तजाकिस्तान के राष्ट्रपति इनोमली रहमन के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया
क्षमता और संस्था निर्माण की दिशा में भारत-तजाकिस्तान एक अहम भूमिका निभा सकते हैं: प्रधानमंत्री
एशिया में तजाकिस्तान भारत का एक महत्वपूर्ण और सामरिक सहयोगी है: प्रधानमंत्री

ताजिकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री रहमान 14-18 दिसंबर 2016 तक भारत की यात्रा पर हैं। उनके सरकारी कार्यक्रम में राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत, राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ बैठकें और राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा भेज का आयोजन शामिल है।

तजाकिस्तान के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक बातचीत की। विचार-विमर्श मैत्रीपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण था जो इतिहास, भाषा, परंपराओं, कला और संस्कृति में गहन संबंधों के साथ दो रणनीतिक भागीदारों के बीच मौजूद आपसी विश्वास को दर्शाता है। दोनों नेताओं ने दोनों धर्मनिरपेक्ष, शांतिप्रिय, पड़ोसी देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने उल्लेख किया कि 2017 भारत और ताजिकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ का अंकन करेगा। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को और ऊंचाइयों पर ले जाने की अपनी वचनबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जुलाई 2015 में ताजिकिस्तान की अपनी अत्यधिक सफल यात्रा का स्मरण किया और कहा कि ताशकंद में एससीओ सम्मेलन के मौके पर जून 2016 में और दुशांबे में जुलाई 2015 में राष्ट्रपति रहमान के साथ उनकी उपयोगी चर्चा एवं यात्रा दौरान उन्हें प्राप्त आतिथ्यभाव आज भी उन्हें ताजा कर देता है।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग की समीक्षा की और सहयोग को आगे बढ़ाने और का निर्णय लिया। उन्होंने 17 नवंबर 2016 को विदेश कार्यालय परामर्श और 2 नवंबर 2016 को रक्षा सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक के सफल समापन का स्वागत किया और सहमति जताई कि व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के संयुक्त आयोग, आतंकवाद प्रतिरोध पर संयुक्त कार्य समूह के साथ इस तरह की चर्चा और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के बीच नियमित विचार-विमर्श पारस्परिक लाभ के लिए जारी रहना चाहिए।

दोनों नेताओं ने क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की और जोर देकर कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद को ग सभी देशों की शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए गंभीर खतरा है।

दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद को अच्छे या बुरे आतंकवादियों के बीच कोई भेद किए बिना समाप्त करना चाहिए। उन्होंने प्रायोजन, समर्थन और सुरक्षित ठिकानों और आतंकवादियों को अभयारण्यों के प्रावधान को खत्म करने का आह्वान भी किया। दोनों नेताओं ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने, सुरक्षा एवं रक्षा संबंधों का विस्तार करने और संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय को शीघ्र अपनाने के अपने संकल्प को दोहराया।

क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने में अपने साझे हितों की पुष्टि करते हुए, दोनों नेताओं ने अफगान नीत और अफगान के स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया और राष्ट्रीय सुलह का आह्वान किया। अफगानिस्तान के पड़ोसी के रूप में, भारत और ताजिकिस्तान अफगानिस्तान की शांति और समृद्धि में योगदान के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार और प्रसार के लिए उठाए गए संयुक्त कदमों के महत्व पर दिया जो क्षमता से काफी कम है। उन्होंने मार्च 2016 में दुशांबे में व्यापार बैठकों के आयोजन और भारत के प्रमुख मेलों और प्रदर्शनियों में ताजिक अधिकारियों और व्यापारियों की भागीदारी का स्वागत किया। ताजिक पक्ष ने ताजिकस्तान में मौजूद चार मुक्त आर्थिक क्षेत्रों में भारतीय निवेश को आमंत्रित किया है। वर्जोब-आई पनबिजली संयंत्र के पुनर्वास में भारतीय योगदान को याद करते हुए, ताजिक पक्ष ने सूचित किया कि ताजिकिस्तान छोटी और मध्यम पनबिजली परियोजनाओं को शुरू करने की योजना बना रहा है और भारतीय कंपनियों को निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है।

दोनों नेताओं ने व्यापार की पूरी क्षमता को साकार करने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार के महत्व पर बल दिया और इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर के महत्व को रेखांकित किया। राष्ट्रपति रहमान ने ताजिकस्तान को गर्म जल तक और भारत के बड़े बाजारों तक कनेक्टिविटी प्रदान करने वाले चाहबहार परिवहन और ट्रांजिट कॉरिडोर के स्थापन पर भारत, ईरान एवं अफगानिस्तान के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के हस्ताक्षरित होने का स्वागत किया।

ताजिक पक्ष ने विकास में एक भागीदार के रूप में भारत की सराहना की। दोनों पक्षों ने सूचना प्रौद्योगिकीए स्वास्थ्यए टेलीमेडिसिनए कृषिए जैव चिकित्सा अनुसंधानए प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माणए शिक्षा और संस्कृति सहित कार्यान्वयन के अधीन परियोजनाओं के साथ साथ विविध क्षेत्रों की पाइपलाइन परियोजनाओं का उल्लेख किया। राष्ट्रपति रहमान ने जुलाई 2015 में प्रधानमंत्री की ताजिकिस्तान यात्रा के दौरान घोषणा किए अनुसार ताजिकस्तान के 37 स्कूलों में कंप्यूटर लैब्स की स्थापना करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने मानव विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग क्षेत्र में ताजिकस्तान में क्षमता निर्माण के लिए सहयोग देने का निर्णय लिया।

