यह प्रशंसा, मूल्यांकन और आत्मनिरीक्षण का समय है: सिविल सेवा दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी
सामान्य मानविकी के जीवन में बदलाव तब आएगा जब निर्णय लेने की प्रक्रिया के केंद्र में सामान्य मानविकी को रखा जाएगा: पीएम मोदी
सफलता के लिए सामरिक सोच महत्वपूर्ण है: प्रधानमंत्री
लोकतंत्र कोई समझौता नहीं है, इसका मूल जनभागीदारी निहित है: प्रधानमंत्री मोदी
आइए 2022 तक आने वाले 5 वर्षों में उन लोगों से प्रेरणा लें जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए और एक नया भारत बनाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए: पीएम मोदी
प्रौद्योगिकी हमारी ताकत और बढ़ा सकती है, आइए इसे अपनाएं: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सिविल सेवा दिवस के अवसर पर सिविल सेवकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह सराहना, मूल्यांकन और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पुरस्कार सिविल सेवकों को प्रेरित करने की ओर उठाया गया एक कदम है। साथ ही उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार सरकार की प्राथमिकताओं को भी इंगित करता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, दीनदयाल उपाध्याय कौशल्या योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और डिजिटल भुगतान जैसे प्राथमिकता वाले कार्यक्रम नए भारत के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं। इन्हीं प्रमुख कार्यक्रमों के लिए पुरस्कार भी दिए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पुरस्कार और प्रेरक जिलों में शुरू किए गए पहलों पर दो पुस्तकों का भी उल्लेख किया जिन्हें आज ही जारी किया गया था।
प्रधानमंत्री ने प्रेरक जिले के विषय पर बोलते हुए कहा कि ये 115 जिले अपने पूरे राज्य के लिए विकास का वाहक बन सकते हैं। उन्होंने विकास में जन भागीदारी अथवा सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2022 में आजादी की 75वीं सालगिरह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने के भारत को साकार करने की दिशा में काम करने के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित सभी उपलब्ध प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रशासन में सुधार के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल सेवकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे दुनिया भर में उभरती प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बरकरार रखें।
उन्होंने सिविल सेवकों को जबरदस्त क्षमतावान लोगों के रूप में वर्णित किया और कहा कि ये क्षमताएं राष्ट्रहित के लिए व्यापक योगदान कर सकती हैं।
कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025
Share
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।
सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।
विवरण:
आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।
फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।
तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।
फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।
आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।
वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।