प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र से आह्वान किया। उन्होंने लक्ष्य को चुनौतीपूर्ण लेकिन हासिल कर सकने योग्य बताया।

 पीएम मोदी द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की नींव पहले ही प्रधानमंत्री के रूप में उनके प्रथम कार्यकाल में रखी जा चुकी है। विश्व बैंक की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में भारत पहले ही उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। भारतीय कारोबारी माहौल को एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में, मोदी सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 22% करने की घोषणा की, जिससे यह दुनिया की प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया। नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए टैक्स कट और कम करके 15% कर दिया गया है।


5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए बुनियाद

एक राष्ट्र की असल क्षमता तब प्रकट होती है जब उसके नागरिकों की बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया कि भारत के लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं तक पहुंच हो ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें।

उदाहरण के लिए आवास को लेकर गरीबों की चिंता का ध्यान रखा जा रहा है। 'प्रधानमंत्री आवास योजना' को प्रतिबद्धता से लागू किया जा रहा है ताकि 2022 तक हर भारतीय के सिर पर छत हो। 2015 में योजना के लॉन्च के बाद से 1.86 करोड़ से अधिक किफायती घर बनाए गए हैं।

 किसी घर में एक रनिंग बिजली कनेक्शन की भी आवश्यकता होती है। इस दिशा में 'सौभाग्य योजना' के तहत 99.9 % घरों का विद्युतीकरण किया जा चुका है। हर गांव में बिजली पहुंचाने का काम 2018 में ही पूरा हो चुका था। 8 करोड़ से ज्यादा महिला लाभार्थियों के साथ 'उज्ज्वला योजना' ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन को बेहतर और धुआँ मुक्त बनाया है।

 
'जन धन योजना' के साथ वित्तीय समावेशन ने बैंकिंग को एक बड़ी भारतीय आबादी के लिए सुलभ बना दिया। बैंक खाता इस डिजिटल युग में एक व्यक्ति के लिए एक व्यवसाय या किसी भी प्रकार की वित्तीय गतिविधि शुरू करने या सरकारी लाभ को सीधे लोगों तक पहुँचाने के लिए एक सशक्त साधन है।

 स्वास्थ्य की बात करें तो 'आयुष्मान भारत' से 'प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख' की दर से 10 करोड़ गरीब परिवारों को बीमा कवर मिलने जा रहा है।

करोड़ों लोग जो पहले मूलभूत सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच की कमी के कारण गरीबी की खाई में धकेले जा रहे थे, अब मोदी सरकार के सशक्तिकरण उपायों के कारण भारत के आर्थिक परिदृश्य पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सक्षम हैं।

5 साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य कैसे हासिल करेगा भारत?

 अर्थव्यवस्था

 जब मोदी सरकार सत्ता में आयी तब भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग 1.85 ट्रिलियन डॉलर थी। 2019 में यह 2.7 ट्रिलियन डॉलर के आसपास पहुंच गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 55 साल लगे। लेकिन मोदी सरकार ने सिर्फ 5 साल में करीब 1 ट्रिलियन डॉलर जोड़ दिए।


आर्थिक समृद्धि बचत के कई मूल्य एवं नियमों, निवेश और आयात पर अनुकूल जनसंख्यात्मक परिस्थितियों पर निर्भर करती है जो भारत में पहले से ही है। नए रोजगारों के सृजन में प्रमुखत: नियम एवं मूल्यों का यही चक्र कार्य करता है।
 

जब निवेश होता है, तो ऐसी कंपनियों के निर्माण पर अधिक ध्यान दिया जाता है जो क्षमता निर्माण, वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति में वृद्धि, अधिक मांग और नौकरियों के सृजन में सहायक होती हैं। यह चक्र युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर लाता है और बचत, खपत और इस प्रकार आर्थिक विकास सुनिश्चित करता है। 

इसलिए, विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश को प्रोत्साहित करना एक जरूरी ड्राइविंग फ़ोर्स की तरह होता है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई संरचनात्मक सुधार जैसे बैंक विलय और पुनर्पूंजीकरण, बैंकरप्सी कोड, विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई सुधार और रियल एस्टेट सुधार (RERA) लागू किए गए। 

जीएसटी के ऐतिहासिक कानून के साथ, जिसने देश में अप्रत्यक्ष कर ढांचे को पूरी तरह से बदल दिया, व्यापारियों को बढ़ी हुई पारदर्शिता और कर दाखिल करने के सरलीकरण के कारण लाभ हो रहा है, जबकि उपभोक्ताओं को करों की न्यूनतम दरों से लाभ हो रहा है। 

