Gujarat shares the grief of Japan

Published By : Admin | March 11, 2011 | 11:00 IST

मित्रों,

जापान में भीषण भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा से सारे संसार में संवेदना और आघात की लहर फैल गई है.

मैं व्यक्तिगत रूप से अत्यंत पीड़ा का अनुभव कर रहा हूँ. जापानी जनता पर आई इस भयावह आपत्ति तथा व्यथा की बेला में गुजरात की जनता एवं सरकार भी उनके प्रति संपूर्ण सहानुभूति रखते हुए दुःख में सहभागी हैं.

प्रकृति की शक्ति कितनी अथाह है और उसके सामने मनुष्य कितना क्षुद्र है उसकी प्रतीति हमें हो चुकी है, परंतु ऐसे भीषण अवसर पर मानवता की समग्र शक्ति परस्पर के दुःख में सहभागी होकर सहाय रूप हो यही हमारे लिए श्रेष्ठ मार्ग और मनुष्य धर्म होगा.

मैंने आज जापान की भूकंप पीडित जनता और दुर्घटना से होनेवाले विनाश के संदर्भ में जापान के दिल्ली स्थित राजदूतावास के राजदूत श्रीयुत अकिताकी सइकी से त्वरित दूरभाष पर संपर्क स्थापित कर बात की और गुजरात की ओर से सहानुभूति की भावनाएं व्यक्त की. इसके अतिरिक्त मैंने आज गुजरात की सरकार और जनता की ओर से हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए जापान के प्रधानमंत्री श्रीयुत नाओटो कान को पत्र भी भेजा है. समग्र गुजरात जापान की इस अभूतपूर्व आपत्ति की बेला में आपत्तिग्रस्तों को तमाम संभव सहायता देने के लिए तत्पर है और इस मानवतापूर्ण कार्य में गुजरात की समाज-शक्ति भी सहायभुत होगी ऐसे मनोभाव भी प्रदर्शित किये हैं.

पिछले कुछ वर्षों में जापान और गुजरात ने आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को संगीन पैमाने पर विकसित किया है. तथा ये संबंध उत्तरोत्तर अधिक सुदृढ़ एवं व्यापक हो रहें हैं. वाइब्रन्ट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जापान दो-दो बार सहयोगी-राष्ट्र बना है.

आज से दस साल पहले, 26 जनवरी 2001 को गुजरात भी भूकंप की भीषण प्रकृतिक आपत्ति झेल चुका है और आज वैसी ही भीषण भूकंप की त्रासदी में जापान की जनता कैसी दर्दनाक वेदना महसूस कर रही होगी, उसकी संवेदनापूर्ण अनुभूति गुजरात कर रहा है.

इस प्रकृतिक आपत्ति के क्षणों में हम सब पूर्ण सहानुभूति के साथ जापान के भूकंप-ग्रस्त लोगों के साथ खड़े हैं. ईश्वर जापानी प्रजा को विपदा झेलने व आत्मशक्ति के साथ इससे उबरने की शक्ति प्रदान करे यही प्रभू-प्रार्थना है...

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आपकी पूंजी, आपका अधिकार
December 10, 2025

कुछ दिन पहले ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में अपनी स्पीच के दौरान, मैंने कुछ चौंकाने वाले आंकड़े रखे थे:

भारतीय बैंकों में हमारे अपने नागरिकों के 78,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इंश्योरेंस कंपनियों के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड पड़े हैं।

म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास लगभग 3,000 करोड़ रुपये हैं और 9,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड भी अनक्लेम्ड पड़े हैं।

इन बातों ने बहुत से लोगों को चौंका दिया है।

आखिरकार, ये एसेट्स अनगिनत परिवारों की मेहनत से बचाई गई सेविंग और इन्वेस्टमेंट को दिखाते हैं।

इसे ठीक करने के लिए, अक्टूबर 2025 में आपकी पूंजी, आपका अधिकार - Your Money, Your Right पहल शुरू की गई थी।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपने अधिकार के अनुसार अपना हक वापस पा सके।

फंड को ट्रैक करने और क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान व पारदर्शी बनाने के लिए, डेडिकेटेड पोर्टल भी बनाए गए हैं। जो इस प्रकार हैं:

• भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) – UDGAM पोर्टल https://udgam.rbi.org.in/unclaimed-deposits/#/login

• भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) – बीमा भरोसा पोर्टल: https://bimabharosa.irdai.gov.in/Home/UnclaimedAmount

• भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)– MITRA पोर्टल: https://app.mfcentral.com/links/inactive-folios

• कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय, IEPFA पोर्टल: https://www.iepf.gov.in/content/iepf/global/master/Home/Home.html

मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिसंबर 2025 तक, पूरे ग्रामीण और शहरी भारत के 477 जिलों में फैसिलिटेशन कैंप लगाए गए हैं। हमारा जोर दूर-दराज के इलाकों को कवर करने पर रहा है।

सरकार, नियामक संस्थाओं, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों सहित सभी हितधारकों की संयुक्त कोशिशों के माध्यम से, करीब 2,000 करोड़ रुपये पहले ही वास्तविक हकदारों को वापस मिल चुके हैं।

लेकिन हम आने वाले दिनों में इस अभियान को और बढ़ाना चाहते हैं। और ऐसा करने के लिए, मैं आपसे इन बातों पर मदद का अनुरोध करता हूँ:

पता कीजिए कि क्या आपके या आपके परिवार के पास कोई अनक्लेम्ड डिपॉजिट, बीमा की रकम, डिविडेंड या इन्वेस्टमेंट हैं।

ऊपर बताए गए पोर्टलों पर जाएं।

अपने जिले में सुविधा कैंप का लाभ उठाएं।

जो आपका है, उसे क्लेम करने के लिए अभी कदम बढ़ाएं और एक भूली हुई फाइनेंशियल संपत्ति को एक नए अवसर में बदलें। आपका पैसा आपका है। आइए, यह सुनिश्चित करें कि यह आपको वापस मिले।

आइए, साथ मिलकर एक पारदर्शी, आर्थिक रूप से सशक्त और समावेशी भारत बनाएं!