I will serve the people of this country, till the time I can: Narendra Modi

Published By : Admin | April 28, 2014 | 17:57 IST

Excerpts of Shri Narendra Modi’s interview given to Doordarshan

The Congress is now a Sinking Ship

The Congress has made these elections as Modi-centric. Their assumptions of me being rejected by the people of India have been proved wrong. Also, the refusal of the senior Congress leaders to contest the election has reinforced that the Congress is now a Sinking Ship.

I wouldn’t mind Priyanka’s allegations – she is a daughter trying to defend her mother and brother

Priyanka Gandhi is a daughter who is trying to defend her mother and brother, and in the course of doing so, even if she abuses me, I wouldn’t mind.

The PM will not know the ‘Modi wave’

The PM will never know of the ‘Modi wave’ since he has never had the opportunity to interact with the people. He lives in an air-conditioned office the entire day, and will have no idea about the outside weather. If he finds the time to move outside, he might probably change his views.

Excerpts of Shri Narendra Modi’s interview given to Doordarshan

The UPA is attempting to create obstacles for the BJP

With their initial motive of ‘coming to power’ getting torn apart with a strong BJP wave, the UPA is now focusing on creating obstacles and preventing the NDA from forming a powerful government. The Congress has been striving hard to ensure that the NDA forms a weak government, and thus gets wiped out in a span of 5 years.

Strong international relations with mutual understanding are required

The need-of-the-hour is to have strong international relations with mutual understanding amongst the Nations. This will also encompass technological transfer, trade transfer and knowledge transfer.

A strong backing can make the Nation a super-power

With a proper backing of a strong and stable government, the 125 crore strong population of India can very well make the Nation turn into a super-power.

I will serve the country till I can

I feel privileged to have travelled and interacted with the locals in more than 400 districts across the country. I've lived the life of a labourer, serving the people, and in the future too, till my body works, I would love being called the number one labourer of the nation.

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पीएम मोदी का अरब न्यूज़ के साथ इंटरव्यू
April 22, 2025

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के साथ भारत के बढ़ते संबंधों की “असीम संभावनाओं” की प्रशंसा की है जबकि वह दो दिवसीय यात्रा के लिए जेद्दा पहुंचे हैं, 2016 के बाद से किंगडम की उनकी यह तीसरी यात्रा है। अरब न्यूज के साथ एक खास बातचीत में, उन्होंने किंगडम को “एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक सहयोगी” बताया और इस बात पर जोर दिया कि 2019 में स्‍ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल के निर्माण के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में काफी विस्तार हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा, "हमारी साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं। अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में, हमारा रिश्ता स्थिरता के स्तंभ के रूप में मजबूत है।" उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व की प्रशंसा की और उन्हें "हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक मजबूत समर्थक" और एक दूरदर्शी व्यक्ति बताया, जिन्होंने ‘विजन 2030’ के तहत सुधारों के माध्यम से वैश्विक प्रशंसा को प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा, "हर बार जब मैं उनसे मिला हूं, तो महामहिम ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है। उनकी अंतर्दृष्टि, उनकी दूरदर्शी दृष्टि और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वास्तव में उल्लेखनीय है।"

साझा आर्थिक महत्वाकांक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ा है, जिसमें ऊर्जा, कृषि और उर्वरक प्रमुख क्षेत्र हैं। उन्होंने सऊदी और भारतीय व्यवसायों के बीच गहन एकीकरण का स्वागत किया, विशेष रूप से ग्रीन हाइड्रोजन और टेक्नोलॉजी जैसे उभरते क्षेत्रों में। उन्होंने कहा, "भारतीय कंपनियों ने सऊदी अरब में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है।"

पीएम मोदी ने वर्ल्ड एक्सपो 2030 और फीफा विश्व कप 2034 की मेज़बानी के लिए बिड्स जीतने पर सऊदी अरब को बधाई दी और इस दोहरी सफलता को "बहुत गर्व" की बात बताया। उन्होंने बढ़ते रक्षा सहयोग और ऐतिहासिक संयुक्त सैन्य अभ्यासों को बढ़ते सामरिक विश्वास के संकेत के रूप में भी बताया।

सितंबर 2023 में G20 समिट के दौरान शुरू किए गए India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEEC) पर मोदी ने कहा कि यह परियोजना “संपूर्ण क्षेत्र में कॉमर्स, कनेक्टिविटी और ग्रोथ का एक प्रमुख कैटेलिस्ट होगी।”

एक बयान में भारत सरकार ने कहा कि यह यात्रा “भारत द्वारा सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय संबंधों को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है।”

प्रश्न: सऊदी-भारत संबंध बेहतर हो रहे हैं। 2019 में स्‍ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की स्थापना के बाद से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में हुई प्रगति का आप कैसे आकलन करते हैं?