'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमेटिक रूट से और कोयला क्षेत्र में कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में एफडीआई की अनुमति दी गई है। इसके अतिरिक्त, सिंगल ब्रांड रिटेल के लिए एफडीआई मानदंडों में भी ढील दी गई है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार के लिए मोदी सरकार के निरंतर प्रयास विश्व बैंक रैंकिंग में स्पष्ट रूप से प्रकट हुए हैं, जिसमें भारत 2014 में 142 से 2019 में 63 वें स्थान पर पहुंच गया है।

उद्योग और विश्लेषकों ने कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती को एक ऐतिहासिक कदम बताया है, जो भारत को इस क्षेत्र में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी कर दरों में से एक बनाता है। यह नौकरी के बाजार को और प्रभावित करता है क्योंकि कंपनियों के पास अब अपने कारोबार में वापस निवेश करने के लिए अधिक पैसा होता है।
 
Angel Tax को खत्म करने के कदम की भी व्यापक रूप से सराहना की गई क्योंकि यह न केवल स्टार्टअप्स के लिए Angel investing को बंधनमुक्त करेगा बल्कि उनके लिए घरेलू पैसा भी लाएगा और उन्हें वैश्विक लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा।

 
बैंकिंग

 अगली पीढ़ी के वैश्विक आकार के मजबूत भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निर्माण 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के गठन के लिए अनिवार्य होगा। इस संबंध में, सरकार बैंकिंग क्षेत्र को मजबूत करने के साथ-साथ इसके NPA को कम करने के लिए कई उपाय कर रही है। 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 4 संस्थाओं में Consolidate करने का मोदी सरकार का निर्णय न केवल बैंक की दक्षता में सुधार करेगा और बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेगा बल्कि जोखिम प्रबंधन में भी सुधार करेगा और बैंकों को अपने कवरेज को व्यापक बनाने में मदद करेगा। पब्लिक सेक्टर बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए भी सरकार ने 70,000 करोड़ का प्रस्ताव जारी किया है।

 
रियल एस्टेट सेक्टर
 
4.6 लाख हाउसिंग यूनिट्स को Revive करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ एक वैकल्पिक निवेश कोष स्थापित करने के कदम से रियल एस्टेट क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा और बड़ी संख्या में मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के घर खरीदारों को राहत मिलेगी जो वित्तीय तनाव में हैं।

 इन्फ्रास्ट्रक्चर
 
भविष्य में बुनियादी ढांचे में 100 लाख करोड़ रुपये निवेश करने के वादे के साथ, मोदी सरकार भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बुनियादी ढांचे के महत्व को समझती है। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे के निर्माण से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होता है।

 
किसान कल्याण 

पहली बार, मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के नीति-निर्माण में आमूल-चूल परिवर्तन सुनिश्चित किया। पहले, कृषि नीतियां उत्पादन केन्द्रित थीं। लेकिन मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित कर और इस दिशा में काम करते हुए इसे profitability की ओर शिफ्ट कर दिया।

 साथ ही, मोदी सरकार किसानों को निर्यातक के रूप में देख रही है, न कि केवल उत्पादकों के रूप में।
 

पीएम मोदी ने भाषण में कहा था-
"अब, हम किसानों को निर्यातक के रूप में देख रहे हैं और केवल खाद्य उत्पादक के रूप में नहीं देख रहे हैं। हमारे पास भोजन, दूध, सब्जियां, शहद या जैविक उत्पादों का निर्यात करने की क्षमता है।"
 
किसान; मोदी सरकार की 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने की रणनीति का मुख्य हिस्सा हैं क्योंकि हमारी श्रम शक्ति का एक बड़ा हिस्सा कृषि में कार्यरत है।

सरकार ने कृषि हित को केंद्र में रखकर उत्पादों की आमद बढाने के साथ मूल्य वृद्धि और प्रोसेसिंग में भी सराहनीय कार्य किया।

 
स्वच्छता और जल संरक्षण

 एक स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर भारत; 5 ट्रिलियन डॉलर की यात्रा को आसान बना देगा। बेहतर स्वच्छता के कारण लाखों लोगों की जान बचाना और बीमारियों पर स्वास्थ्य मद में कम खर्चा, लोगों को तेजी से बेहतर आर्थिक भविष्य की ओर चलने की प्रेरणा और ताकत देता है। स्वच्छता में बड़े पैमाने पर किए गए प्रयास लोगों के स्वास्थ्य नतीजों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिकताओं पर उनका खर्च कम हो रहा है।

इसी तरह, पानी के संरक्षण से इस प्रक्रिया में और तेजी आएगी क्योंकि घटते भू-जल संसाधनों और जलवायु परिवर्तन के साथ, पानी एक दुर्लभ संसाधन बन सकता है।

 
इतनी मजबूत नींव और स्पष्ट रोडमैप के साथ यह साफ है कि भारत 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में पूर्णत: सक्षम है।

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