प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के व्यापार जगत के नेताओं से मुलाकात की
भारत की ताकत तीन स्तंभों पर निर्भर है – डेमोग्राफिक डिविडेंड (जनसांख्यिकीय विभाजन), डिमांड (मांग) और डेमोक्रेसी (लोकतंत्र): पीएम मोदी
सरकार उम्मीद के अनुरूप लंबी अवधि वाली कराधान व्यवस्था को कार्यान्वित करने की दिशा में काम कर रही है: प्रधानमंत्री
पेट्रोलियम, अक्षय ऊर्जा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रक्षा, कृषि क्षेत्र में भारत-सऊदी अरब संबंधों को व्यापक बनाने के अपार अवसर: प्रधानमंत्री
भारत और सऊदी अरब को साइबर दुनिया के लिए गतिशील वैश्विक प्रबंधन के लिए एक साथ काम करना चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सऊदी अरब के रियाद में सऊदी के 30 मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों और वहां के भारतीय व्यापारिक नेताओं से मुलाकात की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सऊदी अरब और भारत पुराने मित्र हैं और दोनों देशों को इस मित्रता की प्रगाढता हेतु सुनहरे भविष्य के लिए कुछ ठोस कदम उठाने होंगे।

दोनो देशों के आपसी संबंधों की शक्ति पर बल देते हुये श्री मोदी ने सऊदी के राजा सलमान का स्‍मरण करते हुए उल्‍लेख किया कि उन्‍हें एक भारतीय शिक्षक ने पढ़ाया था।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र, जनसांख्यिकीय और आश्‍यकताओं का अनूठा संगम है और सरकार के द्वारा की गई कई नीतिगत पहलों के कारण पिछले दो वर्षों में भारत के विकास और प्रगति में तेजी आई है।

स्वास्थ्य क्षेत्र पर अपने विचार रखते हुये श्री मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में निवेश के लिए महत्‍वपूर्ण अवसर हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में विश्व स्तर पर अत्यधिक लागत प्रतिस्पर्धा होने के कारण भारत में स्वास्थ्य पर्यटन बड़े पैमाने पर व्यापक अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में भारत से आने वाली नर्सों की बड़ी संख्या है जो भारत में मिले उच्चतम प्रशिक्षण का प्रमाण हैं।

श्री मोदी ने आर्थिक रिश्तों की मजबूती के लिए आयात-निर्यात के अलावा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त निवेश पर भी जोर दिया।

उन्होंने सऊदी अरब के निवेश्कों को भरोसा दिलाया कि पूर्वव्‍यापी कराधान बीते समय की बात है और उनकी सरकार उम्मीद के मुताबिक लंबी अवधि की कराधान व्यवस्था में विश्वास रखती है। श्री मोदी ने कहा कि सऊदी अरब के लिए भारत में कच्चे तेल, नवीकरणीय ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और रक्षा निर्माण में निवेश करना सुलभ होगा। इसके साथ ही उर्वरक, भंडार, कोल्‍ड श्रृंखला सुविधायें और कृषि दोनों देशों के लिए लाभ का सौदा साबित होंगी यदि सऊदी अरब अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद प्रदान करना सुनिश्चित करे।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दोनों देशों को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक साथ काम करने पर बल दिया।

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कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज V (A) प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन नए कॉरिडोर्स को स्वीकृति दी
December 24, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) परियोजना के हिस्से के रूप में तीन नए कॉरिडोर को मंजूरी दी है: 1. आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी), 2. एरोसिटी से आई.जी.डी. एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और 3. तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)। यह 16.076 किलोमीटर लंबी परियोजना राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगी। दिल्ली मेट्रो के फेज-V (ए) की कुल लागत 12014.91 करोड़ रुपये है, जिसे भारत सरकार, दिल्ली सरकार और अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण एजेंसियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर सभी कर्तव्य भवनों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कार्यालय जाने वालों और आगंतुकों को सीधे ऑफिस तक पहुंचने में आसानी होगी। इस कनेक्टिविटी से दैनिक आधार पर लगभग 60,000 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों और 2 लाख आगंतुकों को लाभ होगा। ये कॉरिडोर प्रदूषण और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को और कम करेंगे, जिससे जीवन जीने की सुगमता में वृद्धि होगी।

विवरण:

आर.के. आश्रम मार्ग – इंद्रप्रस्थ सेक्शन, बॉटनिकल गार्डन - आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर का विस्तार होगा। यह सेंट्रल विस्टा क्षेत्र को मेट्रो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जिसका वर्तमान में पुनर्विकास किया जा रहा है। एयरोसिटी – आईजीडी एयरपोर्ट टर्मिनल 1 और तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का विस्तार होंगे। यह विस्तार हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी को राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी हिस्सों जैसे तुगलकाबाद, साकेत, कालिंदी कुंज आदि क्षेत्रों के साथ मजबूत करेगा। इन विस्तारों में कुल 13 स्टेशन शामिल होंगे, जिनमें से 10 स्टेशन भूमिगत और 03 स्टेशन एलिवेटेड होंगे।

पूरा होने के बाद, कॉरिडोर-1 यानी आर.के. आश्रम मार्ग से इंद्रप्रस्थ (9.913 किमी) पश्चिमी, उत्तरी और पुरानी दिल्ली की सेंट्रल दिल्ली के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। वहीं अन्य दो कॉरिडोर— एयरोसिटी से आईजीडी एयरपोर्ट टी-1 (2.263 किमी) और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज (3.9 किमी)— दक्षिण दिल्ली को साकेत, छतरपुर आदि के माध्यम से घरेलू हवाई अड्डे टर्मिनल-1 से जोड़ेंगे, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के भीतर कनेक्टिविटी में जबरदस्त वृद्धि होगी।

फेज-V (ए) परियोजना के ये मेट्रो विस्तार मध्य दिल्ली और घरेलू हवाई अड्डे तक दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की पहुंच बढ़ाएंगे, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी। मजेंटा लाइन और गोल्डन लाइन के ये विस्तार सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करेंगे। इस प्रकार, मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आरके आश्रम मार्ग - इंद्रप्रस्थ सेक्शन पर जो स्टेशन बनेंगे, वे हैं: आर.के. आश्रम मार्ग, शिवाजी स्टेडियम, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, कर्तव्य भवन, इंडिया गेट, वॉर मेमोरियल - हाई कोर्ट, बड़ौदा हाउस, भारत मंडपम, और इंद्रप्रस्थ।

तुगलकाबाद – कालिंदी कुंज सेक्शन के स्टेशन सरिता विहार डिपो, मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज होंगे, जबकि एयरोसिटी स्टेशन को आगे आईजीडी टी-1 स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

फेज-IV का निर्माण कार्य, जिसमें 111 किमी लंबाई और 83 स्टेशन शामिल हैं, वर्तमान में प्रगति पर है। आज की स्थिति के अनुसार, फेज-IV के (3 प्राथमिकता वाले) कॉरिडोर का लगभग 80.43 प्रतिशत सिविल निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फेज-IV के इन तीनों प्राथमिकता वाले कॉरिडोर के दिसंबर 2026 तक चरणों में पूरा होने की संभावना है।

आज, दिल्ली मेट्रो प्रतिदिन औसतन 65 लाख यात्रियों को सर्विस देती है। अब तक की सर्वाधिक यात्रा का रिकॉर्ड 8 अगस्त 2025 को 81.87 लाख दर्ज किया गया है। दिल्ली मेट्रो समयपालन, विश्वसनीयता और सुरक्षा जैसे एमआरटीएस के मुख्य मानकों में उत्कृष्टता का प्रतीक बनकर शहर की जीवनरेखा बन गई है।

वर्तमान में दिल्ली और एनसीआर में डीएमआरसी द्वारा लगभग 395 किमी लंबाई वाली कुल 12 मेट्रो लाइनों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें 289 स्टेशन शामिल हैं। आज, दिल्ली मेट्रो भारत का सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है और दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्कों में से भी एक है।