| 1. | संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रथम महिला मिशेल ओबामा के साथ 25 से 27 जनवरी, 2015 तक भारत के दौरे पर हैं। भारत के राष्ट्रपति एवं भारत के प्रधानमंत्री ने 66वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में यूएस राष्ट्रपति का स्वागत किया, वह इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले पहले यूएस राष्ट्रपति हैं। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 2. | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने दोनों देशों के बीच व्यापक द्विपक्षीय सामरिक एवं वैश्चिक साझेदारी का मूल्यांकन किया तथा अपने नागरिकों के एवं वैश्विक समुदाय के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मानव प्रयास के सभी क्षेत्रों में अधिक सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 3. | यह नोट करते हुए कि भारत और संयुक्त राज्य के बीच बहुआयामी साझेदारी लोकतंत्र के साझे मूल्यों एवं मजबूत आर्थिक व जन दर जन संबंधों पर आधारित है, राष्ट्रपति ओबामा एवं प्रधानमंत्री मोदी ने एक नई भारत - यूएस दिल्ली मैत्री घोषणा के समर्थन के माध्यम से द्विपक्षीय सझेदारी के स्तर को ऊपर उठाया, जो 30 सितंबर के उनके विजन वक्तव्य पर आधारित है जिसमें मानव जाति के अधिक लाभ के लिए परस्पर समृद्धि, स्वच्छ एवं स्वस्थ पर्यावरण, अधिक आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों के मार्गदर्शन के लिए मूर्त सिद्धांतों का उल्लेख किया गया है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 4. | एशिया - प्रशांत एवं हिंद महासागर में शांति, समृद्धि, स्थिरता एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने में दोनों देश जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं उसे ध्यान में रखते हुए तथा यह नोट करते हुए कि भारत की पूरब में काम करो नीति और संयुक्त राज्य की एशिया को फिर से संतुलित करने की नीति भारत, संयुक्त राज्य तथा एशिया - प्रशांत के अन्य देशों को क्षेत्रीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए निकटता से काम करने का अवसर प्रदान करती है, दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी के मार्गदर्शन के लिए एक संयुक्त सामरिक विजन की घोषणा की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 5. | प्रधानमंत्री मोदी तथा राष्ट्रपति ओबामा ने सितंबर, 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन यात्रा के बाद सामरिक संबंधों में गुणात्मक ऊर्जा तथा सारवान वार्ता की तीव्रता पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने सितंबर में शिखर बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों पर दोनों पक्षों द्वारा केंद्रित कार्रवाई एवं उपलब्धियों की सराहना की और इस संबंध में उन्होंने निम्नलिखित का स्वागत किया :
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| 6. | प्रधानमंत्री मोदी तथा राष्ट्रपति ओबामा ने सामरिक साझेदारी में फिर से जान फूंकने के लिए हाल के महीनों में दोनों पक्षों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों की संयुक्त रूप से सराहना की तथा हमारी विविध द्विपक्षीय सामरिक साझेदारी की सारवान नींव का विस्तार करने का समर्थन किया जिसमें विस्तारित सामरिक परामर्श, अधिक रक्षा सुरक्षा एवं आर्थिक सहयोग शामिल हैं। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 7. | राष्ट्रपति ओबामा ने भारत को बदलने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विजन के लिए भी अपने समर्थन को दोहराया तथा इस बात को स्वीकार किया कि विकास की प्राथमिकताओं पर भारत का फोकस मजबूत भारत - यूएस आर्थिक संबंधों तथा अधिक जन दर जन संपर्कों का निर्माण करने के लिए सारवान अवसर प्रस्तुत करता है। इस बात की फिर से पुष्टि करते हुए कि भारत का उत्थान संयुक्त राज्य, क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिरता तथा वैश्विक आर्थिक प्रगति के भी हित में है, राष्ट्रपति ओबामा ने इस परिवर्तन में भारत के साथ भागीदारी करने के लिए संयुक्त राज्य की तत्परता को दोहराया। दोनों नेताओं ने ''चलें साथ-साथ'' की अपनी - अपनी प्रतिबद्धता को अमली जामा पहनाने की प्रतिज्ञा की : सितंबर के ''हम साथ - साथ आगे बढ़ेंगे'' को ''साझा प्रयास; सबका विकास'' के माध्यम से कार्य रूप देना : ''साझा प्रयास; सबका विकास''। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| आर्थिक विकास | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 8. | प्रधानमंत्री मोदी तथा राष्ट्रपति ओबामा ने विश्वास व्यक्त किया कि सतत द्विपक्षीय सहयोग से निवेश के लिए अवसरों में वृद्धि होगी, द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधों में सुधार होगा तथा इससे दोनों देशों में नौकरियां सृजित होंगी और समृद्धि आएगी। इस संबंध में, दोनों नेता दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापार, प्रौद्योगिकी, विनिर्माण एवं निवेश संबंध के माध्यम से विकास के लिए अपनी विस्तृत साझेदारी को सुदृढ़ करना जारी रखने और साझेदार देशों के साथ त्रिपक्षीय सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए और यह कि वे घरेलू कानून के अनुसार श्रम मानकों को बनाए रखने के लिए सतत प्रयास करेंगे तथा सहमत अंतर्राष्ट्रीय मानकों से ये संबंध अधिक टिकाऊ होंगे। दोनों पक्षों ने दोहा अधिदेश की भावना के तहत बाली पश्चात कार्य योजना को अंतिम रूप देने पर सहयोग जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 9. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय निवेश प्रवाह में वृद्धि को सुगम बनाने तथा निवेश के लिए खुला एवं अनुमेय वातावरण सृजित करने के लिए अपनी साझी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस प्रयोजन के लिए, दोनों नेताओं ने अपने - अपने अधिकारियों को अपने - अपने दृष्टिकोणों को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय द्विपक्षीय निवेश संधि वार्ता को आगे बढ़ाने की संभावनाओं का आकलन करने की हिदायत दी। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 10. