वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन -2017 ने वैश्विक उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख निवेशकों, उद्यमियों, शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों को एक मंच पर लाने का काम किया है: प्रधानमंत्री मोदी 
महिलाएं हमारे लिए शक्ति का अवतार, उन्होंने विकास को बढ़ावा दिया है, महिला सशक्तिकरण हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण: पीएम मोदी 
वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन -2017: भारतीय महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। मंगल ऑर्बिटर मिशन सहित हमारे कई अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महिला वैज्ञानिकों का बहुत योगदान है: प्रधानमंत्री 
भारत में ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व का प्रावधान तय किया, जिससे जमीनी स्तर पर महत्त्वपूर्ण निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके: प्रधानमंत्री मोदी 
मुझे लगता है कि 800 मिलियन उद्यमी विश्व की बेहतरी के लिए काम कर सकते हैं: पीएम मोदी 
हमारा स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक कार्य योजना है। नियामक बोझ को कम करना है और स्टार्टअप के लिए सहायता प्रदान करना इसका लक्ष्य: प्रधानमंत्री 
मुद्रा योजना के तहत उद्यमियों को 10 लाख रूपए तक की आसान वित्तीय सहायता मिल रही है; महिलाओं उद्यमियों के लिए 70 मिलियन से अधिक के ऋण स्वीकृत किए गए: प्रधानमंत्री मोदी 
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से हाल ही में कराधान प्रणाली में ऐतिहासिक परिवर्तन आया: पीएम मोदी 
विश्वभर से आए मेरे उद्यमी मित्रों को मैं कहना चाहूंगा: आइए भारत के लिए, विश्व के लिए, 'मेक इन इंडिया' के बाद 'इन्वेस्ट इन इंडिया' से जुड़ें: प्रधानमंत्री

संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका की सरकार के साथ भागीदारी के तहत वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्‍मेलन 2017 की मेजबानी करते हुए मुझे काफी प्रसन्‍नता हो रही है।

दक्षिण एशिया में पहली बार इस शिखर सम्‍मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह वैश्विक उद्यमिता वातावरण को बेहतर बनाने के लिए प्रमुख निवेशकों, उद्यमियों, शिक्षाविदों, विचारकों एवं अन्‍य हितधारकों को एक साथ लाएगा। 

यह आयोजन न केवल सिलिकन वैली का हैदराबाद से संपर्क बेहतर करेगा बल्कि भारत और संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका के बीच करीबी संबंध को भी प्रदर्शित करेगा। यह उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धताओं को भी रेखांकित करता है। 

इस साल के शिखर सम्‍म्‍ोलन के लिए चुने गए विषयों में स्‍वास्‍थ्‍य सेवा एवं चिकित्‍सा विज्ञान, डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था एवं वित्तीय प्रौद्योगिकी, ऊर्जा एवं बुनियादी ढांचा और मीडिया एवं मनोनंजन शामिल हैं। ये सभी महत्‍वपूर्ण मुद्दे हैं जो मानव के कल्‍याण एवं समृद्धि के लिए प्रासंगिक हैं। 

इस बार का विषय 'वुमेन फर्स्‍ट, प्रॉस्‍पेरिटी फॉर ऑल' यानी सबकी समृद्धि के लिए पहले महिलाओं की समृद्धि, इस सम्‍मेलन को पहले के मुकाबले खास बनाता है। भारतीय पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार, महिलाएं शक्ति का अवतार- शक्ति की देवी हैं। हमारा मानना है कि हमारे विकास के लिए महिला सशक्तिकरण बेहद जरूरी है। 