उत्तर: सबसे पहले, मैं महामहिम प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को उनके उदार निमंत्रण के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। मैं अपनी तीसरी यात्रा पर यहाँ आकर बहुत प्रसन्न हूँ। मुझे सऊदी अरब के साथ हमारे संबंधों पर बहुत गर्व है। सऊदी अरब भारत के सबसे मूल्यवान भागीदारों में से एक है - एक समुद्री पड़ोसी, एक विश्वसनीय मित्र और एक रणनीतिक सहयोगी।

हमारा संबंध नया नहीं है। यह सदियों पुराने सभ्यतागत आदान-प्रदान में निहित है। विचारों से लेकर व्यापार तक, हमारे दो महान देशों के बीच निरंतर प्रवाह रहा है।

2014 से हमारे संबंध ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं। मुझे याद है कि 2016 में, मुझे महामहिम किंग सलमान से Order of King Abdulaziz प्राप्त करने का सम्मान मिला था।

2019 में स्‍ट्रैटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल का गठन एक प्रमुख मील का पत्थर साबित हुआ। तब से, हमारे बीच सहयोग कई क्षेत्रों में विस्तारित हुआ है। और मैं आपको बता दूं, यह तो बस शुरुआत है। हमारी साझेदारी में असीम संभावनाएं हैं।

हमारे रिश्ते की नींव आपसी विश्वास और सद्भावना पर टिकी है। अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में, हमारा रिश्ता स्थिरता के स्तंभ के रूप में मजबूत है। मेरा मानना है कि भारत-सऊदी अरब संबंधों के लिए यह आशाजनक समय है। और, मैं यह जरूर कहना चाहूँगा कि सऊदी नेतृत्व ने इस साझेदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारत और सऊदी अरब न केवल अपने लोगों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए एक साथ आगे बढ़ते रहेंगे।

प्रश्न: क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ आपकी पिछली सात बैठकों को देखते हुए, आप दोनों देशों के नेतृत्व के बीच व्यक्तिगत तालमेल को किस तरह से परिभाषित करेंगे? क्या उनके तालमेल ने किसी भी तरह से द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित किया है?

उत्तर: जब भी मैं उनसे मिला हूं, महामहिम ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी है। उनकी अंतर्दृष्टि, उनकी दूरदर्शी दृष्टि और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का उनका जुनून वाकई उल्लेखनीय है।

उनके नेतृत्व में सऊदी अरब में जबरदस्त सामाजिक और आर्थिक बदलाव हुए हैं। उनके द्वारा किए गए सुधारों ने न केवल इस क्षेत्र को प्रेरित किया है, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान भी खींचा है। विज़न 2030 के तहत बहुत ही कम समय में देश में बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं।

मैं हमारे बीच की व्यक्तिगत गर्मजोशी और विश्वास को महत्व देता हूँ। और हाँ, यह व्यक्तिगत तालमेल स्वाभाविक रूप से इस बात में भी दिखा है कि दोनों देश अपनी साझेदारी को किस तरह प्राथमिकता देते हैं। वह हमारे द्विपक्षीय संबंधों के प्रबल समर्थक हैं। वह सऊदी अरब में भारतीय प्रवासियों के बहुत बड़े समर्थक रहे हैं और सऊदी अरब में रहने वाले हमारे लोग उनका बहुत सम्मान करते हैं।

जब हम बात करते हैं, तो हम इस साझेदारी को भविष्य के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जेद्दा का भारत के साथ एक विशेष संबंध रहा है। सदियों से यह प्रसिद्ध शहर हमारे व्यापार और लोगों के आपसी संपर्क का एक प्रमुख माध्यम रहा है। मक्का का प्रवेश द्वार होने के कारण, हमारे श्रद्धालु हज़ और उमरा की पवित्र यात्रा में वर्षों से जेद्दा की गलियों से होकर गुज़रे हैं।

प्रश्न: सऊदी अरब भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। इस आर्थिक साझेदारी को और विविधतापूर्ण बनाने और विस्तारित करने के लिए किन पहलों पर विचार किया जा रहा है ताकि दोनों देश मिलकर चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर सकें?

