जिम्मेदारी दी है. वे मन लगाकर इस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. यह भाजपा की संस्कृति है. महाराष्ट्र में सुशासन रखना देवेंद्र फड़नवीस का मुख्य ध्येय है. वे मुख्यमंत्री हैं, या उपमुख्यमंत्री, इसके बजाय वे महाराष्ट्र में सुशासन रख रहे हैं यह बात महत्वपूर्ण है.

26. एकनाथ शिंदे और अजित पवार के कारण महाराष्ट्र में सीट बंटवारे में भाजपा के खाते में कम सीटें आईं. इससे क्या आपको लगता है कि चुनाव लड़ने के इच्छुक निष्ठावान भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल पर इसका परिणाम हुआ है?

जवाब : एक बात समझ लीजिए. घटक दलों को साथ लेकर चलने पर भाजपा का विश्वास है. हम लंबे समय से युति में है. इसीलिए भारतीय राजनीति के इतिहास में एनडीए की एक अलग पहचान बन गई है. हमारे मित्र दलों को भी हम उतना ही सम्मान देते हैं. हमें लगता है कि उनकी आशा-आकांक्षाओं को भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. इसीलिए हम हमेशा इसका ख्याल रखते हैं कि उन्हें युति में पर्याप्त स्थान मिले. हमारे कार्यकर्ता भी इसे अच्छी तरह समझते हैं इसीलिए हम जब मित्र दलों के साथ सीट बंटवारे की चर्चा के लिए बैठे तो देश और राज्य के हित का सबसे पहले विचार किया गया. हमारा महायुति का काम ऐसे ही चलता है.

27. शरद पवार और उद्धव ठाकरे का कहना है कि उनकी पार्टी ओरिजनल है...

जवाब : आप जब महाराष्ट्र की ओर देखेंगे तो आपको एक बात स्पष्ट समझ में आएगी कि मूल राष्ट्रवादी कांग्रेस और बालासाहब की शिवसेना भाजपा के साथ है. इसके बावजूद विपक्ष के राजनेता बेवजह जनता के मन में भ्रम पैदा करने का प्रयास करते हैं. लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि इस स्पष्ट रणनीति के कारण हमारा राज्य में स्ट्राइक रेट बढ़ेगा. जिन सीटों पर हम लड़ रहे हैं, वहां हम यकीनन जीतेंगे और इसका फायदा महायुति को होगा.

28. विपक्ष का मानना है कि आपकी महायुति ज्यादा समय नहीं टिक पाएगी...

जवाब : केंद्र में 2014 और 2019 में हमें स्पष्ट बहुमत मिलने के बावजूद हमने मित्र दलों को सरकार में उचित स्थान दिया. एक बात समझ लीजिए, महाराष्ट्र में हम सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद मुख्यमंत्री शिवसेना का है. लेकिन कांग्रेस का ऐसा नहीं रहता. वे अपने मित्र दलों को कमजोर करते हैं. अब भी आप इंडी गठबंधन की ओर देखे तो आपको पता चलेगा कि कांग्रेस का शहजादा केरल में उनके गठबंधन के ही एक घटक दल के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है. उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में उन्हीं के गठबंधन के मित्र दल के खिलाफ चुनाव मैदान में है. एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच इस फर्क की तुलना की जाए तो कौन सभी को साथ लेकर चलता है और स्थिर व मजबूत सरकार का वादा करता है, यह आपको आसानी से समझ में आ जाएगा.

29. लोगों के मन में सवाल है कि भाजपा को जीत का इतना यकीन था तो राज ठाकरे को साथ क्यों लिया?

जवाब : मैंने पहले ही कहा है कि देश को जो सर्वोच्च प्राथमिकता देता है, उसका हम हमेशा स्वागत करते हैं. पिछले 10 वर्षों से हम अपने बल पर बहुमत में हैं. इसके बावजूद हमने हमेशा नए मित्रों का स्वागत किया है. अपने लोकतंत्र के लिए यह अच्छा है. अधिकाधिक राजनीतिक दलों को एकसाथ आकर लोगों के कल्याण के लिए काम करना कभी भी बेहतर ही होता है. राज ठाकरे हमारे लिए नए नहीं है. उन्होंने इससे पहले भी हमें समर्थन दिया है. हमने देश के लिए अच्छा काम किया है, इस पर उनका विश्वास है. वे हमारे विचारों के साथ-साथ हमारे दृष्टिकोण का भी समर्थन करते हैं. हमें लगता है कि वे महाराष्ट्र के विकास में भी हाथ बंटा सकेंगे. इसलिए यह एकसाथ आना केवल सत्ता के लिए या राजनीतिक गणित के लिए नहीं है. हम लोकसेवा के लिए एकसाथ आए हैं. वास्तव में देशहित के लिए जो भी हमारे साथ आएगा, हम उसका स्वागत ही करेंगे.

30. हाल में आप प्रचार के दौरान क्षेत्रीय नेताओं पर टिप्पणी कर रहे हैं. इससे पहले आप राष्ट्रीय नेताओं को निशाना बनाते थे. ऐसा क्यों?