हमारा इतिहास महिलाओं की उल्‍लेखनीय प्रतिभा एवं प्रतिबद्धता के उदाहरणों से भरा है। करीब 7वीं शताब्दी ईशा पूर्व एक प्राचीन दार्शनिक गार्गी ने एक पुरुष संत को शास्‍त्रार्थ के लिए चुनौती दी थी- जैसा उन दिनों पहले कभी सुना नहीं गया था। रानी अहिल्‍याबाई होल्‍कर और रानी लक्ष्‍मीबाई जैसी हमारी योद्धा रानियों ने अपने राज्‍यों को बचाने के लिए बहादुरी के साथ लड़ीं। हमारे स्‍वतंत्रता संघर्ष में भी ऐसे कई प्रेरणादायक उदाहरण भरे पड़े हैं। 

भारतीय महिलाएं जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों में लगातार नेतृत्‍व करती रही हैं। मार्स ऑर्बिटर मिशन सहित हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों में हमारी महिला वैज्ञानिकों का जबरदस्‍त योगदान रहा। कल्‍पना चावला और सुनीता विलियम्‍स, दोनों भारतीय मूल की, अमेरिकी अंतरिक्ष मिशन का हिस्‍सा रही हैं। 

भारत के चार सबसे पुराने उच्‍च न्‍यायालयों में से तीन में अब महिला न्‍यायाधीश अध्‍यक्षता कर रही हैं। हमारी महिला खिलाडि़यों ने देश को गौरवान्वित किया है। खुद यह शहर हैदराबाद सानिया नेहवाल, पीवी सिंधु और सानिया मिर्जा का घर है, जिन्‍होंने भारत का नाम रौशन किया। 

भारत में हमने महिलाओं को न केवल ग्रामीण एवं शहरी स्‍थानीय निकायों में एक तिहाई प्रतिनिधित्‍व दिया है बल्कि जमीनी स्‍तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी को भी सुनिश्चित किया है। 

हमारे कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में 60 प्रतिशत से अधिक श्रमिक महिलाएं हैं। गुजरात में हमारी दुग्‍ध सहकारिता और श्री महिला गृह उद्योग लिज्‍जत पापड़ महिलाओं के नेतृत्‍व में काफी सफल एवं वैश्विक स्‍तर पर प्रशंसित सहकारी आंदोलन के उदाहरण हैं। 

मित्रों,

यहीं जीईएस में ही 50 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागी महिलाएं हैं। अगले दो दिनों के दौरान आप कई ऐसी महिलाओं से मिलेंगे जिन्‍होंने खुद अपने जीवन में कुछ अलग कर दिखाने की हिम्‍मत दिखाई। वे अब नई पीढ़ी की महिला उद्यमियों को प्रेरित कर रही हैं। मुझे उम्‍मीद है कि इस शिखर सम्‍मेलन में विचार-विमर्श इस बात पर केंद्रित होगा कि महिला उद्यमियों को आगे किस प्रकार मदद की जा सकती है। 

देवियों और सज्‍जनों,

भारत सदियों से नवाचार एवं उद्यमशीलता के लिए एक इनक्यूबेटर रहा है। प्राचीन भारतीय ग्रंथ चरक संहिता ने दुनिया को आयुर्वेद सिखाया। योग एक अन्‍य प्राचीन भारतीय नवाचार है। अब हर साल 21 जून को योग दिवस मनाने के लिए पूरी दुनिया एकत्रित होती है। कई उद्यमी योग, आध्यात्मिकता और पारंपरिक आयुर्वेदिक उत्पादों को बढ़ावा देने में जुटे हैं। 

आज हम जिस डिजिटल दुनिया में रहते हैं वह बाइनरी पद्धति पर आधारित है। शून्य का आविष्कार भारत में आर्यभट्ट के काम के साथ हुआ जो इस बाइनरी पद्धति का आधार है। इसी प्रकार, आधुनिक काल की आर्थिक नीति, कराधान प्रणाली और सार्वजनिक वित्त पोषण नीतियों की कई बारिकियों का उल्‍लेख हमारे प्राचीन ग्रंथ अर्थशास्त्र में कौटिल्य द्वारा किया गया है। 