उत्तर: हमारे आर्थिक संबंध मानसून की हवाओं जितने पुराने हैं। हमारे देशों की निकटता और हमारी अर्थव्यवस्थाओं की पूरकता को देखते हुए, हमारे बीच स्वाभाविक जुड़ाव है। यही कारण है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भी हमारे व्यापारिक संबंध न केवल बचे रहे हैं, बल्कि उनमें वृद्धि भी हुई है।

ऊर्जा, कृषि और उर्वरक जैसे क्षेत्र हमारे व्यापार के मुख्य क्षेत्र हैं, लेकिन विविधीकरण के प्रयासों ने फल दिया है। भारतीय व्यवसाय और सऊदी उद्योग मजबूत संबंध बना रहे हैं।

हमारे व्यवसायों और उद्योग के बीच मजबूत संबंध बनाना और निवेश साझेदारी को बढ़ाना इस रिश्ते को और मजबूत बना रहा है। सऊदी अरब भारत का एक प्रमुख ऊर्जा साझेदार है। इसी तरह, भारत सऊदी अरब में खाद्य सुरक्षा में योगदान दे रहा है। मुझे बताया गया है कि सऊदी अरब के लोग भारतीय चावल पसंद करते हैं! भारत को भी सऊदी खजूर बहुत पसंद हैं।

मैं ‘सऊदी विजन 2030’ और भारत के ‘विकसित भारत 2047’ के बीच कई समानताएं भी देखता हूँ।

हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश भी बढ़ रहा है। आज, भारत की ग्रोथ स्टोरी सऊदी अरब की बड़ी कंपनियों को स्पेस इकोनॉमी से लेकर ग्लोबल सप्लाई चेन सहयोग तक निवेश और साझेदारी के लिए अपार अवसर प्रदान करती है।

भारतीय कंपनियों ने सऊदी अरब में विभिन्न क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है। वे सऊदी विजन 2030 को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

हमारा लक्ष्य इस जुड़ाव को बढ़ाना है।

भारत और सऊदी अरब द्विपक्षीय निवेश संधि पर काम कर रहे हैं। भारत और GCC के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते में भारत और सऊदी अरब और सामान्य रूप से पूरे क्षेत्र के बीच आर्थिक संबंधों को बदलने की अपार क्षमता है।

प्रश्न: सऊदी अरब के विजन 2030 में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर दिया गया है, आप भारतीय कंपनियों के लिए रियाद एक्सपो 2030 और सऊदी फीफा वर्ल्ड कप 2034 सहित इन परियोजनाओं में योगदान करने और लाभ उठाने के क्या अवसर देखते हैं?

उत्तर: एक करीबी मित्र के रूप में, भारत सऊदी अरब की शानदार उपलब्धियों से खुश है। मैं सऊदी अरब के लोगों और उसके नेतृत्व को 2030 में वर्ल्ड एक्सपो और 2034 में फीफा वर्ल्ड कप की मेज़बानी के लिए चुने जाने पर बधाई देना चाहता हूँ।

किसी भी देश के लिए चार साल के भीतर दो बड़े वैश्विक आयोजनों की मेजबानी करना बहुत गर्व की बात है। यह महामहिम के नेतृत्व और उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है।

ये मेगा इवेंट स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे। ये भारतीय कंपनियों के लिए भी अवसर प्रदान करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं, हमारी कंपनियों ने अपनी गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धात्मकता और दक्षता के लिए वैश्विक प्रतिष्ठा बनाई है।

मैं समझता हूं कि भारतीय कंपनियों की सऊदी इंफ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में पहले से ही मजबूत भागीदारी है। वे सऊदी अरब के विजन 2030 के हिस्से के रूप में विभिन्न मेगा और गीगा परियोजनाओं में वैल्यू भी बना रहे हैं।

मैं सऊदी कंपनियों को भी आमंत्रित करता हूँ कि वे हमारे ‘विकसित भारत’ अभियान के तहत भारत में मौजूद उल्लेखनीय अवसरों का लाभ उठाएँ। वे भारत के अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, रिन्यूएबल-एनर्जी, हेल्थकेयर, यूटिलिटीज, इनोवेशन, स्टार्ट-अप और "ब्लू इकोनॉमी" सेक्टर्स के ग्रोथ में भाग ले सकते हैं।

दोनों देशों की कंपनियों के बीच गहन जुड़ाव और दो-तरफ़ा सहयोग द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को मज़बूत करने में काफ़ी मददगार साबित होगा।

प्रश्न: भारत को कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों के प्रमुख सप्लायर के रूप में सऊदी अरब की भूमिका को देखते हुए, आप दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग के भविष्य को किस तरह देखते हैं, खासकर ट्रैवल एनर्जी ट्रांजिशंस के संदर्भ में?