जवाब : आप यदि मेरे भाषणों पर बारीकी से नजर डालेंगे तो मेरा जोर यही बताने पर रहता है कि हमारी सरकार ने कौनसे अच्छे काम किए हैं. पहली बात तो मैं किसी भी नेता को निशाना नहीं बनाता बल्कि राजनेताओं की विचारधारा और उनके कार्यों पर सवाल उठाता हूं. मैं जब तेलंगाना जाता हूं तो वहां कांग्रेस ने जो गलतियां की हैं, उन्हें लोगों के ध्यान में लाता हूं. वहीं, बीआरएस ने तेलंगाना की कैसी दुर्दशा की है, यह भी दिखाता हूं. तमिलनाडु में मैं द्रमुक और कांग्रेस की पोल खोलता हूं. महाराष्ट्र में मैं नकली शिवसेना, नकली राष्ट्रवादी और कांग्रेस पर टिप्पणियों के तीर चलाता हूं.

31. आपके भाषणों में मुख्य निशाना कौन होता है?

जवाब : आप इस बात पर गौर करें कि पूरे देश में एक पार्टी और उसके कुकर्म हर जगह एक जैसे नजर आते हैं. यह पार्टी और कोई नहीं बल्कि कांग्रेस है. देश के समक्ष सभी समस्याओं का मूल कारण कांग्रेस ही है. आप यह भी समझ जाएंगे कि देश को पिछड़ा बनाए रखने के लिए जो शक्तियां काम कर रही हैं, उसका चुंबकीय प्रभाव भी कांग्रेस की परिधि में है.

32. विरोधी दल केवल आरक्षण के मुद्दे पर ही आपको क्यों घेर रहे हैं?

जवाब : 2014 के बाद भारतीयाें को यह बात समझ में आ गई कि हमारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र हर समुदाय के लिए बेहद कारगर है. इसने सभी समुदायों के लोगों को विकास के मंच पर ला दिया है. हमने समर्पित भाव से सभी की सेवा की है. यह कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की भेदभावपूर्ण राजनीति से कई मायनों में विरोधाभासी है. कांग्रेस यह समझ गई कि अब वह लोगों में जात-पात को लेकर भेदभाव नहीं कर सकती, इसलिए आरक्षण का मुद्दा उठाकर लोगों के मन में भय उत्पन्न करना चाहती है. आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने बड़ा पाप किया है. उसने ओबीसी का आरक्षण छीनकर अपने वोट बैंक में बांट दिया है.

33. तो कांग्रेस और भाजपा के दृष्टिकोण में वास्तविक अंतर क्या है?

जवाब : विपक्षी दलों के उद्देश्य को समझने के लिए आपको उनकी राजनीति समझनी पड़ेगी. 2014 के पहले उनकी राजनीति लोगों में जात-पात को लेकर भेद निर्माण करने वाली रही. उन्होंने अपना धार्मिक वोट बैंक तैयार किया. विकास का मुद्दा उनके एजेंडे में कभी नहीं रहा. इसी वजह से आजादी के 60 वर्षों के बाद भी लोगों को खास तौर पर एससी, एसटी और ओबीसी को स्वच्छता, नल से पानी, सिर पर छत जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ा. लोगों की रुचि विकास में होती है, जो भी पार्टी उनके लिए विकास कार्य करती है, उसे वोट देकर मजबूत बनाने से लोग कभी पीछे नहीं हटते. स्वाभाविक रूप से लोग हमसे जुड़ते जा रहे हैं. उनकी भाजपा के विकास पर श्रद्धा है. हमने केवल इसी मुद्दे पर अपना ध्यान केंद्रित किया है. हमें समाज के हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है. इससे पहले कांग्रेस केवल उनके वोट हासिल कर लेती थी, विकास कार्य नहीं करती थी. हमारे इस दृष्टिकोण को लेकर कांग्रेस पसोपेश में है.

34. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में विकास हा मुद्दा था लेकिन, अचानक ऐसा क्या हुआ कि हिंदू कार्ड, मंगलसूत्र और पाकिस्तान के मुद्दे प्रचार में छा गए?

जवाब : जैसे कि मैंने पहले कहा, यदि आप मेरे भाषणों का बारीकी से अध्ययन करेंगे तो पता चलेगा कि मेरा जोर यही बताने पर होता है कि सत्ता में रहते हुए हमने क्या अच्छे काम किए हैं. लेकिन मीडिया को इन मुद्दाें की नहीं, बल्कि मंगलसूत्र और पाकिस्तान के मुद्दे में अधिक रुचि है. कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन को लेकर मेरे भाषणों के दौरान मुद्दों को सनसनीखेज बनाकर हेडलाइन देना मीडिया को अच्छा लगता है. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि मुझे कांग्रेस से घोषणापत्र के उस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए या नहीं, जिसमें उन्होंने लोगों की संपत्ति का सर्वेक्षण कर अधिक संपत्ति वालों से संपत्ति छीनकर अन्य को बांटने का जिक्र किया है. पाकिस्तान की सरकार के प्रभावी लोगों का कांग्रेस को समर्थन है, यह बात मुझे जनता के सामने लानी चाहिए या नहीं? कांग्रेस यदि संविधान को दरकिनार कर धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है तो मुझे इस पर बोलना चाहिए या नहीं ?

