कोलोनियल शासन में हमारे साझे संघर्ष और पीड़ा ने ही हम दोनों देशों को एक साथ लाने का काम कियाः पीएम मोदी
मोज़ाम्बिक की आज़ादी के लिए समर्थन करने वाले देशों में भारत सबसे मज़बूत समर्थकों से एक थाः पीएम मोदी
मोज़ाम्बिक, अफ्रीका में भारतीय निवेश के लिए एक हमेशा से ही एक गेट-वे रहा हैः प्रधानमंत्री
मोज़ाम्बिक जिस क्षेत्र में मज़बूत है, उसकी भारत को आवश्यकता है और जो मोज़ाम्बिक को चाहिए वो भारत के पास उपलब्ध हैः पीएम
मोज़ाम्बिक से दाल खरीदने के लिए भारत की प्रतिबद्धता से भारत की ज़रूरत होगी पूरीः पीएम मोदी
भारत मोज़ाम्बिक के लोगों के हेल्थ सिस्टम के लिए आवश्यक दवाईयाँ दान करेगाः प्रधानमंत्री
लगभग 20,000 मोज़ाम्बिक नागरिकों के पूर्वज भारत के रहने वाले थे। वो हमारे समाज और अर्थव्यवस्थाओं के बीच हमेशा जीवंत संपर्कसूत्र की तरह रहे हैः पीएम
मोज़ाम्बिक और भारत दोनो को नहीं बख्शा गया है। आतंकवाद से भारत और मोज़ाम्बिक दोनो समान रूप से प्रभावितः पीएम

राष्ट्रपति महोदय, फिलिप न्यूसी

पत्रकार बंधुओं

आपका धन्यवाद

भारत के लिए और हमारे द्विपक्षिय संबंधों के प्रति आपकी भावनाओं से मैं दिल से सहमत हूं। राष्ट्रपति न्यूसी, पिछले साल आप जब एशिया के दौरे पर थे तो भारत आपका पहला पड़ाव बना। आज मुझे बहुत खुशी है कि अफ्रीका के दौरे पर मेरा पहला पड़ाव मोजांबिक है।

दोस्तों,

औपनिवेशिक शासन के खिलाफ हमारे संघर्ष ने दोनों देशों को करीब लाया है। स्वतंत्र भारत उन देशों में से रहा जिन्होंने मोजांबिक की स्वतंत्रता के लिए मजबूत आवाज उठाई। लेकिन सिर्फ पुराना इतिहास ही हमें नहीं जोड़ता। राष्ट्रपति महोदय, मैंने मजबूत साझेदारी के लिए हमारे साझा लक्ष्यों को लेकर मैंने विस्तृत बातचीत की है। यहीं नहीं भारत का अफ्रीका में निवेश का पहला दरवाजा मोजांबिक बन चुका है। अफ्रीका में भारत के निवेश का करीब एक चौथाई हिस्सा अकेले मोजांबिक में हो रहा है। वाणिज्य और व्यापार में हमारे संबंध पिछले दशक से लगातार बढ़े हैं। हमें पूरा विश्वास है कि राष्ट्रपति न्यूसी की अगुवाई में मोजांबिक भारतीय निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प बना रहेगा।

क्षमता और स्वभाव का मेल हमारी साझेदारी की अहम वजह है

• चाहे वो कृषि या स्वास्थ्य सुविधा हो या फिर ऊर्जा सुरक्षा

• प्राकृतिक संसाधन हो या फिर तकनीक

• कौशल विकास हो या फिर संस्थानों का निर्माण

• सुरक्षा हो या फिर रक्षा क्षेत्र

मोजांबिक भी उन क्षेत्रों में ताकतवर है जिसकी भारत को जरूरत है। और जो मोजांबिक की जरूरत है वो भारत में उपलब्ध है।

हमलोग एक दूसरे के सहायक हैं। राष्ट्रपति न्यूसी ने बताया कि कृषि विकास उनकी पहली प्राथमिकता है। हमारे विशेषज्ञों ने आपस में बातचीत की कि कैसे हम मिलकर मोजांबिक में कृषि की मूलभूत संरचना और पैदावार को बढ़ा सकते हैं। आज हमलोग इस साझेदारी को तेज गति से बढ़ाने के लिए तैयार हैं। हम खाद्य सुरक्षा में भी अपनी साझेदारी को बढ़ा रहे हैं। भारत का मोजांबिक से दाल आयात की प्रतिबद्धता भारत की जरूरतों को पूरा करेगी। इससे मोजांबिक के लइए व्यावसायिक कृषि, कृषि आधारित उद्योग को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने बढ़ाने में भी काफी मदद मिलेगी। चिकित्सा भी एक ऐसा क्षेत्र है जहां भारतीय दक्षता और मोजांबिक की जरूरत को पूरा कर सकती है। भारत मोजांबिक के सार्वजनिक स्वास्थ्य निकाय को एड्स की दवाई समेत कई जरूरी दवाईयां मुफ्त में प्रदान करेगा।

दोस्तों,

करीब 20 हजार मोजांबिक के नागरिकों की जड़ें भारत से जुड़ी हो सकती हैं। वो हमारी अर्थव्यवस्था और समाज के जीवंत संपर्कसूत्र हैं। हमारे बीच युवा और खेल के क्षेत्रों में आदान-प्रदान को लेकर हुए करार से मैं खासतौर से खुश हूं। मैं भारत में पढ़े मोजांबिक के छात्रों से भी आज मिलूंगा.