उत्तर: ऊर्जा हमारी आर्थिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रही है। सऊदी अरब हमारे लिए एक मजबूत और विश्वसनीय ऊर्जा भागीदार रहा है। यह कच्चे तेल और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के हमारे शीर्ष सप्लायर्स में से एक है। जैसे-जैसे भारत एक विकसित देश बनने की कोशिश कर रहा है, हमारी ऊर्जा मांग बढ़ती रहेगी। और सऊदी अरब हमारी ऊर्जा सुरक्षा में एक करीबी भागीदार बना रहेगा। रणनीतिक साझेदारों के रूप में हम इस बात पर सहमत हैं कि हमारा ऊर्जा सहयोग केवल खरीदार-विक्रेता संबंधों तक सीमित नहीं है। हम रिफाइनरियों और पेट्रोकेमिकल्स में संयुक्त परियोजनाओं की भी खोज कर रहे हैं।

दुनिया भी क्लीनर और अधिक सस्टेनेबल ऊर्जा संसाधनों की ओर धीरे-धीरे बदलाव देख रही है। भारत ग्रीन-ट्रांजिशन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। हमें 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल-एनर्जी लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है।

इस यात्रा में भी, सऊदी अरब के साथ सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। इसमें सप्लाई-चेन, सर्कुलर इकोनॉमी, एनर्जी एफिशिएंसी और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र शामिल हैं। इंटरनेशनल सोलर अलायंस में भागीदार के रूप में, दोनों देश भविष्य की ऊर्जा जरूरतों के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशंस की दिशा में काम कर सकते हैं।

2023 में नई दिल्ली G20 समिट के दौरान, महामहिम के साथ, हमने India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEEC) पहल शुरू की। अब हम भारत और सऊदी अरब तथा व्यापक क्षेत्र के बीच इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड इंटरकनेक्टिविटी के लिए फीजीबिलिटी स्टडीज पर काम कर रहे हैं। जैसा कि आप देख सकते हैं, हम अपने दोनों देशों के बीच एक व्यापक ऊर्जा साझेदारी के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

प्रश्न: सऊदी-भारत रक्षा सहयोग और संयुक्त अभ्यास लगातार बढ़ रहे हैं। आने वाले वर्षों में रक्षा और सुरक्षा सहयोग के लिए किन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा?

उत्तर: हम सऊदी अरब को क्षेत्र में सकारात्मकता और स्थिरता की ताकत मानते हैं। समुद्री पड़ोसी होने के नाते, भारत और सऊदी अरब क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करने में स्वाभाविक रुचि रखते हैं।

दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी और सहयोग गहरे आपसी विश्वास का प्रतिबिंब है। यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता और हमारे विस्तारित पड़ोस में उभरती चुनौतियों का समाधान करने के हमारे आपसी संकल्प का भी प्रमाण है।

हमने सुरक्षा सहयोग में लगातार प्रगति देखी है। इसमें काउंटर-टेररिज्म, उग्रवाद का मुकाबला करना, टेरर फाइनेंसिंग को रोकना और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटना जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हम आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में इसके बढ़ते महत्व को पहचानते हुए साइबर सुरक्षा में सहयोग के नए मोर्चे भी तलाश रहे हैं।

पिछले साल, हमने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की: दोनों थल सेनाओं के बीच पहली बार संयुक्त अभ्यास हुआ। इसके साथ ही 2021 और 2023 में दो सफल संयुक्त नौसैनिक अभ्यास — अल-मोहद अल-हिन्दी — भी आयोजित किए गए।

हम दोनों ही रक्षा-उद्योग के बीच गहन सहयोग का समर्थन करते हैं। पिछले एक दशक में, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग ने भारत में गहरी जड़ें जमा ली हैं। आज, एक मजबूत सैन्य औद्योगिक परिसर है जिसमें गुणवत्तापूर्ण गोला-बारूद, छोटे हथियार, टैंक, बख्तरबंद वाहक बनाने की क्षमता है। वायु सेना के लिए, हम ड्रोन, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और लड़ाकू जेट बना रहे हैं। नौसेना के लिए, हमारे पास गश्ती नौकाएँ, पनडुब्बियाँ और यहाँ तक कि विमान वाहक बनाने की क्षमता है।

