1)व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता
- घनिष्ठ आर्थिक और वाणिज्यिक जुड़ाव की मजबूती एवं उसका विकास।
- व्यापार बाधाओं को कम करके और एक स्थिर ढांचा बनाकर दोनों देशों के बीच व्यापार में वृद्धि।
- अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में अवसरों को खोलना, आर्थिक विकास को बढ़ावा, रोजगार सृजन और दोनों देशों के बीच निवेश प्रवाह को बढ़ावा।
2)सामुद्रिक विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में समझौता
- लोथल में राष्ट्रीय सामुद्रिक विरासत परिसर सहित सामुद्रिक संग्रहालयों के समर्थन हेतु सहयोगात्मक साझेदारी की स्थापना।
- साझा सामुद्रिक विरासत को बढ़ावा, पर्यटन को बढ़ावा और द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए कलाकृतियों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान, संयुक्त प्रदर्शनियों, अनुसंधान और क्षमता निर्माण की सुविधा।
3) कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में समझौता
- कृषि क्षेत्र के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन के संबद्ध क्षेत्रों में फ्रेमवर्क अम्ब्रेला डॉक्यूमेंट।
- कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति, बागवानी, एकीकृत कृषि प्रणालियों और सूक्ष्म सिंचाई के क्षेत्र में सहयोग।
4) उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समझौता
- मानव और सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक नए ज्ञान और नवीन प्रणालियों को तैयार करने के लिए पारस्परिक हित के क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान, विशेष रूप से अनुप्रयुक्त अनुसंधान से जुड़े संकाय, अनुसंधानकर्ताओं और विद्वानों के आदान-प्रदान की सुविधा।
5) श्री अन्न (मिलेट) की खेती और कृषि में सहयोग के कार्यान्वयन हेतु कार्यक्रम- खाद्य नवाचार
- श्री अन्न के उत्पादन, अनुसंधान और संवर्धन को आगे बढ़ाने के लिए भारत की वैज्ञानिक विशेषज्ञता और ओमान की अनुकूल कृषि-जलवायु की स्थितियों में सहयोग हेतु ढांचें की स्थापना।
6) सामुद्रिक सहयोग पर संयुक्त विजन दस्तावेज को अपनाना
- क्षेत्रीय सामुद्रिक सुरक्षा, नीली अर्थव्यवस्था और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग के क्षेत्र में सहयोग को मजबूती।


