प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए समयबद्ध, तुरंत कदम उठाने और एकाग्रचित्‍त होकर पूर्ण प्रयास करने का आह्वान किया है। श्री मोदी आज यहां ''नमामि गंगे'' परियोजना की एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक की अध्‍यक्षता कर रहे थे।

684-MODI AT  Namaami Gange (1) प्रधानमंत्री ने 'नमामि गंगे' का उल्‍लेख करते हुए कहा कि मुख्‍यत: गंगा के स्रोत पर ही प्रदूषण रोकने के लिए दो प्रमुख क्षेत्रों पर ध्‍यान देना जरूरी है। इसमें शहरों की गंदगी और औद्योगिक कचरे का प्रवाह शामिल है। उन्‍होंने जोर देते हुए कहा ''गंगा को गंदा न करें।''

प्रधानमंत्री को नदी के आसपास के उन स्‍थानों की जानकारी दी गई जहां सबसे अधिक प्रदूषण होता है। इस दौरान अपशिष्‍ट शोधन की क्षमता की खामियों के बारे में भी उल्‍लेख किया गया। गंगा के किनारे स्थित कुल 764 ऐसी औद्योगिक इकाइयों की पहचान की गई, जहां से गंगा में सर्वाधिक प्रदूषण फैलता है। गंगा नदी में सर्वाधिक तीन-चौथाई कचरा तो चमड़ा उद्योग, कागज और चीनी उद्योग ही फैलाते हैं।

प्रधानमंत्री ने उद्योगों के अपशिष्‍ट जल का फिर से इस्‍तेमाल करने की आवश्‍यकता पर बल देते हुए कहा कि औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण रोकने के लिए प्रेरित करना चाहिए और ऐसा न करने पर मौजूदा कानून के दायरे में उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

684-CROP-MODI AT  Namaami Gange (2)प्रधानमंत्री ने निजी तौर पर किए जाने वाले प्रयासों और उद्यमियों के सहयोग से गंगा के किनारे आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल दाह संस्‍कार गृह बनाये जाने की संभावना खोजने का आह्वान किया।

गंगा में प्रदूषण रोकने के लिए 'गंगा वाहिनी' नामक स्‍वयं सेवकों का दल बनाये जाने को स्‍वीकृति दी गई है और स्‍वयं सेवकों के इस संगठन को बनाने के लिए आवश्‍यक कदम उठाये जा रहे हैं। प्रदूषण रोकने के लिए 118 नगर निकायों को चिन्हित किया गया है, जिन्‍हें प्रदूषण रोकने के लक्षित दायरे में अगले 5 साल में शामिल कर लिया जाएगा।

प्रधानमंत्री को इस समय जारी सीवरेज और नदी आधारित विकास परियोजनाओं की भी जानकारी दी गई।

बैठक में मंत्रीगण श्री वैंकेया नायडू, श्री नितिन गडकरी, सुश्री उमा भारती, श्री प्रकाश जावड़ेकर और एवं अन्‍य वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।

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पीएम मोदी ने सरकार की किसान-हितैषी योजनाओं के व्यापक प्रभाव को रेखांकित किया
June 07, 2025

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में सरकार की किसान हितैषी पहलों के दूरगामी प्रभाव को रेखांकित किया है, जो कृषि समुदाय के लिए सम्मान और समृद्धि का एक महत्वपूर्ण चरण है।

उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि और किसान फसल बीमा योजना जैसी प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला और इन्हें किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण प्रयास बताया।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार वृद्धि के कारण देश के खाद्यान्न उत्पादकों को न केवल अपनी फसलों के उचित मूल्य मिल रहे हैं, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है।

श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि देश के मेहनती किसानों की सेवा करना उनकी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने पिछले 11 वर्षों पर विचार करते हुए कहा कि सरकार की विभिन्न पहलों ने न केवल किसानों के बीच समृद्धि बढ़ाई है, बल्कि कृषि क्षेत्र के समग्र परिवर्तन में भी योगदान दिया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने मृदा स्वास्थ्य और सिंचाई जैसे प्रमुख पहलुओं पर बारीकी से ध्यान दिया है, जो काफी लाभदायक रहे हैं।

श्री मोदी ने आगे कहा कि किसानों के कल्याण के लिए हमारे प्रयास आने वाले समय में और अधिक जोश के साथ जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमने अपने किसानों के लिए सम्मान और समृद्धि पर काम किया है।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा;

"हमारे किसान भाई-बहनों को पहले जहां छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी उधार लेने को मजबूर होना पड़ता था, वहीं बीते 11 साल में हमारी सरकार के निर्णयों से उनका जीवन बहुत आसान हुआ है। पीएम किसान सम्मान निधि हो या फिर किसान फसल बीमा, हमने उनके कल्याण के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। अब एमएसपी में निरंतर बढ़ोतरी से देश के अन्नदाताओं को ना सिर्फ फसलों की उचित कीमत मिल रही है, बल्कि उनकी आय भी बढ़ रही है।

#11 वर्ष किसान सम्मान के"

"अपने मेहनती किसानों की सेवा करना हमारा सौभाग्य है। पिछले 11 वर्षों से, हमारी विभिन्न पहलों ने किसानों की समृद्धि को बढ़ावा दिया है और कृषि क्षेत्र में समग्र परिवर्तन भी सुनिश्चित किया है। हमने मृदा स्वास्थ्य और सिंचाई जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है, जो बहुत फायदेमंद रहे हैं। आने वाले समय में किसान कल्याण के लिए हमारे प्रयास और अधिक जोश के साथ जारी रहेंगे।

#11 वर्ष किसान सम्मान के"

"इस श्रंखला को अवश्य पढ़ें और देखें कि हमने अपने किसानों के सम्मान और समृद्धि के लिए किस तरह काम किया है। #11 वर्ष किसान सम्मान के"

 

#11YearsOfKisanSamman"