हम सिर्फ़ अपनी ज़रूरतें ही पूरी नहीं कर रहे हैं। भारत, दुनिया भर के 100 से ज़्यादा देशों को डिफेंस इक्विपमेंट का एक अहम सप्लायर बनकर उभरा है।

मुझे खुशी है कि हम सऊदी अरब के सशस्त्र बलों की कुछ ज़रूरतें पूरी करने में सफल रहे हैं। हम दोनों देशों के निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों के बीच गहरी भागीदारी का समर्थन करते हैं। हम भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में सऊदी निवेश का स्वागत करेंगे जिसे निजी निवेश के लिए खोल दिया गया है।

प्रश्न: सितंबर 2023 में नई दिल्ली में घोषित IMEEC पहल मिडिल-ईस्ट के माध्यम से भारत और यूरोप को जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। IMEEC के प्रमुख तत्व क्या हैं, और इस पहल के तहत परिकल्पित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भारत सऊदी अरब के साथ कैसे काम कर रहा है?

उत्तर: भारत और सऊदी अरब ने यूरोपियन यूनियन, यूएई, फ्रांस, जर्मनी, इटली और अमेरिका के साथ मिलकर सितंबर 2023 में नई दिल्ली में India Middle East Europe Economic Corridor पहल की संयुक्त रूप से शुरुआत की।

यह कॉरिडोर आने वाली सदियों के लिए सभी रूपों में कनेक्टिविटी के फ्यूचर को परिभाषित करेगा। यह पूरे क्षेत्र में कॉमर्स, कनेक्टिविटी और ग्रोथ का प्रमुख कैटेलिस्ट बन जाएगा। यह कॉरिडोर सभी रूपों में कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, चाहे वह फिजिकल हो या डिजिटल।

यह जुझारू और भरोसेमंद सप्लाई-चेन के डेवलपमेंट की सुविधा प्रदान करेगा, व्यापार सुलभता बढ़ाएगा और व्यापार सुविधा में सुधार करेगा। यह कॉरिडोर एफिशिएंसी बढ़ाएगा, लागत कम करेगा, आर्थिक एकता को बढ़ाएगा, रोजगार पैदा करेगा और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा, जिसके परिणामस्वरूप एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व का ट्रांसफॉर्मेटिव इंटीग्रेशन होगा।

इस कॉरिडोर की सफलता में भारत और सऊदी अरब दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी, डेटा कनेक्टिविटी और इलेक्ट्रिकल ग्रिड कनेक्टिविटी सहित कनेक्टिविटी के विजन को साकार करने के लिए अपने सऊदी भागीदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस पहल के तहत स्वच्छ और ग्रीन हाइड्रोजन और संबंधित सप्लाई-चेन पर काम कर रहे हैं।

मुझे लगता है कि इस पहल में मानवता के लिए परिवर्तनकारी क्षमता है। यह 21वीं सदी का नया सिल्क रूट हो सकता है जो आने वाली पीढ़ियों को लाभ पहुंचाएगा.

प्रश्न: आपने सऊदी अरब में 2.7 मिलियन के भारतीय समुदाय की द्विपक्षीय संबंधों में एक मजबूत ताकत के रूप में प्रशंसा की है। आपकी सरकार सऊदी अरब में भारतीय प्रवासियों को आगे बढ़ाने और उनके साथ जुड़ने की किस तरह की योजना बना रही है?

उत्तर: सबसे पहले, मैं यह बताना चाहता हूँ कि हम सऊदी अरब में भारतीय समुदाय को दिए गए संरक्षण के लिए उनके रॉयल हाइनेस, किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बहुत आभारी हैं। हम यह कभी नहीं भूल सकते कि उन्होंने कोविड महामारी के कठिन समय में भारतीयों का अपने जैसे ही ख्याल रखा।

भारतीयों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरित्र है - वे जिस भी देश में जाते हैं, उसे अपना घर बना लेते हैं। वे कानून का पालन करने वाले, समर्पित और पूरी तरह से पेशेवर होते हैं। वे अपने साथ सहानुभूति, करुणा और देखभाल के मूल्यों को लेकर चलते हैं।

