केंद्र सरकार द्वारा बिहार के लिए घोषित 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज बिहार का भाग्य बदलने का ताकत रखता है: प्रधानमंत्री मोदी
1984 में सिखों की बर्बरतापूर्वक हत्याएँ करनेवाली कांग्रेस हमें 'असहिष्णुता' का पाठ ना पढ़ाए: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
घर-घर बिजली पहुँचाने के अपने वादे को पूरा न कर नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के साथ धोखा किया है: प्रधानमंत्री मोदी
महास्वार्थबंधन ने बिहार को भ्रष्टाचार और जंगलराज के ऐसे दलदल में धकेल दिया है जिससे बिहार को निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरूरत: मोदी
बिहार के विकास के लिए हमारा छह सूत्री कार्यक्रम - जनता के लिए पढाई, कमाई और दवाई एवं प्रदेश के विकास के लिए बिजली, सड़क और पानी: मोदी
नीतीश कुमार तो अब बिजली का 'ब' भी नहीं बोलते: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी #परिवर्तनरैली
जब एक बार किसी से भरोसा उतर जाता है तो बिहार की जनता फिर कभी उसे गले नहीं लगाती, इस चुनाव नीतीश जी का भी यही हश्र होने वाला है: मोदी
बिहार की माताएं-बहनें शांति, सुरक्षा एवं बच्चों के भविष्य के लिए अच्छी सरकार बनाना चाहती हैं और यह सरकार केवल भाजपा दे सकती है: मोदी

पूर्णिया के पावन भूमि के नमन करै छी। अहाँ सब के ह्रदय से अभिनंदन करै छी। मंच पर विराजमान भाजपा एवं एनडीए के हमारे सभी वरिष्ठ नेतागण। ये मैदान भी छोटा पड़ गया, पूर्णिया में इससे बड़ा मैदान नहीं है। आपका प्यार मेरे सर आँखों पर। दूर वाले लोग मुझे देख भी नहीं पा रहे लेकिन इसके बावजूद मुझे आशीर्वाद देने आये, इससे बड़ा जीवन का सौभाग्य क्या हो सकता है।   

चुनाव में कसवा से भाजपा के उम्मीदवार श्री प्रदीप दास, मनमंखी से भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण कुमार, पूर्णिया से भाजपा के उम्मीदवार विजय खेमका, अमोर से भाजपा के उम्मीदवार सबा जफ़र, रूपौली से भाजपा के उम्मीदवार परमानंद मंडल, बायसी से रालोसपा के उम्मीदवार अजीज़ऊर रहमान, दमदाहा के उम्मीदवार शिवशंकर ठाकुर, किशनगंज की उम्मीदवार श्रीमती स्वीटी सिंह, और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे भाईयों एवं बहनों।

मैं लोकसभा के चुनाव में भी आया था लेकिन इस बार लगता है कि लोकसभा चुनाव में जो कसर रह गई थी, उसे पूरा करने का फ़ैसला आपने कर लिया है। मैं ख़ासकर इतनी बड़ी संख्या में जो माताएं-बहनें आयी हैं, उन्हें प्रणाम करता हूँ। लोगों को अजूबा लग रहा है कि बिहार की चुनावी रैलियों में इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहनें कैसे आने लगी हैं। अगर जंगलराज के खिलाफ़ सबसे ज्यादा किसी का गुस्सा है तो वो माताओं-बहनों का है क्योंकि जंगलराज के कारण जो परेशानी और गुंडागर्दी आती है, वो सारी मुसीबतें माताओं-बहनों को झेलनी पड़ती हैं। इस चुनाव में ये गुस्सा नज़र आया है। शांति, सुरक्षा और बच्चों के बेहतर जीवन के लिए माताएं-बहनें एक अच्छी सरकार बनाना चाहती हैं जो उनके बच्चों का भविष्य बदले, बच्चे उनके बुढ़ापे की चिंता कर पाएं, ऐसी स्थिति बनाना चाहती हैं। मैं माताओं-बहनों को विश्वास दिलाता हूँ कि मैं उनके सपनों को पूरा करूंगा।