35. आप कांग्रेस के घोषणापत्र पर लगातार हमला क्यों कर रहे हैं?

जवाब : आपने कांग्रेस का घोषणापत्र देखा है ना? उसमें अनेक घातक विचार रखे गए हैं. आपको कांग्रेस के तुष्टीकरण का इतिहास पता है. आपने देखा कि कांग्रेस के शहजादे कैसे माओवादियों की भाषा बोल रहे हैं. इसलिए इन सभी मुद्दों की ओर इशारा करना, उनकी कमियां उजागर करना, यह मीडिया का कर्तव्य नहीं है क्या?

36. विपक्ष कह रहा है कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो संविधान बदल देगी, आप समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार के दौरान इस मुद्दे को झुठलाने की कोशिश की है. लेकिन, विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है. ऐसा क्यों?

जवाब : एक बात ध्यान रखें कि मोदी आज जो भी हैं सिर्फ और सिर्फ बाबासाहब के संविधान की वजह से हैं. ऐसा सशक्त और सक्षमकारक संविधान व लाेकतंत्र के सिवाय मेरे जैसा सामान्य कार्यकर्ता प्रधानमंत्री पद तक पहुंच ही नहीं सकता. यह सब अपने संविधान की उपलब्धि है. इसलिए यदि आप इसे तर्क के चश्मे से देखें, तो संविधान और लोकतंत्र की पवित्रता की रक्षा करना मेरे अपने हित में है, जो मैं ईमानदारी से कर रहा हूं. क्या आपने सोचा है कि हमारे संविधान और लोकतंत्र का उल्लंघन किसके कार्यकाल में ज्यादा हुआ? ये सारे पाप कांग्रेस के कार्यकाल में ही ज्यादा पैमाने पर हुए हैं. बिना किसी रोक-टोक के राज्य सरकारों को बर्खास्त करने का सबसे ज्यादा काम कांग्रेस ने ही किया है. कांग्रेस के इतिहास में ऐसी घटनाओं को विफल करने के 100 उदाहरण मिल जाएंगे. कांग्रेस का इतिहास लोग भूले नहीं हैं. इसलिए कोई भी कांग्रेस या इंडी गठबंधन के इस प्रचार पर भराेसा करने को तैयार नहीं है.

37. एक ओर भारत विश्व के तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने काे अग्रसर है. इसी दाैरान देश में अब भी 80 कराेड़ जनता काे मुफ्त में अनाज आपूर्ति की जा रही है. इस अंतर काे कम करने के लिए आपके पास काैन सी याेजना है?

जवाब : मैंने इस पर संसद में विस्तार से बात की है. लेकिन, हमारे पाठकों के लिए मैं इसे एक बार फिर से बताता हूं. हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे. पिछले 10 वर्षों में हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है. गरीबी क्या है, मैंने पास से महसूस की है. आप गरीबी से बाहर आ गए, लेकिन अगर आपके पास कोई सुरक्षा नहीं है, तो भाग्य का एक मोड़ आपको वापस गरीबी में धकेल सकता है. यदि आप हमारी कल्याणकारी योजनाओं को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि वे इस तरह से बनाई गई हैं कि कोई भी दोबारा गरीबी के गर्त में न गिरे. आयुष्मान भारत योजना का ही उदाहरण लीजिए. यह योजना गारंटी देती है कि गरीबी से ऊपर आए परिवार को कोई तत्काल चिकित्सा आवश्यकता होने पर सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार निःशुल्क मिलेगा. यह योजना न केवल जीवन बचाती है, बल्कि परिवार का आर्थिक बोझ भी कम करती है. अब ताे यह योजना 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए भी लागू की गई है. इसलिए भविष्य में इस योजना से मध्यम वर्गीय परिवारों को भी लाभ होगा.

38. क्या मुफ्त खाद्यान्न योजना से लोगों को फायदा हो रहा है?

जवाब : यह योजना इसलिए बनाई गई है ताकि देश में कोई भी गरीब भूखा न रहे. यह योजना उन लोगों के लिए वरदान है जो गरीब हैं. उन्हें भूखा न रहना पड़े इसके लिए यह योजना है. साथ ही, यह योजना उन लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और जो गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके हैं. इन लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर आने के लिए मदद की जरूरत रहती है. एक दृढ़ समर्थन की चाहिए हाेता है. मुफ्त खाद्यान्न योजना यह जरूरत पूरी करती है. भूखे लोगों को इसके जरिये भोजन मिलता है. देश में काेई भी गरीब भूखा नहीं रहता. घर का चूल्हा जलाता रहे, इसलिए पैसे देकर अनाज खरीदने की आवश्यकता को यह योजना कम करती है. इसका मतलब यह है कि इस योजना की वजह से केवल पेट की आग बुझाने के लिए कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं रहती. इस योजना की बड़ी सफलता यह है कि गरीब लोग सिर्फ अनाज के लिए कर्ज के जाल में नहीं फंसते. जैसे-जैसे गरीब मध्यम वर्ग की ओर बढ़ेंगे, वैसे-वैसे इस योजना की मांग अपनेआप कम हाेती जाएगी.

