प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मेादी ने हाल में आई बाढ़ के बाद पुनर्वास प्रकिया पर बाढ़ पीड़ितों के सुझाव और उनकी समस्याएं समझने के लिए आज श्रीनगर में बाढ़ प्रभावित लोगों के विभिन्न समूहों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि वह दिवाली का दिन श्रीनगर के बाढ़ पीड़ितों के साथ मुलाकात करके बिताएंगे।

प्रधानमंत्री ने वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों, सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों, परिवहन ऑपरेटर्स, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर्स, फल उत्पादकों, डीलरों, बागवानी संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, युवा संगठनों, धार्मिक समुदायों और राजनैतिक समूहों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी समूहों के साथ बातचीत से एक खास तथ्य और सुझाव उभर कर सामने आया है कि बाढ़ प्रभावित लोगों की सीधे तौर पर मदद की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस आग्रह पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उदाहरणस्वरूप बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों के पुनर्निर्माण के लिए आर्थिक मदद को लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे देने पर विचार किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री की सितंबर में श्रीनगर यात्रा के दौरान एक हजार करोड़ रुपए की विशेष केंद्रीय सहायता की घोषणा की गई थी, श्री नरेन्द्र मोदी ने इसके अलावा आवास के लिए 570 करोड़ रुपए की मदद की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य में छह प्रमुख अस्पतालों की स्थिति जर्जर है और इसमें तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने 175 करोड़ रूपए की सहायता की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि बाढ़ में अपनी पुस्तकों आदि को गंवा चुके स्कूली बच्चों को तत्काल आवश्यक अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए अन्य आग्रहों पर सत्यापन के बाद विचार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री की विभिन्न समूहों की मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल श्री एन. एन. वोहरा और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
इससे पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री के श्रीनगर पहुंचने के तुरंत बाद उनसे मुलाकात की।


