एक कहावत है, "नेता वह होता है जो रास्ता जानता है, खुद उस पर चलता है और दूसरों को भी रास्ता दिखाता है।" आज, जब 638 सीटों ने लोकतंत्र की परीक्षा दी, तो भाजपा उनमें से 70% से अधिक पर विजयी हुई। ये शानदार जीत इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन, कार्यों और नेतृत्व पर कितना भरोसा है। मोदी की गारंटी सचमुच जीत गई है।

मोदी की गारंटी, प्रधानमंत्री के सेवा और सुशासन मॉडल द्वारा रेखांकित, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि जब एक ईमानदार नेता बोलता है, तो लोग उस पर भरोसा करते हैं। इस चुनाव का परिणाम प्रधानमंत्री का अपनी जनता-जनार्दन के साथ मजबूत संबंध, उनके उत्थान के लिए दिखाई जाने वाली परवाह और अपने देश के विकास के प्रति उनकी वास्तविक चिंता का प्रत्यक्ष परिणाम है। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के उस वादे पर भरोसा जताया है जो काम करने और नतीजे देने के बारे में है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि लोगों ने इस वादे को पूरे भारत में एक वास्तविकता के रूप में साकार होते देखा है।

शत-प्रतिशत गांवों में बिजली पहुंच गयी है। 13 करोड़ से अधिक नल-जल कनेक्शन दिए गए हैं, जो ग्रामीण भारत के 70% परिवारों को कवर करते हैं, जबकि लगभग एक दशक पहले यह आंकड़ा केवल 17% था। देश 100% खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) है। 4 करोड़ से अधिक घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। गरीब हर साल 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के हकदार हैं। और आज लगभग 100% गांवों में एलपीजी कनेक्शन हैं।

बिजली, पानी, आवास, स्वास्थ्य और सुरक्षा की पीएम मोदी की गारंटी उनके दीर्घकालिक और भरोसेमंद ट्रैक रिकॉर्ड पर टिकी हुई है। इससे पहले भ्रष्ट और विभाजनकारी राजनीति का बोलबाला था, जहां आम जन खुद को अकेला पाता था तथा नीतियां भी जमीनी वास्तविकता से अलग-थलग थीं। पीएम मोदी के गवर्नेंस मॉडल ने जनसेवा के विचार को एक नया चरित्र और विश्वास दिया है। आज, पीएम मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि नागरिक, नीति और निर्णय लेने के केंद्र में रहे। इसीलिए, मोदी सरकार के नौ वर्षों के बाद, पारंपरिक राजनीति में क्रांति आ गई है, जिससे विकास की राजनीति का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो करोड़ों भारतीयों के घरों तक पहुंच गई है।

पीएम मोदी का विकास मॉडल उन इलाकों तक भी पहुंच रहा है, जो अब तक कल्याणकारी योजनाओं से दूर रह गए थे। चाहे आदिवासी क्षेत्र हों या वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाके, लोग विकास को राजनीति का आधार मानने लगे हैं और विभाजनकारी सोच से दूर हट रहे हैं। आदिवासियों ने आज उन सरकारों को अपदस्थ कर दिया है, जिन्होंने उन्हें सात दशक से अधिक समय तक अवसरों से वंचित रखा था। इसका पूरा श्रेय पीएम मोदी की नीतियों और कार्यक्रमों को जाता है, जिन्होंने जातिवाद, क्षेत्रवाद और मजहब की संकीर्णता से हटकर समावेशी विकास को अपनाया है।

केवल चार जातियां - महिला, युवा, किसान और गरीब

“मेरे लिए, देश में केवल चार जातियां हैं। हमारी महिलाओं को सशक्त बनाना, हमारे युवाओं को सशक्त बनाना, हमारे किसानों का समर्थन करना और हमारे गरीब परिवारों का उत्थान करना- इन चार जातियों को मजबूत करना ही राष्ट्र को सशक्त बनाने की कुंजी है,” पीएम मोदी ने आज भाजपा मुख्यालय से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम-गरीब कल्याण अन्न योजना जैसी पहल के माध्यम से गरीबों का समर्थन हासिल किया है, जो 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन की गारंटी देती है, यह कार्यक्रम अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया गया है। इससे और ऐसे अनेक प्रयासों से, मोदी सरकार ने 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। दूसरी ओर, किसानों को पीएम-किसान सहित कई योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर सशक्त किया जा रहा है। इस योजना से आज 11.8 करोड़ से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं।

नारी शक्ति या लाडली बहनें, जैसा कि उन्हें मध्य प्रदेश में कहा जाता है, ने निसंदेह पीएम मोदी को और ताकत दी है। उन्होंने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बाधाओं को तोड़ते हुए डबल इंजन सरकार का विकल्प चुना है। मोदी सरकार महिलाओं को बिजली, पानी, गैस, शौचालय और बैंक खाते जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने से कहीं आगे निकल गई है - ऐसी सुविधाएं जो उन्हें विशेष रूप से सशक्त बनाती हैं। ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने महिलाओं के आत्मविश्वास को मजबूत किया है, नीति-निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की है तथा देश के एजेंडे को आकार देने में उन्हें हिस्सा दिया है।

वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, उद्यमशीलता ऊर्जा को पुनर्जीवित करने और भारत की वैश्विक स्थिति को ऊपर उठाने में प्रधानमंत्री के सराहनीय प्रयासों ने देश के युवाओं की आकांक्षाओं को नया सामर्थ्य दिया है। चुनाव नतीजों से यह साफ हो गया है कि देश का युवा सिर्फ विकास चाहता है।

दरअसल, चुनाव परिणामों ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि महिलाओं, गरीबों, युवाओं, ओबीसी, दलितों और आदिवासियों ने पीएम के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के नारे को आत्मसात कर लिया है। भाजपा के लिए जनादेश भ्रष्टाचार, पक्षपात और परिवारवादी राजनीति को कतई बर्दाश्त न करने की सोच को रेखांकित करता है। ये चुनाव भारतीय मतदाताओं की परिपक्वता के प्रमाण के रूप में सामने हैं जिन्होंने स्थिरता को चुना है और दुनिया को भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का संकेत दिया है।

जारी रहेगी भारत की प्रगति की रफ्तार

दुनिया यह भी देख रही है कि भारत रिकॉर्ड तोड़ जीएसटी कलेक्शन और अभूतपूर्व कृषि उत्पादन के मामले में हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहा है। भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा चरम पर है और देश निर्यात में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वित्तीय लेनदेन के बढ़ते डिजिटलीकरण के प्रतीक के रूप में यूपीआई ट्रांजेक्शन नित-नए शिखर छू रहा है। त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं ने रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी की और वाहनों की बिक्री अब तक के उच्चतम स्तर पर है। ठीक इसी तरह, सीमेंट, कोयला, स्टील और बिजली जैसे क्षेत्रों में भी उत्पादन में भारी उछाल आया है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की इच्छा व्यक्त कर रही हैं।

इसके अलावा, रेलवे का आधुनिकीकरण, सिविल एविएशन बिजनेस का विस्तार, क्रेडिट ग्रोथ, क्रांतिकारी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य विकास गतिविधियां, भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ स्टोरी में प्रमुख तत्व के रूप में सामने आती हैं। ये कारक सामूहिक रूप से भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था और विश्व स्तर पर सबसे आकर्षक इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने में योगदान दे रहे हैं।

और अब डबल इंजन वाली सरकारें, मिलकर काम करते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को उसकी पूरी क्षमता तक पहुंचाने के लिए तैयार हैं।

जिस तेज रफ्तार से भारत आगे बढ़ रहा है, उसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का निर्णायक नेतृत्व और बेजोड़ दृष्टिकोण है। 73 साल की उम्र में भी, पीएम देश भर में व्यक्तिगत रूप से प्रचार करना पसंद करते हैं, ठीक उसी तरह जैसे उनकी ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ चलायमान है, जिसका उद्देश्य देशभर में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ देना है। पीएम का मंत्र, गवर्नेंस को प्रत्येक भारतीय के दरवाजे तक ले जाना है। और उस संकल्प को आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने हममें से प्रत्येक से विकसित भारत का एंबेसडर बनने का आग्रह किया है। भारत के विकास के लिए प्रधानमंत्री का उत्साह अतुलनीय है, और इस तरह, वह भारतीयों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना चाहते हैं जो 2047 तक एक विकसित भारत बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हो।

मोदी जी की गारंटी वाली गाड़ी रुकने का नाम नहीं ले रही है। सभी तरह के ‘वादों’ से ऊपर उठकर, इसका ध्यान, सबके लिए समान विकास के साथ एक नए भारत के निर्माण पर केंद्रित है।

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प्रधानमंत्री ने संस्कृत का सुभाषितम साझा करते हुए बल देकर कहा कि उद्यमियों या कर्मठ लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं
December 29, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज एक संस्कृत सुभाषितम् साझा करते हुए इस बात पर बल दिया कि उद्यमियों या कर्मठ लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है –

“नात्युच्चशिखरो मेरुर्नातिनीचं रसातलम्।

व्यवसायद्वितीयानां नात्यपारो महोदधिः॥"

सुभाषितम में कहा गया है कि कोई भी पर्वत इतना ऊंचा और कोई भी स्थान इतना गहरा नहीं है कि उस तक पहुंचा न जा सके! इसी प्रकार, कोई भी महासागर इतना विशाल नहीं है कि उसे पार न किया जा सके! वास्‍तव में, उद्यमियों या कर्मठ लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा;

“नात्युच्चशिखरो मेरुर्नातिनीचं रसातलम्।

व्यवसायद्वितीयानां नात्यपारो महोदधिः॥"