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने फरवरी में पांचवी वार्षिक भारत - यूएस आर्थिक एवं वित्तीय साझेदारी वार्ता का भी स्वागत किया जिसमें दोनों देश स्थूल आर्थिक नीति, वित्तीय क्षेत्र विनियमन एवं विकास, अवसंरचना निवेश, कर नीति तथा धन शोधन एवं आतंकवाद के वित्त पोषण से लड़ने के उपायों पर अपनी वार्ता को गहन करेंगे। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 11. | दोनों पक्ष एक भारत - यूएस समग्रता करार के लिए दोनों देशों में अपेक्षित घटकों पर चर्चा का आयोजन करने के लिए सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 12. | राष्ट्रपति ओबामा ने भारत के गरीबों के लिए वित्तीय समावेशन को प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ''जन धन'' योजना की सराहना की। दोनों नेताओं ने बेटर दैन कैश एलायंस में शामिल होने की भारत की मंशा को नोट किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 13. | दोनों नेताओं ने कौशल प्रमाणन मानकों के लिए गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियां स्थापित करने से लेकर अनेक क्षेत्रों में कौशल विकास में सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने, कौशल विकास केंद्र स्थापित करने, सामाजिक उद्यमशीलता को बढ़ावा देने एवं पोषित करने तथा नवाचार एवं उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्धता की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 14. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी भारत के महत्वाकांक्षी डिजीटल इंडिया कार्यक्रम को लागू करने में सहयोग करने तथा वाणिज्यिक सहयोग का विस्तार करने के लिए सहमत हुए जिसमें सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आई सी टी) के क्षेत्र में निवेश भागीदारी को प्रोत्साहित करना शामिल है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 15. | चल रही वाणिज्यिक चर्चाओं के महत्व को स्वीकार करते हुए दोनों पक्ष सहयोग के परस्पर सहमत क्षेत्रों पर मार्च, 2016 तक दो साल की अवधि के लिए भारत - यूएस वाणिज्यिक वार्ता के तत्वावधान में वर्ष 2015 के पूर्वार्ध में सार्वजनिक - निजी चर्चा का आयोजन करने पर सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 16. | नवंबर, 2014 में आयोजित भारत - यूएस व्यापार नीति मंच के पिछले चक्र के तहत बौद्धिक संपदा पर रचनात्मक भागीदारी में हुई प्रगति को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने दोनों देशों के परस्पर लाभ के लिए बौद्धिक संपदा पर गठित उच्च स्तरीय कार्य समूह के तहत 2015 में बौद्धिक संपदा अधिकार (आई पी आर) पर भागीदारी बढ़ाने की भी उम्मीद की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 17. | भारत रेल अवसंरचना को बढ़ाने तथा इसका उपयोग अभीष्ठ करने में प्रौद्योगिकीय सहयोग की संभावना को देखते हुए दोनों नेता यूएस व्यापार एवं विकास एजेंसी तथा भारतीय रेल के बीच तकनीकी सहयोग को सुगम बनाने पर सहमत हुए जिससे निजी क्षेत्र से वित्त पोषण आकर्षित करने के लिए भारतीय रेल की पट्टा पर देने की रूपरेखा और सार्वजनिक - निजी साझेदारी की रूपरेखा को संशोधित करने संबंधी भारतीय रेल के प्रयासों में मदद मिलेगी। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 18. | दोनों नेताओं ने मजबूत सार्वजनिक - निजी भारत - यूएस नागर विमानन साझेदारी के महत्व को स्वीकार किया तथा वे नई प्रौद्योगिकियों की पहचान करने तथा प्रमुख कार्यक्रमों जैसे कि भारत - यूएस विमानन शिखर बैठक 2015 तथा उन्नत यूएस प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के माध्यम से एक विस्तृत वाणिज्यिक भागीदारी एजेंडा विकसित करने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 19. | नागर विमानन की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करते हुए भारत एवं यूएस यथासंभव जल्दी से जल्दी कैटेगरी-1 स्टेटस बहाल करने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आई सी ए ओ) द्वारा निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का सुनिश्चय करने के लिए संघीय विमानन प्रशासन (एफ ए ए) और भारतीय नागर विमानन महानिदेशालय (डी जी सी ए) के बीच परामर्श जारी रखेंगे। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 20. | उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चल रहे सहयोग के महत्व को नोट करते हुए राष्ट्रपति ओबामा एवं प्रधानमंत्री मोदी ने यूएस एआईडी के माध्यम से गांधीनगर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की मदद के लिए ज्ञान साझेदारी का विस्तार करने के लिए चल रहे प्रयासों का स्वागत किया। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय विश्वविद्यालयों में 1000 विजिटिंग यूएस शिक्षाविदों द्वारा अल्प अवधि के शिक्षण एवं अनुसंधान कार्यक्रमों को सुगम बनाने के लिए भारत की वैश्विक शैक्षिक नेटवर्क पहल (जी आई ए एन) के माध्यम से सहयोग करने की भी प्रतिज्ञा की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 21. | दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं को सुदृढ़ करने के महत्व पर जोर दिया जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष भी शामिल है। राष्ट्रपति ओबामा ने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में भारत का प्रतिनिधित्व एवं वोट बढ़ाने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की कि अवसंरचना वित्त पोषण के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों के माध्यम से संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे तथा रचनात्मक ढंग से उनका उपयोग किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग की सिफारिशों के अनुसरण में गठित संकल्प निगम पर कार्य बल पर वित्त मंत्रालय के साथ सहयोग के लिए यूएस राजकोष विभाग के प्रयासों की सराहना की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 22. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में साझेदारियां 21वीं शताब्दी में समग्र द्विपक्षीय भागीदारी का एक महत्वपूर्ण घटक हैं। उन्होंने उस भूमिका के लिए भी अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार साझेदारी खाद्य, पानी, ऊर्जा, जलवायु एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने तथा किफायती, सुगम एवं अनुकूलनीय नवाचारी समाधान तैयार करने और दोनों देशों के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने तथा वैश्विक समुदाय को लाभ पहुंचाने में निभा सकती हैं। इस प्रयोजन के लिए, दोनों नेता विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के अनेक क्षेत्रों में सहयोगी प्रयासों का विकास करना जारी रखने पर सहमत हुए जिसमें मानव स्वास्थ्य एवं कल्याण पर पानी, वायु प्रदूषण, सेनिटेशन एवं साफ-सफाई के प्रभावों का अध्ययन शामिल है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 23. | दोनों नेता जल विज्ञान एवं जल अध्ययन तथा मानसून मॉडलिंग में भारत - यूएस सहयोग जारी रखने पर भी सहमत हुए तथा मानव क्षमता निर्माण को सुगम बनाने के लिए एक भारत - यूएस जलवायु फेलोशिप आरंभ करने की दिशा में तेजी से काम करने की आवश्यकता को नोट किया। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने नेटवर्क एवं परामर्श के कार्यक्रमों के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित में महिलाओं की भागीदारी सुदृढ़ करने के लिए चल रहे प्रयासों के महत्व की भी फिर से पुष्टि की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 24. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने दोहरे प्रयोग वाली कतिपय मदों में व्यापार के लिए यूएस लाइसेंस की आवश्यकता सहित उच्च प्रौद्योगिकी वाले माल में व्यापार से जुड़ी चुनौतियों के समय पर समाधान ढूंढ़ने के लिए द्विपक्षीय उच्च प्रौद्योगिकी सहयोग समूह के तहत चल रहे प्रयासों का स्वागत किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 25. | दोनों नेताओं ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी एवं अनुमेय नीतिगत परिवेश प्रदान करने के महत्व की फिर से पुष्टि की। दोनों नेताओं ने आई पी आर मुद्दों पर सूचना एवं सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में अपने - अपने हितों को दोहराया तथा बौद्धिक संपदा संरक्षण से संबंधित नीतिगत मामलों पर हितधारक परामर्श के लिए अपनी - अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 26. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत एवं संयुक्त राज्य के बीच सहयोग एवं वाणिज्यिक संबंधों को और बढ़ावा देने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने अपनी - अपनी अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच चल रही बातचीत को नोट किया जिसमें पृथ्वी विज्ञान के लिए एक डुअल फ्रीक्वेंसी रडार इमेजिंग सेटेलाइट को साकार करना तथा मंगल ग्रह के अध्ययन में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाना शामिल है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 27. | दोनों नेताओं ने चल रहे भारत - यूएस अंतरिक्ष सहयोग को नोट किया जिसमें बंगलौर में 29 से 31 जनवरी, 2015 के दौरान इसरो - नासा मंगल कार्य समूह की पहली फेस - टू - फेस बैठक शाामिल है जिसमें दोनों पक्ष मंगल अन्वेषण में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर विचार करेंगे जिसमें इसरो के मंगल आर्बिटर मिशन तथा नासा के मंगल एटमास्फियर एंड वोलेटाइल एवोल्यूशन मिशन (एम ए वी ई एन) के बीच संभावित समन्वित प्रेक्षण एवं विश्लेषण भी शामिल है। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने भारत - यूएस असैन्य अंतरिक्ष संयुक्त कार्य समूह के माध्यम से अंतरिक्ष सहयोग बढ़ाने की दिशा में सतत प्रगति का भी स्वागत किया, जिसकी बैठक इस साल भारत में आगे चलकर होने वाली है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 28. | यूएस ऊर्जा विभाग तथा भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के बीच एक कार्यान्वयन करार की छत्रछाया के तहत दोनों नेताओं ने बुनियादी भौतिकी अनुसंधान तथा अक्सलरेटर अनुसंधान एवं विकास में अधिक सहयोग का स्वागत किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 29. | दोनों नेताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंडा (जी एच एस ए) के लिए अपनी - अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की तथा संक्रामक बीमारियों का फैलाव रोकने के लिए देश एवं विदेश में विशिष्ट कार्रवाइयों की घोषणा की जिसमें एक सी डी सी - स्वास्थ्य मंत्रालय इबोला तथा जी एच एस ए तत्परता प्रशिक्षण, भारतीय महामारी आसूचना सेवा का विस्तार तथा तीन साल के अंदर जी एच एस ए के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप का विकास शामिल है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 30. | दोनों नेताओं ने एंटी माइक्रोबियल रेसिसटेंस (ए एम आर) के उद्भव एवं प्रसार को रोकने तथा संक्रामक बीमारियों के खतरों से तैयार रहने में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रशिक्षण में सहयोग के लिए बहुक्षेत्रक कार्रवाई के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की। दोनों नेता एंटी बाइटिक रेसिसटेंस बैक्टिरिया को काउंटर करने तथा रोगहरों की उपलब्धता, कारगरता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 31. | दोनों नेताओं ने कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण एवं प्रबंधन पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने में और प्रगति का स्वागत किया तथा वे सी डी सी एवं भारत के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के बीच भागीदारी को सुदृढ़ करना जारी रखने पर सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 32. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के नागरिकों के स्वास्थ्य एवं कल्याण में सुधार के लिए सहयोग के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए यूएस रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के बीच एक पर्यावरणीय स्वास्थ्य, पेशागत स्वास्थ्य एवं चोट रोकथाम एवं नियंत्रण पर एम ओ यू के पूरा होने का भी स्वागत किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 33. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी स्वास्थ्य क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए संगत हितधारकों के साथ एक स्वास्थ्य देख-रेख वार्ता में भारत - यूएस स्वास्थ्य पहल का विस्तार करने पर भी सहमत हुए जिसमें क्षमता निर्माण की पहलें एवं नए क्षेत्रों का पता लगाना शामिल है, जैसे किफायती स्वास्थ्य देख-रेख, लागत बचत तंत्र, वितरण बैरियर, पेटेंट की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवा सूचना प्रौद्योगिकी तथा पूरक एवं परंपरागत दवा। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने यूएस स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग तथा इसके भारतीय समकक्षों के बीच परंपरागत दवा पर वार्ता को प्रोत्साहित करने की प्रतिज्ञा की। दोनों नेताओं ने जेनरिक दवाओं सहित भेषज पदार्थों की सुरक्षा, कारगरता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के विनियामक प्राधिकरणों के बीच सहयोग, वार्ता एवं परस्पर साझेदारी सुदृढ़ करने की भी प्रतिज्ञा की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 34. | दोनों नेता जून, 2015 में भारत में 24 प्रतिभागी देशों की एक तीसरी बैठक के माध्यम से माताओं एवं बच्चों में निवारणीय मृत्यु को रोकने के लिए कार्रवाई के वैश्विक आह्वान पर संयुक्त नेतृत्व को तेज करने पर भी सहमत हुए। मेजबान के रूप में, भारत अधिक कारगर प्रसव एवं जीवन रक्षक हस्तक्षेपों के लिए नई साझेदारियों, नवाचारों एवं प्रणालियों की शक्ति का प्रदर्शन करेगा। उन्होंने रोटा वायरस के विरूद्ध स्थानीय स्तर पर निर्मित वैक्सीन पर बहुत सफल साझेदारी की भी प्रशंसा की जिससे अकेले भारत में हर साल अनुमानत: 80,000 से अधिक बच्चों का जीवन बचाया जा सकेगा तथा भारत - यूएस वैक्सीन कार्य योजना के एक नए चरण के माध्यम से स्वास्थ्य अनुसंधान एवं क्षमता निर्माण में सहयोग को सुदृढ़ करने की प्रतिज्ञा की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| रक्षा एवं होमलैंड सुरक्षा सहयोग | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 35. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने परस्पर रूचि के क्षेत्रों में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का विस्तार करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वागत किया तथा द्विपक्षीय रक्षा संबंध को गहन करने के लिए काम करना जारी रखने की अपनी - अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। दोनों नेताओं ने रक्षा संबंध की नींव के रूप में द्विपक्षीय सैन्य संबंधों के महत्व को स्वीकार किया तथा अभ्यास, सैन्य कर्मियों के आदान - प्रदान एवं रक्षा वार्ता के माध्यम से भागीदारी के अतिरिक्त अवसरों का पता लगाने के लिए अपनी - अपनी सेनाओं को प्रोत्साहित किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 36. | दोनों नेताओं ने प्रौद्योगिकी सहयोग एवं साझेदारी, सह उत्पादन एवं सह विकास को शामिल करने के लिए दोतरफा रक्षा भागीदारी की आवश्यकता को भी स्वीकार किया। इस प्रयोजन के लिए, राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी सहयोग के नए क्षेत्रों के विकास में रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल (डी टी टी आई) के सतत महत्व पर जोर दिया, जिसमें सह उत्पादन एवं सह विकास शामिल है तथा प्रधानमंत्री मोदी ने यूएस रक्षा विभाग द्वारा अनन्य रूप से डी टी टी आई को आगे बढ़ाने पर केंद्रित एक समर्पित त्वरित प्रतिक्रिया दल के गठन का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि सतत डी टी टी आई साझेदारी से निकट भविष्य में अतिरिक्त संयुक्त परियोजनाएं तैयार होंगी। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 37. | राष्ट्रपति ओबामा ने रक्षा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति व्यवस्था को उदार बनाने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी की पहलों का भी स्वागत किया तथा दोनों नेता भारत में एक रक्षा औद्योगिक बेस स्थापित करने के लिए भारत के प्रयासों में सहयोग करने पर सहमत हुए जिसमें 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों के माध्यम से सहयोग शामिल है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 38. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को गहन करने के लिए दोनों देशों द्वारा किए गए प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। जो यूएस - भारत रक्षा संबंध के लिए 2015 की रूपरेखा से परिलक्षित होता है। इस प्रयोजन के लिए, वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों की नेवी समुद्री सहयोग का विस्तार करने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने पर चर्चा जारी रखेंगी। उन्होंने अपने द्विपक्षीय नौसैन्य अभ्यास मालाबार को अपग्रेड करने की अपनी - अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 39. | दोनों पक्षों ने आतंकवाद, स्वापक पदार्थ, दुर्व्यापार, वित्तीय एवं आर्थिक जालसाजी, साइबर अपराध तथा राष्ट्रपारीय संगठित अपराध जैसे राष्ट्रपारीय आपराधिक खतरों से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रत्यर्पण एवं परस्पर कानूनी सहायता के क्षेत्रों में अपनी - अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बढ़ते सहयोग को भी नोट किया तथा ऐसे सहयोग को और बढ़ाने की प्रतिज्ञा की। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि से राष्ट्रीय एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों को भी नोट किया तथा वे साइबर खतरों से संबंधित सूचना की प्रचालनात्मक साझेदारी बढ़ाने, साइबर स्पेस में अंतर्राष्ट्रीय कानून को लागू करने के तरीकों की जांच करने तथा जिम्मेदार राज्य आचरण के मानदंडों पर सहमति का निर्माण करने के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहयोग करने पर सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 40. | दोनों नेताओं ने हर तरह के आतंकी खतरों से निपटने और अपने - अपने देशों एवं नागरिकों को इन खतरों से सुरक्षित रखने के लिए साझेदारी को गहन करके 21वीं शताब्दी के लिए एक परिभाषक आतंकवादरोधी संबंध के लिए भारत - यूएस साझेदारी का निर्माण करने के लिए प्रयास करने की प्रतिबद्धता की। दोनों नेताओं ने 'जीरो टॉलरेंस' के साथ सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों के आतंकवाद की जोरदार शब्दों में अपनी निंदा को दोहराया तथा अलकायदा एवं आई एस आई एल जैसे गुटों सहित राष्ट्रपारीय आतंकवाद द्वारा प्रस्तुत सतत खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की और आतंकियों के सुरक्षित आश्रयों एवं अवसंरचना का उन्मूलन करने, आतंकी नेटवर्क एवं उनके वित्त पोषण को ध्वस्त करने तथा आतंकियों के सीमा पारीय मूवमेंट पर रोक लगाने का आह्वान किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 41. | दोनों नेताओं ने लस्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद, डी-कंपनी और हक्कानी नेटवर्क जैसे संगठनों को नष्ट करने के लिए संयुक्त एवं समवेत प्रयासों की आवश्यकता की फिर से पुष्टि की तथा वे होमलैंड सुरक्षा वार्ता तथा वर्ष 2015 के उत्तरार्ध में भारत - यूएस आतंकवादरोधी संयुक्त कार्य समूह के अगले चक्र के माध्यम से द्विपक्षीय भागीदारी के लिए करने योग्य कार्यों का विकास करने के लिए सतत प्रयास जारी रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने डी कंपनी की तीन सहयोगी संस्थाओं के विरूद्ध यूएस के हालिया प्रतिबंधों को नोट किया। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ज्ञात एवं संदिग्ध आतंकियों पर सूचना साझा करने के लिए एक करार की दिशा में काम करना जारी रखने पर भी सहमत हुए। वे यूएन आतंकी डेस्टिनेशन पर सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए चर्चा में शामिल होने पर भी सहमत हुए तथा मुंबई में नवंबर, 2008 के आतंकी हमले के दोषियों को दंडित करने के लिए पाकिस्तान से अपने आह्वान को भी दोहराया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 42. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने आई ई डी के खतरे से निपटने तथा आतंकवाद की खिलाफत के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का विकास करने के लिए साथ मिलकर काम करने के उद्देश्य से भारत और यूएस के प्राधिकारियों के बीच सकारात्मक सहयोग को भी नोट किया। ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 43. | यह नोट करते हुए कि द्विपक्षीय असैन्य परमाणु सहयोग के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए सितंबर, 2014 में गठित संपर्क समूह की दिसंबर एवं जनवरी में तीन बार बैठक हुई है, दोनों नेताओं ने असैन्य परमाणु सहयोग के लिए असैन्य परमाणु बाध्यता एवं प्रशासनिक व्यवस्था के मुद्दों पर हुई सहमति का स्वागत किया तथा उम्मीद व्यक्त की कि यूएस द्वारा निर्मित परमाणु रिएक्टर जल्दी से जल्दी भारत की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान करेंगे। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य एवं सहयोग | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 44. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान, विकास, विनिर्माण एवं तैनाती का विस्तार करने के महत्व पर जोर दिया, जिससे ऊर्जा तक पहुंच में वृद्धि होगी और ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन कम होगा। दोनों नेताओं ने लो-कार्बन अर्थव्यवस्था में भारत के संक्रमण को गति देने के लिए उपायों की घोषणा की। भारत वर्ष 2022 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य बढ़ाने के अपने उद्देश्य के अनुरूप बिजली उत्पादन में नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग का शेयर बढ़ाने का इरादा रखता है। संयुक्त राज्य स्वच्छ ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर सहयोग में वृद्धि करके भारत के इस लक्ष्य में सहायता प्रदान करने का इरादा रखता है, जिसके तहत निम्नलिखित शामिल हैं : | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| i. स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए साझेदारी का विस्तार (पी ए सी ई - आर) : पीएसीई-आर के लिए एक नई प्रतिब्द्धता जिसमें सौर ऊर्जा के विद्यमान तीन अनुसंधान ट्रैकों के लिए वित्त पोषण प्रदान करना, ऊर्जा दक्षता का निर्माण करना तथा अतिरिक्त पांच साल के लिए जैव ईंधन और स्मार्ट ग्रिड एवं ग्रिड स्टोरेज पर एक नए ट्रैक को शुरू करना शामिल है। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| ii. स्वच्छ ऊर्जा तैनाती को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी का विस्तार (पी ए सी ई - डी) : दोनों देशों ने अधिक द्विपक्षीय भागीदारी के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा तैनाती को बढ़ावा देने के लिए साझेदारी (पी ए सी ई - डी) के संबंध में अपनी वर्तमान साझेदारी का विस्तार करने तथा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के समर्थन में सहयोग का विस्तार करने के लिए संयुक्त पहलों को आगे बढ़ाने की मंशा व्यक्त की। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| iii. त्वरित स्वच्छ ऊर्जा वित्त पोषण : प्रधानमंत्री मोदी ने एक बाजार परिवेश सृजित करने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों पर जोर दिया जो इस क्षेत्र में व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देगा। राष्ट्रपति ओबामा ने सौर ऊर्जा के संबंध में भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का स्वागत किया तथा इस क्षेत्र में व्यापार एवं निजी निवेश बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए भारत को प्रोत्साहित किया। राष्ट्रपति ओबामा ने इस क्षेत्र में अपनी नीतियों के अनुसरण में भारत की स्वच्छ ऊर्जा की आवश्यकताओं में योगदान करने में इन संस्थाओं के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी का समर्थन करने के लिए यूएस सरकार के आधिकारिक वित्त पोषण की संभावित उपलब्धता के बारे में सूचित किया। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| iv. वायु गुणवत्ता सहयोग शुरू करना : वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से उनका एक्सपोजर कम करने तथा इन रणनीतियों के स्वास्थ्य एवं जलवायु परिवर्तन से जुड़े लाभों को ध्यान में रखते हुए शहरों में परिवेशी वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए सुधारात्मक रणनीतियों को लागू करने के लिए शहरी नीति निर्माताओं को समर्थ बनाने के लिए शहरों में रहने वाले लोगों की मदद के लिए ई पी ए के एआईआर अब अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम एवं मेगासिटी साझेदारी को लागू करना जो सूचना के प्रसार पर केंद्रित है। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| v. जलवायु अनुकूल टूल विकास शुरू करना : जलवायु लोच पर संयुक्त रूप से एक साझेदारी शुरू करना जो भारतीय उप महाद्वीप के लिए अंतर्राष्ट्रीय जलवायु मॉडल को डाउन स्केल करने के लिए काम करेगी ताकि यह वर्तमान उपलब्ध स्तर से काफी कम हो सके, उप राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के जोखिमों का मूल्यांकन करेगी, क्षमता निर्माण पर स्थानीय तकनीकी संस्थाओं के साथ काम करेगी और जलवायु सूचना की आवश्यकता एवं सूचना आयोजना तथा जलवायु अनुकूल संपोषणीय विकास की प्रक्रिया में स्थानीय नीति-निर्माताओं के साथ भागीदारी करेगी जिसमें भारत के राज्यों की कार्य योजनाएं शामिल हैं। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| vi. स्वच्छ ऊर्जा एवं जलवायु की पहलों को जमीनी स्तर पर प्रदर्शित करना : अंतरिक्ष कूलिंग, सुपर इफिसिएंट उपस्कर, नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण एवं स्मार्ट ग्रिड के क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रायोगिक कार्यक्रम तथा अन्य सहयोगात्मक परियोजनाएं। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| vii. ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन पर एम ओ यू करना : दोनों देशों ने इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए पांच साल के एक एम ओ यू पर वार्ता पूरी कर ली है तथा परस्पर सहमत तिथि को जल्दी से जल्दी इस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| जलवायु परिवर्तन | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 45. | संयुक्त राज्य अमरीका तथा भारत गणराज्य का यह मानना है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन मानवता के लिए तथा संपोषणीय विकास, प्रगति एवं गरीबी उन्मूलन की अपरिहार्यताओं के लिए बहुत बड़ा खतरा है। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के संबंध में गहरी चिंता व्यक्त की तथा उनका यह मानना है कि इससे निपटने के लिए उनके देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा समवेत कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने अनुकूलन के उपायों पर तथा संयुक्त विकास एवं अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी नवाचार, अंगीकरण तथा स्वच्छ ऊर्जा एवं दक्षता समाधान के लिए डिफ्यूजन पर अपने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया जिससे पर्यावरण अनुकूल एवं लो-कार्बन अर्थव्यवस्था में संक्रमण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने 2015 में पेरिस में एक महत्वाकांक्षी जलवायु करार को पूरा करने के लिए साथ मिलकर तथा अन्य देशों के साथ काम करने के महत्व पर भी जोर दिया। इस प्रयोजन के लिए, उन्होंने पेरिस में एक सफल करार प्राप्त करने के लिए अगले साल निकटता से सहयोग करने की योजना बनाई है। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने एच एफ सी को धीरे - धीरे कम करने के संबंध में सितंबर, 2014 से अपनी पूर्व समझ की फिर से पुष्टि की तथा वे इस साल मांट्रियल प्रोटोकॉल में ठोस प्रगति करने पर सहयोग करने के लिए सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| वैश्विक मुद्दे तथा क्षेत्रीय परामर्श | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 46. | दोनों नेता अन्य विकासशील देशों की मदद करने तथा व्यापक क्षेत्र एवं विश्व के लाभ के लिए वैश्विक विकास चुनौतियों को दूर करने के लिए अपने - अपने प्रयासों का विस्तार करने पर सहमत हुए तथा उन्होंने चल रहे त्रिपक्षीय सहयोग की प्रशंसा की जिसके तहत स्वास्थ्य, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, आपदा प्रबंधन तथा महिला अधिकारिता सहित अनेक क्षेत्रों में तीसरे देशों में विकास की चुनौतियों से निपटने में भारत - यूएस साझेदारी शामिल हो सकती है। दोनों पक्षों ने इस बात को नोट किया कि इस साझेदारी का अतिरिक्त तीसरे देशों तक विस्तार हो सकता है, जो अफगानिस्तान, पूर्वी एवं पश्चिमी एशिया में इस समय सक्रिय है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 47. | संपर्क बढ़ाने तथा इस क्षेत्र में वाणिज्य एवं ऊर्जा के स्वतंत्र प्रवाह को संभव बनाने के लिए अवसंरचना परियोजनाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए दोनों नेता अतिरिक्त क्षेत्रों को विकास करने पर सहमत हुए जिसमें दोनों पक्ष साथ मिलकर काम कर सकते हैं जिसमें दक्षिण एवं दक्षिण - पूर्व एशिया क्षेत्र के साथ अपना संपर्क बढ़ाने के लिए भारत की पहलें शामिल हैं। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य एवं दक्षिण एशिया में आर्थिक एवं परिवहन संपर्क के महत्व तथा सुरक्षित, स्थिर एवं समृद्ध क्षेत्र के अंग के रूप में सुरक्षित, स्थिर एवं खुशहाल अफगानिस्तान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। अफगानिस्तान के साथ अपनी - अपनी सामरिक साझेदारियों के महत्व की फिर से पुष्टि करते हुए दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में एक संपोषणीय, समावेशी, संप्रभु एवं लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था के महत्व पर बल दिया तथा वे निकट भविष्य में अफगानिस्तान पर और उच्च स्तरीय परामर्श का आयोजन करने पर सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 48. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र में खुले, संतुलित एवं समावेशी सुरक्षा वास्तुशिल्प को बढ़ावा देने में नेता-नीत पूर्वी एशिया शिखर बैठक (ई ए एस) प्रक्रिया की भूमिका का भी स्वागत किया। भारत - यूएस - जापान त्रिपक्षीय वार्ता के छठवें चक्र में हुई चर्चाओं को नोट करते हुए राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने साझे हित की परियोजनाओं की पहचान तथा उनके शीघ्र कार्यान्वयन के माध्यम से तीनों देशों के बीच सहयोग के महत्व को रेखांकित किया तथा उन्होंने अपने - अपने विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता के आयोजन की संभावना का पता लगाने का निर्णय लिया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 49. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापक विनाश के हथियारों का प्रसार रोकने के लिए वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व करने, अंतर्राष्ट्रीय मामलों में परमाणु हथियारों का महत्व कम करने और सार्वभौमिक, सत्यापनीय एवं भेद-भाव रहित वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक साझेदारी का निर्माण करने के लिए अपने - अपने प्रयासों को सुदृढ़ करने की प्रतिज्ञा की। उन्होंने निरस्त्रीकरण पर सम्मेलन में शनोन अधिदेश के आधार पर जीवाश्म सामग्री कटौती संधि पर वार्ता का समर्थन किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 50. | परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक प्रक्रिया में सक्रिय प्रतिभागी के रूप में भारत और यूएस ने आतंकियों द्वारा परमाणु हथियार या संबंधित सामग्री अधिग्रहीत करने के जोखिम को कम करने की दिशा में हुई प्रगति का स्वागत किया तथा राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर परमाणु सुरक्षा में सुधार के लिए अपनी - अपनी साझी प्रतिबद्धता को नोट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राज्य द्वारा परमाणु सुरक्षा शिखर बैठक 2016 की मेजबानी का स्वागत किया। राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने परमाणु सुरक्षा पर अपने सहयोग के एक उदाहरण के रूप में वैश्विक परमाणु ऊर्जा साझेदारी केंद्र के तत्वावधान में पहली बार द्विपक्षीय परमाणु सुरक्षा की सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान - प्रदान के हाल के आयोजन का भी स्वागत किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 51. | वैश्विक अप्रसार एवं निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के अपने प्रयास में राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एन एस जी), मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एम टी सी आर), वासेनार व्यवस्था तथा आस्ट्रेलिया ग्रुप में भारत के चरणबद्ध प्रवेश की दिशा में काम करना जारी रखने की प्रतिबद्धता की। राष्ट्रपति ओबामा ने संयुक्त राज्य के इस दृष्टिकोण की फिर से पुष्टि की कि भारत एम टी सी आर की अपेक्षाओं को पूरा करता है तथा एन एस जी की सदस्यता के लिए तैयार है और यह कि संयुक्त राज्य इन चारों व्यवस्थाओं में भारत के जल्दी से आवेदन एवं अंतिम रूप से सदस्यता का समर्थन करता है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 52. | दोनों नेताओं ने कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य (डी पी आर के) के परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों पर चिंता व्यक्त की जिसमें उसकी यूरेनियम संवर्धन गतिविधि भी शामिल है। उन्होंने डीपीआरके से परमाणु हथियारों को नष्ट करने की दिशा में ठोस कदम उठाने तथा अपनी अंतर्राष्ट्रीय बाध्यताओं का पूरी तरह पालन करने का आग्रह किया जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संगत संकल्प शामिल हैं तथा 6 दलीय वार्ता के संयुक्त वक्तव्य 2005 के तहत अपनी प्रतिबद्धता का पालन करने का भी आग्रह किया। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 53. | दोनों नेताओं ने हाल की प्रगति का स्वागत किया तथा इस बात को नोट किया ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के अनन्य रूप से शांतिपूर्ण स्वरूप के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सत्यापनीय आश्वासन प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठा रहा है तथा वे इस बात पर सहमत हुए कि यह परमाणु कार्यक्रम से संबंधित बकाया मुद्दों के समाधान के लिए ईरान के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 54. | संयुक्त राज्य एवं भारत के साझे लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए तथा अपने - अपने समाजों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने उम्मीद व्यक्त की कि महिला अधिकारिता वार्ता जल्दी से जल्दी फिर से शुरू होगी तथा उन्होंने महिलाओं के विरूद्ध हिंसा के लिए शून्य सह्यता का फिर से आश्वासन दिया। दोनों नेताओं ने वैश्विक मुद्दा मंच की बैठक फिर से बुलाए जाने की भी उम्मीद व्यक्त की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 55. | राष्ट्रपति ओबामा तथा प्रधानमंत्री मोदी ने इराक एवं सीरिया सहित वैश्विक संकटों पर निकटता से परामर्श करने की अपनी - अपनी प्रतिबद्धता की भी फिर से पुष्टि की। दोनों नेता इन संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों से लौटने वाले व्यक्तियों पर सूचना का आदान - प्रदान करने तथा इन संघर्षों में गिरफ्तार किए गए नागरिकों की आवश्यकताओं को पूरा करने एवं उनकी रक्षा करने में सहयोग करना जारी रखने पर सहमत हुए। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 56. | राष्ट्रपति ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए अपने समर्थन की फिर से पुष्टि की जिसमें भारत एक स्थायी सदस्य होगा तथा दोनों नेताओं ने यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता की कि सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र चार्टर में परिकल्पना के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में कारगर भूमिका निभाना जारी रखेगी। उन्होंने तीसरे देशों में शांति स्थापना से संबंधित क्षमता निर्माण के अपने प्रयासों की गति तेज करने की भी प्रतिबद्धता की। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 57. | दोनों पक्षों ने इस बात को स्वीकार किया कि इंटरनेट सूचना समाज का एक महत्वपूर्ण घटक तथा वैश्विक आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति का एक सशक्त साधन है। दोनों पक्षों ने इस बात को भी नोट किया कि आने वाले दशक में इंटरनेट का विकास विकासशील देशों से होगा जिसमें भारत का बहुत बड़ा योगदान होगा, विशेष रूप से भारत के ''डिजीटल इंडिया'' कार्यक्रम के संदर्भ में। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 58. | दोनों नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया कि सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकिेयों की उपलब्धता, वहन करने की क्षमता तथा प्रयोग की दृष्टि से देशों के बीच एवं देशों के अंदर डिजीटल अंतराल आज भी मौजूद हैं तथा उन्होंने इस अंतर को पाटने का कार्य जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि सुनिश्चित हो कि विकास के लिए नई प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकिेयों के लाभ सभी लोगों को उपलब्ध हों जिसमें सबसे निर्धन व्यक्ति भी शामिल हैं। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