सरकार में बैठे लोगों की जिम्मेवारी होती है कि वे चुनाव में अपने कामों का हिसाब दें। 15 साल तक लालू जी और 10 साल तक छोटे भाई ने राज किया; 25 साल इन्होंने सरकार चलाई, ये कोई कम समय नहीं होता। मेरी सरकार को अभी 25 महीने नहीं हुए हैं और ये लोग मेरा हिसाब मांग रहे हैं। ख़ुद का 25 साल का हिसाब देने का तैयार नहीं हैं; बिहार का क्या करना है, यहाँ नौजवानों, माताओं-बहनों, के लिए क्या करेंगे, इसपर पूरे चुनाव में कुछ नहीं बताया। बिजली की तो वो कोई बात ही नहीं करते क्योंकि उन्हें डर है कि अगर बोल दिया तो लोग उनसे हिसाब मांगेंगे क्योंकि 2010 में नीतीश जी ने कहा था कि अगर घर-घर बिजली नहीं पहुंचाऊंगा तो 2015 में अगले चुनाव में वोट मांगने नहीं आऊंगा। बिजली नहीं तो वोट नहीं, ऐसे उन्होंने कहा था कि नहीं? उन्होंने अपना वादा तोड़ा है, आपसे धोखा किया है। जो जनता से धोखा कर सकते हैं, उन पर कोई भरोसा कर सकता है क्या? जनता भली होती है, एक बार भरोसा करती है लेकिन नीतीश जी अब वो दिन चले गए। अब बिहार आप पर भरोसा नहीं कर सकता।

जंगलराज के बाद लोग, जो भी मिले, उसके भरोसे जीना चाहते थे, आप मिल गए तो लोगों ने आपकी उंगली पकड़ ली। जंगलराज से बचने के लिए लोग रास्ता खोज रहे थे। नीतीश जी आप नसीब वाले थे कि अटल बिहारी वाजपेयी ने आपके कंधों पर हाथ रखा था क्योंकि लोगों को वाजपेयी जी पर भरोसा था। अब अटल जी का आशीर्वाद आप पर नहीं है, अब बिहार आपको कभी स्वीकार नहीं करेगा। वो दिन-रात यही कहते हैं कि मोदी बिहार क्यों आते हैं। क्या बिहार आना गुनाह है? उन्हें इतना डर क्यों लगता है? उन्हें डर इसलिए है क्योंकि उनका कच्चा चिट्ठा खुल जाएगा। बिहार का हर बच्चा, हर नौजवान और माताएं-बहनें उनसे हिसाब मांग रही हैं। उनके सारे खेलों के बावजूद बिहार की जनता ने हमें गले लगाया है। मैं आज दिल्ली में बैठा हूँ, ये बिहार के लोगों का आशीर्वाद है।

बिहार का हाल खराब है, बिजली, सड़क पानी, रोजगार, शिक्षा, डॉक्टर, सुरक्षा, चैन की ज़िन्दगी, इनमें से कुछ भी नहीं है। ये 25 साल के बाद का परिणाम है और इसलिए वो अपने काम का हिसाब नहीं दे रहे। मैडम सोनिया जी, आपने तो 35 साल राज किया और आज 2 नवंबर है, याद कीजिये 2 नवंबर 1984 का दिन। इंदिरा गाँधी जी की हत्या के कुछ दिनों बाद दिल्ली और पूरे देश में सिखों का क़त्लेआम चल रहा था। कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं पर गंभीर आरोप लगे थे। आज वही कांग्रेस पार्टी असहिष्णुता पर भाषण दे रही है, अरे डूब मरो, आपको ये शोभा नहीं देता है। अभी भी उन सिखों के परिवारों के आंसू पोछे नहीं गए हैं।

बिहार में नीतीश बाबू, लालू जी की क्या मजबूरी थी जो कभी कांग्रेस के खिलाफ़ लड़ते थे, 40 सीटें दे दी उन्हें। नीतीश बाबू, लालू जी की जो भी मजबूरी रही हो लेकिन एक बात के लिए मैं उन्हें सार्वजनिक रूप से धन्यवाद करता हूँ कि हमें 40 सीट बिना चुनौती के हमें दे दी। जिस कांग्रेस का नामो-निशान नहीं है बिहार में, उसकी 40 सीटें तो हमें सोने की थाली में मिल गई है और बाकि सीटों के लिए बिहार के हमारे भाईयों-बहनों को धन्यवाद जो हमें दो-तिहाई बहुमत देने वाले हैं। कभी किसी ने सोचा था कि जहाँ नक्सलवाद और गोली-पिस्तौल की बातें होती हों, वहां लोग इतनी भारी संख्या में मतदान करने आये। पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक लगातार मतदान करने वालों की संख्या बढ़ी है और अब पांचवे चरण में आप सारे रिकॉर्ड तोड़ दोगे न?