39. कृषि और सहकारिता महाराष्ट्र की दो प्रमुख पहचान हैं. लेकिन, ये दोनों क्षेत्र फिलहाल संकट में हैं. उसके लिए आपके पास क्या योजना है?

जवाब : महाराष्ट्र के किसान मेहनती और व्यवसायी हैं. लेकिन, दुर्भाग्य से 2014 से पहले की सभी सरकारों ने राज्य के किसानों की लगातार अनदेखी की. खास ताैर पर महाराष्ट्र के एक नेता के पास लंबे समय तक केंद्र का कृषि और संबंधित महत्वपूर्ण विभाग था, फिर भी किसानों की दुरावस्था हुई. जब हम 2014 में केंद्र में सत्ता में आए तो मैंने देशभर में रुकी हुई सिंचाई परियोजनाओं की सूची मांगी. ताकि उन्हें जल्दी आगे बढ़ाया जा सके. आपको आश्चर्य होगा, सूची में शामिल 99 परियोजनाओं में से अधिकांश महाराष्ट्र से थीं. उनमें से कुछ तो 1970 से ही रुके हुए थे. दशकों से रुकी परियाेजनाओं को फिर से शुरू किया, पूरे किया, कुछ नए शुरू किए और उन्हें भी पूरा किया. जब मैं महाराष्ट्र में किसानों से मिलता हूं, तो वे मुझे पीएम-किसान प्रत्यक्ष आय गारंटी और कृषि बीमा योजना के बारे में बहुत कुछ बताते हैं. ये दोनों योजनाएं उनके लिए बेहद मददगार साबित हुई हैं. हमने गन्ने की खेती में भी अनेक सुधार उपाय किए हैं. महाराष्ट्र के लिए यह महत्वपूर्ण क्षेत्र है. हमने कई लोगों का बकाया तुरंत चुका दिया. कई बकाया हमने बहुत जल्द चुकता किए हैं. किसानाें के हित के लिए हम एक नई कृषि परिसंस्था बना रहे हैं. इसके मूल उद्देश्य में सिंचाई, बीमा, निर्यात माध्यम से विदेशी बाजार में प्रवेश, इथेनाॅल जैसे हरित उपक्रम आदि शामिल हैं.


40. सहकारिता क्षेत्र के लिए अलग मंत्रालय की जरूरत क्याें पड़ी?

जवाब : गुजरात के मुख्यमंत्री रहते सहकारिता क्षेत्र के काम काे पास से देखने का माैका मिला. इसलिए जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बना तब सहकारिता क्षेत्र की ताकत देशहित के लिए इस्तेमाल की जाए, इसलिए हमने अलग मंत्रालय की स्थापना की. ‘सहकारिता से समृद्धि’ विचार में मेरी गहन आस्था है. हमने सर्वसमावेशक राष्ट्रीय सहकारिता डाटाबेस तैयार किया है. इसके साथ ही हमपे हजारों प्राथमिक सहकारी संस्था, जिला सहकारी बैंकाें और राज्य सहकारी बैंकाें का डिजिटाइजेशन किया. पारदर्शकता और उत्तरदायित्व पर अधिक जाेर दिया. हमने दस हजार गावाें में बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाओं की स्थापना की है. इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था काे प्रोत्साहन दिया जा रहा है. चीनी सहकारी संस्थाओं के वषाें से लंबित प्राप्तिकर से जुड़े मामलाें का निपटारा किया. इससे उन्हें 46 हजार कराेड़ रुपए का फायदा हुआ. सहकारिता क्षेत्र से मुझे निजी ताैर पर बहुत स्नेह है. महाराष्ट्र के किसानाें के कल्याण के लिए भविष्य में हम ज्यादा से ज्यादा कल्याणकारी योजनाएं लाएंगे.

इंटरव्यू क्लिपिंग:

|

 

|

 

|

 

|

स्रोत: लोकमत

  • Jitendra Kumar May 02, 2025

    ❤️🇮🇳
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷
  • krishangopal sharma Bjp February 14, 2025

    नमो नमो 🙏 जय भाजपा🙏🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹🌷🌹
  • Dheeraj Thakur January 28, 2025

    जय श्री राम।
  • Dheeraj Thakur January 28, 2025

    जय श्री राम
  • PawanJatasra January 27, 2025

    🇳🇪🇳🇪🇳🇪
Explore More
हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

हर भारतीय का खून खौल रहा है: ‘मन की बात’ में पीएम मोदी
Indian economy remains positive amid global turbulence: Finance Ministry

Media Coverage

Indian economy remains positive amid global turbulence: Finance Ministry
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s Interaction with Captain Shubhanshu Shukla from the International Space Station
June 28, 2025
QuoteI extend my heartiest congratulations and best wishes to you for hoisting the flag of India in space: PM
QuoteScience and Spirituality, both are our Nation’s strength: PM
QuoteWith the success of Chandrayaan mission there is renewed interest in science among the children and youth of the country, There is passion to explore space, Now your historic journey is giving more power to this resolve: PM
QuoteWe have to take Mission Gaganyaan forward, we have to build our own space station and also land Indian astronauts on the Moon: PM
QuoteToday I can say with confidence that this is the first chapter of success of India's Gaganyaan mission, your historic journey is not just limited to space, it will give speed and new vigour to our journey of Viksit Bharat: PM
QuoteIndia is going to open doors of new possibilities of space for the world: PM

प्रधानमंत्रीशुभांशु नमस्कार!

