प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं के बीच नवाचारों की पहचान करने और उन्हें पुरस्कृत करने की एक अनूठी पहल में, आज भारतीय सेना के आठ युवा नवाचार अधिकारियों को उत्कृष्टता प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया। ये प्रमाण पत्र लड़ाई की स्थितियों में किसी स्थान के सैनिक सर्वेक्षण, निगरानी एवं जवानों के लिए बेहतर सुविधाओं के क्षेत्र में इन अधिकारियों द्वारा किये गए अनूठे नवाचारों के लिए प्रदान किए गए हैं।

प्रधानमंत्री द्वारा इन अन्वेषकों को ये प्रमाण पत्र सेना दिवस के अवसर पर सेना प्रमुख के आवास पर आयोजित एक समारोह के दौरान प्रदान किये गए। इस अवसर पर रक्षा मंत्री श्री मनोहर पर्रिकर भी उपस्थित थे।

इन अन्वेषकों ने सेना प्रमुख की उपस्थिति में प्रधानमंत्री के सामने कामकाजी प्रतिरूपों एवं प्रदर्शनियों के माध्यम से अपने काम का प्रदर्शन किया।
यह ऐसा पहला अवसर है जब सेना अधिकारियों की तरफ से किये जाने वाले ऐसे प्रयासों को इतने उच्चतम स्तर पर स्वीकृति मिली है।

अगस्त, 2014 में डीआरडीओ पुरस्कारों को प्रदान करने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने बड़े स्तर पर रक्षा अनुसंधान सम्बन्धित गतिविधियों में युवाओं को शामिल करने की अपील की थी जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक प्रौद्योगिकी उन्नतियों के प्रति सचेत बना रहे। प्रधानमंत्री ने डीआरडीओ को अपने उत्पादों को अन्तिम उपयोगकर्ता अर्थात् जवानों से जोड़ने को भी प्रोत्साहित किया था। उन्होंने कहा था कि जवान रक्षा प्रौद्योगिकी में कई व्यावहारिक अन्वेषणों की सलाह दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी गौर किया था कि तीनों सेनाओं (वायु सेना दिवस, सेना दिवस और नौ-सेना दिवस) के वार्षिक दिवस रक्षा एवं हमारे राष्ट्र की सुरक्षा में हमारे सशस्त्र बलों की सेवाओं का केवल उत्सव मनाने का ही अवसर नहीं है बल्कि यह सशस्त्र बलों की कुशलता एवं प्रभावोत्पादकता को बेहतर बनाने के लिए कार्यक्रमों को आयोजित करने का भी अवसर है। ऐसे समारोहों में सेनाओं के सदस्यों के सम्मान को शामिल किया जा सकता है जिन्होंने रक्षा प्रबंधन, संपदा प्रबंधन, पर्यावरण, वित्त एवं व्यय, रक्षा उपकरण की रूप-रेखा, रक्षा सामरिक नीतियों पर दस्तावेज आदि क्षेत्रों में अन्वेषणपूर्ण योगदान दिया है।