धातु विज्ञान में प्राचीन भारत की विशेषज्ञता भी जग जाहिर है। हमारे कई बंदरगाह और लोथल में दुनिया का सबसे पुराना डॉकयार्ड जीवंत व्यापार संबंधों के प्रमाण हैं। विदेशी शहरों की यात्रा करने वाले भारतीय समुद्र यात्रियों की कहानियां हमारे पूर्वजों की उद्यमशीलता के जुनून और उनके उद्यमी चरित्र को दर्शाती हैं। 

एक उद्यमी को पहचानने वाले प्रमुख गुण क्‍या हैं? 

एक उद्यमी अपना मकसद पूरा करने के लिए ज्ञान और कौशल का इस्‍तेमाल करते हैं। उद्यमियों को विपरीत परिस्थिति में भी अवसर दिखते हैं। वे अंतिम उपयोगकर्ता की जरूरतों को महसूस करते हैं और प्रक्रियाओं को कहीं अधिक आरामदायक एवं सुविधाजनक बनाते हुए उन्‍हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। वे धैर्यवान एवं निश्‍चयी होते हैं। स्‍वामी विवेकानंद ने कहा था कि प्रत्‍येक कार्य को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है- उपहास, विरोध और फिर स्वीकृति। जो लोग अपने समय से पहले सोचते हैं उन्‍हें निश्चित तौर पर गलत समझा जाता है। अधिकतर उद्यमी इससे अवगत होंगे। 

मानवता की भलाई के लिए समय से पहले और अलग तरीके से सोचने की शक्ति उद्यमियों में अलग से होती है। मैं आज की युवा पीढ़ी में उस शक्ति को देख रहा हूं। मैं 800 मिलियन उन संभावित उद्यमियों को देख रहा हूं जो दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए काम कर सकते हैं। 

भारत में स्‍मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख 2018 तक 500 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है। यह पहुंच और रोजगार सृजन के लिहाज से किसी भी उद्यम के विकास के लिए अपार संभावनाएं मुहैया कराता है। 

हमारा स्‍टार्टअप इंडिया कार्यक्रम उद्यमिता को बढ़ावा देने और नवाचार को प्रोत्‍साहित करने के लिए एक व्‍यापक कार्य योजना है। इसका उद्देश्‍य नियामकीय बोझ को घटाना और स्‍टार्टअप को मदद मुहैया कराना है। इसी क्रम में 1,200 से अधिक पुराने एवं बेकार कानूनों को खत्‍म कर दिया गया, 21 क्षेत्रों में एफडीआई के 87 नियमों को आसान बनाया गया और कई सरकारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है।    

हमारी सरकार ने कारोबारी माहौल में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। विश्‍व बैंक की कारोबारी सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग महज तीन साल में 142 से सुधरकर 100 होना उसी का नतीजा है। 

हमने तमान संकेतकों जैसे निर्माण परमिट, उधारी लेने, अल्‍पांश शेधरधारकों की रक्षा करने, करों का भुगतान करने, अनुबंधों को लागू करने और दिवालिया से निपटने में सुधार दर्ज किया है। 

यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हम 100वें पायदान पर संतुष्ट नहीं हैं। हम 50वें पायदान तक पहुंचने की दिशा में प्रयास करेंगे। 

उद्यमियों को एक मिलियन रुपये तक आसान वित्तपोषण मुहैया कराने के लिए हमने मुद्रा (एमयूडीआरए) योजना शुरू की है। साल 2015 में इसकी शुरुआत के बाद अब तक 90 मिलियन से अधिक के ऋण के लिए 4.28 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए गए। इनमें से 70 मिलियन से अधिक ऋण महिला उद्यमियों को आवंटित किए गए हैं। 