उन्होंने खाद्य में आत्मनिर्भरता के लिए कृषि क्षेत्र में सहयोग करने की अपनी रुचि को दोहराया। उन्होंने सहमति जताई कि स्थिर उत्पादन और ऊर्जा का वितरण क्षेत्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति रहमान ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहल की सराहना की और कहा कि सौर ऊर्जा परियोजनाएं ताजिकिस्तान के दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में बहुत उपयोगी हो सकती हैं।

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच उड़ानों के संचालन को बढ़ाने की संभावना का अन्वेषण करने का आह्वान किया। उन्होंने द्विपक्षीय विचार-विमर्श कांसुलर के संबंधित अधिकारियों को आसान व्यापार, चिकित्सा एवं वीज़ा के लिए रास्ते तलाशने और जन विनिमयन को बढ़ावा देने के लिए वीजा प्राप्ति को आसान बनाने के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रहमान ने त्योहारों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सम्मेलनों और आपसी बातचीत के अन्य साधनों के माध्यम से राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने फिल्मों, टीवी कार्यक्रमों और दोनों देशों की जनता के बीच अन्य सांस्कृतिक कृतियों के अधिक से अधिक आदान-प्रदान का आह्वान किया।

दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मुद्दों पर भारत और ताजिकस्तान के बीच उत्कृष्ट सहयोग और संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों की पहल के लिए आपसी सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। राष्ट्रपति रहमान ने वर्ष 2018-28 को अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दशकः सतत विकास के लिए जल के रूप में घोषित करने के ताजिकिस्तान के कदम से कदम मिलाने पर भारत को धन्यवाद दिया।

दोनों नेताओं ने यूएन ढांचे के व्यापक सुधारों का आह्वान किया। राष्ट्रपति रहमान ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए ताजिकिस्तान के समर्थन को दोहराया। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन में भारत की आसन्न पूर्ण सदस्यता का स्वागत किया।

राष्ट्रपति रहमान ने अपनी भारत यात्रा के दौरान उनके और उनके प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी से हुए स्वागत और आतिथ्य के लिए भारतीय नेताओं और भारत के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुखर्जी को तजाकिस्तान की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया।

 

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भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी
December 05, 2025

Your Excellency, My Friend, राष्ट्रपति पुतिन,
दोनों देशों के delegates,
मीडिया के साथियों,
नमस्कार!
"दोबरी देन"!

आज भारत और रूस के तेईसवें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक milestones के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी Strategic Partnership की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को "Special and Privileged Strategic Partnership” का दर्जा मिला।

पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का, मेरे मित्र का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।

Friends,

पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुज़रना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है।परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की। आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाना हमारी साझा प्राथमिकता है। इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation प्रोग्राम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश diversified, balanced, और sustainable बनेगा, और सहयोग के क्षेत्रों में नए आयाम भी जुड़ेंगे।

आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे India–Russia Business Forum में शामिल होने का अवसर मिलेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि ये मंच हमारे business संबंधों को नई ताकत देगा। इससे export, co-production और co-innovation के नए दरवाजे भी खुलेंगे।

दोनों पक्ष यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ FTA के शीघ्र समापन के लिए प्रयास कर रहे हैं। कृषि और Fertilisers के क्षेत्र में हमारा करीबी सहयोग,food सिक्युरिटी और किसान कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे खुशी है कि इसे आगे बढ़ाते हुए अब दोनों पक्ष साथ मिलकर यूरिया उत्पादन के प्रयास कर रहे हैं।

Friends,

दोनों देशों के बीच connectivity बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है। हम INSTC, Northern Sea Route, चेन्नई - व्लादिवोस्टोक Corridors पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। मुजे खुशी है कि अब हम भारत के seafarersकी polar waters में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

उसी प्रकार से Shipbuilding में हमारा गहरा सहयोग Make in India को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारेwin-win सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे jobs, skills और regional connectivity – सभी को बल मिलेगा।

ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। Civil Nuclear Energy के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, Clean Energy की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस win-win सहयोग को जारी रखेंगे।

Critical Minerals में हमारा सहयोग पूरे विश्व में secure और diversified supply chains सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे clean energy, high-tech manufacturing और new age industries में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।

Friends,

भारत और रूस के संबंधों में हमारे सांस्कृतिक सहयोग और people-to-people ties का विशेष महत्व रहा है। दशकों से दोनों देशों के लोगों में एक-दूसरे के प्रति स्नेह, सम्मान, और आत्मीयताका भाव रहा है। इन संबंधों को और मजबूत करने के लिए हमने कई नए कदम उठाए हैं।

हाल ही में रूस में भारत के दो नए Consulates खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा, और आपसी नज़दीकियाँ बढ़ेंगी। इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को "काल्मिकिया” में International Buddhist Forum मे भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला।

मुझे खुशी है कि शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30 day e-tourist visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत करने जा रहे हैं।

Manpower Mobility हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और नए अवसर create करेगी। मुझे खुशी है इसे बढ़ावा देने के लिए आज दो समझौतेकिए गए हैं। हम मिलकर vocational education, skilling और training पर भी काम करेंगे। हम दोनों देशों के students, scholars और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे।

Friends,

आज हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन के संबंध में भारत ने शुरुआत से शांति का पक्ष रखा है। हम इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस City Hall पर किया गया कायरतापूर्ण आघात — इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताक़त है।

भारत और रूस के बीच UN, G20, BRICS, SCO तथा अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है। करीबी तालमेल के साथ आगे बढ़ते हुए, हम इन सभी मंचों पर अपना संवाद और सहयोग जारी रखेंगे।

Excellency,

मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें global challenges का सामना करने की शक्ति देगी — और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

मैं एक बार फिर आपको और आपके पूरे delegation को भारत यात्रा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।