आदि शंकराचार्य ने समाज से बुराइयों को दूर कियाउन्हें भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचने से रोकने का काम किया: प्रधानमंत्री मोदी
आदि शंकराचार्य की तपस्या भारतीय संस्कृति में आज भी मौजूद है, एक संस्कृति जो सभी को स्वीकार करती है: पीएम मोदी
भारत की सांस्कृतिक विरासत के पास सभी वैश्विक समस्याओं का समाधान है: प्रधानमंत्री
भारत ने हमेशा प्रकृति के शोषण को रोकने का काम किया है: प्रधानमंत्री मोदी
उज्ज्वला योजना के तहत 3 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए: पीएम मोदी
समय की आवश्यकता है कि भारत को अज्ञानताकुपोषणकाले धन और भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से मुक्त करने के लिए प्रयास किए जाए: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज बेंगलूरु में दशमाह सौंदर्य लहरी पारायणोत्‍सव महासमर्पणे में भाग लिया।

सौंदर्य लहरी आदि शंकराचार्य द्वारा रचित श्‍लोकों का संग्रह है। इस कार्यक्रम में सौंदर्य लहरी का सामूहिक पाठ किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस सामूहिक पाठ से वातावरण में एक विशेष ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कुछ दिनों पहले केदारनाथ की अपनी यात्रा को याद किया और कहा कि वह आदि शंकराचार्य द्वारा उनके अपेक्षाकृत छोटे जीवनकाल में दूर-दराज के जगहों के साथ-साथ भारत के अन्‍य स्‍थानों पर किए गए कार्य को देखकर श्रद्धा से भर गए हैं। उन्‍होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने वेदों और उपनिषदों के जरिये भारत को एकजुट किया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य की रचना- सौंदर्य लहरी से सामान्‍य मानवी खुद को जोड़ सकता है। उन्‍होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने समाज से बुराइयों को दूर किया और उन्‍हें भविष्‍य की पीढि़यों तक पहुंचने से रोका। उन्‍होंने कहा कि आदि शंकराचार्य ने विभिन्‍न विचारधाराओं की अच्‍छाइयों को आत्‍मसात किया और उन पर विचार किया। उन्‍होंने कहा कि आदि शंकराचार्य का तप आज भी भारतीय संस्‍कृति के मौजूदा स्‍वरूप में विद्यमान है। यह एक ऐसी संस्‍कृति है जो सबको स्‍वीकार करती है और साथ मिलकर आगे बढ़ती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही संस्‍कृति नए भारत की बुनियाद है और यह सबका साथ, सबका विकास के मंत्र का पालन करती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरह से भारत की सांस्‍कृतिक विरासत में सभी वैश्विक समस्‍याओं के जवाब मौजूद हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत में प्रकृति के शोषण को रोकने पर हमेशा जोर दिया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस एलईडी बल्‍ब की लागत पहले 350 रुपये से भी अधिक होती थी वह अब उजाला योजना के तहत महज 40 से 45 रुपये में उपलब्‍ध है। उन्‍होंने कहा कि अब तक 27 करोड़ से अधिक एलईडी बल्‍ब वितरित किए जा चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे बिजली बिल में भी बचत हुई है।

प्रधानमंत्री ने उल्‍लेख किया कि उज्‍ज्‍वला योजना के जरिये 3 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्‍शन वितरित किए गए हैं। इससे न केवल ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्‍मक बदलाव आया है बल्कि इसने पर्यावरण को स्‍वच्‍छ रखने में भी योगदान किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि समय की जरूरत है कि भारत को निरक्षरता, अज्ञानता, कुपोषण, कालेधन और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए प्रयास किए जाएं।

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प्रधानमंत्री ने दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में शामिल किए जाने का स्वागत किया
December 10, 2025
दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी है, यह हमारी सभ्यता की आत्मा है और प्रकाश एवं धार्मिकता का प्रतीक है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दीपावली को आज यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में शामिल किये जाने पर प्रसन्नता और गर्व व्यक्त किया।

यूनेस्को के हैंडल एक्स पर एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा:

‘‘भारत और दुनिया भर के लोग रोमांचित हैं।

हमारे लिए, दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश और धार्मिकता का प्रतीक है। दीपावली को यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में शामिल करने से इस पर्व की वैश्विक लोकप्रियता और भी बढ़ेगी।

प्रभु श्री राम के आदर्श हमारा शाश्वत रूप से मार्गदर्शन करते रहें।

@UNESCO”