दोस्तों,

हम चाहते हैं कि हमारे बीच विकास और आर्थिक संबंध से हमारे समाज को फायदा पहुंचे। हम ये भी चाहते हैं कि हमारी साझेदारी हमारे लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो। राष्ट्रपति न्यूसी और मैंने माना है कि आतंकवाद आज दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मोजांबिक और भारत इसके अपवाद नहीं है। आतंकवाद का भारत और मोजांबिक दोनों देशों पर बराबर असर पड़ा है। दुसरे अंतर्राष्ट्रीय अपराधों की तरह आतंक का नेटवर्क भी देशों के बीच जुड़ा हुआ है। ड्रग्स का अवैध व्यापार रोकने के लिए हमारे बीच हुआ समझौता इस खतरे और इसके नेटवर्क से निपटने की हमारी इच्छाशक्ति को दर्शाता है। भारत और मोजांबिक हिंद महासागर से जुड़े हुए हैं। ये महासागर कई आर्थिक अवसरों का भी सागर है। लेकिन हम इस क्षेत्र में बढ़ रहे सामरिक और सुरक्षा के खतरों से अंजान नहीं है। दोनों देशों के हितों की मजबूती से रक्षा करने के लिए राष्ट्रपति और मैं इस बात पर सहमत हैं कि सुरक्षा और बचाव के क्षेत्र में हम अपने रिश्ते और मजबीत करेंगे। मोजांबिक की सेना का हम मिलकर सहयोग करेंगे।

इसके लिए क्षमता और संस्थान, सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग, सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना समेत आनेवाले दिनों में दूसरी जरूरतों को हम मिलकर पूरा करेंगे।

दोस्तों,

हमारा सहयोग सिर्फ हम दोनों के विकास के लिए ही नहीं होगा। हम इसमें वृहद् क्षेत्रिय और वैश्विक विकास भी देख रहे हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय जगत में कई मुश्किलों का सामना एक दूसरे के साथ मिलकर कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार से लेकर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने तक सभी मामलों में हम साथ हैं। पिछले साल पेरिस में हुए सीओपी-21 सम्मेलन में सौर ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा के एक बड़े स्रोत के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए काफी जोर लगाया गया और भारत ने इसकी अगुवाई की। इसके लिए भारत की अगुवाई में बने संगठन में 120 देश हैं और मैं इस पहल में मोजांबिक की साझेदारी को बहुमूल्य मानता हूं।

दोस्तों,

मोजांबिक के आर्थिक विकास की राह में भारत हर कदम पर साथ है। हम विकास में आपके विश्वसनीय साथी बनेंगे। हमारे लोगों के उज्जवल, सुरक्षित भविष्य देने के लिए भरोसेमंद सहयोगी बनेंगे। मैं एकबार फिर इस स्नेहपूर्ण स्वागत और उदार आतिथ्य सत्कार के लिए राष्ट्रपति न्यूसी, इस सरकार और मोजांबिक के लोगों को धन्यवाद देता हूं।

धन्यवाद,

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

Thank you . Thank you very much.

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पीएम मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की
December 22, 2025
दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते की घोषणा की
दोनों ने माना कि यह मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, नवाचार और साझा अवसरों को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक का काम करेगा
दोनों प्रधानमंत्रियों ने रक्षा, खेल, शिक्षा और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति का भी स्वागत किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री श्री क्रिस्टोफर लक्सन से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से ऐतिहासिक, महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन की घोषणा की।

मार्च 2025 में प्रधानमंत्री लक्सन की भारत यात्रा के दौरान वार्ता शुरू होने के बाद, दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि रिकॉर्ड 9 महीनों में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का संपन्न होना दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने की साझा महत्वाकांक्षा और राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है। यह मुक्त व्यापार समझौता द्विपक्षीय आर्थिक जुड़ाव को काफी मजबूत करेगा, बाजार पहुंच को बढ़ाएगा, निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करेगा, दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करेगा और साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के नवप्रवर्तकों, उद्यमियों, किसानों, लघु एवं मध्यम उद्यमों, छात्रों और युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा।

इस मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से मिली मजबूती और विश्वसनीय नींव के साथ, दोनों प्रधानमंत्रियों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने और अगले 15 वर्षों में न्यूजीलैंड की ओर से भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश का विश्वास व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने खेल, शिक्षा और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों जैसे द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों में हासिल की गई प्रगति का भी स्वागत किया और भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को और मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

बातचीत में दोनों नेताओं ने आपस में संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई।