क्रं. सं.

शीर्षक

पक्ष

भारतीय पक्ष द्वारा आदान-प्रदान

जर्मन पक्ष द्वारा आदान-प्रदान

1.

2020-2024 की अवधि के लिए परामर्श पर आशय की संयुक्त घोषणा

विदेश मंत्रालय और जर्मन विदेश मंत्रालय

डॉ एस जयशंकर, विदेश मंत्री

श्री हेकी मास, विदेश मंत्री

2.

रणनीतिक परियोजनाओं पर सहयोग के बारे में आशय की संयुक्त घोषणा (जेडीआई)

रेल मंत्रालय और आर्थिक मामले और ऊर्जा मंत्रालय

श्री विनोद कुमार यादव, अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड

श्री क्रिश्चियन हिर्ते संसदीय राज्य सचिव, आर्थिक मामले और ऊर्जा मंत्रालय

3.

हरित शहरी  मोबिलिटी के लिए इंडो-जर्मन भागीदारी पर आशय की संयुक्त घोषणा

आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय और आर्थिक सहयोग एवं विकास के लिए जर्मन मंत्रालय

श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव, आवास और शहरी मामले मंत्रालय

श्री नॉर्बर्ट बार्थल, संसदीय राज्य सचिव, आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय

4.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अनुसंधान और विकास में संयुक्त सहयोग के लिए आशय की संयुक्त घोषणा

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जर्मन शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय

प्रो. आशुतोष शर्मा सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय

सुश्री अंजाकार्लिजेक, शिक्षा और अनुसंधान मंत्री

5.

समुद्री कूड़े की रोकथाम के क्षेत्र में सहयोग के संबंध में आशय की संयुक्त घोषणा

आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय तथा पर्यावरण, प्राकृतिक संरक्षण और परमाणु सुरक्षा मंत्रालय, (बीएमयू)

श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव,  आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय

श्री जोसेनफ्लेसबार्थ, संसदीय राज्य सचिव, पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा मंत्रालय


हस्ताक्षर किए गए अनुबंधों/समझौता ज्ञापनों सूची 

  1. इसरो और जर्मन एयरोस्पेस सेंटर के बीच कार्मिक आदान-प्रदान की व्यवस्था लागू करना
  2. नागर विमानन के क्षेत्र में सहयोग पर आशय की संयुक्त घोषणा
  3. अंतर्राष्ट्रीय स्मार्ट शहरों के नेटवर्क में सहयोग के बारे में आशय की संयुक्त घोषणा
  4. कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग के बारे में आशय की संयुक्त घोषणा
  5. स्टार्ट-अप के क्षेत्र में आर्थिक सहयोग को मजबूत बनाने के बारे में आशय की घोषणा
  6. कृषि बाजार विकास के संबंध में द्विपक्षीय सहयोग बनाने के बारे में आशय की संयुक्त घोषणा
  7. व्यावसायिक रोगों तथा दिव्‍यांग बी‍मित व्‍यक्तियों/कामगारों के पुनर्वास और व्‍यावसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन
  8. अंतर्देशीय, तटीय और समुद्री प्रौद्योगिकी में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन
  9. वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने, स्थापित करने और विस्तार करने के बारे में समझौता ज्ञापन
  10.  आयुर्वेद, योग और ध्यान में अकादमिक सहयोग की स्थापना पर समझौता ज्ञापन
  11.  उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में भारत-जर्मनी भागीदारी की अवधि के विस्तार के लिए उच्‍च शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत और जर्मनी के बीच समझौता ज्ञापन
  12.  कृषि तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण में सहयोग पर निएनबर्ग शहर में जर्मन कृषि अकादमी डीईयूएलए और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट मैनेज के बीच समझौता ज्ञापन
  13.  सतत विकास के लिए कौशल पर आर्थिक सहयोग और विकास के बारे में भारत सीमेंस लिमिटेड इंडिया, एमएसडीई और जर्मन मंत्रालय के बीच आशय की संयुक्त घोषणा
  14.  उच्च शिक्षा में भारत-जर्मन भागीदारी के विस्तार के लिए समझौता ज्ञापन
  15.  नेशनल म्यूजियम, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, इंडियन म्यूजियम कोलकाता, प्रशियन कल्चरल हेरिटेज फाउंडेशन और बर्लिनर श्लॉस में स्टेफ्टुंग हम्बोल्ट फोरम के बीच सहयोग के बारे में समझौता ज्ञापन।
  16.  अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) और ड्यूशेरफुबॉल-बुंद ई.वी. (डीएफबी) के बीच समझौता ज्ञापन
  17.  इंडो-जर्मन प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते के प्रमुख तत्वों पर आशय का विवरण।
Explore More
140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी

लोकप्रिय भाषण

140 करोड़ देशवासियों का भाग्‍य बदलने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे: स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी
India's electronics goods exports clock 35% surge to record high in Dec

Media Coverage

India's electronics goods exports clock 35% surge to record high in Dec
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
भारत की अद्वितीय प्रगति: इकोनॉमी, इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्लोबल लीडरशिप में उपलब्धियां
January 17, 2025

भारत ने एक बार फिर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करके अपनी गतिशील वृद्धि, लचीलेपन और वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। आर्थिक प्रगति और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी से लेकर डिजिटल इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास तक, देश वैश्विक महाशक्ति के रूप में अपनी जगह पक्की कर रहा है।

भारत ने कौशल और रोजगार की तैयारी में वैश्विक नेता के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया है, QS स्किल इंडेक्स ने देश को रोजगार के लिए दुनिया के सबसे तैयार देशों में से एक माना है। यह मान्यता एजुकेशन, वोकेशनल ट्रेनिंग और वर्कफोर्स डेवलपमेंट में वर्षों के निवेश का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे भारत की युवा-केंद्रित नीतियों की "उत्साहजनक" मान्यता के रूप में सराहा, जो भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स की नींव रख रही हैं।

वर्ष 2025 के लिए अनुमानित वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच, भारत विकास और स्थिरता के प्रतीक के रूप में सामने आया है। विश्व आर्थिक मंच ने देश की मजबूत गति पर प्रकाश डाला, जबकि फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के पूर्वानुमानों में वित्त वर्ष 26 के लिए 6.5% से 6.9% की सीमा में जीडीपी वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है। इस आशावाद का समर्थन करते हुए, अनुभवी निवेशक मार्क मोबियस ने भारत की 6-7% विकास दर की प्रशंसा की, और इसका श्रेय मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और बिजनेस-फ्रेंडली माहौल को दिया।

भारत की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी लगातार बढ़ रही है, जिसका उदाहरण यूएई के साथ बढ़ते रिश्ते हैं। दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ा रहे हैं, खास तौर पर फूड ट्रेड में। यह सहयोग भारत के मजबूत कृषि निर्यात के साथ मेल खाता है, जो अप्रैल और दिसंबर 2024 के बीच 11% से अधिक बढ़कर 17.77 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

डिजिटल इनोवेशन एक और क्षेत्र है जहां भारत वैश्विक स्तर पर धूम मचा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने Magnati के साथ रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से अपने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की पहुंच यूएई तक बढ़ा दी है। यह डेवलपमेंट; फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी में भारत के नेतृत्व और वैश्विक स्तर पर डिजिटल समावेशन को आगे बढ़ाने की उसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

भारत के तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने एक माइलस्टोन दर्ज किया है, क्योंकि दिसंबर 2024 में निर्यात 24 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि देश के आर्थिक दृष्टिकोण को मजबूत करती है और हाई-वैल्यू इंडस्ट्रीज में प्रतिस्पर्धा करने की इसकी क्षमता को रेखांकित करती है।

आर्थिक और तकनीकी प्रगति के अलावा, भारत का डायनमिक स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार फल-फूल रहा है। 1.57 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप्स के साथ 17.2 लाख नौकरियां पैदा करने के साथ, देश अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत जल्द ही इनोवेशन के लिए लीडिंग केंद्र के रूप में उभर सकता है, जो एंटरप्रेन्योरशिप और टेक्नोलॉजी अपनाने को बढ़ावा देने वाली नीतियों और पहलों से प्रेरित है।

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भी भारत की क्षमता में अपना भरोसा जता रही हैं। DHL ग्रुप ने हाल ही में देश में रणनीतिक निवेश जारी रखने का वादा किया है, जो ग्लोबल लॉजिस्टिक्स हब के रूप में भारत के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

भविष्य की ओर देखते हुए, भारत और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए तैयार है। देश 2026 तक चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, वित्त वर्ष 25 में अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर 6.8% है। ये संकेतक एक ऐसे देश को दर्शाते हैं जो न केवल बढ़ रहा है बल्कि अपनी मजबूत नीतियों, इनोवेटिव इंडस्ट्रीज और रेजिलिएंट स्पिरिट से प्रेरित होकर फल-फूल रहा है।

हाल की भारत की उपलब्धियाँ; समृद्ध, समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के उसके दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं। पूरी दुनिया देख रही है, भारत ग्लोबल डेवलपमेंट में अग्रणी के रूप में उभर रहा है, आशा जगा रहा है और दुनिया भर के देशों के लिए बेंचमार्क्स स्थापित कर रहा है।