मेरा आपसे आग्रह है कि 5 तारीख को पूर्णिया सबसे ज्यादा मतदान करके दिखाए। नतीज़ा 8 तारीख को आएगा, चारों तरफ़ देश दिवाली मनाने वाला है और बिहार दो-दो दिवाली मनाने वाला है। हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ का पैकेज और 40 हज़ार करोड़ पुराना वाला जो कागज़ पर पड़ा था, हमारी जिम्मेवारी नहीं थी लेकिन बिहार के प्रति मेरा यह प्यार है, बिहार के लिए हमें कुछ करना है, हमने निर्णय लिया इसे देने का। इस चुनाव में हम विकास के लिए वोट मांग रहे हैं। हमने सब मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ का पैकेज दिया जो बिहार का भाग्य बदलने का ताकत रखता है। अगर छोटे से गड्ढ़े में गाड़ी फंस जाए तो 3-4 लोग निकालें तो निकाल जाता है लेकिन अगर गाड़ी कुएं में गिरी हो तो उसको निकालने के लिए ट्रेक्टर की ज़रुरत होती है। बिहार ऐसे गड्ढ़े में फंसा है जिसे निकालने के लिए दो-दो इंजन की जरुरत है। एक इंजन बिहार में जो नई सरकार बनेगी वो और दूसरा इंजन दिल्ली में मेरी सरकार जो आपने बनाई है। पटना और दिल्ली के दो इंजन लगेंगे तब यह बिहार गड्ढ़े में से बाहर आएगा।

मेरे अकेले की मेहनत काम नहीं आएगी, पटना की मेहनत अकेले काम नहीं आएगी, पटना और दिल्ली दोनों की ताक़त लगेगी तो बिहार गड्ढ़े में से बाहर आ जाएगा। आपके इस पूर्णिया में मैंने वादा किया है, हमारी सरकार सभी घरों में 24*7 बिजली पहुंचाएगी। इसके लिए हमने करीब सवा दो सौ करोड़ रूपया हम दे चुके हैं। आने वाले दिनों में एनएच – 107, महेशुघाट, सहरसा, पूर्णिया ईस्ट सेक्शन पर डबल लेन के लिए 1000 करोड़ रूपया लगाया जाएगा; पूर्णिया में एलपीजी प्लांट के अपग्रेडेशन के लिए करोड़ों रुपये लगाए जा रहे हैं; पूर्णिया एयरपोर्ट के सिविल एन्क्लेव डेवलपमेंट के लिए 150 करोड़ रूपया लगाने का फ़ैसला किया है; सूची बहुत लंबी है, मैं यहाँ सारे पढ़ नहीं रहा।

मेरा एक ही काम है, विकास। बिहार में आप लोगों के लिए मेरा तीन सूत्रीय कार्यक्रम है – पढ़ाई, कमाई और दवाई। बिहार के गरीब से गरीब बालक को सस्ती एवं अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। हर मां अपने बच्चों को पढ़ाना चाहती है, लेकिन बिहार में पढ़ाई की इतनी हालत खराब है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए माँ-बाप को अपनी ज़मीन गिरवी रखनी पड़ती है। इसलिए मेरा संकल्प है, बिहार के बच्चों को  सस्ती एवं अच्छी पढ़ाई। मेरा दूसरा सपना है, कमाई; नौजवान के लिए रोजगार। बिहार में नौजवान को अपना राज्य और अपने माँ-बाप को छोड़ना पड़ता है। ये पलायन बंद होना चाहिए और बिहार के नौजवान को यहीं पर रोजगार का अवसर मिलना चाहिए। इसलिए मेरा दूसरा संकल्प है, बिहार के नौजवानों के लिए कमाई। मेरा तीसरा सपना है, दवाई; बुजुर्गों के लिए सस्ती दवाई, दवाखाना और डॉक्टर होना चाहिए।