शुभांशु शुक्लानमस्कार!

प्रधानमंत्रीआप आज मातृभूमि से, भारत भूमि से, सबसे दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा नए युग का शुभारंभ भी है। इस समय बात हम दोनों कर रहे हैं, लेकिन मेरे साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएं भी हैं। मेरी आवाज में सभी भारतीयों का उत्साह और उमंग शामिल है। अंतरिक्ष में भारत का परचम लहराने के लिए मैं आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मैं ज्यादा समय नहीं ले रहा हूं, तो सबसे पहले तो यह बताइए वहां सब कुशल मंगल है? आपकी तबीयत ठीक है?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! बहुत-बहुत धन्यवाद, आपकी wishes का और 140 करोड़ मेरे देशवासियों के wishes का, मैं यहां बिल्कुल ठीक हूं, सुरक्षित हूं। आप सबके आशीर्वाद और प्यार की वजह से… बहुत अच्छा लग रहा है। बहुत नया एक्सपीरियंस है यह और कहीं ना कहीं बहुत सारी चीजें ऐसी हो रही हैं, जो दर्शाती है कि मैं और मेरे जैसे बहुत सारे लोग हमारे देश में और हमारा भारत किस दिशा में जा रहा है। यह जो मेरी यात्रा है, यह पृथ्वी से ऑर्बिट की 400 किलोमीटर तक की जो छोटे सी यात्रा है, यह सिर्फ मेरी नहीं है। मुझे लगता है कहीं ना कहीं यह हमारे देश के भी यात्रा है because जब मैं छोटा था, मैं कभी सोच नहीं पाया कि मैं एस्ट्रोनॉट बन सकता हूं। लेकिन मुझे लगता है कि आपके नेतृत्व में आज का भारत यह मौका देता है और उन सपनों को साकार करने का भी मौका देता है। तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि है मेरे लिए और मैं बहुत गर्व feel कर रहा हूं कि मैं यहां पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर पा रहा हूं। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी!

प्रधानमंत्रीशुभ, आप दूर अंतरिक्ष में हैं, जहां ग्रेविटी ना के बराबर है, पर हर भारतीय देख रहा है कि आप कितने डाउन टू अर्थ हैं। आप जो गाजर का हलवा ले गए हैं, क्या उसे अपने साथियों को खिलाया?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! यह कुछ चीजें मैं अपने देश की खाने की लेकर आया था, जैसे गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस और मैं चाहता था कि यह बाकी भी जो मेरे साथी हैं, बाकी देशों से जो आए हैं, वह भी इसका स्वाद लें और चखें, जो भारत का जो rich culinary हमारा जो हेरिटेज है, उसका एक्सपीरियंस लें, तो हम सभी ने बैठकर इसका स्वाद लिया साथ में और सबको बहुत पसंद आया। कुछ लोग कहे कि कब वह नीचे आएंगे और हमारे देश आएं और इनका स्वाद ले सकें हमारे साथ…

प्रधानमंत्री: शुभ, परिक्रमा करना भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको तो पृथ्वी माता की परिक्रमा का सौभाग्य मिला है। अभी आप पृथ्वी के किस भाग के ऊपर से गुजर रहे होंगे?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी! इस समय तो मेरे पास यह इनफॉरमेशन उपलब्ध नहीं है, लेकिन थोड़ी देर पहले मैं खिड़की से, विंडो से बाहर देख रहा था, तो हम लोग हवाई के ऊपर से गुजर रहे थे और हम दिन में 16 बार परिक्रमा करते हैं। 16 सूर्य उदय और 16 सनराइज और सनसेट हम देखते हैं ऑर्बिट से और बहुत ही अचंभित कर देने वाला यह पूरा प्रोसेस है। इस परिक्रमा में, इस तेज गति में जिस हम इस समय करीब 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे हैं आपसे बात करते वक्त और यह गति पता नहीं चलती क्योंकि हम तो अंदर हैं, लेकिन कहीं ना कहीं यह गति जरूर दिखाती है कि हमारा देश कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्रीवाह!