मेरी सरकार ने 'अटल इनोवेशन मिशन' शुरू किया है। हम बच्‍चों के बीच नवाचार एवं उद्यमिता संस्‍कृति को बढ़ावा देने के लिए 900 से अधिक स्‍कूलों में टिंकरिंग लैब्‍स खोल रहे हैं। हमारे 'मेंटर इंडिया' कार्यक्रम में नेताओं को शामिल किया गया है ताकि इन टिंकरिंग लैब्‍स के जरिये छात्रों को निर्देशन एवं संरक्षण दिया जा सके। साथ ही विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों एवं शोध संस्‍थानों में 19 इनक्‍यूबेशन सेंटर खोले गए हैं। ये नवोन्‍मेषी स्‍टार्टअप को स्‍केलेबल और स्‍थायी बनाने के लिए पोषित करेंगे। 

हमने आधार बनाया है जो बायोमेट्रिक आधारित दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल डेटाबेस है। वर्तमान में यह 1.15 बिलियन लोगों को कवर करता है और रोजाना 40 मिलियन से अधिक लेनदेन को डिजिटली प्रमाणित करता है। अब हम आधार के इस्‍तेमाल से प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण के जरिये विभिन्‍न सरकारी योजनाओं के तहत मौद्रिक लाभ सीधे तौर पर लाभार्थियों को डिजिटली प्रदान करते हैं। 

जन धन योजना के तहत 685 बिलियन रुपये अथवा 10 बिलियन डॉलर से अधिक जमा के साथ करीब 300 मिलियन बैंक खाते खोले गए हैं। इसके जरिये समाज के उन तबकों को औपचारिक वित्तीय व्‍यवस्‍था में शामिल किया है जो पहले बैंकिंग सेवाओं की पहुंच से दूर थे। इनमें 53 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। 

हम कम नकदी वाली अर्थव्‍यवस्‍था की ओर लगातार काम कर रहे हैं और एक यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस ऐप शुरू किया है जिसे भीम (बीएचआईएम) नाम दिया गया है। एक साल से भी कम समय में यह प्‍लेटफॉर्म रोजाना लगभग 280 हजार लेनदेन को प्रॉसेस कर रहा है। 

सभी गांवों को बिजली से जोड़ने के लिए हमारे कार्यक्रम को लगभग पूरा होने के बाद हमने सौभाग्‍य योजना शुरू की है। इसके तहत दिसंबर 2018 तक सभी परिवारों को बिजली कनेक्‍शन मुहैया कराया जाएगा। 

हमने मार्च 2019 तक सभी ग्रामीण क्षेत्रों को हाई-स्‍पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट मुहैया कराने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। 

हमारे स्‍वच्‍छ ऊर्जा कार्यक्रम के तहत महज 3 साल में हमने अक्षय ऊर्जा क्षमता को 30 हजार मेगावॉट से दोगुना बढ़ाकर करीब 60 हजार मेगावॉट कर दिया है। पिछले साल सौर ऊर्जा के उत्‍पादन में 80 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई। हम एक राष्‍ट्रीय गैस ग्रिड तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। हम एक व्‍यापक राष्‍ट्रीय ऊर्जा नीति भी तैयार करने वाले हैं। 

साफ-सफाई एवं स्‍वच्‍छता में सुधार के लिए हमारा स्‍वच्‍छ भारत मिशन और ग्रामीण एवं शहरी आवास मिशन जीवन की गरिमा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। 

सागरमाला और भारतमाला जैसे हमारे बुनियादी ढांचा एवं कनेक्टिविटी कार्यक्रम उद्यमियों को निवेश के लिए कई कारोबारी अवसर मुहैया कराएंगे। 

हमारे हालिया वर्ल्‍ड फूड इंडिया कार्यक्रम ने हमें खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग एवं कृषि अपशिष्‍ट क्षेत्रों से उद्यमियों को जोड़ने में मदद किया है। 

मेरी सरकार यह भलीभांति समझती है कि उद्यमिता के फलने-फूलने के लिए पारदर्शी नीतियों और कानून के शासन का एक बेहतर वातावरण जरूरी है। 