यही स्वभाव उन्हें अपने मेजबान देश का सम्मान दिलाता है। सऊदी अरब इसका अपवाद नहीं है। जब भी मैं महामहिम क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मिला हूं, उन्होंने भारतीय समुदाय की प्रशंसा की है और राज्य के आर्थिक विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की है। उन्होंने यहां तक कहा है कि वे सऊदी परिवार का हिस्सा हैं। प्रशंसा के ये शब्द हमेशा मेरे दिल को गर्व और खुशी से भर देते हैं।

मेरी सरकार के लिए, भारतीय प्रवासी सदस्य "राष्ट्रदूत" हैं। 4Cs - Care, Connect, Celebrate और Contribute - हमारे प्रवासी समुदाय के साथ हमारे जुड़ाव का आदर्श वाक्य है। उनकी सुरक्षा, कल्याण और भलाई हमारे लिए सर्वोपरि है।

पिछले एक दशक में हमने बीमा योजनाओं, उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और कौशल कार्यक्रमों सहित कई पहल शुरू की हैं। हमने सुरक्षित और कानूनी प्रवास के लिए तंत्र स्थापित किए हैं। सऊदी अरब में 2.7 मिलियन लोगों का जीवंत भारतीय समुदाय हमारे दोनों देशों को जोड़ने वाला एक जीवंत पुल है। मैं न केवल अपने मूल्यों और परंपराओं को संरक्षित करने, बल्कि उन्हें बढ़ावा देने के लिए भी उनकी सराहना करता हूँ।

मैं इस यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासियों के साथ पुनः जुड़ने का उत्सुकतापूर्वक इंतजार कर रहा हूँ।

प्रश्न: आप धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को सऊदी-भारत द्विपक्षीय संबंधों के एक कंपोनेंट के रूप में कैसे विकसित होते हुए देखते हैं? क्या आपको लगता है कि भारत के IITs और IIMs; IIT दिल्ली, अबू धाबी कैंपस की तर्ज पर सऊदी अरब में भी कैंपस खोलेंगे?

उत्तर: हमारे लोग “कलिला वा दिमना” के दिनों से ही एक-दूसरे के साथ बातचीत करते रहे हैं। हमारे देशों के बीच बढ़ता सांस्कृतिक जुड़ाव एक-दूसरे के प्रति समझ और प्रशंसा का संकेत है।

जहाँ तक धार्मिक पर्यटन का सवाल है, जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे यहाँ बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है और वे हर साल उमराह और हज यात्रा के लिए आपके खूबसूरत देश में आते हैं। हम भारतीय तीर्थयात्रियों को दी जाने वाली निरंतर सहायता के लिए सऊदी नेतृत्व के आभारी हैं। सऊदी सरकार के प्रोत्साहन और समर्थन की बदौलत हाल के वर्षों में सऊदी अरब में योग ने काफी लोकप्रियता हासिल की है। हम क्रिकेट में भी बढ़ती रुचि देख रहे हैं।

मुझे बताया गया है कि अरब ब्रॉडकास्टर्स भारतीय कंटेंट वाले डेडिकेटेड चैनल चलाते हैं जो किंगडम में बहुत लोकप्रिय हैं। भारतीय फिल्मों और अभिनेताओं के भी बहुत से प्रशंसक हैं। भारत 1-4 मई के दौरान मुंबई में वर्ल्ड ऑडियो विजुअल और एंटरटेनमेंट समिट के पहले एडिशन की मेजबानी कर रहा है। हम समिट में सऊदी अरब से मजबूत भागीदारी की उम्मीद करते हैं ताकि हम अपने सांस्कृतिक और मनोरंजन सहयोग को नए आयाम दे सकें।

शैक्षिक सहयोग एक और आशाजनक क्षेत्र है। भारतीय हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। वे सऊदी अरब में भी अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं।

अंत में, मैं अरब न्यूज को बधाई देना चाहता हूँ क्योंकि इस वर्ष इसके पब्लिकेशन के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मैं जानता हूँ कि अरब न्यूज का सऊदी अरब में रहने वाले भारतीयों के साथ एक विशेष संबंध है। आपका मीडिया आउटलेट हमारे लोगों के बीच संबंधों का एक मजबूत प्रतीक है। भारत-सऊदी अरब की दोस्ती को आगे बढ़ाने के लिए मेरी शुभकामनाएँ।

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स्रोत: अरब न्यूज़