इसलिए आपके लिए - पढ़ाई, कमाई और दवाई और बिहार राज्य के लिए तीन काम - बिजली, पानी एवं सड़क। बिजली आएगी तो कारखाने लगेंगे, और इससे रोजगार मिलेगा। मेरी सरकार आपको बिजली देना चाहती है। बिहार को जो सौभाग्य मिला है, वो किसी और राज्य को नहीं मिला है; बिहार की दो ताक़त है - बिहार का पानी और बिहार की जवानी। ये दोनों पूरे हिन्दुस्तान का भाग्य बदल सकती हैं। किसान को अगर पानी मिल जाए तो वो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है। हमारा दूसरा संकल्प है - खेतों में पानी, उद्योगों को पानी और पीने का पानी पहुँचाना। तीसरा मेरा संकल्प है – सड़क; बिहार में सडकों का जाल हो। गाँव ज़िले से, ज़िला राज्य से, राज्य दिल्ली से जुड़ जाए, ऐसा नेटवर्क बनाना है ताकि बिहार का सीधा मार्ग विकास की ओर चल पड़े, इन कामों को लेकर मैं आगे बढ़ना चाहता हूँ।

इसलिए मेरे भाईयों-बहनों, मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। कल शाम तक प्रचार पूरा हो जाएगा, 5 तारीख को चुनाव है। आप सब दस-दस परिवारों से वोट कराओ, भाजपा, एनडीए को वोट कराओ।  मेरे साथ सब लोग ज़ोर से बोलिये –

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!       

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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मोबिलिटी सेक्टर में अपना फ्यूचर देखने वाले हर इन्वेस्टर के लिए भारत एक शानदार डेस्टिनेशन: पीएम
January 17, 2025
विकसित भारत की यात्रा मोबिलिटी क्षेत्र में अप्रत्‍याशित कायाकल्‍प और अभूतपूर्व वृद्धि की साक्षी बनेगी: प्रधानमंत्री
यात्रा में सुगमता आज भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है: प्रधानमंत्री
‘मेक इन इंडिया’ पहल की ताकत देश के ऑटो उद्योग की विकास संभावनाओं को बढ़ावा देती है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी समाधानों के सात सी- कॉमन, कनेक्‍टेड, कनविनिएंट, कंजेशन फ्री, चार्ज्ड, क्‍लीन और कटिंग एज: प्रधानमंत्री
भारत हरित प्रौद्योगिकी, ईवी, हाइड्रोजन ईंधन और जैव ईंधन के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है: प्रधानमंत्री
मोबिलिटी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के इच्छुक प्रत्येक निवेशक के लिए भारत एक उत्कृष्ट गंतव्य है: प्रधानमंत्री

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे साथी श्रीमान नितिन गडकरी जी, जीतन राम मांझी जी, मनोहर लाल जी, एच. डी. कुमारस्वामी जी, पीयूष गोयल जी, हरदीप सिंह पुरी जी, देश-विदेश से आए ऑटो इंडस्ट्री के सभी दिग्गज, अन्य अतिथिगण, देवियों और सज्जनों!

पिछली बार जब मैं आपके बीच आया था, तब लोकसभा के चुनाव ज्यादा दूर नहीं थे। उस दौरान मैंने आप सबके विश्वास के कारण कहा था कि अगली बार भी भारत मोबिलिटी एक्सपो में जरूर आऊंगा। देश ने तीसरी बार हमें आशीर्वाद दिया, आप सभी ने एक बार फिर मुझे यहां बुलाया, मैं आप सबका आभार व्यक्त करता हूं।

साथियों,

मुझे खुशी है कि इस वर्ष, भारत मोबिलिटी एक्सपो का दायरा काफी बढ़ गया है। पिछले साल, 800 से ज्यादा एक्जिबिटर्स ने हिस्सा लिया, डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने विजिट किया, इस बार भारत मंडपम के साथ-साथ, द्वारका के यशोभूमि और ग्रेटर-नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में भी ये एक्सपो चल रहा है। आने वाले 5-6 दिनों में बहुत बड़ी संख्या में लोग यहां आएंगे। अनेक नई गाड़ियां भी यहां लॉन्च होने वाली हैं। ये दिखाता है कि भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को लेकर कितनी पॉजिटिविटी है। यहां कुछ Exhibitions में विजिट करने, उन्हें देखने का अवसर भी मुझे मिला है। भारत की Automotive Industry, Fantastic भी है और Future Ready भी है। मैं आप सभी को अपनी बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