हाल में कराधान व्‍यवस्‍था में किए गए एक ऐतिहासिक बदलाव के तहत देश में वस्‍तु एवं सेवा कर को लागू किया गया है। साल 2016 में लागू ऋण शोधन एवं दिवालिया संहिता संकटग्रस्‍त उपक्रमों के समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने की ओर उठाया गया एक कदम है। हाल में हमने दबावग्रस्‍त परिसंपत्तियों की बोली प्रक्रिया से इरादतन चूककर्ताओं को दूर रखने के लिए इसे और बेहतर बनाया है। 

समांतर अर्थव्‍यवस्‍था से निपटने और कर चोरी एवं काले धन पर लगाम लगाने के लिए सख्‍त उपाय किए गए हैं। हाल में मूडीज द्वारा भारत के सरकारी बॉन्‍डों की रेटिंग बढ़ाए जाने से हमारे प्रयासों को मान्‍यता मिली है। करीब 14 वर्षों के अंतराल पर यह अपग्रेड किया गया है। 

विश्‍व बैंक के लॉजिस्टिक्‍स परफॉर्मेंस इंडेक्‍स में भारत 2014 के 54वें पायदान से सुधरकर 2016 में 35वें पायदान पर पहुंच गया। यह देश से और उसके भीतर वस्‍तुओं की आवाजाही की बेहतर सुगमता एवं कुशलता को दर्शाता है। 

वृहत आर्थिक परिदृश्‍य के लिहाज से निवेश के अनुकूल स्‍थायी वातावरण की आवश्‍यकता है। हम राजकोषीय घाटा, चालू खाते का घाटा और मुद्रास्‍फीति को नियंत्रित करने में सफल रहे हैं। हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 400 बिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है और हम बड़े पैमाने पर विदेशी पूंजी निवेश को लगातार आकर्षित कर रहे हैं। 

मैं अपने युवा भारतीय उद्यमी मित्रों से कहना चाहता हूं‍ कि 2022 तक एक नए भारत के निर्माण के लिए आप में से हरेक कुछ मूल्‍यवान योगदान कर सकते हैं। आप भारत में बदलाव के वाहक हैं। 

मैं दुनिया भर के अपने उद्यमी मित्रों से कहना चाहता हूं: आइये, मेक इन इंडिया, इन्‍वेस्‍ट इन इंडिया- भारत के लिए, दुनिया के लिए। मैं आपमें से प्रत्‍येक को भारत के विकास की कहानी का हिस्‍सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं। और एक बार फिर आपको हार्दिक समर्थन के लिए आश्‍वस्‍त करता हूं। 

मुझे बताया गया है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप ने नवम्‍बर 2017 को राष्‍ट्रीय उद्यमिता माह घोषित किया है। अमेरिका में भी 21 नवम्‍बर को राष्‍ट्रीय उद्यमिता दिवस मनाया जाता है। इस शिखर सम्‍म्‍ोलन में निश्चित तौर पर उसकी गूंज सुनाई देगी। अंत में मैं इस शिखर सम्‍मेलन में आपके मधुर एवं परिणामोन्‍मुख विचार-विमर्श की कामना करता हूं। 

धन्‍यवाद।   

 

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प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं
September 17, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने निर्माण और सृजन से जुड़े सभी कुशल एवं परिश्रमी शिल्पकारों तथा रचनाकारों को नमन भी किया। श्री मोदी ने विश्वास जताया कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में उनका योगदान अप्रतिम रहेगा।

एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा;

“सभी देशवासियों को भगवान विश्वकर्मा जयंती की अनेकानेक शुभकामनाएं। इस अवसर पर निर्माण और सृजन से जुड़े अपने सभी हुनरमंद एवं परिश्रमी साथियों को मेरा विशेष नमन। मुझे विश्वास है कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में आपका अप्रतिम योगदान रहने वाला है।”