| 59. | राष्ट्रपति ओबामा ने प्रधानमंत्री मोदी एवं भारत के लोगों का भारत की राष्ट्रपति के रूप में अपनी दूसरी यात्रा पर प्रदान किए गए असाधारण अतिथि सत्कार के लिए धन्यवाद किया तथा 66वें गणतंत्र दिवस के समारोह पर राष्ट्र को बधाई दी। दोनों नेताओं ने हाल की उपलब्धियों पर बहुत गर्व महसूस किया तथा उम्मीद व्यक्त की कि वे एक ऐसी भारत - यूएस साझेदारी का निर्माण करने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे जिससे दोनों देशों के लोगों एवं पूरी दुनिया के लोगों के जीवन में परिवर्तन आएगा। | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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Media Coverage
Nm on the go
PM Modi addressed a public rally in Nadia, West Bengal through video conferencing after being unable to attend the programme physically due to adverse weather conditions. He sought forgiveness from the people, stating that dense fog made it impossible for the helicopter to land safely. Earlier today, the PM also laid the foundation stone and inaugurated development works in Ranaghat, a major way forward towards West Bengal’s growth story.
The PM expressed deep grief over a mishap involving BJP karyakartas travelling to attend the rally. He conveyed heartfelt condolences to the families of those who lost their lives and prayed for the speedy recovery of the injured.
PM Modi said that Nadia is the sacred land where Shri Chaitanya Mahaprabhu, the embodiment of love, compassion and devotion, manifested himself. He noted that the chants of Harinaam Sankirtan that once echoed across villages and along the banks of the Ganga were not merely expressions of devotion, but a powerful call for social unity.
He highlighted the immense contribution of the Matua community in strengthening social harmony, recalling the teachings of Shri Harichand Thakur, the social reform efforts of Shri Guruchand Thakur, and the motherly compassion of Boro Maa. He bowed to all these revered figures for their lasting impact on society.
The PM said that Bengal and the Bengali language have made invaluable contributions to India’s history and culture, with Vande Mataram being one of the nation’s most powerful gifts. He noted that the country is marking 150 years of Vande Mataram and that Parliament has recently paid tribute to this iconic song. He said West Bengal is the land of Bankim Chandra Chattopadhyay, whose creation of Vande Mataram awakened national consciousness during the freedom struggle.
He stressed that Vande Mataram should inspire a Viksit Bharat and awaken the spirit of a Viksit West Bengal, adding that this sacred idea forms the BJP’s roadmap for the state.
PM Modi said BJP-led governments are focused on policies that enhance the strength and capabilities of every citizen. He cited the GST Savings Festival as an example, noting that essential goods were made affordable, enabling families in West Bengal to celebrate Durga Puja and other festivals with joy.
He also highlighted major investments in infrastructure, mentioning the approval of two important highway projects that will improve connectivity between Kolkata and Siliguri and strengthen regional development.
The PM said the nation wants fast-paced development and referred to Bihar’s recent strong mandate in favour of the BJP-NDA. He recalled stating that the Ganga flows from Bihar to Bengal and that Bihar has shown the path for BJP’s victory in West Bengal as well.
He said that while Bihar has decisively rejected jungle raj, West Bengal must now free itself from what he described as Maha Jungle Raj. Referring to the popular slogan, he said the state is calling out, “Bachte Chai, BJP Tai.”
The PM emphasised that there is no shortage of funds, intent or schemes for West Bengal’s development, but alleged that projects worth thousands of crores are stalled due to corruption and commissions. He appealed to the people to give BJP a chance and form a double-engine government to witness rapid development.
He cautioned people to remain alert against what he described as TMC’s conspiracies, alleging that the party is focused on protecting infiltrators. He said that whenever BJP raises concerns over infiltration, TMC leaders respond with abuse, which also explains their opposition to SIR in West Bengal.
Concluding his address, PM Modi said West Bengal needs a BJP government that works at double speed to restore the state’s pride. He assured that he would speak in greater detail about BJP’s vision when he visits the state in person.