शुभांशु शुक्ला: इस समय हम यहां पहुंचे हैं और अब यहां से और आगे जाना है।

प्रधानमंत्री: अच्छा शुभ अंतरिक्ष की विशालता देखकर सबसे पहले विचार क्या आया आपको?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, सच में बोलूं तो जब पहली बार हम लोग ऑर्बिट में पहुंचे, अंतरिक्ष में पहुंचे, तो पहला जो व्यू था, वह पृथ्वी का था और पृथ्वी को बाहर से देख के जो पहला ख्याल, वो पहला जो thought मन में आया, वह ये था कि पृथ्वी बिल्कुल एक दिखती है, मतलब बाहर से कोई सीमा रेखा नहीं दिखाई देती, कोई बॉर्डर नहीं दिखाई देता। और दूसरी चीज जो बहुत noticeable थी, जब पहली बार भारत को देखा, तो जब हम मैप पर पढ़ते हैं भारत को, हम देखते हैं बाकी देशों का आकार कितना बड़ा है, हमारा आकार कैसा है, वह मैप पर देखते हैं, लेकिन वह सही नहीं होता है क्योंकि वह एक हम 3D ऑब्जेक्ट को 2D यानी पेपर पर हम उतारते हैं। भारत सच में बहुत भव्य दिखता है, बहुत बड़ा दिखता है। जितना हम मैप पर देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा बड़ा और जो oneness की फीलिंग है, पृथ्वी की oneness की फीलिंग है, जो हमारा भी मोटो है कि अनेकता में एकता, वह बिल्कुल उसका महत्व ऐसा समझ में आता है बाहर से देखने में कि लगता है कि कोई बॉर्डर एक्जिस्ट ही नहीं करता, कोई राज्य ही नहीं एक्जिस्ट करता, कंट्रीज़ नहीं एक्जिस्ट करती, फाइनली हम सब ह्यूमैनिटी का पार्ट हैं और अर्थ हमारा एक घर है और हम सबके सब उसके सिटीजंस हैं।

प्रधानमंत्रीशुभांशु स्पेस स्टेशन पर जाने वाले आप पहले भारतीय हैं। आपने जबरदस्त मेहनत की है। लंबी ट्रेनिंग करके गए हैं। अब आप रियल सिचुएशन में हैं, सच में अंतरिक्ष में हैं, वहां की परिस्थितियां कितनी अलग हैं? कैसे अडॉप्ट कर रहे हैं?

शुभांशु शुक्ला: यहां पर तो सब कुछ ही अलग है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग की हमने पिछले पूरे 1 साल में, सारे systems के बारे में मुझे पता था, सारे प्रोसेस के बारे में मुझे पता था, एक्सपेरिमेंट्स के बारे में मुझे पता था। लेकिन यहां आते ही suddenly सब चेंज हो गया, because हमारे शरीर को ग्रेविटी में रहने की इतनी आदत हो जाती है कि हर एक चीज उससे डिसाइड होती है, पर यहां आने के बाद चूंकि ग्रेविटी माइक्रोग्रेविटी है absent है, तो छोटी-छोटी चीजें भी बहुत मुश्किल हो जाती हैं। अभी आपसे बात करते वक्त मैंने अपने पैरों को बांध रखा है, नहीं तो मैं ऊपर चला जाऊंगा और माइक को भी ऐसे जैसे यह छोटी-छोटी चीजें हैं, यानी ऐसे छोड़ भी दूं, तो भी यह ऐसे float करता रहा है। पानी पीना, पैदल चलना, सोना बहुत बड़ा चैलेंज है, आप छत पर सो सकते हैं, आप दीवारों पर सो सकते हैं, आप जमीन पर सो सकते हैं। तो पता सब कुछ होता है प्रधानमंत्री जी, ट्रेनिंग अच्छी है, लेकिन वातावरण चेंज होता है, तो थोड़ा सा used to होने में एक-दो दिन लगते हैं but फिर ठीक हो जाता है, फिर normal हो जाता है।

प्रधानमंत्री: शुभ भारत की ताकत साइंस और स्पिरिचुअलिटी दोनों हैं। आप अंतरिक्ष यात्रा पर हैं, लेकिन भारत की यात्रा भी चल रही होगी। भीतर में भारत दौड़ता होगा। क्या उस माहौल में मेडिटेशन और माइंडफूलनेस का लाभ भी मिलता है क्या?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बिल्कुल सहमत हूं। मैं कहीं ना कहीं यह मानता हूं कि भारत already दौड़ रहा है और यह मिशन तो केवल एक पहली सीढ़ी है उस एक बड़ी दौड़ का और हम जरूर आगे पहुंच रहे हैं और अंतरिक्ष में हमारे खुद के स्टेशन भी होंगे और बहुत सारे लोग पहुंचेंगे और माइंडफूलनेस का भी बहुत फर्क पड़ता है। बहुत सारी सिचुएशंस ऐसी होती हैं नॉर्मल ट्रेनिंग के दौरान भी या फिर लॉन्च के दौरान भी, जो बहुत स्ट्रेसफुल होती हैं और माइंडफूलनेस से आप अपने आप को उन सिचुएशंस में शांत रख पाते हैं और अपने आप को calm रखते हैं, अपने आप को शांत रखते हैं, तो आप अच्छे डिसीजंस ले पाते हैं। कहते हैं कि दौड़ते हो भोजन कोई भी नहीं कर सकता, तो जितना आप शांत रहेंगे उतना ही आप अच्छे से आप डिसीजन ले पाएंगे। तो I think माइंडफूलनेस का बहुत ही इंपॉर्टेंट रोल होता है इन चीजों में, तो दोनों चीजें अगर साथ में एक प्रैक्टिस की जाएं, तो ऐसे एक चैलेंजिंग एनवायरमेंट में या चैलेंजिंग वातावरण में मुझे लगता है यह बहुत ही यूज़फुल होंगी और बहुत जल्दी लोगों को adapt करने में मदद करेंगी।

प्रधानमंत्री: आप अंतरिक्ष में कई एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। क्या कोई ऐसा एक्सपेरिमेंट है, जो आने वाले समय में एग्रीकल्चर या हेल्थ सेक्टर को फायदा पहुंचाएगा?

