Quoteदेश मजबूर सरकार के लिए नहीं, बुलंद हौसले वाली मजबूत सरकार को चुन रहा है, देश Family First के बजाय India First को चुन रहा है, देश डायनेस्टी के बजाय डेवलपमेंट को चुन रहा है: प्रधानमंत्री मोदी
Quoteकांग्रेस की सोच के कारण 1984 के सिख दंगों के मामले में आज तक सभी पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पाया, जब इनसे इंसाफ के बारे में पूछा जाता है, तो ये अहंकार में कहते हैं - हुआ तो हुआ: पीएम मोदी
Quoteनामदार के परिवार ने, उनके साथियों ने इसी अहंकार के साथ देश पर दशकों तक शासन किया है, जब लाखों करोड़ों के घोटाले होते थे, कांग्रेस सोचती थी - हुआ तो हुआ, जब रेल मंत्री के रिश्तेदार रेलवे भर्तियों में भ्रष्टाचार करते थे, कांग्रेस सोचती थी- हुआ तो हुआ: प्रधानमंत्री

“यूथफुल और एनर्जेटिक चंडीगढ़ में आपका जोश बता रहा है, फिर एक बार मोदी सरकार। इसका कारण साफ है। देश मजबूर सरकार को नहीं, बुलंद हौसलों वाली मजबूत सरकार को चुन रहा है। देश फैमिली फर्स्ट की बजाय इंडिया फर्स्ट को चुन रहा है। देश डायनेस्टी की बजाय डेवलपमेंट को चुन रहा है। देश आतंकी हमलों के बाद दुबकने वालों को नहीं, आतंकियों को घर में घुसकर मारने वालों को चुन रहा है।“

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ये उद्गार मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-34 स्थित रैली ग्राउंड की चुनावी जनसभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 2014 में जो मैंडेट देश की जनता ने दिया, उसको कांग्रेस और उसके महामिलावटी साथी आज तक बर्दाश्त नहीं कर पाए हैं। उन्होंने बीते पांच वर्ष में मौजूदा सरकार के हर फैसले, हर योजना की उपेक्षा करने की कोशिश की है। श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके रागदरबारियों का यही गैंग है जो कहता था कि देश की जनता अनपढ़ है। लेकिन जनता जागरूक है और इनकी तमाम साजिशों को नकारकर मौजूदा सरकार में अपना विश्वास और भरोसा जता रही है।

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पीएम मोदी ने कहा, “हमने एक डिजिटल त्रिशक्ति खड़ी की है जैम यानि JAM– J से जन धन बैंक खाते, A से आधार कार्ड, और M से आपका मोबाइल फोन। जैम की त्रिशक्ति से हमने सुनिश्चित किया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सभी लाभार्थियों को ही मिले।“ प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक मौजूदा सरकार आठ करोड़ फर्जी नामों को कागजों से हटा चुकी है। ये आठ करोड़ वो लोग हैं जो सरकार की सुविधाओं का लाभ लेते हैं, जो बेटी पैदा ही नहीं हुई, वो सरकारी दफ्तरों में विधवा के रूप में पेंशन लेती थी। यह फर्जीवाड़ा खत्म कर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसी से बौखलाए बिचौलिये मोदी को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन देश की 125 करोड़ आबादी अपने चौकीदार की रक्षा के लिए चौकीदार बनकर खड़ी है। उन्होंने कहा, ‘’विरोधियों को खटक रहा है कि एक चाय वाला 21वीं सदी के विजन की बात कैसे कर सकता है। मोदी वन नेशन, वन टैक्स के सपने को कैसे साकार कर सकता है। यह इनको परेशान कर रहा है। मैं यह सब कर चुका हूं। इनको इसी की परेशानी है।‘’

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श्री मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की याद दिलाते हुए कहा कि इसको लेकर विरोधियों ने कैसे-कैसे सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘’मोदी ने आतंकियों को घुसकर मारने की नीति को अपनाया। यह बात इनकी समझ में नहीं आई। जिन्होंने पाकिस्तान की गीदड़भभकियों से डरकर देश चलाया हो, उनके पास नेशनल सिक्योरिटी पर कहने के लिए कुछ नहीं है। स्पेस में भी सर्जिकल स्ट्राइक करने की क्षमता भारत के पास पहले से थी, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण इनके पैर कांपते थे। लेकिन मैंने हिम्मत दिखाई।‘’

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के 'हुआ तो हुआ' वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘’यह अहंकार से बोलते हैं 'हुआ तो हुआ'। दंगों में हजारों सिख मारे गए, लेकिन कांग्रेस कहती है 'हुआ तो हुआ'। यह बात भी गांधी परिवार के सबसे करीबी व्यक्ति कह रहे हैं। नामदार अब कहते हैं कि उनके गुरु सैम पित्रोदा को अपने बयान के लिए शर्म आनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए। वास्‍तव में शर्म तो नामदार को आनी चाहिए।‘’

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परिणामों की सूची: प्रधानमंत्री की घाना की राजकीय यात्रा
July 03, 2025

I. घोषणा

  • द्विपक्षीय संबंधों का व्यापक भागीदारी में उन्नयन

II. समझौता ज्ञापनों की सूची

  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) पर समझौता: कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और विरासत में अधिक सांस्कृतिक समझ और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
  • भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और घाना मानक प्राधिकरण (जीएसए) के बीच समझौता: मानकीकरण, प्रमाणन और अनुरूपता मूल्यांकन में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से।
  • घाना के पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान (आईटीएएम) और भारत के आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) के बीच समझौता: पारंपरिक चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान में सहयोग करना।
  • संयुक्त आयोग की बैठक पर समझौता: उच्च स्तरीय संवाद को संस्थागत बनाना और नियमित आधार पर द्विपक्षीय सहयोग तंत्र की समीक्षा करना।