भारत के ऑटो सेक्टर के इतने बड़े आयोजन में, मैं आज रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी को भी याद करूंगा। भारत के ऑटो सेक्टर की ग्रोथ में, मिडिल क्लास के सपने को पूरा करने में इन दोनों महानुभावों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मुझे भरोसा है कि रतन टाटा जी और ओसामु सुजूकी जी की लिगेसी भारत के पूरे मोबिलिटी सेक्टर को inspire करती रहेगी।

साथियों,

आज का भारत Aspirations से भरा हुआ है, युवा ऊर्जा से भरा हुआ है। यही Aspirations हमें भारत की Automotive Industry में दिखाई देती है। बीते साल में भारत की ऑटो इंडस्ट्री करीब 12 परसेंट की ग्रोथ से आगे बढ़ी है। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र पर चलते हुए अब एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है। इतनी तो दुनिया के कई देशों की पॉपुलेशन नहीं है, जितनी हर साल भारत में गाड़ियां बिक रही हैं। एक साल में करीब ढाई करोड़ गाड़ियां बिकना, ये दिखाता है कि भारत में डिमांड लगातार कैसे बढ़ रही है। ये दिखाता है कि जब मोबिलिटी के फ्यूचर की बात आती है, तो भारत को क्यों इतनी उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है।

साथियों,

भारत आज दुनिया की पांचवीं बड़ी इकोनॉमी है। और पैसेंजर व्हीकल मार्केट के रूप में देखें, तो हम दुनिया में नंबर-3 पर हैं। आप कल्पना कीजिए कि जब भारत दुनिया की टॉप थ्री इकोनॉमी में शामिल होगा, तब हमारा ऑटो मार्केट कहां होगा? विकसित भारत की यात्रा, मोबिलिटी सेक्टर के भी अभूतपूर्व ट्रांसफॉर्मेशन की, कई गुना विस्तार की यात्रा होने वाली है। भारत में मोबिलिटी के फ्यूचर को ड्राइव करने वाले कई फैक्टर्स हैं। जैसे, भारत की सबसे बड़ी युवा आबादी, मिडिल क्लास का लगातार बढ़ता दायरा, तेज़ी से होता अर्बनाइज़ेशन, भारत में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, मेक इन इंडिया से अफोर्डबल व्हीकल, ये सारे फैक्टर्स, भारत में ऑटो सेक्टर की ग्रोथ को push करने वाले हैं, नई ताकत देने वाले हैं।

साथियों,

ऑटो इंडस्ट्री के विकास के लिए Need और Aspirations, ये दोनों बहुत जरूरी होते हैं। और सद्भाग्य से भारत में आज ये दोनों वाइब्रेंट हैं। आने वाले कई दशकों तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश रहने वाला है। यही युवा, आपका सबसे बड़ा कस्टमर है। इतना बड़ा युवा वर्ग, कितनी बड़ी डिमांड क्रिएट करेगा, इसका अनुमान आप भली-भांति लगा सकते हैं। आपका एक और बड़ा कस्टमर, भारत का मिडिल क्लास है। बीते 10 वर्षों में, 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकले हैं। ये निओ मिडिल क्लास अपना पहला व्हीकल ले रहा है। जैसे-जैसे तरक्की होगी, ये अपने व्हीकल को भी अपग्रेड करेंगे। और इसका बेनिफिट ऑटो सेक्टर को मिलना पक्का है।

साथियों,

कभी भारत में गाड़ियां न खरीदने का एक कारण, अच्छी सड़कों, चौड़ी सड़कों का अभाव भी था। अब ये स्थिति भी बदल रही है। ईज़ ऑफ ट्रैवल, आज भारत की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। पिछले वर्ष के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक रखे गए थे। आज भारत में मल्टीलेन हाईवे का, एक्सप्रेस-वे का जाल बिछ रहा है। पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से मल्टीमोडल कनेक्टिविटी को गति मिल रही है। इससे लॉजिस्टिक कॉस्ट कम हो रही है। नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी की वजह से भारत दुनिया में सबसे कंपीटिटिव लॉजिस्टिक्स कॉस्ट वाला देश होने वाला है। इन सारे प्रयासों की वजह से ऑटो इंडस्ट्री के लिए संभावनाओं के अनेक नए द्वार खुल रहे हैं। देश में गाड़ियों की डिमांड बढ़ने के पीछे, ये भी एक बड़ी वजह रही है।