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने 7 यूनिक एक्सपेरिमेंट्स डिजाइन किए हैं, जो कि मैं अपने साथ स्टेशन पर लेकर आया हूं और पहला एक्सपेरिमेंट जो मैं करने वाला हूं, जो कि आज ही के दिन में शेड्यूल्ड है, वह है Stem Cells के ऊपर, so अंतरिक्ष में आने से क्या होता है कि ग्रेविटी क्योंकि एब्सेंट होती है, तो लोड खत्म हो जाता है, तो मसल लॉस होता है, तो जो मेरा एक्सपेरिमेंट है, वह यह देख रहा है कि क्या कोई सप्लीमेंट देकर हम इस मसल लॉस को रोक सकते हैं या फिर डिले कर सकते हैं। इसका डायरेक्ट इंप्लीकेशन धरती पर भी है कि जिन लोगों का मसल लॉस होता है, ओल्ड एज की वजह से, उनके ऊपर यह सप्लीमेंट्स यूज़ किए जा सकते हैं। तो मुझे लगता है कि यह डेफिनेटली वहां यूज़ हो सकता है। साथ ही साथ जो दूसरा एक्सपेरिमेंट है, वह Microalgae की ग्रोथ के ऊपर। यह Microalgae बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बहुत Nutritious होते हैं, तो अगर हम इनकी ग्रोथ देख सकते हैं यहां पर और ऐसा प्रोसेस ईजाद करें कि यह ज्यादा तादाद में हम इन्हें उगा सके और न्यूट्रिशन हम प्रोवाइड कर सकें, तो कहीं ना कहीं यह फूड सिक्योरिटी के लिए भी बहुत काम आएगा धरती के ऊपर। सबसे बड़ा एडवांटेज जो है स्पेस का, वह यह है कि यह जो प्रोसेस है यहां पर, यह बहुत जल्दी होते हैं। तो हमें महीनों तक या सालों तक वेट करने की जरूरत नहीं होती, तो जो यहां के जो रिजल्‍ट्स होते हैं वो हम और…

प्रधानमंत्री: शुभांशु चंद्रयान की सफलता के बाद देश के बच्चों में, युवाओं में विज्ञान को लेकर एक नई रूचि पैदा हुई, अंतरिक्ष को explore करने का जज्बा बढ़ा। अब आपकी ये ऐतिहासिक यात्रा उस संकल्प को और मजबूती दे रही है। आज बच्चे सिर्फ आसमान नहीं देखते, वो यह सोचते हैं, मैं भी वहां पहुंच सकता हूं। यही सोच, यही भावना हमारे भविष्य के स्पेस मिशंस की असली बुनियाद है। आप भारत की युवा पीढ़ी को क्या मैसेज देंगे?

शुभांशु शुक्ला: प्रधानमंत्री जी, मैं अगर मैं अपनी युवा पीढ़ी को आज कोई मैसेज देना चाहूंगा, तो पहले यह बताऊंगा कि भारत जिस दिशा में जा रहा है, हमने बहुत बोल्ड और बहुत ऊंचे सपने देखे हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए, हमें आप सबकी जरूरत है, तो उस जरूरत को पूरा करने के लिए, मैं ये कहूंगा कि सक्सेस का कोई एक रास्ता नहीं होता कि आप कभी कोई एक रास्ता लेता है, कोई दूसरा रास्ता लेता है, लेकिन एक चीज जो हर रास्ते में कॉमन होती है, वो ये होती है कि आप कभी कोशिश मत छोड़िए, Never Stop Trying. अगर आपने ये मूल मंत्र अपना लिया कि आप किसी भी रास्ते पर हों, कहीं पर भी हों, लेकिन आप कभी गिव अप नहीं करेंगे, तो सक्सेस चाहे आज आए या कल आए, पर आएगी जरूर।

प्रधानमंत्री: मुझे पक्का विश्वास है कि आपकी ये बातें देश के युवाओं को बहुत ही अच्छी लगेंगी और आप तो मुझे भली-भांति जानते हैं, जब भी किसी से बात होती हैं, तो मैं होमवर्क जरूर देता हूं। हमें मिशन गगनयान को आगे बढ़ाना है, हमें अपना खुद का स्पेस स्टेशन बनाना है, और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग भी करानी है। इन सारे मिशंस में आपके अनुभव बहुत काम आने वाले हैं। मुझे विश्वास है, आप वहां अपने अनुभवों को जरूर रिकॉर्ड कर रहे होंगे।

