पीएम मोदी ने न केवल लोकल समस्याओं बल्कि ग्लोबल मुद्दों के लिए भी समाधान लोकल स्तर पर खोजने की सोच को महत्त्व दिया है। उन्होंने हमेशा मंत्रालयों के बीच समन्वय पर जोर दिया है ताकि प्रभावी गवर्नेंस देने के साथ-साथ सार्वजनिक जरूरतों और आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जी ने एक ऐसी ही घटना का वर्णन किया है, जिसमें कोविड महामारी के दौरान घरेलू स्तर पर पीपीई किट के विनिर्माण को सक्षम बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिए गए प्रत्यक्ष नीतिगत निर्णय का जिक्र शामिल है। उन्होंने बताया कि कैसे पीएम मोदी ने पीपीई किट के निर्माण में आत्मनिर्भर भारत की कल्पना की थी!
कोविड महामारी के कारण मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। उस समय भारत के पास पीपीई किट बनाने की क्षमता नहीं थी। तब भारत में सालाना लगभग पचास से पचपन हजार पीपीई किट का आयात किया जाता था। इसके बाद सरकार द्वारा किए गए एक विश्लेषण में यह पता चला कि उपलब्ध पीपीई किट केवल एक महीने तक ही चल पाएँगे और इसके बाद इनकी कमी व्याप्त हो जाएगी।
तब पीपीई किट के निर्माण में भारत की 'आत्मनिर्भरता' सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी ने निर्देश दिए, जबकि कोविड महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ भी सील होने वाली थीं। चूँकि पीएम मोदी का हमेशा मंत्रालयों में समन्वय पर जोर रहता है; इस विषय को लेकर स्वास्थ्य, विदेश, रेलवे, शहरी विकास तथा ग्रामीण विकास जैसे अन्य मंत्रालयों के बीच चर्चा हुई कि भारत में पीपीई किट का निर्माण कैसे किया जा सकता है! इस बात को लेकर विमर्श हुआ कि कपड़े की आपूर्ति कहाँ से होगी और पीपीई किट बनाने वाली मशीनों को भारत कैसे लाया जाएगा!
तत्कालीन उड्डयन मंत्री श्री हरदीप पुरी जी ने भारत में पीपीई किट का उत्पादन शुरू करने के लिए जापान से एक विमान की सुविधा दी, जिससे 30 मशीनें भारत पहुँचीं। सामंजस्य के इन प्रयासों को रेखांकित करते हुए स्मृति ईरानी जी ने कहा कि यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार के सभी मंत्रालयों ने कोविड महामारी जैसी गंभीर स्थिति के दौरान भारत में पीपीई किट के विनिर्माण को सक्षम बनाने के लिए एक समन्वित प्रयास सुनिश्चित किया।
मोदी सरकार के इन प्रयासों के फलस्वरूप, तीन महीनों में पीपीई किट बनाने वाली लगभग 1100 कंपनियाँ खड़ी हो गईं, जिन्होंने 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार किया। देश में लॉकडाउन के बावजूद लगभग पाँच लाख नए रोजगार सृजित हुए और भारत वैश्विक स्तर पर पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया।
यह पीएम मोदी का प्रयास था जिसने 'आत्मनिर्भर' भारत के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण किया, जिसने पीपीई सूट के निर्माण को व्यापक पैमाने पर प्रोत्साहन दिया; ताकि भारत लोकल और ग्लोबल; दोनों चुनौतियों के समाधान लोकल स्तर पर ही तैयार कर सके।
“When lockdown started, India was left with only 55,000 PPE suits!”
— Modi Story (@themodistory) May 14, 2023
On 13th May 2020, PM Modi launched the #AtmanirbharBharat Abhiyan with a vision to make India self-reliant in every sector.
Union Minister @smritiirani shares the story of how India manufacturing hardly any PPE… pic.twitter.com/cCXsOfseFX