साथियों,

आज अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी को भी इंटीग्रेट किया जा रहा है। फास्टैग से भारत में ड्राइविंग एक्सपीरियंस काफी आसान हुआ है। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड से भारत में सीमलेस ट्रैवल के प्रयासों को और बल मिल रहा है। अब हम स्मार्ट मोबिलिटी की तरफ बढ़ रहे हैं। कनेक्टेड व्हीकल्स, ऑटोनॉमस ड्राइविंग की दिशा में भी भारत तेजी से काम कर रहा है।

साथियों,

भारत में ऑटो इंडस्ट्री के विकास की संभावनाओं में, मेक इन इंडिया की मज़बूती का भी बड़ा रोल है। मेक इन इंडिया अभियान को PLI स्कीम्स से नई गति मिली है। PLI स्कीम ने सवा दो लाख करोड़ रुपए से अधिक की सेल में मदद की है। इस स्कीम से ही, इस सेक्टर में डेढ़ लाख से ज्यादा डायरेक्ट जॉब क्रिएट हुए हैं। आप जानते हैं, आप अपने सेक्टर में तो जॉब्स क्रिएट करते ही हैं, इसका दूसरे सेक्टर्स में भी मल्टीप्लायर इफेक्ट होता है। बड़ी संख्या में ऑटो पार्ट्स, हमारा MSME सेक्टर बनाता है। जब ऑटो सेक्टर बढ़ता है, तो MSMEs लॉजिस्टिक्स, टूर और ट्रांसपोर्ट इन सभी सेक्टर में भी नई जॉब्स अपने आप बढ़ने लग जाती हैं।

साथियों,

भारत सरकार ऑटो सेक्टर को हर लेवल पर सपोर्ट दे रही है। बीते एक दशक में इस इंडस्ट्री में FDI, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ग्लोबल पार्टनरशिप के नए रास्ते बनाए गए हैं। पिछले 4 सालों में इस सेक्टर में Thirty Six Billion Dollar से ज्यादा का Foreign Direct Investment आया है। आने वाले सालों में, ये कई गुणा और बढ़ने वाला है। हमारा प्रयास है कि भारत में ही ऑटो मैन्युफेक्चरिंग से जुड़ा पूरा इकोसिस्टम डेवलप हो।

साथियों

मुझे याद है, मैंने मोबिलिटी से जुड़े एक कार्यक्रम में Seven-Cs के विजन की चर्चा की थी। हमारे Mobility Solutions ऐसे हों जो, Common हो, Connected हो, Convenient हो, Congestion-free हों, Charged हों, Clean हों, और Cutting-edge हों। ग्रीन मोबिलिटी पर हमारा फोकस, इसी विजन का हिस्सा है। आज हम एक ऐसे Mobility System के निर्माण में जुटे हैं, जो इकोनॉमी और इकोलॉजी, दोनों को सपोर्ट करे। एक ऐसा सिस्टम जो फॉसिल फ्यूल के हमारे इंपोर्ट बिल को कम करे। इसलिए, आज Green Technology, EVs, Hydrogen Fuel, Biofuels, ऐसी टेक्नोलॉजी के डेवपलमेंट पर हमारा काफी फोकस है। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसे अभियान इसी विजन के साथ शुरू किए गए हैं।

साथियों,

बीते कुछ सालों से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर भारत में बहुत तेज़ ग्रोथ देखी जा रही है। बीते दशक में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में six hundred forty गुना की वृद्धि हुई है, 640 गुना। दस साल पहले जहां एक साल में सिर्फ 2600 के आसपास इलेक्ट्रिक व्हीकल बिके थे, वर्ष 2024 में, 16 लाख 80 हजार से ज्यादा व्हीकल बिके हैं। यानि 10 साल पहले जितने इलेक्ट्रिक व्हीकल पूरे साल में बिकते थे, आज उससे भी दोगुने इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ एक दिन में बिक रहे हैं। अनुमान है कि इस दशक के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या 8 गुना तक बढ़ सकती है। ये दिखाता है कि इस सेगमेंट में आपके लिए कितनी ज्यादा संभावनाएं बढ़ रही हैं।