शुभांशु शुक्ला: जी प्रधानमंत्री जी, बिल्कुल ये पूरे मिशन की ट्रेनिंग लेने के दौरान और एक्सपीरियंस करने के दौरान, जो मुझे lessons मिले हैं, जो मेरी मुझे सीख मिली है, वो सब एक स्पंज की तरह में absorb कर रहा हूं और मुझे यकीन है कि यह सारी चीजें बहुत वैल्युएबल प्रूव होंगी, बहुत इंपॉर्टेंट होगी हमारे लिए जब मैं वापस आऊंगा और हम इन्हें इफेक्टिवली अपने मिशंस में, इनके lessons अप्लाई कर सकेंगे और जल्दी से जल्दी उन्हें पूरा कर सकेंगे। Because मेरे साथी जो मेरे साथ आए थे, कहीं ना कहीं उन्होंने भी मुझसे पूछा कि हम कब गगनयान पर जा सकते हैं, जो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने बोला कि जल्द ही। तो मुझे लगता है कि यह सपना बहुत जल्दी पूरा होगा और मेरी तो सीख मुझे यहां मिल रही है, वह मैं वापस आकर, उसको अपने मिशन में पूरी तरह से 100 परसेंट अप्लाई करके उनको जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करेंगे।

प्रधानमंत्री: शुभांशु, मुझे पक्का विश्वास है कि आपका ये संदेश एक प्रेरणा देगा और जब हम आपके जाने से पहले मिले थे, आपके परिवारजन के भी दर्शन करने का अवसर मिला था और मैं देख रहा हूं कि आपके परिवारजन भी सभी उतने ही भावुक हैं, उत्साह से भरे हुए हैं। शुभांशु आज मुझे आपसे बात करके बहुत आनंद आया, मैं जानता हूं आपकी जिम्मे बहुत काम है और 28000 किलोमीटर की स्पीड से काम करने हैं आपको, तो मैं ज्यादा समय आपका नहीं लूंगा। आज मैं विश्वास से कह सकता हूं कि ये भारत के गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय है। आपकी यह ऐतिहासिक यात्रा सिर्फ अंतरिक्ष तक सीमित नहीं है, ये हमारी विकसित भारत की यात्रा को तेज गति और नई मजबूती देगी। भारत दुनिया के लिए स्पेस की नई संभावनाओं के द्वार खोलने जा रहा है। अब भारत सिर्फ उड़ान नहीं भरेगा, भविष्य में नई उड़ानों के लिए मंच तैयार करेगा। मैं चाहता हूं, कुछ और भी सुनने की इच्छा है, आपके मन में क्योंकि मैं सवाल नहीं पूछना चाहता, आपके मन में जो भाव है, अगर वो आप प्रकट करेंगे, देशवासी सुनेंगे, देश की युवा पीढ़ी सुनेगी, तो मैं भी खुद बहुत आतुर हूं, कुछ और बातें आपसे सुनने के लिए।

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी! यहां यह पूरी जर्नी जो है, यह अंतरिक्ष तक आने की और यहां ट्रेनिंग की और यहां तक पहुंचने की, इसमें बहुत कुछ सीखा है प्रधानमंत्री जी मैंने लेकिन यहां पहुंचने के बाद मुझे पर्सनल accomplishment तो एक है ही, लेकिन कहीं ना कहीं मुझे ये लगता है कि यह हमारे देश के लिए एक बहुत बड़ा कलेक्टिव अचीवमेंट है। और मैं हर एक बच्चे को जो यह देख रहा है, हर एक युवा को जो यह देख रहा है, एक मैसेज देना चाहता हूं और वो यह है कि अगर आप कोशिश करते हैं और आप अपना भविष्य बनाते हैं अच्छे से, तो आपका भविष्य अच्छा बनेगा और हमारे देश का भविष्य अच्छा बनेगा और केवल एक बात अपने मन में रखिए, that sky has never the limits ना आपके लिए, ना मेरे लिए और ना भारत के लिए और यह बात हमेशा अगर अपने मन में रखी, तो आप आगे बढ़ेंगे, आप अपना भविष्य उजागर करेंगे और आप हमारे देश का भविष्य उजागर करेंगे और बस मेरा यही मैसेज है प्रधानमंत्री जी और मैं बहुत-बहुत ही भावुक और बहुत ही खुश हूं कि मुझे मौका मिला आज आपसे बात करने का और आप के थ्रू 140 करोड़ देशवासियों से बात करने का, जो यह देख पा रहे हैं, यह जो तिरंगा आप मेरे पीछे देख रहे हैं, यह यहां नहीं था, कल के पहले जब मैं यहां पर आया हूं, तब हमने यह यहां पर पहली बार लगाया है। तो यह बहुत भावुक करता है मुझे और बहुत अच्छा लगता है देखकर कि भारत आज इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच चुका है।

प्रधानमंत्रीशुभांशु, मैं आपको और आपके सभी साथियों को आपके मिशन की सफलता के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शुभांशु, हम सबको आपकी वापसी का इंतजार है। अपना ध्यान रखिए, मां भारती का सम्मान बढ़ाते रहिए। अनेक-अनेक शुभकामनाएं, 140 करोड़ देशवासियों की शुभकामनाएं और आपको इस कठोर परिश्रम करके, इस ऊंचाई तक पहुंचने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय!

शुभांशु शुक्ला: धन्यवाद प्रधानमंत्री जी, धन्यवाद और सारे 140 करोड़ देशवासियों को धन्यवाद और स्पेस से सबके लिए भारत माता की जय!