साथियों,

देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विस्तार के लिए सरकार लगातार पॉलिसी डिसीजन्स ले रही है, इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है। 5 साल पहले फेम-2 स्कीम शुरु की गई थी। इसके तहत 8 हज़ार करोड़ रुपए से भी अधिक का इंसेंटिव दिया गया है। इस राशि से, इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने में सब्सिडी दी गई, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इससे 16 लाख से अधिक EVs को सपोर्ट मिला, जिनमें से 5 हज़ार से अधिक तो इलेक्ट्रिक बसें हैं। यहां दिल्ली में भी भारत सरकार द्वारा दी गई, 1200 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अपने तीसरे टर्म में हम पीएम ई-ड्राइव स्कीम लेकर आए हैं। इसके तहत टू व्हीलर, थ्री-व्हीलर, ई-एंबुलेंस, ई-ट्रक, ऐसे करीब 28 लाख EVs खरीदने के लिए मदद दी जाएगी। करीब 14 हज़ार इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदी जाएंगी। देशभर में अलग-अलग वाहनों के लिए 70 हज़ार से अधिक फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे। तीसरे टर्म में ही, पीएम ई-बस सेवा भी शुरु की गई है। इसके तहत, देश के छोटे शहरों में करीब thirty eight thousand ई-बसें चलाने के लिए केंद्र सरकार मदद देगी। सरकार, EV मैन्युफेक्चरिंग के लिए इंडस्ट्री को लगातार सपोर्ट कर रही है। ईवी कार मैन्युफेक्चरिंग में जो ग्लोबल इन्वेस्टर भारत आना चाहते हैं, उसके लिए भी रास्ते बनाए गए हैं। भारत में क्वालिटी ईवी मैन्युफेक्चरिंग इकोसिस्टम के विस्तार में, वैल्यू चेन के निर्माण में मदद मिलेगी।

साथियो,

ग्लोबल वॉर्मिंग की, क्लाइमेट की चुनौती से निपटने के लिए हमें सोलर पावर को, अल्टरनेटिव फ्यूल को लगातार प्रमोट करते रहना है। भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान ग्रीन फ्यूचर पर बहुत ज़ोर दिया है। आज भारत में EV के साथ ही सोलर पावर को लेकर भी बहुत बड़े लेवल पर काम चल रहा है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली स्कीम से, रूफटॉप सोलर का एक बड़ा मिशन चल रहा है। ऐसे में इस सेक्टर में भी बैटरी की, स्टोरेज सिस्टम की डिमांड लगातार बढ़ने वाली है। सरकार ने एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज को बढ़ावा देने के लिए 18 हजार करोड़ रूपए की PLI स्कीम शुरु की है। यानि इस सेक्टर में बड़े इन्वेस्टमेंट्स का आपके लिए ये सही समय है। मैं देश के ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को भी एनर्जी स्टोरेज सेक्टर में स्टार्ट अप्स के लिए invite करूंगा। हमें ऐसे इनोवेशन्स पर काम करना है, जो भारत में ही मौजूद मैटेरियल से बैटरी बना सकें, स्टोरेज सिस्टम बना सकें। इसको लेकर देश में काफी काम हो भी रहा है, लेकिन इसको मिशन मोड पर आगे बढ़ाना ज़रूरी है।

साथियों,

केंद्र सरकार का इंटेंट और कमिटमेंट एकदम साफ है। चाहे नई पॉलिसी बनानी हों या फिर रिफॉर्म्स करने हों, हमारे प्रयास लगातार जारी हैं। अब आपको इन्हें आगे बढ़ाना है, इनका फायदा उठाना है। अब जैसे व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी है। जितने भी manufacturers हैं, आप सभी से मेरा आग्रह है कि इस पॉलिसी का लाभ उठाएं। आप अपनी कंपनी में भी, अपनी भी एक incentive स्कीम लेकर आ सकते हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी पुरानी गाड़ियां लेकर स्क्रैप करने के लिए आगे आएंगे। ये मोटिवेशन बहुत ज़रूरी है। ये देश के environment के लिए भी आपकी तरफ से बहुत बड़ी सर्विस होगी।

साथियों,

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री, इनोवेशन ड्रिवन है, टेक्नोलॉजी ड्रिवन है। इनोवेशन हो, टेक हो, स्किल हो या फिर डिमांड, आने वाला समय East का है, एशिया का है, भारत का है। मोबिलिटी में अपना फ्यूचर देखने वाले हर सेक्टर के लिए भारत एक शानदार इन्वेस्टर के लिए भी, शानदार डेस्टिनेशन है। मैं आप सभी को फिर विश्वास दिलाता हूं, सरकार हर तरह से आपके साथ है। आप मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के मंत्र के साथ इसी तरह आगे बढ़ते रहें। आप सभी को फिर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद!